शनिवार, 21 नवंबर 2009

जस्ट टू लाइन, चर्चा हुई फाइन (चिट्ठी चर्चा )

चलिये जी जब आपको हमरे दुई लईना में मजा आ ही रहा है तो हम भी वादा करते हैं कि इसको जल्दी से अनियमित नहीं होने देंगे और कोशिश ...करेंगे कि रोजे ठेला जाए...तो आज ठेल रहे हैं ...देखा जाए॥॥



ब्लोग्गिंग के लिये इस पोस्ट पर चल रहा गहन विचार
,
ब्लोग्गिंग के लिये एक राष्ट्रीय कानून बनाए सरकार ॥


आज राज भाई ने एक ठो अईसन पोस्ट दिहिन है ठेल,
देखिये उनकी कैसी छुक छुक चली जा रही है रेल ॥


चंद खूबसूरत पंक्तियां लिख रही हैं प्रतिभा कटियार,
आप भी पढिये, नहीं नहीं चढिये चुप का पहाड ॥




मोबाईल नंबर बदलिये कीमत सौ रुपए से भी कम,
अरे भई इहां पढिये , ई नहीं कह रहे हैं हम ॥


खुद भी पढें, औरों को भी पढाएं,
अच्छी सेहत को कैसे पाएं ॥



बहुत खूब अंदाज में क्या क्या कह डाला हाय,



क्या कहा कानून की जानकारी कर रही स्तब्ध ,



नेता गिरगिट की तरह रंग बदलता है,




अब नहीं दम रहा कलम में हो गई फ़टीचर ,



विचारों वेदनाओं की टोकरी और कुछ एहसास,




आज घूमते घूमते भाई अनिल पुसदकर,




हर मर्ज की दवा है काहे न आजमाएं,




मानवता के दुशमन, ब्लोग्गिंग से रहें दूर ॥


कभी कभी सुंदर ग़ज़लें भी पढा किजीये ॥



आप खुद देखिये ताजा समाचार ॥



मैं क्या बताऊं जी आप खुद देखिये आज ॥


चलिये अभी इतना ही इस वादे के साथ कि चर्चा पार्ट टू सुबह सुबह ठेली जाएगी ......

16 टिप्‍पणियां:

  1. पान खाये बिना ही पान खाने का मज़ा आ गया आपकी चर्चा पढकर्।

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  2. आज शाम वाली लोकल अपन से छूट गई...शायद सुबह वाली में नंबर आ जाए...

    मस्त चर्चा...

    जय हिंद...

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  3. बढ़िया चर्चा चलाये है .........मन की बात कहे ?????
    लगता है हमारे ब्लॉग पर बहुत दिनों से नहीं आये है !

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  4. बहुत मजेदार एक दम से ताज कर दिया आप की इस चर्चा ने. धन्यवाद

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  5. आपकी टू लाइन्स ने किया फिर चमत्कार....
    थैंक यू टू लाइन्स में किया जाए स्वीकार ....

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  6. हमेशा की तरह बढ़िया
    हम तो इसे लय में मन ही मन गाते हुए पढ़ते हैं
    :-)

    बी एस पाबला

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  7. चर्च गेट से लाहौरी गेट तक... बढिया चिट्ठा चर्चा

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  8. हमने पार्ट टू पढ ली त अब का कहिन:)
    बिटिया रानी स्वस्थ हो गई होगी॥

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..