रविवार, 27 सितंबर 2009

इस ब्लोग पर पोस्ट ने मार दिया शतक ..नहीं झेली होगी. इत्ती लंबी चर्चा अबतक

जब मैंने ये बात सोची थी कि..इस ब्लोग की सौंवी पोस्ट को कुछ इस तरह से मनाया जाये कि ये न सिर्फ़ इस ब्लोग के लिये यादगार बने बल्कि ..ब्लोग्गर्स के लिये भी ..तभी मेरे मन में ये विचार आया था कि क्यों न एक साथ सौ पोस्टों को चर्चा में जगह दी जाये...काम मुश्किल था....मगर..आसान हो तो मजा ही क्या..इस बीच ब्लोगवाणी प्रकरण ने भी थोडा सा ब्रेक लेने पर मजबूर कर दिया। मगर वादा था ..तो था.....तो लिजीये हाजिर है। चर्चा से पहले कुछ बात आपसे बांटना चाहूंगा...यदि आज अविनाश वाचस्पति सरीखे अग्रज , जिन्होंने मुझे लिंक बनाना सिखाया और श्री बी ऐस पाबला जैसे तकनीकी गुरू मेरे साथ न होते तो ..ये संभव न हो पाता...इस चर्चा में मैंने किन ब्लोगस को किन आधार पर कहां कहां से चुना ..मुझे भी पता नहीं..इस यात्रा के दौरान..बहुत से अनोखे ब्लोग भी मिले ..जिन्हें यहां खींच लाया ...अब सब आपके सामने है...

१.एक नये मुद्दे का ज्ञान जी ने कर दिया सूत्रपात,

किस किस को मिला इनाम, देख लो जनाब....

अनिल भाई की ये पोस्ट तो जरा पढिये हुजूर

खुल जायेगा, बस है एक रात का डिस्टेंस..

अरे अब मैं क्या कहूं, आप खुद ही देखो यार,

अनिल भाई की अभिव्यक्ति, देखिये श्रीमान..

सीधे पढिये इसको, बिना समय किये नष्ट..

अमां ऐसे कैसे, पहले फ़िज़ा से पूछ के आओ...

९.सुरेश भाई की तूलिका क्या कर रही धमाका,

काम नहीं होता , जब तक लिया न जाये झगड,

अल्पना सुना रही हैं धरा की पुकार...

अपनी इस पोस्ट में इसका कारण भी बता रहे

१३.शहीद भगत सिंह को जन्मदिन की मुबारकबाद,

इसी विषय पर पांडे जी के पढिये आप विचार,

भाई कभी कभी कविता भी पढा किजीये..

आप भी तो अपना नाम लीजिये देख..

और यही था वो क्षण जब हिंदी ब्लोग्गिंग में ज़लज़ला आया था ....और न सिर्फ़ कई ब्लोगर घायल हुए ..बल्कि ब्लोगवाणी को भी कोमा में चली गयी थी....( अमिताभ बच्चन के फ़िल्म कुली के शौट के तर्ज़ पर )

आप भी भाग लिजीये,पढिये नहीं जी बस...

१८.पोस्ट ये तो पढिये जरा, कूल हो जाये माईंड,

आप भी देखिये , कौन कौन पढ टीप के यहां हुआ है लटका..

दूबे जी से जानिये , उन्होंने लिया है पकड....

सभी बेवडों को दारू में डुबो डुबो कर मारा...

क्या कौन सी कैसी, अनिल भाई ने लिया जान..

एक नया एग्रीगेटर आया, नाम है ब्लोग-प्रहरी...

टार्च नहीं तो टीप सही, ले जाना तुम साथ में..

कह रहे हैं,अब कौन करेगा, मौत का इंतज़ार..

चंद पंक्तियों में अपने शब्दों को साध दिया....

आप खुद ही देखिये गंगा जी का हाल..

किसने कहां कब कैसे, जा खुदही देख ले भाया..

२९.खुली किताब ने पूछा है , आखिर क्या चाहे है सरकार,

३०.कौन है वो जो कार्टूनिस्ट से न डरे,

श्रद्धा से नतमस्तक हो गये, हम पढने के बाद...

सबसे खास है ये पोस्ट, दिल इतना ही कह पाया..

लाख करे पतझड कोशिश, उपवन नहीं मरा करता..

मंगलम के साथ थोडा, आप भी गुनगुनाईये..

आप बधाई दिजीये, मिला इन्हें, महाताऊश्री का सम्मान..

चुटकियों में रोहित बच्चा टेंप्लेट देता है बदल...

जा तू भी दे उत्तर अपना, हे ब्लागर अब तो जाग..

आशिर्वाद दिजीये नये कार्टूनिस्ट को , ताकि उसे मिले सुकून..

इस पोस्ट को पढ के , बिना टीपे निकला आना भी मुश्किल...

अविनाश भाई ने बता दिया, अब होता रहे हंगामा..

४२.हिंदी के सर्च इंजनों में अपना चिट्ठा शामिले करायें,

नये तेवरों का देखिये किया कितनो से स्वागत,

४४.औरतों पर ही नहीं मर्दों पर भी आते हैं भूत

मिलते ही उससे जरूर गवाना, टैण, टैणेण,

सौ रुपये मे मिलती है, सब्जी चावल,दाल,

४७.साफ़ सुथरी लिखोगे हिंदी तभी तो होगी इनकम,

स्त्रियों के उन दिनों क्या थे हालात,

४९.कह रहे हैं अर्कजेश, प्राथमिक हैं सपने,

५०.अदा ने फ़िर नयी अदा से बात उठाई करारी,

आप भी देखिये पाकिस्तान ने कैसे दिखा दी औकात,

कबीरा ने उठा दिया, करके यूं तैयारी...

संजीदा लेखन चल रहा है, कह रही हैं झाजी....

जब हो जाये, तो यहां शायरी पढ के आना,

बस इतना ही कह देते हैं, कविता का नाम है रायफ़ल...

हिमांशु जी की पोस्ट से मन हो गया शांत..

आप खुद पढिये, और टीप के बताईये अपना ख्याल.

आप खुद ही देखिये, कौन पढ के, नहीं भर के आया..

ऐसे ऐसे तर्क जो रखे, हो गये सब निरुत्तर

६०.काफ़िलों में जब भी गद्दारियां रहने लगे,

पढ ली न, तो अब टीपने को बढिये.....

जरूर पढिये सारे, जिनको श्रीमती जी प्यारी...

किस मुद्दे पर वहां उठा हुआ है बवाल..

६४.हिन्दी कुंज बढा रहा है हिंदी लिखने का जोश,

काश हमें भी आ जाते, इसी आस में हम लगे झपकने..

दो तस्वीरों के संयोजन से बनायी इक तस्वीर..

आप भी जी जाईये, हमें तो मजा आ गया पढ के,

आप खुदही पढिये, जाके ई खबर..

जाईये जाईये, पढ के देखिये, बात मेरी मानिये..

७०. वाह जी वाह का बात है तुम्हारी,

आपको पसंद आयेगी, हमें है ये आशा...

आज अजय भाई की पोस्ट यही बात है सुनती.

आप भी देखिये पोस्ट में, दादाजी की यादें,

पोस्ट पढिये या, विडीयो देख आईये..

कहते है कि आप चकरा जायेंगे..

आप पढिये , कौन क्या टीप भी दे रहे..

हमने तो पढ लिया , उन्होंने लिखा है क्या खूब

शब्दों की ताकत को आप लिजीये पहचान..

बात है ये गंभीर, कोई कथा नहीं,नहीं कोइ गल्प.

८०.यहां कविता की धार बहती रहेगी,

डा. साहब की पोस्ट बडी ये खास है..

पढिये न, यदि आप भी टीप करना चाहते हैं..

पढ लिया, अब ठोढी पे हाथ धरे बैठे हैं..

आप को भी आयेगा, जब मजा आया हम को,
हमेशा ही शिकायत रहती है कि ..चर्चा में नये ब्लोग्स और ब्लोग्गर्स को स्थान नहीं दिया जाता..मेरा प्रयास रहता है कि ..यथा संभव उन्हें भी सबके सामने लाया जाये..कम से कम परिचय तो करवाया ही जाये..सो इसी प्रयास में....ये हैं..नये साथी...


इस नये ब्लोग के स्वागत को हो जाईये तैयार.

कल इस चिट्ठे पर करेगा , ब्लोगजगत ही नाज

कलम में है धार इनकी, शब्दों में है ओज.

नया ब्लोग है आलोक का , चाहिये आपका साथ..

इस अनोखे ब्लोग जगत में स्वागत है तुम्हारा

जाईये सुनिये,पढिये, आप खुद ही हजरात.

किस्मत अपनी चमका ले , तू भी पूछ ले पुत्तर..

अपना संदेश देने को , ये ब्लोग है लाया..

प्रश्न कुछ जटिल हैं, आप बताओ उपाय,

जाईये और खुद ही पढिये, इन्होंने क्या फ़रमाया..

दांव पेंच रखेंगे सारे, ब्लोग नाम अखाडा..

पहले पढिये पोस्ट को, टीपिये इसके बाद,

आप देखिये ब्लोग को , खुद किजीये समीक्षा,

शायद इस चर्चा में इसने निन्यावे नंबर पे जगह पायी है...

और ये हुआ सैकडा....हुर्रे...


१००.वर्डप्रेस पर हमने इसी अंदाज का इक ब्लोग था बनाया,

चलिये आप थक गये होंगे....अब कल से ...यानि आगे से फ़िर से आपको नियमित रूप से ..ये दो लाईना पढवाते रहेंगे..और चर्चा लाते रहेंगे..

शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

दो लाईनों में समेटा है....देखिये कित्तों को लपेटा है...(चिट्ठी चर्चा.)


सबसे पहले तो आप सबको नवरात्रि के पर्व की बहुत बहुत शुभकामना....इश्वर करे कि ये त्योहार आपके परिवार में ढेरों खुशियां लाये.....चलिये इसी खुशी के साथ साथ एक खुशखबरी भी सुनते जाईये....अगली पोस्ट इस ब्लोग की सौवीं पोस्ट होगी ...और अपने वादे के मुताबिक ..अगली चर्चा ...शतकीय पोस्ट वाली...यानि सौ पोस्टों को समेटने वाली होगी...उम्मीद है...आपको ये प्रयास भी पसंद आयेगा...चलिये फ़िलहाल तो आज की चर्चा ..पेशे खिदमत है..


बताईये भला ,अमा तो भला फ़िर बोलेगा कौन...

पंद्रह हज़ार तो टीप गये, जाने कितने पढ गये विल्स कार्ड..


ब्लोग्गिंग की खींचतान से दूबे जी हो गये तंग,



आज ढूंढ ली आदि ने लाईट वाली आलमारी,



अजी हमरे बिहार में मिलते हैं, झाजी, मिश्रा जी, और पाठक, क्यों न वहीं से लाया जाये..?



ब्लोगजगत में हो रही कैसी कैसी खुराफ़ात,


ऐसा ही होता है जब कोई नहीं रहता अपने पास....


आप देखिये इन्होंने कितनों को हंसाया..


थोडा और हंसिये, बस और न कहेंगे शेष...


गोदियाल जी ने खींच लिये देखिये किसके कान...


घर का सारा कैरीकेचर, कविता में उतारा........


हमें तो और भी रंग दिखा है......



मैं क्या बताऊं, आप खुद देख के आना.....


देखिये कैसे पकडे हैं शतुर्मुग और चतुर्मुग.....



पोस्टें बहुत पढ ली, अब कार्टून देख के आईये..


राजतंत्र में जानिये, इसके आगे का हाल....


और जब नहीं मरेगा, तो ब्लोग्गिंग ही करेगा..


इसी बहाने से चिट्ठों की चर्चा कर गया कोई...



जरूर जा कर पढ लें, आयेगा आपके भी काम.....



आप खुद ही देखिये, इस अंतरिक्ष यात्री का हाल......


बताईये तो आप ज़रा, क्यूं पढते हैं इतिहास.....


मिलीये कुछ नये चिट्ठों से..

अरे इन्होंने भी शूरू कर दी ब्लोग्गिंग , आपको हुई नहीं खबर ...



इनकी पोस्ट भी पढिये, और स्वागत कीजिये आप....




तो आज के लिये इतना ही......जल्दी ही आपको हम एक महा चर्चा से रूबरू करवायेंगे...उम्मीद है आप सब उसमें अपना अपना लिखा पायेंगे..........

रविवार, 20 सितंबर 2009

नवरात्रि की आपको बधाई...चिट्ठों की चर्चा फ़िर से है आई..


मुझे बहुत खुशी है इस बात कि अब चर्चा को भी विस्तार मिल रहा है..नये नये मित्र नये तरीकों से ..पोस्टों को एक मंच पर सजाने का प्रयास कर रहे हैं...और ये तो शुरूआत है....फ़िर स्वाभाविक भी है कि जब पोस्टों और चिट्ठों की संख्या बढ रही है तो ....फ़िर चर्चा भी उसी के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिये...उम्मीद है कि भविष्य में और भी बहुत से नये प्रयोग देखने को मिलेंगे.....नवरात्रि के शुभआगमन पर आप सबको बहुत बहुत शुभकामना ...

बस शीर्षक में ही मिले सब, पोस्ट में रहे गुमनाम...


टाटा नहीं रहे महफ़ूज़, हुआ सच का सामना,



ब्लोग्गिंग में हैं तो ब्लोग्स का स्वास्थ्य जांच कराईये,



किया गया है मटुक जूली का वेलकम..


पंकज जी की चर्चा का भी मजा लिजीये...


जाखड जी के बहाने , सबने किया सम्मान..



ब्लोग्गिंग पर त्रिपाठी जी ने रखे कई विचार,



जरूर मजा आयेगा सबको, पढने में टिपियाने में..



एक एक शब्द यूं,जैसे निकली हो दुआ..


संगीता जी ने पूछा है अपने ब्लोग के लिये इक नाम,


केक खाने के लिये मुंह का नाप भेजिये..


टीवी से निकली सनसनी, पेट में, मच गयी,


आप खुद ही देखिये, यहां कितने पहुंचे लोग..


मटुक जी को इक चिट्ठी मिली ,उसमें क्या था आखिर,



सारे नये नये चुट्कुले, मजे से पढ आईये..


जब किसी खबर पर पडती है हमारी नज़र,



शब्द ढलते, पिघलते, बनी अदभुत कहानी..



पुरूषोत्तम यकीन जी के बाद , आज मिलिये शिवराम से,


अब मिलिये इस परिवार में आये नये चिट्ठों से..........



मगर कलम में वो तेज़ी है , ज्यों तलवार हो दुधारी..


आज तो बच्चों की दास्तां है इनकी जुबां पर...


अब कहां, यहां तो ब्लोग्गर्स का मेला है..

चलिये आज इतना ही ....फ़िर मिलते हैं कल....

बुधवार, 16 सितंबर 2009

आज साईज़ बडा है...कई चिट्ठों को पढा है, (चिट्ठी चर्चा)



मुझे लग ही रहा था कि...कल वाली चर्चा को देख कर सब कहेंगे..झाजी ने लगता है ...टीपने के साथ साथ पढना भी कम कर दिया है...मगर यकीन मानिये...दोनों में से ही कोइ बात नहीं है...आप कभी नहीं मानते न मेरा...लिजीये...आज ही बानगी पेश है...और जल्दी ही प्रमाण पत्र भी दिखाऊंगा..चलिये फ़िलहाल तो पाकेट साईज़ से बढ कर थली साईज़ चर्चा का मज़ा लिजीये...


हिंदी के भक्त अनेक , कितनों ने धरे कितने रूप,



जब भूख लगे तो बस गाना गा, हो के मन में रत,



भैया, इत्ता ही समझ आया, है कुछ न कुछ लोचा,



एक मुख्यमंत्री कुछ अलग सा है नाम है उसका रमन,



देखिये कैसे छुट्टी में क्या करते हैं हीरो लोग,



उफ़्फ़ बेवफ़ी होकर भी ख्यालों से जाती नहीं,



आप भी स्नेह स्वरूप, टीप कर आशीष दिजीये...



क्या गिला किया जाये , अपने मासूम यार का,



आप रह नहीं पायेंगे, टीपे बगैर, पोस्ट पढने के बाद..



सीढीयों वाले कमरे से पढिये पिता पुत्र कथा,




फ़ाईव स्टार होटल का इन्हें अनुभव हुआ अनोखा,




आप पढिये या ट्रेन पर चढिये, मगर बोलिये टेण-टेणेण



जिन हस्तियों को इतिहास ने अपने भीतर छुपाया,




अब क्या कहूं कि कैसे नहीं थे...




पोस्ट का शीर्षक , छोटा कमरा, बडी खिडकियां,



हौकी को मार गयी, रोल मौडल की कमी...



इस उपलब्धि पर आपको ढेरों बधाई हो सरकार....




बस इससे आगे की दास्तां, आप खुदही पढ लो यार...


अपनी बातों में , क्या क्या कह जाती...


हंसना हो तो इस पोस्ट का मजा लिजीये..




अरे इतना पढ कर खो गये किन विचारों में,




चलिये आज इतना ही......अब न कहियेगा कि हम पढते नहीं हैं.......

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

सब आपकी खातिर है, लो जी चर्चा हाज़िर है..(चिट्ठी चर्चा )


ये जानकर , देखकर, और पढकर ....बहुत ही अच्छा लगा कि हिंदी दिवस को इस बार कम से कम हिंदी ब्लोग जगत ने तो खूब जम कर मनाया....हर दूसरी पोस्ट ..हिंदी पर ही थी...और मेरा मानना है कि ..हिंदी न तो कभी कमज़ोर थी....न है...और न ही होगी....इसलिये ..पूरे मनोयोग से इसकी सेवा करते रहें ..सब अपने स्तर से ..अपने तरीके से ...मंज़िल मिल ही जायेगी..फ़िलहाल तो आप चर्चा देखिये....


कभी दाल तो कभी मुर्गी है पिछडती......


जिसने छुआ ये आसमान , उसके दिल के निकट रहा..


उसे मिलेंगी, पुस्तकें अनमोल, जो लायेगा, ज्यादा नंबर....


फ़िर चाहे बांकी उम्र, पतियों को पडे रोना..



पढ जाईये, जो तैयार हैं पोस्ट में, डूबने को, बहने को....


जो भी निकला परिणाम, ब्लोगवाणी से किया अनुरोध..


फ़टाफ़ट पहुंचे वे, जो हंसने को तैयार है,


मेरे इस अनोखे ब्लोग पर आप भी नज़र मारिये भाई..



मौज लेने वालों को गाली सुनने को रहना चाहिये तैयार..


ब्लोग्गिंग में हमेशा, ब्लोग टिप्स के साथ चलिये,



इस वीर बहुटी के जादू से कौन है बच पाया...


नहीं समझे तो खुद ही पढिये, आप ये निबंध..



आज बस इस छुटकी मोटकी चर्चा से काम चलाईये.....कल सारी कसर पूरी करेंगे...

सोमवार, 14 सितंबर 2009

नहीं जी ,अभी नहीं हुआ जोश ठंडा, पिछले की रपट, अगले का एजेंडा(सम्मेलन रपट)


जिस ब्लोग्गर सम्मेलन की घोषणा हुई बारंबार,
दिल्ली न सही, फ़रीदाबाद सही, हो गयी आखिरकार,

कुछ कवि तैयार थे, ब्लोग्गर्स भी हो गये तैयार,


जुटे कौन कौन, क्या आपने अब तक नहीं है जांचा,


फ़ोटुयें सारी देख ली न, अब मारिये यहां नज़र,


ब्लोग, ब्लोग्गर, ब्लोग्गिंग , में कैसा सबका है विश्वास,


ब्लोग्गर्स मीट के बारे में, यहां कुछ कह रहे इरशाद,


चलिये इत्ती सारी रिपोर्टें तो आपने पढ डाली झटपट,



मगर खींची थी सबने नैंनो से, जिसकी लिंक नहीं बन पाई...


ये तो थी रपट पिछले की अब अगले का जानिये एजेंडा,
जल्दी ही मिलना है फ़िर, जोश न पडे ये ठंडा..


इस बार के सम्मेलन का बस एक ही होगा फ़ंडा,
हर तरफ़ ब्लोग्गिंग की बातें,, ब्लोग्गिंग का ही झंडा,


अपना परिचय, और कैसे पहुंचे ब्लोग्गिंग में, पहले होगी बात,
फ़िर जानेंगे इस ब्लोग्गिंग से क्या पाते हैं आप....?


ब्लोग्गिंग की दशा और दिशा पर भी करेंगे फ़िर विचार,
अपनी अपनी शिकायत-सुझाव , आप रखें तैयार,


सब कहेंगे , सब सुनेंगे, हो कर समय के पाबंद,
इसके बाद पेट के चूहों की चिंता, न हों फ़िक्रमंद...


फ़ोटो-शोटो, भी ली जायेंगी, करेंगे इक डायरेक्ट्री सी तैयार,
सबका परिचय,पता, और नंबर, छपेगा, जिनको होगा स्वीकार,


मीडिया मित्रों को भेजेंगे न्योता, कहेंगे उनको आने को,
आग्रह होगा ,देखें छापें, इसे जन जन तक पहंचाने को...


अविनाश भाई के आदेश पर ये चर्चा है तैयार हुई...
जब तक आप पढेंगे इसको, तब तक करता हूं,चर्चा तैयार नई.....(नियमित वाली)....





बुधवार, 9 सितंबर 2009

ना गुट की, ना दोस्त की, चर्चा सिर्फ़, और सिर्फ़ पोस्ट की..


मुझे पता था कि देर सवेर ये आरोप तो चर्चा करने वाले पर लगना ही था ...कि आप सबको शामिल नहीं करते चर्चा में....सिर्फ़ कुछ खास लोगों को ही शामिल करते हैं...हम नये ब्लोग्गर्स का तो ख्याल ही नहीं रखते....

एक चर्चा कार के रूप में ..सोचा कि अपने मन की बात रख दूं.....होता ये है कि..जब चर्चा करने बैठता हूं...तो कहीं से भी ये विचार मन में नहीं आता कि आज फ़लाना ने क्या लिखा ....क्या उसे चर्चा में शामिल किया जाये...बस ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत को खोला ...और शुरू हो गये...पढने...और बनाने...चाहे वो पोस्ट..लपूझन्ना जी की हो ..या खुद प्रधान मंत्री जी की....यदि बढिया लगा ..मुझे नहीं जी ....और लोगों को भी....तो बस ..चर्चा ...और कौन कहता है कि चर्चा में शामिल होने से ही ..आपको पढा जाता है...कई बार खुद मुझ से अपने उडनतशतरी जी की पोस्ट ही रह जाती है..जबकि सबको पता है कि जिस दिन वो पोस्ट डालते हैं....उस दिन सबसे ज्यादा कौन पढा जाता है...

एक और बात मुझे नहीं लगता कि ...कोइ ऐसा गुट है..जिसकी सिर्फ़ इस वजह से गुट्बंदी है कि उसकी पोस्ट की चर्चा ..चिट्ठा चर्चा में होती रहे..बल्कि हकीकत तो ये है कि कई बार ..इस वजह से मित्र नाराज़ होते हैं...कि ....छोडिये.....अब आप तो आज की चर्चा देखिये..


औबजेक्शन नोटेड, आगे से रखा जायेगा ख्याल


नेह निमंत्रण भेज दिया, प्रियवर तुम्हें बुलाने को,


जिंदगी को कभी ऐसे भी जी के देखिये,


आज सुपुत्रों के माध्यम से क्या कह रहे हैम विवेक बाबा,



ऐसे कार्यक्रम देख के आप भी क्या किजीये,


यानि कि पोस्ट आप ठेलेंगे, और टीपेंगे आपके पोते...


आप भी देखिये, चेहरे पर कैसी खुशी आयी...


क्या आपने देखा है पुलिसिया लंगूर,



अपने ये मंत्री लोग अभी तो और करेंगे शर्मसार



ब्लोग पढिये , और जम के उस टीप दिजीये,.



तस्वीर घर में आज हुई अनोखी बात,


प्रशांत जी के एक महीने का हो गया हिसाब,


ब्लोग पोस्ट पढ ली तो ये अब देखिये , कौन कहां क्या टिपियाये हैं..



आज इस धडफ़डिया चर्चा से काम चलाईये...बकिया कल ...

मंगलवार, 8 सितंबर 2009

ब्लोग्गिंग कालजयी..चर्चा मंगलमयी (चिट्ठी चर्चा )


अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि ..चिट्ठी चर्चा के साथ साथ ..चचा टिप्पू ने टिप्पणी चर्चा का आदेश भी सुना दिया है...यानि डबल डबल काम...मगर हमें क्या जी ...जब लगे रहना है तो लगे रहना है....तो बस अब आपके सामने लाते और आते रहेंगे ...

आप तो जी आज की चर्चा का मज़ा लिजीये...


दिल्ली की पास दूर वाले, सब अब हो जायें तैयार ..


टीपने -टिपाने का यहां बंट रहा है ज्ञान,

हम कहते हैं बिना पढे, आगे मत बढो....


वो जरूर पढें, जिन्होंने लिखा सौ से ज्यादा चिट्ठा (पोस्ट)


मगर है बहुत दमदार, खुद देख लो दोस्त,


गंगा के घाट बनी, पांडे जी की कुटिया,


शेर नहीं कहेंगे, फ़िर भी कहिये इरशाद,


आप भी किजीये,खुशदीप जी के साथ..


भविष्य की चिंता, प्रभु की इच्छा,



जगती है सूरज की मधुमक्खियां, जब ये देते हैं आवाज,



दिल अगर फ़ूल सा नहीं होता तो कैसा होता,


आज ना जाने कौन सी मंज़िल रहे तलाश....


ताऊ की शोले क्या चल रही टकाटक,



सबने कर दी वाह वाह, जो भी पढ के आया...


आईये देखियी अहसास का ये घर,


लल्लू मियां, चेतराम ,और राजनाथ भाजपा वाले,


शिक्षा का देखिये क्या है सूरते हाल...


कितनी गहरी बात इन्होंने कह दी श्रीमान


कुत्ते से क्या लेना , कुत्ते ने गर काटा,


मिलिये अब कुछ नये ब्लोग्स से.......................


आईये पढिये इनको,जो कह रहे , लिखो अपना विचार,
ब्लोग जगत में, आपका स्वागत है सरकार


अरे वाह अभी अभी मिला है नया ब्लोग ये कमाल,


अच्छा जी अब राम राम आज के लिये

शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

दो लाईनों का खेल है, चर्चा है या रेल है.(चिट्ठी चर्चा )



मुझ से किसी ने पूछा ....कि आपको हमेशा ही ब्लोग्स पढ के सिर्फ़ दो ही लाईनें ही क्यों सूझती हैं....आगे पीछे ..
कुछ नहीं....मैनें छूटते ही कहा....भैया अपनी काबिलियत सिर्फ़ दो लाईन तक ही है...दो लाईन को जोड जोड के चाहे जितनी लंबी ट्रेन बनवा लो....हम बना देंगे.....तो लिजीये...चढ जाईये आप भी इस रेल पर ......


हिंदी ब्लोग्गिंग की दुनिया नित हो रही आबाद,



शुकल जी के बाद इन्होंने भी कर दिया कमाल..



फ़ौरन जा कर देख ले जिसने अब तक नही है देखा..



आज नहीं चलेगा जी ये सब, आज मनेगा जश्न..



सबकी रोज़ सुनते हैं न , आज हमारी भी सुनते जाइये,



आप खुद ही झांकिये, उसने किसको डराया..



राज भाई का ये लेख , बता जाता है..



हिंदी में लिखना है, चिंता क्यों करते हो यार,



सार्थक है मुद्दा, भाग लिजीये आप भी, दे कर अपनी टीप



विनोद जी कहते हैं, अजी जो होते, तो मर जाते


अल्पना जी की पोस्ट ये, है बहुत ही खास


देखिये किन किन अंको को सता रहा है रोग


रावण और लाउडस्पीकर, क्या है ये माजरा,



आप खुद ही देखिये कमाल इस कलम का...



आपको पता चला कि नहीं, पप्पू हो गया पास...



जो भी जैसा भी हो , चेली को जरूर बताना..



साथ में, बजते हैं गाने, गुनगुना लिजीये..



अदा की हर अदा निराली, कभी पानी, कभी आग.


आईये अब कुछ नये लोगों से आपको मिलवाते हैं,
कौन कौन आया इस कुनबे में, चलिये देख के आते हैं.........



बहुत चख ली तीखी अब इस मीठी मिर्ची का बताईये स्वाद,
अरे इतनी जल्दी नहीं है, बताना , पोस्ट पढने के बाद..


देखते हैं अभी इसमें, कैसे खुलते हैं राज़



अच्छा जी अब आज के लिये राम राम....

बुधवार, 2 सितंबर 2009

कुछ पोस्टें हंसी, कुछ खेली, हमने भी फ़ट से चर्चा ठेली....(चिट्ठा चर्चा)


आज सोचा इस ब्लोग का थोडा सा कलेवर बदल दिया जाये...कुछ खास वजह नहीं...बस यूं ही..अरे लिजीये भई..अब कभी कभी यूं भी तो कुछ कर लेना चाहिये..पता नहीं ....किसे आनंद आ जाये..तो लिजीये.....आज की चिट्ठी चर्चा .....


खुशदीप जी भी समझ रहे हैं ब्लोग्गिंग का फ़ंडा,


कौन है ऐसा जिसने , डाक्टर साहब से नहीं सीखा,


जल्दी देखिये, किसको कितना मिला ईनाम,


आप भी जानिये, धीरू जी के साथ..


प्रणय संबंध, विग्यान और कुछ विचार,


आप भी टिप्प्णी, मगर पोस्ट पढ्ने के बाद..


आप खुद ही पढिये , आज किसकी कथा रहे हैं बांच..


उनके लिये फ़ैसला लेने का जिम्मा आपपे छोडा..


अजी शहरों में ही नहीं, गांव का भी बदल रहा है जमाना,


नयी नयी शादी में राजू हो गये परेशान,


अदभुत है पोस्ट और विषय का सेलक्शन,


वक्त एक सिगरेट है , जम के सुलगाइये,


अभी जा के पढ लें, बाद में न कहना, रह गयी..


स्वर्ण से दिन और रजत सी रातें,


चंद पंक्तिय़ो का , गज़ब है असर.......


हम तो मिले उनसे, हमको तो भा गये..


अजी गया जमाना , अब न समझें उनको बेचारियां...


चलिये अब करते हैं कुछ अलग सी बात,
आप भी किजीये, इन नये चिट्ठों से मुलाकात..


आप भी हो आईये, हम तो हो आये....


मनभावन ब्लोग देख, तर गये नयन...


मा साब तो थे ही, अब मास्टरनी-नामा



चलिये जी अब चला जाये....बस इतना ही कि आने वाले समय में...बहुत से परिवर्तन देखेंगे आप...