नाईन्तीन हो ,
कि नाईतीनाईन,
सबको चाहिए,
एक वलेंताईन॥
प्रेम-प्यार की,
ये व्यवस्था,
भी वेरी बेत्टर,
वेरी फाइन॥
दूर दूर से ,
न सेकों आग,
तुम भी करलो,
इसको ज्वाइन॥
कमाल का इजहार और,
कमाल का ये प्यार है॥
सुबह हाथों में फूल-कार्ड,
शाम को है केक-वाइन॥
काले गोरे, अंधे काने,
सब के सब हो रहे दीवाने,
जिसको देखो यही जपे है,
यू आर माइन, यू आर माइन॥
सबका है बस एक ही मकसद,
जोड़ी उसकी बन जाये झटपट,
किसी को एक पर आफत,
किसी के पीछे लगी है लाइन।
हम भी इसका फार्म लेकर,
अपने हिस्से के कालम भर कर,
भटक रहे हैं मरे-मरे, शायद,
कोई कर दे इस पर भी साइन॥
रे भैया हमका कब मिलेगी वलेंताईन ???????????