सोमवार, 22 अगस्त 2011

पिछले अडताली घंटों की आंखों देखी ..झा जी ऑन स्पॉट



मैं पहले ही ये बात कह चुका था कि न सिर्फ़ सोलह अगस्त से अन्ना हज़ारे को दोबारा अनशन पर बैठना होगा बल्कि अपनी आदत से मजबूर सरकार इस फ़ुंसी को जब तक असाध्य फ़ोडा नहीं बना देखेगी तब तक उसकी समझ में कुछ नहीं आएगा । आंदोलन का रुख क्या होगा और परिणाम क्या ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा लेकिन उससे पहले उस सैलाब का हिस्सा बनकर इस क्रांति को भीतर से महसूसने का आनंद अवर्णनीय है । मैं अपना हिस्से की सारी बातें आपसे धीरे धीरे साझा करूंगा , किंतु फ़िलहाल आप पिछले दो दिनों में खींची गई लगभग एक हज़ार चित्रों में से कुछ देख कर महसूस करिए इस तपिश को



















































और जाने कितने ही चेहरे मिले , बहुत कुछ कहते हुए , कितने हाथों के तिरंगों ने जाने क्या क्या कह दिया , और अब भी कह रहे हैं , मैं बताता रहूंगा आपको 

13 टिप्‍पणियां:

  1. हमने भी देख लिया आपके माध्यम से।

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  2. बहुत सुन्दर चित्रों के साथ यह प्रस्तुति आँखों देखा हाल ही बयान कर रही है.

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आये आपको अरसा हो गया है.
    यूँ दिल न तोडिये अजय भाई.
    आपको 'सीता मय्या' की कसम.

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  3. sahab bhai,

    apki kami thi......ab sambhaliye apni
    sarrata reporting......hum line me hain.....


    pranam

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  4. लगे रहिए...विजय के अक्षी साक्षी बनिए।

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  5. बहुत कुछ बयां कर गए चित्र. हमें इंतजार भी था आपकी नजरों से कुछ देखने का.

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  6. dhanywaad tv dekhnaa ka maukaa nahi miltaa apne chitro ke jariye saara haal bayaan kar diya!!

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  7. आपके माध्यम से ,आपके चित्रों के द्वारा बहुत कुछ और भी जानने को मिला ...आभार आपका

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..