शनिवार, 18 जुलाई 2009

जय हो शनि महाराज की, चर्चा हो गयी आज की.(चिट्ठी चर्चा )

आज सेटरडे , यानि कल की छुट्टी,लो जी ये हफ्ता हुआ ख़तम,
बारिश में डूबी है मुंबई, राजधानी गरम गरम,

जबसे लगे हैं चिट्ठी बाचने, लिखना हो गया कम,
लेकिन दोनों में तालमेल , जल्दी कर लेंगे हम...

तो लीजिये जी पेशे खिदमत है ,,प्रेम से हाथ जोड़ के कहिये..जय हो शनि महाराज की..

ब्लॉग-साहित्य के पीरियड में, हिमांशु जी ने अपनी हाजरी है लगाई,
इस पोस्ट में देखिये, कितनो की बात बतायी........?

विवेक भाई ने आखिरकार इन्द्र देवता को चिट्ठी ही लिख डाली,
कब खोलोगे ,शावर अपना, धरती की सारी टंकियां हो गयी खाली


गलाने और चलाने पर वर्मा जी ने क्या पोस्ट है चलायी,
आप भी देखिये , क्या कविता निकल कर आयी...

राज भाई ने ट्रेन नहीं चलने का राज लिया पूछ ,
लालू ममता बता सकते हैं, हमतो हैं कन्फूज

आप भी बच्चों को क्यूट होने की ये दवा दीजिये ,
तब तक पाबला जी के विडियो का मजा लीजिये ..

पत्नी सताए तो इन्हें ही बताएं,
उससे पहले ये पोस्ट पढ़ आयें..

शाहिद कपूर को काहे ई अवार्ड मिला है ,
तबही से पांडे जी का दिल कतना जला है

तुम आओगे दोस्त , तो ये पोस्ट भी पढोगे,
और पढ़ जो लिया तो , कमेन्ट भी करोगे..

थोडा मुस्कुराइए, टेंशन को भूलिए,
नत्तु पांडे के साथ , झूले पर झूलिए

कमाल है की नींद में जगे हुए हैं,
पोस्टें लिखने में , लगे हुए हैं...

खूबसूरत ,रिवाज है , छेड़ना लड़कियों को
आप भी देखिये अदा की इन चुटकियों को .

हाय उन्होंने कहा की ब्लॉग्गिंग की दूकान सबके बस की बात नहीं है,
हम तो पटरी पर ही .iलगा सकते हैं, भैया अपनी शौपिंग मॉल वाली औकात नहीं है.

इस गली में शोर है, प्रधानमंत्री कमजोर है,
भैया गौर से समझो, इसका राज कुछ और है

क़यामत से क़यामत तक, अरे रे रे, पिक्चर नहीं है भाई,
शब्दों के सफ़र में , इन शब्दों की बारी आयी...


लगता है फुर्सत नहीं थी शुकल रहे बहुत बिजी,
एक लाएना में चिटठा चर्चा, काम नहीं ये इजी....

ज्योतिष का खेल है, हेड है या टेल है,
भागम भाग मची है, बहुते रेलमपेल है ..

चलिए रोज रोज ऐसे पढेंगे तो बोर हो जायेंगे,
कल आपको इन नया ,अपना अंदाज दिखाएँगे..

16 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया!
    नये अंदाज की प्रतीक्षा रहेगी

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  2. जय हो शनि महाराज की..

    नये अंदाज का इन्तजार!

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  3. अजय जी, आप ने शानदार काम आरंभ किया है। बस इसे लगातार करते रहें। धीरे-धीरे यह और चमकने लगेगा।

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  4. फिकिर की कौनो बात नाही है, हो जाई ताल-मेल
    चिटठा-चर्चा जोर पकड़े है, जारी रखीये इ खेल

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  5. चउचक चर्चा । अपनी हाजिरी देख खुश हुआ ।

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  6. कवि‍तमय चर्चा बहुत अच्‍छी लगी।

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  7. विवेक सिंह सही भविष्यवाणी करते लगते हैं।

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..