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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

क्यूँ लिखा , क्या लिखा जाए -कश्मकश में हिंदी ब्लॉग्गिंग






यूँ तो सबका समय एक सा नहीं रहता और आनी जानी तो दुनिया की रीत है ही इस लिहाज़ से यदि एक समय पर दुनिया भर में समानांतर पत्रकारिता की सूत्रधार बनी ब्लॉग्गिंग जिसने और जिसमें लिखे कहे देखे गए सच ने कई देशों के तख्ता पलट तक कर दिए थे।  वहीँ से मुख्य पत्रकारिता को एक सीधी स्पष्ट चुनौती मिलनी शुरू हुई थी।  ब्लॉग्गिंग उन दिनों तीखे सच को सीधा सबके सामने जस का तस रख देने के कारण सबसे धारदार और प्रभावी प्लेटफॉर्म बन गया था।  

उन दिनों अंतर्जाल पर हिंदी में लेखन तो दूर की बात , पढ़ने को भी अधिकाँश सामग्री अंग्रेजी भाषा में ही मिलती व दिखती थी।  फिर हिंदी ब्लॉग्गिंग की शुरुआत , दखल और बढ़त ने धीरे धीरे हिंदी अंतर्जाल पर देवनागरी की सामग्री को बढ़ाने में खूब बढ़ चढ़ कर योगदान दिया। 


 इतना ही नहीं स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय समाचार पत्रों तक ने ब्लॉग पोस्ट को स्थान देना शुरू किया और पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों से खिलाड़ी अभिनेता राजनेता आदि भी ब्लॉग लेखन में आ गए।  इनमें से मनोज बाजपेयी , अमिताभ बच्चन और रवीश कुमार अपने ब्लॉग लेखन को लेकर काफी चर्चित रहा करते थे।  

ब्लॉग लेखन पठन का ये सिलसिला  तेज़ी से आगे बढ़ा नए नए लेखक और पाठक रोज़ जुड़ते गए , जल्दी ही न्यू मीडिया का एक हिस्सा बन कर उभरा ब्लॉग मुख्य मीडिया को अखरने भी लगा क्योंकि यहां बना किसी रोक टोक के बिना काट छांट के सब कुछ जस का तस लिखा पढ़ा जा रहा था । हर विषय , हर मुद्दे , पर हर क्षेत्र के लोग ब्लॉग लेखन करने लगे । 

यात्रा ,कुकिंग , कानून , समाचार ,हास्य , साहित्य ,अनुवाद सभी विधाओं में खूब सारा लेखन किया जाने लगा जो अब तक ब्लॉग्स पर मौजूद है। 

पोस्ट लंबी होती जा रही है , शेष बातें अगले पोस्ट में 


आप लिख रहे हैं क्या ब्लॉग , पढ़ भी रहे हैं या नहीं ???

सोमवार, 26 अगस्त 2019

चिट्ठा चर्चा दोबारा शुरू -हिंदी ब्लॉगिंग को दोबारा लौटाने का एक प्रयास



जैसे जैसे ब्लॉगिंग की तरफ लौट रहा हूँ तो देख रहा हूँ कि हिंदी ब्लॉगिंग का प्रवाह सच में ही बहुत कम हो गया है | हालत ये है की पूरे दिन में यदि पचास पोस्टें भी नज़रों के सामने से गुज़र रही हैं तो उसमें से दस तो वही पोस्टें हैं जो इन पोस्टों के लिंक्स लगा रही हैं |   
टिप्पणियों का हाल तो और भी खस्ता है | अधिकाँश पोस्टों पर सिर्फ यही देखने पढ़ने को मिल रहा है की आपकी पोस्ट का लिंक फलाना ढिमकाना में लगाया गया है आकर जरूर देखें | जबकि पोस्टों को चुनने सहेजने वाले ब्लॉगर मित्र खुद अपनी राय तक नहीं दे रहे हैं वहां |
समाचारों को ब्लॉग पोस्ट में चस्पा करके लगातार जाने कितनी ही पोस्टों का प्रकाशन किया जा रहा है | विषयवार सामग्री तलाशने वालों के लिए ये निश्चित रूप से निराश करने वाली बात है | सभी ब्लॉगर मित्र एक साथ धीरे धीरे ही सही प्रयास शुरू करें तो ये महत्वपूर्ण विधा फिर से अपनी रफ़्तार पकड़ लेगी मुझे पूरा यकीन है |
अपने स्तम्भ ब्लॉग बातें के लिए मुझे एक विषय पर गिन कर दस पोस्टें भी पढ़ने को नहीं मिलीं | फिलहाल मैं अपने इसी ब्लॉग झा जी कहिन पर चिट्ठा चर्चा (सिर्फ पोस्टों के लिंक्स नहीं ) शुरू करने जा रहा हूँ | जहाँ पोस्टों को पढ़ कर उनका विश्लेषण व चर्चा करूँगा , एक पाठक के रूप में एक ब्लॉगर के रूप में भी और ये काम बहुत जल्द शुरू करूंगा
 आप तमाम मित्र मुझे अपने ब्लॉग के लिंक अपनी पोस्ट के लिंक और ब्लॉग से सम्बंधित कुछ भी मेरे मेल में ,मेरे फेसबुक पर ट्विट्टर कहीं भी थमा सुझा सकते हैं | इस विधा को दोबारा से अपनी रवानी में लाने के लिए निरंतर किए जाने वाले इस प्रयास में मुझे आप सबका साथ चाहिए होगा , आप देंगे न साथ मेरा
ajaykumarjha1973@gmail.com
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