गुरुवार, 29 जून 2017

सावधान , लिक्खाड़ फिर आ रहे हैं




सुनो मीत /दोस्त /सखा /सहेली ,.....ब्लॉगर साथी

जो भी कुछ बातों यादों में सहेज रखा है ,खुद के पास है या ,कहीं भेज रखा है ,फिर लौट आओ , उस हसीं मोड़ पर ,ब्लॉगर प्यारे ,सामने कंप्यूटर मेज रखा है ....


ब्लॉग ताऊ शिरोमणि ने दुन्दुभी बजा दी है ,अंशुमाला जी के प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए ...दिन तारीख तय रही ...एक जुलाई से ...सभी ब्लॉगर ..पिछले दिनों उपेक्षित से हो गए ब्लोग्स को फिर से अपनी लेखनी , सोच और शब्दों से लैस करके , दुबारा वापसी का मन बना चुके हैं | अच्छी बात ये है कि पिछले दिनों , मुझे सहित बहुत सारे ब्लोगर बंधु मित्रों को गूगल एड सेन्स की कमाई का रास्ता भी प्रशस्त हुआ है |

फेसबुक व्हाट्स अप के बढ़ते प्रभाव , प्रसार के साथ तालमेल बिठाते हुए उसमें कहीं से ब्लोग्स के लिए भी गुंजाईश निकालनी होगी और होनी भी चाहिए | दिल्ली में ब्लोग्गर मित्रों की एक जोरदार बैठकी की योजना भी समयाभाव के कारण टलती जा रही है , जल्दी ही इसे भी अमलीजामा पहनाया जाएगा |

हालांकि ब्लोग्स लिखे जा रहे हैं और पढ़े भी जा रहे हैं , लेकिन निश्चित रूप से पिछले दिनों ब्लोग्स के प्रति एक आकर्षण भंग वाली सी स्थिति जरूर आ गयी है | और ये बहुत जरूरी इसलिए भी है क्योंकि अंतरजाल पर हिन्दी सामग्री की तलाश और आपूर्ति में हिंदी ब्लोग्स का काफी स्थान है |

आज से और अभी से , ब्लोग्स की तरफ लौटिये , उन्हें समय दीजीये ..वे सार्वजनिक कृतियाँ हैं , उनका प्रवाह ,प्रसार और प्रभाव निरंतर अग्रगामी ही रहना चाहिए ......

21 टिप्‍पणियां:

  1. इक दूसरे के लिए बेक़रार हम...हैं तैयार हम...

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शनिवार (01-07-2017) को
    "विशेष चर्चा "चिट्टाकारी दिवस बनाम ब्लॉगिंग-डे"
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. आज जब हर चीज का कोई खास डे होता है, तो ब्लॉगिंग का भी होना ही चाहिए। ताकि हम ब्लॉगरों में भी एक तरह का जोश पैदा हो।

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    1. जी बिलकुल होना चाहिए , और ब्लॉग्गिंग तो रोज़ होनी चाहिए

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  4. ब्लॉग दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ, हम सभी निरंतर लिखें यही कामना है!

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    1. आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें शाहनवाज़ भाई

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  5. घर को इतने समय तक खाली छोड़ो तो नकारात्मकता आ जाती है, इसलिए बेहतर हुआ लौट आना

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    1. हाँ आपने बिलकुल मेरे मन की बात कह दी दीदी | वापसी सुखद है

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  6. आज से बिगुल बज रहा है...
    प्रेरक प्रस्तुति

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  7. ब्लॉग दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ :)

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  8. उम्मीद है आज सी ही ये निरंतरता बनी रहेगी सभी की |

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    1. जी जरूर , उम्मीद पर तो दुनिया कायम है | ऐसा ही होगा

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..