रविवार, 5 जुलाई 2009

एक चिट्ठी चर्चा वाली

बहुत दिनों से तमन्ना थी की ...हम भी कभी ऐसी चिट्ठी बांचे जिसमें सबके नाम एक छोटे छोटी पाती हो..पहले लिंक बनाना नहीं आता था..अविनाश भाई ने सीखा दिया..फिर हिम्मत नहीं हो rahee थी., फिर सोचा ..अरे चिठ्ठी ही तो है...पसंद ना आयी तो सब जवाब नहीं देंगे ...कोई बात नहीं...सो लिख कर आपके सामने रख दिया है..बताइयेगा की अगली लिखने की हिम्मत करूँ या नहीं ..जो छूट गए..उम्मीद हैं माफ़ करेंगे..

१. ताऊ जी सबको इस बार लंगर है छाकवाया,
रविकांत जी को,ताऊ ने ताज ने पहनाया ,
बिल्लन ने सबको गणित में उलझाया ,
अपनी उम्र पूछ कर सबको नाच नचाया


३.इस बर्थ डे का अनिल भाई के साथ केक खाइए
किसका है जन्मदिन , जाके देख आइये.

४.न जाने कब तक चलेगी कहानी अत्याचार की
राज भाई ने पूछा , क्या सजा हो बलात्कार की.

५.स्वयंवर की अद्भुत ये प्रथा है आयी
सुना है इक ब्लॉगर भी कतार में है भाई.

६.फुर्सत नहीं थी , फिर भी चर्चा हुई सावधानी से
इस बार की चिठ्ठी पोस्ट हुई राजधानी से

७.पाबला जी ब्लोगों को अखबारों से है मिलाया,
कौन कहाँ पर कब छपा,आज है फिर बतलाया.

८.भाई थे विक्रम और टल्ली हुए बेताल
दोनों की कथा का यहाँ पर पढिये हाल

९. इलाहाबाद की सैर को आप भी बनें बाराती
शादी के लड्डू खाइए , बन शुशांत के साथी

१०. मिलिए इस नन्ही ब्लॉगर से इसका नाम लविजा है
खुद ही जा कर देख लें , इसने क्या क्या सीखा है

११.अभिव्यक्ति के अधिकार पर ये श्रृंख्ला जारी है
पढिये इसको ध्यान से विषय बड़ा ही भारी है

१२.निन्यानवे के फेर में जिसको है पड़ना
उसके लिए जरूरी है ये पोस्ट ही पढ़ना


१४.इग्नू की डिग्री हुई अमान्य, हमने है फरमाया
ख़बरों को पढने को इक नया ब्लॉग लटकाया

१५.डाक्टर अमर ने डाक्टर दे पे राज बहुत से खोले हैं.
आप भी देखिये ..का कैसे ..ऊ बोले हैं ...

१६.कहते हैं महेंदर भाई..झूठे ये बादल छाये हैं..
आज फिर बहुत बढिया..ऊ भी चर्चियाये हैं..



और हाँ ..कुछ मेरे लिए आदेश /सुझाव/नसीहत /शिकायत हो तो कहियेगा...जरूर

25 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उम्दा बधाई जिक्र करने के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  2. आपका तरीका तो वाकई मजेदार है ...वाह

    जवाब देंहटाएं
  3. इसे कहते हैं एक पंथ दो काज.. लिंक बनाना तो सीख लिया अब दोहे लिखना भी सीख लो ..का कहत है ऊ मात्रा -वात्रा वाला काम

    जवाब देंहटाएं
  4. आपने अच्छा प्रयोग किया है। ऐसी चर्चा जारी रखें। शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक अलग सी शैली पसंद आई।
    बढ़िया।
    जारी रखें।

    शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. अरे वाह ! ये चर्चा तो जोरदार रही.
    अनूठा प्रयोग, बहुत खूब !!

    जवाब देंहटाएं
  7. अरे वाह! आप को तो चिट्ठाचर्चा में एक दिन हथिया लेना चाहिए।

    जवाब देंहटाएं
  8. कल यह लिंक नहीं खुल रहा था .. बहुत अच्‍छा लिखा आपने।

    जवाब देंहटाएं
  9. कहाँ चुपे बैठे थे भाई इअतने दिन से. ये हुई न चर्चा. अब तो नियमित शुरु हो जाओ. बहुत बेहतरीन. अगली का इन्तजार लगवा गये महाराज!!

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह... झा जी बहुत बढि़या कहिन। चर्चा का यह अंदाज सुंदर लगा।

    जवाब देंहटाएं
  11. "जो छूट गए..उम्मीद हैं माफ़ करेंगे.."
    माफ किया ।

    चर्चा की यह अभिनव शैली पसन्द आयी । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  12. आप ने चर्चा का नया तरीका बताया धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  13. झा जी के चर्चा अड़बड़ सुघर लागीस, हमरो बधाई ले लो झा जी, अऊ चर्चा कब करहू बता देहू तो हमु आबो पढ़े बर।
    (हमने यह छत्तीसगढ़ में लिखा है)।

    जवाब देंहटाएं
  14. इसे तो शानदार ही कहेंगे

    पर 16 नंबर का भेद
    समझ में नहीं आया।


    16 नंबर पर क्‍यों रूका है चिट्ठी का पाया

    या यह रूप धर यौवना का आई है

    ब्‍लॉग जगत को चिट्ठी खूशबू से महकाई है।


    जय ब्‍लॉग

    जय जय ब्‍लॉग

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत बढ़िया लगा! कमाल कर दिया आपने!

    जवाब देंहटाएं

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..