गुरुवार, 5 नवंबर 2009

पूरा पोस्ट को पढते हैं , दू लाईन में आपके सामने धरते हैं (चिट्ठी चर्चा )


पिछले कुछ दिनों से ब्लोग्गिंग जगत में भूचाल टाईप का आया हुआ है ..हां हां ..आप तो कहियेगा कि ..अरे धत तेरे कि ....ई सब तो ब्लोग जगत का पुराना शगल है जी मुदा हम तो एके बात में यकीन रखते हैं कि अपनी नीयत साफ़ और शुद्ध रखिए ..नेमत अपने आप मिलेगी ..खैर छोडिये ई सब ..आप तो ई देखिये कि कौन कहां का कह का लिख रहे हैं ,,,,अरे महाराज हम जादे नहीं पढवाएंगे जी ..दुईये लाईन में निपटा देंगे ..देखिये तो सही

जब लोग बाग अपने घर बार से छूट जाते हैं ,
जब भी एलियन जी ऐसे फ़रमाते हैं ,
खुदो रोते होंगे , और हम सबको रुलाते हैं ॥

आप कहियेगा कि अभी तो दू लाईन कहे थे ..तो उडन जी कौन अकेला ब्लागर हैं..हमेशा डबल रहते हैं ..साईज से भी और पोस्ट से भी तो हम भी डबल कर दिये...अब आगे ..


अवधिया जी जानते हैं कौन पोस्ट फ़्लाप कौन होगी हिट,


अरे काहे करते हैं समय जादा खर्चा ,



कैसे करेंगे नाश्ता, ब्रेड में भी जहर ॥


खुशदीप भाई ने आज फ़िर उठा दिया एक सवाल,


एक पोस्ट में तीन तीन का मजा उठाएं,



आज फ़र्क बतला रही हैं ,मीनू खरे ॥


कुल तीन हजार में कैसे पालोगे परिवार ॥



अजी कलम उठाओ और लिखा वक्त बेवक्त करो,


तू समझे न मेरे प्यार को तो मेरा क्या कसूर,



जानिये लेखन का कडुवा सच .. क्या है ,




आप भी पहुंचिये, और करवाईये अपनी एंट्री..॥




जिन जिन को खुराक कुछ खास चाहिये,



हंसते देखते सोचते दिमाग हुआ खराब,



ऐसा घसीटा अंग्रेजों को , भर गया है पेट ॥



आप भी तो जाके चुनिये एक को श्रीमान ॥



भक्तन खडे रहे द्वारे, प्रभु दर्शन नहीं दिए ॥



बहस के लिये मुद्दा वही है जो चल रहा है आज ॥



सर्दी में भी बरसाती मेंढक टर्राने लगे हैं ॥



जिन जिन को करना है कोर्ट विवाह ॥


हमारे एजेंडे पर आज है देश का भ्रष्टाचार,


मौज लिजीये या टीपीये, सबको है पूरी आजादी ॥



तो आज के लिये इतना ही ..एक आग्रह ब्लोग डायरेक्ट्री में अपना अपना योगदान दें ॥

27 टिप्‍पणियां:

  1. काफी कुछ समेटे लाजवाब रही प्रस्तुति। बधाई

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  2. आपकी प्रस्तुति के बारे में क्या कहे अच्छी जानकारी और वो भी मजेदार लफ़्ज़ों में..धन्यवाद जी

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  3. अजय भाई मस्त है अगर समीर जी के लिये दो लाईन और होती तब भी झेल जाते :)

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  4. का अजय भाई .... हम माफ़ी मांग लिए तबहू जूत्ता मार रहे है ??
    चलिए भाई यह भी सर माथे !!

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  5. आपका चिट्ठाचर्चा का प्रस्तुतिकरण बहुत बढिया होता है

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  6. दो लाइनों की है सुंदर चर्चा
    स्पैश भी होता है बहुत खर्चा

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  7. अरे अजय भैया एक ये भी तो रह गया ;)

    त्रियोदशी के नाम पे कितनों के बिकते रहे मकान,
    मसि-कागद पे जाके विरोध दर्ज करें श्रीमान...

    Sundar prastuti badhai...

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  8. भईये, डबल आभार ले लो..औउर तो का बोलें..मस्त चर्चा का टिल्लन स्टाईल है भाई..छाये रहो!! :)

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  9. मस्त चर्चा अजय भाई बहुत सुंदर चर्चा

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  10. हां दीपक भाई आपने सच कहा.... ये सच में ही छूट गया ..जबकि मैंने पढा भी था और टैब में खोल के रख भी लिया था ...अगली बार नहीं छूटने का वादा करता हूं ।

    अरे शिवम भाई ..घर आया मेहमान प्रभु ही होता है यार , और भक्त तो हम सारे ब्लोग्गर्स के हैं ..अगली बार मिलेंगे तो जूतम जुत्ता खेलेंगे ...हा हा हा

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  11. बहुत बढिया प्रस्तुतिकरण

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  12. बहुते मस्त चर्चा है झा जी, सुबह सुबह आनंद आ गया.

    रामराम.

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  13. दो लाइन में सारा कुछ समेटने की क्षमता ।

    बहुत ही खूबसूरत चर्चा । आभार ।

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  14. हमारा कोई पोस्ट फ्लॉप तो कोई फिट
    पर झा जी की चर्चा रहती है हमेशा हिट

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  15. ब्लॉग जगत का उम्दा पर्चा
    दो लाइन में सबकी चर्चा.

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  16. लगता है इस चर्चा की लत लग गई है।लिखे बिना पेट भले भर जाये पर इसे पढे बिना मन ना भरे।बहुत खूब्।

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  17. अजय जी,
    डायलोग बहुत सुन्दर बनाए आपने,

    आप से , पंकज जी से, कुश जी एवं अन्य सभी उन लोगो से जो चिटठा चर्चा अथवा टिपण्णी चर्चा से जुड़े है( साथ ही सभी चिट्ठाकारो से भी ) एक निवेदन करना चाहूँगा अथवा सुझाव देना चाहूंगा कि आप लोग चिट्ठाकारो को ( जो चिटठा चर्चा पर टिपण्णी दे रहे है ) यह कहे, या इस बात के लिए प्रिरित करे कि वे जब चिट्ठा चर्चा पर टिपण्णी दे तो सिर्फ इतनी भर टिपण्णी न दे कि " अच्छी चिटठा चर्चा/ बढिया / लाजबाब / सुन्दर " इत्यादि ( वैसे अभी मैं भी अपने सीनियर को फौलो करते हुए यही टिपण्णी देता हूँ ) साथ में यह भी बताये कि उस चिटठा चर्चा के अन्दर या टिपण्णी चर्चा के अन्दर कौनसी बात उन्हें अच्छी लगी / कौन सा चिटठा किस लिए अच्छा लगा ? इससे चिटठा चर्चा की सार्थकता और उजागर होगी, ऐसा मेरा मानना है !
    धन्यवाद !

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  18. आदरणीय गोदियाल साहब ,
    आपकी सलाह और मार्गदर्शन , सर आखों पर ,और हमारी तरफ़ से तो सबको आमंत्रण है जी..जो जी में आएं टिपियांएं , ओईसे हमरे दू लाईन में कोनो खास गुंजाईश नहीं रहती है काहे से हमको दू लाईन से जादा फ़ुरईबे नहीं करता है ..हां उलाहना मिलते ही हम नोट कर लेते हैं और अगली बार के लिये उनके द्वारे पहले ही पहुंच जाते हैं । वैसे भी चर्चा के मेरे इस मंच का एक ही मकसद है

    बेशक हम सभी ब्लोग्गर्स जिंदगी में कभी एक दूसरे के गले लग सकें न लग सकें ..मगर यहां सबकी पोस्टों को, सबकी सोच को , सबकी रचनाओं को ...तो मैं गले लगवा कर ही मानूंगा । अब भागिये आप कहां भागते हैं .....हा ...हा...हा..।

    वैसे सुझाव शिकायत सलाह के लिये ..सदैव स्वागत है जी ..अजी ओईसे नहीं तो घंटी टनटना दीजिये हम खुदे बतिया लेंगे आपसे ..

    आपका आना हमेशा की तरह सुखद रहा ॥

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  19. मज़ेदार दो लाईना तो हम गुनगुनाते हुए लय में पढ़ते जा रहे थे कि ठिठक गए
    क्योंकि आप कहते पाए गए कि ...मिलेंगे तो जूतम जुत्ता खेलेंगे ..

    मैं तो डर गया भई! क्या होगा जुमेरात को :-)

    बी एस पाबला

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  20. हा हा हा पाबला जी ..आप सुरक्षित हैं ..ये ट्वेंटी टवेंटी तो हमारे और शिवम भाई के बीच है..आप तो टेस्ट प्लेयर हैं सर ...एक दम सीनियर ..

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  21. बिलकुल खेलेगे अजय भाई .......... और एसन खेलबे करेगे कि कम से कम दो हफ्ता तक तो ब्लॉग जगत में चर्चा होती ही रहे हमारे जूतम जुत्ता सेमिनार की !
    क्या कहते हो ??

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  22. हो झाऽ जी, बड़ा मौलिक परयास किए हो,
    सच्चो, दू लाईन में बड़ा न समेट लीए ।
    हमरो लीन्क पकड़ लीए, धनवाद का दें, अशीरवाद देते हैं, लिजीए लोकिए !
    हईईऽ, धुर पटक !

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..