सोमवार, 27 नवंबर 2023

भौंकर बहू की मासूम सासू मां की व्यथा कथा

 



पूरे सवा दो घंटे से एक सासू माँ जी की कहानी सुन रहे थे जो घर पर आई हैं , श्रीमती जी की मंदिर मंडली में से किसी संगत आंटी जी ने भजन के दौरान कथा व्यथा साझा की तो उनने फटाक से बता दिया जे जो भजन के हिलकोरे पार रहीं हैं दोनों प्राणी और अब तो इनका सपूत भी तीनों ही क़ानून के कुनैन हैं बिलकुल , आंटी पूछते पाछते आ गईँ , घंटी बजाते ही बाय डिफ़ॉल्ट हम प्रकट हुए और उनकी आँखों को देख कर ही समझ गए लिल्लाह आज फिर से 

खैर आंटी ने बताया और दिखाया की बहु जो बहुत भयंकर टाईप सा बर्ताव करने लगी हैं उनसे अब सिर्फ और सिर्फ हमारी सलाह ही तार सकती है , हम आजकल इस काम के सबसे बड़े वैद्य हकीम माने बताए जाने लगे हैं तो तीर सीधा हमारे ऊपर ही चला।  खैर , 

अब कचहरी में न हम वकील  और ंना ही न्यायाधीश इसलिए उन बातों को भी देख समझ पाए जो दूसरा शायद ही समझ देख पाए , इसलिए सबसे पहला उसूल एक पक्ष को देख कर , उसकी सुन कर , रोना धोना देख कर भी , ये नहीं मान कर चलना है कि हमारे पास आया है तो ये मासूम और निर्दोष ही है , इसलिए कागज़ खंगाले 

पता चला विवाह के पंद्रह वर्ष बाद एक महिला जिसके तीन छोटे बच्चे हैं , जिन्हें वो आरक्षित सीट पर अलग अलग स्कूल से पढ़ा रही है , जिसका शराबी पति एक बार किसी अन्य के साथ एक साल के गायब हो गया था और शराब पीकर उसके साथ मार पीट भी करता है , उसके सास और ससुर की दूकान और मकान का किराया आने के बावजूद भी उसके हिस्से गुजारे की रकम भी शायद ठीक से न पहुँचती होगी , 

तो थक हार कर पंद्रह साल बाद उस बहू ने जब शिकायत दर्ज़ कराई तो वो तथाकथित बहू के भैंकर हो जाने की शिकायत करने और कुछ ठोस सा करने की सलाह मशवरा करना आई थीं आंटी , 

अब आखरी बात , उम्र और ज़िन्दगी से मिले अनुभव का तकाज़ा ये है कि अब लिहाज़ तो हम खुद भी नहीं करते , इसलिए सच सच कहें तो आंटी को सब कुछ समझने के बाद जाते जाते ये कह दिया कि आंटी अगर उन तीन बच्चों  की पढ़ाई लिखाई दवाई और माँ की भी ,  में कोई कोर कसर रही न तो इंसान ही नहीं उससे ऊपर के अदालत में भी हमें अपने खिलाफ ही पाना।