शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

आई(आइए) पी(पैसा)एल (लूटें)..IPL की बमचक



गूगल सर्च इंजन से साभार


तो आईपीएल का नयका संस्करण फ़िर से पूरे उफ़ान पर है और पब्लिक का जोश तूफ़ान पर है लेकिन तूफ़ान से भी ज्यादा आज कुछ तूफ़ानी करते हैं टाइप का जुनून तो सट्टा बाबा लोगों पर छाया हुआ है । ट्वेंटी ट्वेंटी में बॉलिंग और बैटिंग का रफ़्तार चाहे धीमा और तेज़ होता रहे लेकिन असलका बेटिंग अरे माने कि जुआ झपौडी जी , एकदम धुंआधार चल रहा है । आज ही आईपीएल के बहुत बडका कवरेज के साथ ही एक ठो नन्हा सा खबर भी देखे कि फ़रीदाबाद में चार ठो लईका लोग आईपीएल के मैच पर सट्टा लगाते हुए धरे गए । आयं ! धरे गए , लेकिन क्यों जी , आखिर ऊ लोग को भी तो आज कुछ तूफ़ानी करने का हक है कि नहीं ?


कायदे से देखा जाए तो सरकार और उनका तमाम नियम कानून का बस एक्के ठो मकसद रह गया है कि आम पब्लिक का जित्ता भी पैसा , खासकर खून पसीने की कमाई वाला पैसा , तो जैसे तैसे ऐसे वैसे करके गोरमिंट के खाते में ही जमा होना चाहिए फ़िर चाहे आप उसे टैक्स समझ के हफ़्ता वसूली टाइप से भरते रहें या फ़िर कि बचत समझ किसी बडे ही लिल्लन टॉप अकाउंट में जमा करवा के हो , जिसे आप जीते जी निकालने में यदि मर मरा गए तो आपके तमाम वारिसान उसे हासिल करने में खुद मर मराने की हालत में पहुंच जावेंगे और चलिए मान भी लिया कि आप हकदार साबित भी हो लिए तो क्या पता उस समय तक सहारा देने वाले खुद बेसहारा होकर कोर्ट कचहरी से जब्ती कुर्की करवा रहे हों । तो अईसी गंभीर स्थिति में आपको अपना पूरा कंसटरेसन सिर्फ़ गौतम गंभीर एंड पाल्टी पर ही लगा देना चाहिए ।


देखिए जी इत्ता इंस्टैंट फ़ायदा नुकसान तो ससुरा किसी भी इंन्वेस्टमेंट पिलान में नहीं पा सकते आप । और पिलान भी क्या गजब गजब के हैं । टॉस से लेकर फ़ुलटॉस तक और आउट से लेकर डाउट तक सबमें ही पेसे बनाने का जोरदार चांस मौजूद है । इस नए नए स्थापित हो रहे बिन्नेस के डिग्री धारकों को पंटर और उनके आगे की प्रमोशन पा चुके मनेजरों को बुकी के नाम से जाना जाता है आजकल । बॉस ! इसमें स्कोप और होप दुन्नो इतना वाइड एंड वाइल्ड है कि आपको हर सेकंड ही तूफ़ानी करने या तूफ़ानी हो जाने का इल्म होता रहेगा । टॉस की हार जीत पर , इत्ते गेंदों में इत्ते रन पर , फ़लाने ढिमकाने ओवर में विकेट पर , चौकों छक्कों की संख्या पर , खिलाडी के निजि विकेट या रनों पर , टीम की हार जीत पर ......ओह ओह ओह अब कित्ता बतावें और कित्ता गिनावें ।


अजी ये तो बस समझिए कि ट्रेलर है कहिए तो इसे आप प्रोबेशन समझ के खेल जाइए और एक बार झेल जाइए , जईसे ही आपको इसका चस्का लगा फ़िर तो , निगम पार्षद के चुनाव से लेकर गर्मियों के पावर कट तक और करीना के होने वाले बच्चे से लेकर किसी मंत्रीजी के लुच्चे तक की संभावना पर दांव लगा के आप संभावना सेठ बन सकते हैं । बस जिगरा बडा करिए और कूद जाइए , इत्ती बडी महासेल का ऑफ़र इन दिनों एकदम खुल्लम खुल्ला ,खुला हुआ है , बस लूटना है या लुटना है , या टूटना है , या चांदी कूटना है , फ़ैसला आपके ऊपर है ।

4 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. जी आपने बिल्कुल सही फ़रमाया प्रवीण भाई , पूरा देश झंपक झपाक ही कर रहा है आजकल

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  2. अब अगर लूट नहीं सकते तो लुटिये, इसके अलावा कोई और चारा नहीं है।

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    1. हां लूटना तो विकल्प है लेकिन लुट जाना तो बाय डिफ़ॉल्ट सेटिंग है जी :)

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..