गुरुवार, 11 जून 2009
महाराष्ट्र में भी भारतीय प्रताडित किये गए.....
ऐसा लग रहा है की विश्व सचमुच एक गाँव का रूप ले चुका है...देखिये न ..घटना कहीं और होती है और प्रतिघटना कहीं और..अभी कुछ समय पहले ही बाहर किसी सिख गुरु पर हमले के विरोध में कैसे पूरा पंजाब सुलग उठा था....वो तो शुक्र है की मामला जल्दी शांत हो गया...आजकल भारतीयों पर हमले की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं...अरे नहीं नहीं मैं उन नेताओं की बात नहीं कर रहा हूँ जो चुनाव के दुरान जूते के हमले का शिकार हुए थे., सच कहूँ तो तो न तो वो हमला था और न वे नेता लोग भारतीय जैसे थे..खैर,
तो बात हो रही थी की इन दिनों हमारे बच्चे जो बाहर जा कर पढ़ना चाह रहे थे ...कमबख्त गोरों ने पता नहीं कौन सी निकाली है.....सुना एक कारण तो ये भी बताया जा रहा है की जबसे आमिर ने लगान में गोरों की टीम को हरा दिया तब से वे बेचारे
कोई भीमैच नहीं जीत पा रहे हैं..चलिए छोडिये उस मुद्दे पर फिर बात करेंगे...फ़िलहाल तो चिंताजनक खबर ये है की कुछ भारतीयों पर महाराष्ट्र में भी मानसिक हमले किये गए हैं...पूरी खबर ..आज के दैनिक जागरण में पढें...दरअसल वहाँ के पुणे आई आई टी संस्थान में साकछात्कार देने गए बिहारी (क्यों वे भारतीय नहीं हैं क्या, आप क्यूँ चौंके )विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया ..उनसे पूछा गया की बिहार देश की अपराध राज्धाने क्यूँ और कैसे बनी....बताइये भला ..अरे ये तो लालू जी पासवान जी ..और भी जितने जी हैं....उनसे ही पोछना चाइये था न...
विद्यार्थियों से कहा गया की यहाँ महाराष्ट्र में जितने अपराध होते हैं ...वे बिहारी करते हैं......बताइए भला...मुझे तभी जाकर पता चला की ..दाउद इब्राहीम...अरुण गावली. हाजी मस्तान..और राज ठाकरे लोग बिहारी हैं.....मैं तो उन्हें महाराष्ट्र का ही समझ रहा था अब तक.......सुना है नीतिश जी ने पूरी गंभीरता से ये मसला उठाया है..अब ये पता नहीं की उन्होंने आस्ट्रेलिया बात की है या.....नहीं नहीं यार ...भारत में कोई भारतीय को क्यूँ.......अच्छा ऐसा हुआ है....लोगों की मानसिकता कितनी आस्ट्रेलियन हो गयी है.....नई.....
सचमुच दुखद है। पता नहीं आदमी कब इन्सान बनेगा?
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
भारत का आस्ट्रेलियाकरण ... खूब कहा!
जवाब देंहटाएंवाह वाह अजय जे ये आपका कक्का जी वाला अन्दाज़ बहुत खूब हैआपकी पोस्ट पढ कर बोरियत दूर हो जाती है आभार्
जवाब देंहटाएंयही हमारे देश की सबसे बड़ी विडम्बना है..ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को तो गालियाँ निकल ली ,विरोध प्रदर्शन भी हो लिए..!अब अपने ही देश में क्या करें...ये यु..पी बिहारी कौन है?इन्हें सताने वाले कौन है?जी हाँ ये सभी भारतीय है..अब किससे कहें...!एक धरम गुरु की मौत पर भड़क उठने वाले लोग अब क्यूँ खामोश है?
जवाब देंहटाएंअजय जी, इस बारे में पहले भी कई बार बातें हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी ऐसी घटनाओं की पुनरावृति होती रहती है। कभी रेलवे की परीक्षाओं पर, तो कभी छठ पर्व पर। मुम्बई में होने वाली इस परीक्षा में ये क्यों नहीं पूछा गया कि हमने देश को कितनी विविध संस्कृतियां, महान विभूतियां और विराट ऐतिहासिक गौरव दिया? पहले जहां बिहार का नाम गौरव के साथ लिया जाता है वहीं आज ये महज एक गाली बन कर रह गया है। इसके पीछे कारण क्या है, चंद मुट्ठी भर नेता, जो अपनी क्षेत्रीय राजनीति चमकाने के चक्कर में आम आदमी के बीच फर्क पैदा कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंmitr yek tej tamacha mara hai xetrvaad ki baat karne baaloe logo ke gaal par aap ne
जवाब देंहटाएंबताइए भला...मुझे तभी जाकर पता चला की ..दाउद इब्राहीम...अरुण गावली. हाजी मस्तान..और राज ठाकरे लोग बिहारी हैं.....मैं तो उन्हें महाराष्ट्र का ही समझ रहा था अब तक.......सुना है नीतिश जी ने पूरी गंभीरता से ये मसला उठाया है..अब ये पता नहीं की उन्होंने आस्ट्रेलिया बात की है
mear prnaam swikaar kare