रविवार, 20 सितंबर 2009

नवरात्रि की आपको बधाई...चिट्ठों की चर्चा फ़िर से है आई..


मुझे बहुत खुशी है इस बात कि अब चर्चा को भी विस्तार मिल रहा है..नये नये मित्र नये तरीकों से ..पोस्टों को एक मंच पर सजाने का प्रयास कर रहे हैं...और ये तो शुरूआत है....फ़िर स्वाभाविक भी है कि जब पोस्टों और चिट्ठों की संख्या बढ रही है तो ....फ़िर चर्चा भी उसी के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिये...उम्मीद है कि भविष्य में और भी बहुत से नये प्रयोग देखने को मिलेंगे.....नवरात्रि के शुभआगमन पर आप सबको बहुत बहुत शुभकामना ...

बस शीर्षक में ही मिले सब, पोस्ट में रहे गुमनाम...


टाटा नहीं रहे महफ़ूज़, हुआ सच का सामना,



ब्लोग्गिंग में हैं तो ब्लोग्स का स्वास्थ्य जांच कराईये,



किया गया है मटुक जूली का वेलकम..


पंकज जी की चर्चा का भी मजा लिजीये...


जाखड जी के बहाने , सबने किया सम्मान..



ब्लोग्गिंग पर त्रिपाठी जी ने रखे कई विचार,



जरूर मजा आयेगा सबको, पढने में टिपियाने में..



एक एक शब्द यूं,जैसे निकली हो दुआ..


संगीता जी ने पूछा है अपने ब्लोग के लिये इक नाम,


केक खाने के लिये मुंह का नाप भेजिये..


टीवी से निकली सनसनी, पेट में, मच गयी,


आप खुद ही देखिये, यहां कितने पहुंचे लोग..


मटुक जी को इक चिट्ठी मिली ,उसमें क्या था आखिर,



सारे नये नये चुट्कुले, मजे से पढ आईये..


जब किसी खबर पर पडती है हमारी नज़र,



शब्द ढलते, पिघलते, बनी अदभुत कहानी..



पुरूषोत्तम यकीन जी के बाद , आज मिलिये शिवराम से,


अब मिलिये इस परिवार में आये नये चिट्ठों से..........



मगर कलम में वो तेज़ी है , ज्यों तलवार हो दुधारी..


आज तो बच्चों की दास्तां है इनकी जुबां पर...


अब कहां, यहां तो ब्लोग्गर्स का मेला है..

चलिये आज इतना ही ....फ़िर मिलते हैं कल....

23 टिप्‍पणियां:

  1. झा जी...झा जी......चमत्कार...चमत्कार...
    ब्लॉगिंग में मैं तो अभी नया हूं, लेकिन आप तो मुझसे पहले से हैं, क्या अभी तक सिर्फ घास छिलते रहिबा ...देखो एक पॉटपॉरी ब्लॉगगुरु आए है..बता रहे हैं ये ब्लोग्गिंग नहीं आसन...यानि ब्लॉगिंग करनी है तो सब पहले एक-एक आसन खरीद लो...ब्लॉगिंग स्कॉटलैंड यार्ड को पता चल गया तो पौंड्स में कितना जुर्माना लग जाएगा पता नहीं...अगर कनाडियन डॉलर में होता तो थोड़े बहुत गुरुदेव समीर लाल जी समीर से ही मंगा लेते...वैसे झा जी दिल्ली में अच्छी सी दुकान ढूंढो, पार्टनरशिप में ब्लॉगिंग आसन बेचने का धंधा शुरू करते हैं...

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  2. झा जी की है चिटठा-चर्चा भारी
    छोटे-बड़े ब्लाग्गार्स भये सुखारी..

    नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामना...

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  3. अच्छी चर्चा, खुशदीप जी से जल्दी दोस्ती करो भाई!

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  4. अच्छी चर्चा
    नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामना

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  5. चर्चा आपकी, ब्लॉग जगत का, दे जाती सब हाल,
    क्या लेखक और क्या पाठ्क सबको किया निहाल.

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  6. बहुत सुंदर चर्चा लगी, झा जी अब आप गुरु बनते जा रहे है.
    धन्यवाद

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  7. चर्चा जम कर कर डाली आपने । नये चिट्ठों का भी उल्लेख बेहतर है । आभार ।

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  8. झा साहब
    शुक्रिया ..एक पुरानी पोस्ट पर आपकी टिप्पणी देख अनुग्रहित हुआ...धन्यवाद देने आपकी पोस्ट पर आया तो आपका ब्लॉग देख कर अच्छा लगा...जिस नएपन से आपने रचनाधर्म को अपनाया है वह सराहनीय है.रोचकता के साथ आपका लेखन दिमाग के बोझ को उतार कर पाठक को हल्का कर देता है...आपकी लेखन शैली के मुरीद है हम.
    प्रकाश

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  9. वाह !! वाह !! क्‍या चर्चा की है .. लगता है मेरे चिट्ठे का नाम आपको नहीं जंचा !!

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  10. चिठ्ठाचर्चा को भी नवरात्री की शुभकामनाएं।

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  11. लगता है इस ब्‍लॉग की बी आर पी
    काफी तेजी से बढ़ रही है
    बधाई देने आते हैं और
    यहीं के हो जाते हैं
    बधाई
    हम तो पहले से ही
    यहां के हैं।

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  12. संगीता जी, ये अपने झा जी भी न बड़े सज्जन पुरुष हैं...अपनी दुविधा आपसे सीधे नहीं कह पा रहे...लीजिए इनकी तरफ से मैं कह देता हूं...इनका कहना है कि अगर आपके नए नाम वाली पोस्ट की चिठ्ठाचर्चा में चर्चा करूं तो पूरी स्पेस तो वो नाम ही ले जाएगा...ऐसे में हम जैसों को तो टिकट कटा कर भी झा जी को बाहर रखना पड़ेगा...नो एंट्री का बोर्ड लगाकर हट्टे कट्टे सिक्योरिटी गार्ड और रखने पड़ जाएंगे...संगीता जी, अन्यथा न लीजिएगा...थोड़ा बहुत निर्मल हास्य तो चल सकता है न...

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  13. चर्चा तो हमेशा की तरह बढ़िया है, लेकिन मेरा ध्यान खुशदीप जी की ओर है जो पार्टनरशिप में बहुत से काम शुरू करने की सोच रहे हैं।

    कभी कुश-एंड-खुश, कभी बबली-खुश तो कभी झा-एंड-खुश का ब्रांड!

    ये चक्कर क्या है सहगल सा'ब!? :-)

    डिस्क्लेमर: उपरोक्त मात्र एक निर्मल हास्य

    बी एस पाबला

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  14. संगीता जी...नाम वाम का चक्कर मैं नहीं जानता ..हां जानता हूं तो सिर्फ़ इतना कि आपका ब्लोग ..आपकी लेखनी मुझे प्रिय है...

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  15. झा जी हल्की-फ़ुल्की और चुटीली शैली मे ब्लॉग पोस्ट‌‍स का संकलन का आपका प्रयास काबिले-तारीफ़ है..और मुझ अकिंचन की पोस्ट को अपने चिट्ठे मे स्थान देने के लिये कृतज्ञ हूँ आपका..

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  16. ए लो कर लो गाल...पाबलाजी थ्वाडे जए वडे परा दे होंदया, ऐवें ही एथे-ओथे पार्टनरशिप दे ऑफर किते जा रया वां...ओंझ अपनी साझी फर्म दा नां...बीएसपी एंड केडीएस फ्री स्माइल्स कंपनी...किवें ज्या रवेगा....

    अनुवाद-
    ये लो कर लो बात....पाबलाजी आपके जैसे बड़े भाई के होते, मैं वैसे ही यहां-वहां पार्टनरशिप के ऑफर किए जा रहा हूं...वैसे अपनी साझी फर्म का नाम...बीएसपी एंड केडीएस फ्री स्माइल्स कंपनी...कैसा रहेगा...
    (निर्मल हास्य)

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  17. सोचता हूं, एक चिट्ठाचर्चा व एक पहेली मैं भी शुरू कर ही दूं.

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  18. नवरात्रि के शुभआगमन पर आप सबको बहुत बहुत शुभकामना ...!

    चर्चा बढ़िया रही।
    बधाई!

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  19. झा साहब, अभी जाकर आपकी चर्चा पर नजर पढी, इस नाचीज के लेख को अहमियत देने के लिए हार्दिक शुक्रिया !

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  20. चर्चा मस्त है भाई दो लाइना तो कमाल का होता है आपका !

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  21. एक और शानदार चर्चा..

    आपको भी नवरात्रि की बहुत शुभकामनाएं

    हैपी ब्लॉगिंग

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..