बुधवार, 31 मार्च 2010
भाड में जाए ब्लोग्गिंग मैं छोड रहा हूं इसे ........अजय कुमार झा ....
भाड में जाए ब्लोग्गिंग मैं छोड रहा हूं ........कारण स्पष्ट है बिल्कुल ......
.........................
क्या हुआ जी .............???????????
आज के दिन कुछ छोडने के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता था ...आखिर मूर्ख दिवस यानि अप्रैल फ़ूल डे है भाई ..........और हां कसम है उसे जो आये और बिना टीपे जाए ...। चाहे गुस्सा ही सही ..............अप्रैल फ़ूल .........मुबारक हो ।
ये निर्मल हास्य है .........इसे अन्यथा न लें .....यार जब मैंने नहीं लिया तो आप क्यों लें ....मुझे पता है बहुत मार पडने वाली है मगर क्या करूं .....आखिर अप्रैल फ़ूल भी तो मनाना है न ..........
सत्यानाश सारी पोल तो ब्लोगवाणी पर पूरी पोस्ट दिख कर ही हो गई ...धत तेरे कि ..ये क्या हुआ ये तो अपना भी अप्रैल फ़ूल मन गया यार
जवाब देंहटाएंमैंने तो सुना था कि "ब्लॉगिंग डार्लिंग"
जवाब देंहटाएंने ही आपको छोड़ दिया है....
http://laddoospeaks.blogspot.com/
टंकी पर चढ़े बिना आप जो भी कहेंगे वो निर्मल हास्य ही माना जाएगा...
जवाब देंहटाएंआप पहले शख्स हैं जो बता कर अप्रैल फूल मना रहे हैं...
जय हिंद...
हा हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंअप्रेल फ़ूल बनाया
य
यार खुशदीप भाई ,मुझे तो अब लग रहा है सबसे तगडा अप्रैल ...मई...जून......जुलाई ..सब फ़ूल मन गया ..पूरी पोस्ट ही दिख गई ब्लोगवाणी पर ...
जवाब देंहटाएंभई हम तो सोमवार को आपकी पहली ब्लॉग पत्रिका का इंतज़ार कर रहे थे।
जवाब देंहटाएंबता क्यूं दिया आपने .. अप्रैल फूल मनाकर इस खास दिन में हमें डराना चाहिए था !!
जवाब देंहटाएंअजय जी .. आपने अप्रैल फूल नहीं बनाया .. ब्लॉगवाणी ने आपको ही बना डाला !!
जवाब देंहटाएंapril fool bhaai april fool
जवाब देंहटाएंसंगीता जी मुझे क्या पता था कि इसका ये हश्र होने वाला है ...क्या से क्या हो गया ..ब्लोग्गिंग तेरे प्यार में
जवाब देंहटाएंरमण जी शुक्रिया वो अपने नियत समय पर आएगी ही ...स्नेह और साथ बनाए रखें
इसे कहते हैं एडवांस में बनना।
जवाब देंहटाएंबधाई ब्लॉगवाणी को, झाजी को अप्रैल फ़ूल बनाने के लिये और कल से ये मैसेज भी पढ़ लीजियेगा -
जवाब देंहटाएंहैप्पी अप्रैल फ़ूल :)
हा हा
जवाब देंहटाएंक्या से क्या हो गया :-)
हा हा हा :-)
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंई अपरैल में कौन्सा फुल खीलता है, जी ?
जेकरी रही भावना जैसी ............
जवाब देंहटाएंहे हे हे
बने ना अप्रैल फूल
हा हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंअप्रेल फ़ूल बनाया
अप्रैल फूल :D!!!!
जवाब देंहटाएंफूल कहीं के !
जवाब देंहटाएंयू ......फूल! हा हा
जवाब देंहटाएंगोभी का फूल...
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा ...
nice
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।
जवाब देंहटाएंये तो फुल फूल बन गया ।
जवाब देंहटाएंfull of supereme foolishness ! ha..ha..!
जवाब देंहटाएंहम तो नहीं बनने वाले एप्रिल फूल
जवाब देंहटाएं... ... ...
जवाब देंहटाएंलो जी ये पकडॊ टिप्पणी. और हमे हार्दिक खुशी है कि आपने हम मुर्खों को याद रखा और हमारे सम्मान मे यह दिन मनाया. घणा धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंरामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी"
itna pyara FOOL .... ????
जवाब देंहटाएंYah fool kahan फूल है..... !!
जवाब देंहटाएंवैसे लिखी तो अप्रेल फूल पर है लेकिन है यह झा जी के मन की असल व्यथा...क्यूँ झा जी
जवाब देंहटाएंचलिए मै भी आता हूँ आपके पीछे पीछे ...अप्रेल फूल की शुभकामना और बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे सुन्दर फूल ...अंग्रेजी वाले ....:):)
जवाब देंहटाएंकसम दे कर अपने तो हमें बांध दिया ,,नहीं तो मै भी न जाने कितनों की तरह कनारे से निकल जाता ,,की मैंने तो कुछ पढ़ा ही नहीं ,लेकिन ये तरीका आपका अच्छा लगा ..
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
sir.....hame to laga tha blog jagat ka bhala hone wala hai....but hame kya pata tha ki.....!!!!
जवाब देंहटाएंab ap bhi ise otherwise mat lijiyega!!!
mhatwapurna diwas par hardik badhaai!!!!!!!!
भाड में जाए ब्लोग्गिंग मैं छोड रहा हूं इसे ........मैं सच कह रहा हूँ.... सुलभ
जवाब देंहटाएंachcha to isme batane ki kya baat hai.ha ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंएक दिन सब छोडेंगे ब्लोग्गिग
जवाब देंहटाएंभाड में जाए ब्लोग्गिंग मैं छोड रहा हूं ........
जवाब देंहटाएंकारण स्पष्ट है बिल्कुल " आप हमें अप्रेल फूल बना रहे है "
ब्लोग्गिंग नहीं ब्लॉगिंग या ब्लॉगरी ।
जवाब देंहटाएंब्लॉगरी छोड़ दिए ठीक ही किए बड़ा टैम नोकसान होता था। ..अगली पोस्ट कब आ रही है ?
आज मूर्ख दिवस मनाने में इतना व्यस्त रहा कि कहीं किसी ब्लॉग पर जाना हुआ नहीं यद्यपि दिवस विशेष का ख्याल रख यहाँ चला आया हूँ और आकर अच्छा लगा. धन्यवाद दिवस विशेष पर की गई अपेक्षाओं पर आप खरे उतरे!!
जवाब देंहटाएंशायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!