गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008

राम जी ने नल और नील के हाथ काटे

देखा आप सबने तो आखिरकार हमारे सरकार वो सच ढूंढ ही लाई जो अब तक हमें , अजी हमें क्या हमारे बाप दादों, और पुरखों तक को नहीं पता था, यही की ख़ुद राम जी ने ही राम सेतु को तोडा था। मुझे तो लगता है की ख़ुद राम जी को भी इस बात का पता नहीं चला होगा, चलता तो वे किसी को बताते नहीं क्या। खैर, बात सिर्फ़ उतनी नहीं है, सरकार यदि ऐसा कह रही है तो उसके पास कोई सबूत तो होगा ही, मुझे तो लगता है की उन्हें कोई हथोडा , या बुलडोज़र वैगारिरह मिल गया है।

वैसे मेरे शोध के अनुसार तो जिस तरह शाहजहान ने ताजमहल बनवाने के बाद उन कारीगरों के हाथ काट दिए थे जिन्होंने ताजमहल बनाया था , वैसे ही राम जी ने जरूर नल नील के भी हाथ और हाँ पूछ भी, काट दिए थे। ख़बर दार जो मेरे इस शोध पर आपने कोई शक किया तो क्यों सरकार कहेगी वो भी बिना किसी हथोडे और बुलडोज़र को दिखाए तो आप मान जायेंगे और मैं कुछ कहूँ तो नहीं , ये क्या बात हुई भाई। फ़िर मेरे पास एक और सबूत है इस बात का , नल नील ने लंका से लौटने के बाद कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे प्रमाणित होता हो की उनके हाथ और पुँछ सही सलामत थे, और ये तो कतई नहीं मन जा सकता की इतने टैलेंट वाले लोग खाली बैठे रहे होंगे। आप ही बताइए कुछ ग़लत कहा मैंने।

वैसे मैं बता दूँ की मेरा शोध कार्य जारे है, और जैसे जैसे सरकार नया रहस्योद्घाटन करेगी , मैं भी आपको कोई सनसनीखेज जानकारी जरूर दूंगा। और हो सकता है की जब एकता कपूर रामायण बनाएं तो ये सब आपको देखने को मिल भी जाए.

2 टिप्‍पणियां:

  1. सरकार का यह पुराना शौक़ रहा है कि टैक्स देने वाले के पैसे से गुलछर्रे उडाये |

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  2. vivek jee,
    sarkaar ke to kai shauk hain jee, aakhir wo sarkaar hai. padhne ke liye dhanyavaad.

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..