मुद्दतों बाद ही सही ब्लॉगर किसी न किसी बहाने अब आपस में रूबरू होने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं | अभी कुछ दिनों पूर्व ही हिंदी ब्लॉगजगत के सुपर स्टार समीर लाल समीर उर्फ़ उड़नतश्तरी अमेरिका से जब अपनी सर ज़मीन पर आए तो सबसे पहले आदतन ब्लॉगर मित्रों के बीच ही नुमायेदार हुए | ब्लॉगिंग की धीमी होती रफ़्तार और ब्लॉगर द्वारा ब्लॉग लेखन के प्रति आया उपेक्षा का भाव अदि को लेकर समय समय पुराने नए ब्लॉगर कई तरह के नए नए विचार और प्रयासों पर काम करते रहते हैं |
पिछले दिनों ऐसी ही एक मुहिम "ब्लॉगिंग की ओर वापस चलें " बड़े जोर शोर से शुरू किया गया था ताकि बिलकुल शून्यावस्था को पहुंचती जा रही इस विधा को यूं दम तोड़ते हुए नहीं छोड़ा जाना चाहिए | पिछले अन्य प्रयासों की तरह ये प्रयास भी बहुत अधिक रंग नहीं ला सका हालांकि इसने मुझ सहित बहुत सारे ब्लॉगर को दोबारा अपने अपने ब्लॉग की सुध लेने को प्रेरित तो किया ही |
इस बीच रेखा श्रीवास्तव जी ने बहुत सारे ब्लॉगर से उनके जीवन में ऐसे सपने जिन्हें पूरा न कर पाने की कसक उनके मन में रह गयी हो उसे लिपिबद्ध करके प्रेषित करने का आग्रह किया | सबने उसमें अपनी यादों को अपनी लेखनी में पिरो कर उनके हवाले कर दिया जिसे रेखा जी के सम्पादन में एक खूबसूरत किताब की शक्ल दिया गया जो अब पाठकों के बीच पहंच चुकी है |
अब चूँकि मामला ब्लॉगर का था ब्लॉगर के सपनों का था इसलिए सभी ब्लॉगर मित्रों का एक साथ होना स्वाभाविक था | आज भाई राजीव तनेजा जी द्वारा निर्मित और उपलब्ध , साहित्य ,ब्लॉग्गिंग ,लेखन ,पठन को समर्पित स्थान पर जुटे ब्लॉगर , उनके बीच हुआ मंथन विमर्श और "अधूरे सपनों की कसक" पर पूरी रिपोर्ट पढ़वाता हूँ आपको जल्दी ही तब तक इन तस्वीरों का आनंद उठाइये