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बुधवार, 14 नवंबर 2007

dilli में छठ पूजा

dilli में छठ पूजा,जरूर,
ई का मतलब है दूजा,
साल भर बिहारी को गरियाते हो भाई,
वोतन के चक्कर में ,
अब दे रहे हो बधाई,।

त्रैन्वा से घर जा न सके,
आउउर पूजा त करना जरूरी है,
ई काली जमुना में डुबकी लगाना,
सच कहें त बस मजबूरी है।

हे सूरज देवता, कुछ त कर ऊपाय,
या त जमुना के नदी बना द ,
या द
सबके आपण घर पहुंचाया ॥


झोल्तानमा
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