चर्चा दो लाईना , देखो फ़िर से आई ना ( झा जी के साथ )
हम जान रहे हैं कि आप चाहे हमें मिस किये हों न हों ...ई अपने दु लाईना को जरूर मिस किए होंगे ....॥ लीजिये क्यों न कहूं आपकी दु लाईना .....अजी मेरा कहां रहता है इसमें कुछ भी आप ही बताईये न ........जो भी आपका लिखा यहां रहता है ....उसे दोबारा .......गुनगुनाते हुए ......आपके सामने रख देता हूं ........॥हां इस बात का पूरा ध्यान रखता हूं कि .....जाने अनजाने.....किसी पक्षपात/किसी विशेष की तरफ़ ही झुके रहने का आरोप लगाने जैसा ........आभास किसी को न हो .......और सबसे जरूरी........ इस बात का ध्यान रखता हूं कि मेरी इस चर्चा.........और चर्चा ही क्यों ....मेरे लिखे-अनलिखे से किसी को दुख न पहुंचे ........चाहे वो मौज के नाम पर ही क्यों न हो ......आखिर मौजों के भी एक किनारे होते हैं ......वर्ना दरिया में डूबते देर कहां लगती है ....अरे खुशदीप भाई
सुना दूं न वही गाना ....
इक प्यार का दरिया है ,मौजों की रवानी है ॥
ब्लोग्गिंग और कुछ नहीं ,तेरी मेरी कहानी है ॥..............क्यों है न .......?
चलिए अब आज की चर्चा देखिए ........
आज छ दिसंबर को खुशदीप भाई कर रहे कुछ इस तरह से याद,
इस पोस्ट के साथ हुई सेंचुरी पूरी, आप दीजिये मुबारकबाद ॥
अदा बता रही हैं , हम हिंदुस्तानियों की खासियत,
धांसू पोस्ट लिख मारी , अपनी हरी हो गई तबियत ॥
घूमते घामते हो गई अपने हमनाम से मुलाकात ,
पहुंचे, देखा तो हो रही थी वहां इश्क की बात ॥
लो जी हो गई चिंतन बैठक आ गई है रपट,
राज भाई के ब्लोग पर पहुंच कर पढिये झटपट ॥
बिल्लन गई छुट्टी पे उडन जी को सौंप दिया ये काम,
बाबा समीरानंद , अब पूछ पहेली , कर रहे आराम ॥
हम लोगों की चर्चा और भी कहीं हो रही है दोस्त ,
आप खुद ही देखिए न क्या कह रही संडे पोस्ट ॥
आज इरफ़ान भाई तूलिका से किसे रहे हैं पटक,
जाईये और पाईये, कौन कहां गया है लटक ॥
भिलाई बिलागर के बाद मिलिए , जबलपुर की ब्रिगेड से ,
कभी लिजीये मैच से मजा तो कमांडर साहब की परेड से ॥
तरूण जी सुना रहे कविता, नाम है घोंचू भैय्या,
बाल कविता प्यारी प्यारी, मन नाचे ताता थैय्या ॥
यूं तो सुना रहे अनिल जी खामोश सा अफ़साना ,
मगर आप खुद भी पढना, और दूसरों को भी बताना ॥
अपने ब्लोग को सजाने को लगाएं ये विजेट,
कैसे कहां लगाना हैं , यहां से सीखें फ़टाफ़ट ॥
अदा जी की आज है वैवाहिक वर्षगांठ,बधाई दिजीये,
अरे भी कनाडा थोडे जाना है, बस ये लिंक लिजीये ॥
मानसिक हलचल के लिए और होने को स्तब्ध ,
पहुंचे यहां , मिलेगा फ़िर एक नया शब्द ॥
आज फ़िर चढा दिया चेहरों पे राजीव भाई ने नकाब,
हंसते हंसते बूझिये , इस पहेली का जवाब ॥
ललित जी जाने कौन सा जादू दिखा रहे हैं ,
आप खुद ही पढिये , वे क्या फ़रमा रहे हैं ॥
हर बार यही उहापोह, हर बार यही बस उलझन एक,
हम कैदी हैं इस अदा के या खुद अदा हमारे कैद में है
वकील साहब बता रहे कानूनी दस्तावेजों का एक रोचक अंतर ,
मुझे मालूम है ये प्रश्न तो पूछा जाता है अक्सर ॥
एक से एक चर्चा पढने को मिले दुआ किजीये,
आज महाशक्ति जी की चर्चा का भी मजा लीजीये॥
शास्त्री जी अपनी वैवाहिक वर्षगांठ मना रहे हैं ,
जाईये आप भी पूछिये दावत कब खिला रहे हैं \\
मुंबई के सभी ब्लागर्स थे मिलने को बेकरार,
मीट तो संपन्न हुई है रपट का इंतजार ॥
गोदियाल साहब सुना रहे हैं , दास्तां मुसाफ़िर की ,
पढने सुनने वालों ने अपनी खुशी जाहिर की ॥
तो आज के लिये इतना ही .......आने वाला समय हिंदी ब्लोग्गिग के लिए बहुत ही परिवर्तन कारी साबित होने वाले हैं .....और यकीन मानिये ये बदलाव बहुत ही सकारात्मक होंगे ....शुभ रात्रि
इन्तजार खतम हुआ..झा जी की दू लाईना आ ही गई..मजा आ गया.
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त लेकिन सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंये ब्लॉगिंग इक आग का दरिया है,
जवाब देंहटाएंबस डूब के जाना है...
आगे आगे अजय कुमार झा,
पीछे सारा ज़माना है...
जय हिंद...
बहुत सुंदर दू लाइना चर्चा...
जवाब देंहटाएंहर बार यही उहापोह, हर बार यही बस उलझन एक,
जवाब देंहटाएंहम कैदी हैं इस अदा के या खुद अदा हमारे कैद में है
अरे झा जी,
काहे हमरी सादी की वर्षगाँठ पर मिटटी पलीद करवा रहे हैं...
हम तो अपने 'उनके' कैदी हैं अब और का सजा दिलवा रहे हैं...
आज तो उस सैय्याद पे सदके ...जिनके कैद में ....ये अदा है ...॥
जवाब देंहटाएंआपको यहां भी बधाई ..अपनी वर्षगांठ पर
मज़ेदार चर्चा झा साब।
जवाब देंहटाएंदावत तैयार है जी!
जवाब देंहटाएंहमारा काम खिलाना है!
nice
जवाब देंहटाएंझा जी ने भी कर दिया फिर से चर्चा का ब्लास्ट
जवाब देंहटाएंदेखों जमाना हो गया है कितना फास्ट
ब्लागिंग में नहीं लगती कोई ज्यादा कास्ट
आप भी चाहें तो कर ले लेखन का सीरियल ब्लास्ट
"आप चाहे हमें मिस किये हों न हों ...ई अपने दु लाईना को जरूर मिस किए होंगे"
जवाब देंहटाएंअजी हम तो बहुत मिस कर रहे थे जी! आपको और चु लाईना को भी। अब दु लाईना पढ़ कर लग रहा है "आप आऽऽऽऽये बहार आऽऽऽऽई ....
झा जी-गागर मे सागर भर दिया है। दु लाईने बहुत होता है-जैसे दु बुंद जिनगी का, बधाई
जवाब देंहटाएंदो लाइना भी सुन्दर हो गई !
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा॥ ब्लागरी के आनेवाले सुनहरी दिनों के लिए शुभकामनाएं॥
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा॥ ब्लागरी के आनेवाले सुनहरी दिनों के लिए शुभकामनाएं॥
जवाब देंहटाएंतो आ ही गये आप ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म हमे कानो कान खबर न हुइ बधाइ
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