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सोमवार, 26 अगस्त 2019

चिट्ठा चर्चा दोबारा शुरू -हिंदी ब्लॉगिंग को दोबारा लौटाने का एक प्रयास



जैसे जैसे ब्लॉगिंग की तरफ लौट रहा हूँ तो देख रहा हूँ कि हिंदी ब्लॉगिंग का प्रवाह सच में ही बहुत कम हो गया है | हालत ये है की पूरे दिन में यदि पचास पोस्टें भी नज़रों के सामने से गुज़र रही हैं तो उसमें से दस तो वही पोस्टें हैं जो इन पोस्टों के लिंक्स लगा रही हैं |   
टिप्पणियों का हाल तो और भी खस्ता है | अधिकाँश पोस्टों पर सिर्फ यही देखने पढ़ने को मिल रहा है की आपकी पोस्ट का लिंक फलाना ढिमकाना में लगाया गया है आकर जरूर देखें | जबकि पोस्टों को चुनने सहेजने वाले ब्लॉगर मित्र खुद अपनी राय तक नहीं दे रहे हैं वहां |
समाचारों को ब्लॉग पोस्ट में चस्पा करके लगातार जाने कितनी ही पोस्टों का प्रकाशन किया जा रहा है | विषयवार सामग्री तलाशने वालों के लिए ये निश्चित रूप से निराश करने वाली बात है | सभी ब्लॉगर मित्र एक साथ धीरे धीरे ही सही प्रयास शुरू करें तो ये महत्वपूर्ण विधा फिर से अपनी रफ़्तार पकड़ लेगी मुझे पूरा यकीन है |
अपने स्तम्भ ब्लॉग बातें के लिए मुझे एक विषय पर गिन कर दस पोस्टें भी पढ़ने को नहीं मिलीं | फिलहाल मैं अपने इसी ब्लॉग झा जी कहिन पर चिट्ठा चर्चा (सिर्फ पोस्टों के लिंक्स नहीं ) शुरू करने जा रहा हूँ | जहाँ पोस्टों को पढ़ कर उनका विश्लेषण व चर्चा करूँगा , एक पाठक के रूप में एक ब्लॉगर के रूप में भी और ये काम बहुत जल्द शुरू करूंगा
 आप तमाम मित्र मुझे अपने ब्लॉग के लिंक अपनी पोस्ट के लिंक और ब्लॉग से सम्बंधित कुछ भी मेरे मेल में ,मेरे फेसबुक पर ट्विट्टर कहीं भी थमा सुझा सकते हैं | इस विधा को दोबारा से अपनी रवानी में लाने के लिए निरंतर किए जाने वाले इस प्रयास में मुझे आप सबका साथ चाहिए होगा , आप देंगे न साथ मेरा
ajaykumarjha1973@gmail.com
twitter.com/ajaykumarjha197
https://www.facebook.com/ajaykumarjha1973

शनिवार, 16 जुलाई 2011

वन लाइनर ..जस्ट ए झा जी कट



तो हे श्रोताओं , एवं पाठकों ओह , दर्शकों भी ..आज के वन लाइनर बुलेटिन कुछ इसी प्रकार के हैं ..बांचा जाए




रॉंग नंबर प्लीज : चाहिए कि , लग गया जी



क्या आपको याद था : माने हां कह देंगे तो मान जाइएगा क्या



हवा में उड गए 25 करोड के हीरे : आयं , अरे पुरवा थी कि पछवा हवा थी जी



जो बदलाव चाहते हैं , उन्हें ही कुछ करना होगा : और इसके लिए पहले इस पोस्ट को पढना होगा



वर्डप्रेस ब्लॉग या साइट में विजेट जोडना : इहां रतन भाई के पोस्ट पर सीखें , विधिवत रेसिपी है



जरा खबर की खबर भी ली जाए : और ऐसी कि वो खुद खबर बन जाए



क्या हमारी मीडिया भटक गई है :  नहीं , वो पैसे और टीआरपी के फ़ेर में अटक गई है



 सोच रहा हूं कि हर चीज़ में एक Good होता ही है : फ़ुर्सत में सोचिएगा तो गुडे न होता दिखेगा जी



 पत्रकार को नोटिस भेज सकता है महिला आयोग : खबरों पर मेरी नज़र इन झाजी इश्टाईल : खाली इश्टाइले में चूर रहते हैं जी , पढिए लिखिए , इश्टाईल कम मारिए




 देख लेना जब जिस्म में रूह न रहेगी : उफ़्फ़ जाने तब ये नज़र रहेगी न रहेगी



 एक खबर ये भी ले ही लो : बिना दिए मानिएगा ही नहीं आप




 किस पर लिखूं : ब्लॉगर , वर्डप्रेस , नेटलॉग , वेबलॉग किसी पर भी शुरू हो जाइए




इस बार का भारत प्रवास : सुख दुख का संगम रहा , है न




आखिर क्यूं पटरी पर लौटी मुंबई : ताकि फ़िर अगले हमले के लिए खुद को तैयार कर सके





अब क्रिकेट की भी खैर नहीं ! सरकारी खजाना लूटने के बाद अब नज़र क्रिकेट के खजाने पर :   एक तो ये नज़र ही ससुरी बहुत कमीनी है ई लोगन की जी



सवाल ये है कि बच्चों को ब्लॉग पर लाया कैसे जाए : आपही ने उठाया है , उत्तर भी बताया ऐसे जाए




आप उनको याद आयेंगे : और हम पोस्ट लिख जायेंगे




मक्खन का हाल कैसा है पता भी है आपको : नहीं , लेकिन ये पता है कि आपको पक्का पता होगा , देखा , है न



मेरा बचपन ऐसे बीता :  है हर पन्ना एक युग जीता




 सम्मान किसे अधिक मिलता है : जो पोस्ट पढता भी है और उस पर टीपता भी है




सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ : आंख घुमा काहे नहीं लिए जी



गुजर जाएं करार आते आते : और लुट जाएं , बिहार आते आते ( धुन के हिसाब से यही फ़िट लग रहा था )



सूना, बारिश के भहराए शोर में : पढिएगा रात में , झुरझुराइएगा भोर में




 आखिर कब तक : शायद अनंत काल तक






रविवार, 10 जुलाई 2011

द संडे हेडलाइंस ..झा जी का वन लाईनर बुलेटिन


समाचार वाचक आपके अपने ही हैं ..




विश्व का सबसे बडा लतीफ़ा :- और किसानों के साथ सबसे बडा मजाक


टॉप हिन्दी ब्लॉग :Top Hindi Blogs :- मेट्रिक के परीक्षा में टॉप है कि बी ए के खुदे देखिए



धर्मपत्नी का मतलब :- ध्यान रहे, धर्मपत्नी कतई न पढने पावे


नायक :- अनिल कपूर वाला नहीं जी , उससे भी धांसू है


गिराने से ,गिर जाने से , सरकार :- धकियाने को कबसे ही जनता भी तैयार


दुआ की उम्र :- बडी लंबी और बडी छुपी सी होती है


रैपीडेक्स टीप्पणी कोर्स , मात्र दस मिनट में टीप्पणी करना सीखें :- और ग्याहरवें मिनट में आप कमेंट टाईप करते हुए दिखने चाहिए , समझे न


लाल मेरी पत रखियो भला :- झूले लालण जिंदडी वे ..



एस पी सिंह की रचनाओं का पहला संकलन :- बताइए जब ई रिजेक्ट माल है तो एक्सेप्ट माल क्या होगा



फ़ीका रहा  आईफ़ा 2011:- काहे , मुन्नी ,सीला , रज़िया और ज़िलेबी ब्रांड मसल्ला यूज नय हुआ क्या


भगवान को भी जलन होने लगी :- global warming इफ़ेक्क्ट , बाबू भईया , global warming इफ़्फ़ेक्ट



हैदराबाद से दिल्ली : एक रोमांटिक रेल यात्रा :- या जाटां दा रोमांस सै रे भाया ..


स्वाहा :- ओम फ़ट स्वाहा ..


बिग बॉस में जाने के लिए दागी और करप्ट होना जरूरी है ;- फ़िर तो बिग बॉस के लिए कोई आस न न बनाएं मन में


सूरज की कमर में बादलों का धागा :- सिलते ही कुर्ता आखिर कौन ले के भागा


तोसे नैना  लड गए जो इक बार :- फ़ट्ट से उसी समय फ़िर पोस्ट भई तैयार


एक कैदी की डायरी :- एक युग , एक पन्ना


नेचर कॉलिंग :- कम हेयर डार्लिंग


ब्लॉग पर लगा ताला कैसे खोलें :- हम सब सुनते हैं , पाबला जी बोलें


रेलवे ने लांच की एम-टिकट की सुविधा :- अभी तो पटरी , और उलटती ट्रेनों की दुविधा


ये इज़हार हो जाते हैं :- इक पोस्ट फ़िर बो आते हैं


इंतहा हो गई ...हर बात की :- अभी एक और आएगी पोस्ट , कल रात की







सोमवार, 24 अगस्त 2009

संगीत ब्लोग्स का, बात उनके सुर साज की , लीजिये जी पेश है चिट्ठी चर्चा आज की

जी हाँ सच ही तो कहा है ...मेरे लिए तो सारे ब्लोग्स संगीत की तरह हो गए हैं...जिसे भी खोलता हूँ ..नयी धुन...नए बोल...नया सुर..नए साज...और नया गीत-संगीत....बिलकुल अलग अलग स्वाद, अलग अलग मिजाज..अलग अलग राग वाला ...खैर ...ये मेरी समस्या है ...की मुझे इसमें कभी संगीत..कभी साहित्य..कभी समाज..और कभी पता नहीं क्या क्या दिखता ही रहता है...आप तो आज की चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये ..

आप देखिये , इनका क्यूँ और कैसे मन कर रहा है कूदने का,
ऐसी धारा प्रवाह लेखनी , वक्त है पढने का, और डूबने का

चलते फिरते कबाड़खाने में पहुँच गयी आज कनुप्रिया,
आप खुद ही देखिये , किसने किसको याद किया

ताऊ की मंडे मैगजीन का अपना इक स्थान,
इसीलिए इतने कम समय में ही बन गयी पहचान

लावण्यम पूछे अंतर्मन से कित्ते हमारे साल हुए,
गणपति बाप्पा को समर्पित पोस्ट पढ़ कर हम निहाल हुए

भारत में त्यूहारों का है लोक जीवन से सम्बन्ध,
इस विषय पर आज पढिये अनवरत में निबंध

इंटरनेट पर हिंदी, मिथक और यथार्थ,
कैसा किया विस्फोट, आपने हे पार्थ

कैसी है सच्चाई , कैसी है ये कहानी,
देह की भूख के आगे , सब कुछ बेमानी

कह रहे हैं डाक्टर बाबू सबका समझाए के ,
उड़ जाना नहीं, सबके होश उडाये के

फाटक चंद और झंडू लाल घूमने गए भोपाल,
सुन्दर चित्रों से सजी हुई पोस्ट बनी कमाल.

कौन जाने कौन क्या कह जाए कब,
महुआ कहे आज अपनी उदासियों का सबब

मेलं मेल की धक्कम पेल , ऐसी बढ़ी तकरार,
इसका भी इलाज लेके फिरसे आया ब्लॉग बुखार

आज जन्मदिन है पी डी के लड्डू गोपाल का,
सबको चल गया पता, लल्ला हो गया इक साल का

कहती हैं भावना , अब ठीक हो गयी बिटिया रानी,
बाँकी की पोस्ट आगे अभी और है आनी

वाया अविनाश भाई, पप्पू सबको बुला रहा ,
व्यंग्य लिखो , इनाम पाओ, सबको यही बता रहा

आज मिली सूचना , दुबले भी हैं दौड़ते,
जो नहीं हैं दुबले , वो उनपे पोस्ट हैं लिखते

हे भगवान् अब मत भेजना किसी भी जिन्ना को ,
देखिये कितना टेंशन हो गयी, बेरोजगार मुन्ना को

सिगरेट और संगीत से सज गया आज मयखाना ,
पीओ पढो या सुनो , जो मन आये कर आना

जन्मदिन है आज अदा का, वही अदा दिखाती रही,
कह रही है आज अदा, अदा खुद से ही बतियाती रही

फिर से एक बार वो हो चीज जो वो है,
क़माल की है ये , जो है सो है


चलिए रात बहुत हो चुकी है ..इसलिए आज की चर्चा पर विराम लगाते हैं..बहुत समय से सोच रहा हूँ की ..जो नया इस चर्चा के लिए सोच रखा था ..उसे प्रयोग में लाऊं...मगर शायद अभी वक्त मुझे उतना वक्त नहीं दे रहा है ...चलिए आगे सही..

शनिवार, 22 अगस्त 2009

जय हो गणपति बप्पा की, देखिये किसकी चर्चा की

साल का ये आधा भाग ..कम से कम भारत में तो बहुत ही खुशियों भरा रहता है ...या कहें की त्योहारों का / उत्सवों का ...रोशनी का , मिठाइयों का ..अजी क्या क्या कहें ..और किस किस का मौसम होता है ....और मौसम खुशगवार होने की तैयारी कर रहा होता है ..तो बस शुरू कीजिये आप भी ..तैयारी ..गणपति पूजा की, दुर्गा पूजा की..दिवाली की ..सबकी........शुभकामना ....

चलिए फिलहाल तो चर्चा का मजा लीजिये ....

सिगरेट के साहित्य (विल्स कार्ड ) ,के बाद, अब बीडी ब्रेक का मजा लीजिये ,
अजी मारिये गोली आपत्ति को , आप तो यूँ ही लिखा कीजिये

कहती है स्वप्निल , इस बार , उसके घर भी आयेंगे गणेशा ,
हमारी शुभकामना , सुख समृद्धि भी आये साथ हमेशा ..

सुना है आजकल प्रोपर्टी की रेट हो रहे हैं हौट,
फिर भी अविनाश भाई कहते , कहाँ पे लूं मैं प्लौट

राज भाई का आनन फानन में भारत आना हुआ ,
हुए अस्वस्थ , तो फिक्रमंद ये ज़माना हुआ


सफ़ेद घर में आज ऐसी हरी भरी एक पोस्ट है गयी लगाई,
पढ़ के , देख के , जाने किस किस को घर की याद आयी

लंठ महाचर्चा में , अब आ गए हैं बित्तन बाबा ,
गिरिजेश जी की अद्भुत शैली, अद्भुत आभा

ये कहते हैं , कमीने न नेचुरल हैं न ही इमानदार ,
कमाल है , कमीने भी ऐसे क्या होते हैं यार

परसाई जी को याद करके , शरद भाई ने कमाल का संस्मरण है पढ़वाया ,
जिस जिस ने चखा इसको , कभी मछली का, कभी फिश करी का स्वाद आया

पढ़ा , देखा , सुना कि, बिहार से खाने की इक थाली है आयी,
इस पोस्ट ने माँ की फिर से याद है दिलाई

कमीने देखने जाना था , फिर भी अलोक जी ने चर्चा कर दी चिट्ठों की,
आप खुद ही देखिये , चर्चा हुई है कित्तों की

ताऊ जी की पहेली का उत्तर देने का अब समय हुआ ख़तम ,
जय गणपति बप्पा की , इस बार समझ गए हम


ऐड्स दूर करने के लिए मंत्रों का हो गया आविष्कार,
वाह वाह कलयुग में अद्भुत ये चमत्कार

नेता निकलते सड़क पर , सड़कें होती बंद ,
राजतंत्र में आज यही मुद्दा हुआ कलमबंद

संगीता जी ने मंजू दीदी के बहाने , ये किसका दर्द उठाया ,
आप खुद ही देखिये , कौन कौन पढ़ -टीप के आया

विश्व स्वस्थ्य संगठन के खिलाफ यहाँ हुआ विरोध ,
होम्प्योपैथी के खिलाफ क्यूँ करे कोई प्रतिरोध

बारिश से बेहाल हुए , निकल गया सारा दम ,
इरफान भाई की तुलिका में फंस गया दिल्ली नगर निगम

आसान नहीं होती , राख में मुस्कान की तलाश ,
गौर से पढियेगा, पंक्तियाँ है बहुत ख़ास

इंसान के भीतर इक कुत्ता छुपा होता है ,
जानिए वो कैसे कैसे बड़ा होता है

वो पूछ रहे हैं , कहाँ चली गयी देश की दाल ,
हम क्या कहें जी , खाए हो गए कितने साल

मिसर जी गए घूमने , पहुँच गए बाजार,
कैमरा भी साथ था , धाँसू पोस्ट हुई तैयार


इस पोस्ट का , शीर्षक है , जयचंद , जिन्ना और जसवंत ,
इसी के साथ अब इस चर्चा कर , करते हैं हम अंत



तो मित्रों/बंधू ..आज की चर्चा हुई ख़तम,
कल रविवार की चर्चा के साथ फिर से हाज़िर होंगे हम

रविवार, 16 अगस्त 2009

कहीं जारी बहस ,कहीं पर द्वंद , आप तो पढिये , चर्चा के ये छंद

हलाँकि शुरू से एक जो बात नियमित रूप से ब्लॉग्गिंग में दिख रही है ...वो है कोई न कोई विवाद ....और वाद विवाद तो एक स्वस्थ और जागरूक समाज की निशानी है .....मगर विवाद भी स्वस्थ और स्पष्ट अर्थों में हो तो सार्थक होता है....इतने बड़े परिवार में मतान्तर होना स्वाभाविक है ...और जरूरी भी...मगर उद्देश्य हमेशा यही होना चाहिए की ...उससे किसी का भला हो न हो ...कम से कम बुरा नहीं हो ...और दूसरी बात जो इन दिनों बहुत ज्यादा देखने में आ रही है ..वो हिंदी ब्लॉग्गिंग पर ..खुद हिंदी ब्लोग्गेर्स के द्वारा ही ..लगातार प्रश्नचिन्ह लगाना ....बात गंभीर है ..और दुखद ये है की प्रवृत्ति बनती जा रही है .....खैर ...इस विषय पर तो मैं अपने दुसरे ब्लॉग पर विस्तार से लिखने का प्रयास करूँगा ..फिलहाल तो आप आज की चिट्ठाचर्चा का आनंद लीजिये ..

यहाँ दिल्ली में पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश ने मौसम में थोड़ी सी ठंडक ला दी है ..जबकि ब्लॉग जगत आज काफी गर्मागर्म लग रहा है ...देखिये .....


राज भाई कहते हैं , बस अच्छा लिखते जाओ यार,
टिपण्णी मिले बिलकुल कम , या मिले बेशुमार

विनय पत्रिका में साहित्य पर कुछ है कहा गया,
हमसे तो बिना पढ़े , बिलकुल भी न रहा गया

प्रवीण जी को उनकी बात का, दिया संगीता जी ने जवाब ,
ये पूछ कर कि ,क्यूँ की गयी उनकी छवि खराब

ब्लॉग बुखार से परेशान हैं, बिलकुल मत घबराइये,
अपने चिट्ठे का मुफ्त हेल्थ चेकअप , यहाँ पर करवाइए

ब्लॉग्गिंग में हो रही गाली गलौज का क्या हुआ परिणाम ,
रोमन में की टिपण्णी , हो गया काम तमाम

कोई कहता है बादशाह, कोई कहें हमें डॉन,
अमरीकीयों ने फिर भी पूछा ,आप हैं कौन

इंसानों के पढ़ लिए अब पढिये किस्से भूत के,
हाय क्या लिखा है जालिम, दिल ले गए लूट के

स्वप्न लोक में घुमते हुए , पहुंचे कहाँ से कहाँ ,
जाओ जहां मर्जी चाहे, मगर रहो हमेशा यहाँ

डाकखाने ने अपने सचिन से पूछे हैं कुछ सवाल ,
अरे क्रिकेट के नहीं, पोस्ट के, कैसा हुआ कमाल

प्रधानमंत्री के भाषण में ,न्यायव्यवस्था पर कुछ कहा गया,
देखिये तीसरे खंभे पर , इस बारे में क्या लिखा गया

राजीव भाई को हंसते हंसते , सबने इतना प्यार दिया,
आज उनके ब्लॉग पोस्ट ने सौ का आंकडा पार किया

डाक्टर साहब ने जाकिर साहब को क्या खूब है समझाया,
धर्म और आस्था का अब मतलब समझ में आया

ताऊ जी की पहेली अबकी जीते सुशील कुमार .
मेरिट लिस्ट आ गया जी अबकी नाम हमार

पांच पंक्तियाँ लिख के ये चुप्पी किसने ओढी ,
आप पढ़ के देखिये , ये चुप्पी किसने तोडी

चलती रहे ये जिन्दगी, अलविदा मत कहा करो,
नहीं कहेंगे जी, कभी, आप यूँ ही लिखा करो

लविज़ा की मम्मी को कैसा अनोखा आईडिया आया,
आपम खुद ही देखिये, उसने कैसे इनदेपेंदेंस डे मनाया


आज की चर्चा ..यहीं पर समाप्त करते हैं ...

शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

जय कन्हैया लाल की, पोस्टें हैं कमाल की (चिट्ठी चर्चा )

आप सबको जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई और मुबारकबाद ...इस अवसर पर ना जाने क्यूँ बस एक बात मष्तिष्क में घूम रही है...हम हर साल इन पर्व त्योहारों को तो खूब धूम धाम से मनाते हैं ..कृष्ण को, उनके हर रूप को ....सबको याद करते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं ....मगर कृष्ण जीवन की ..कृष्ण के गीता उपदेश की ..गीता के दर्शन की ..याद शायद ही कभी याद आती हो ...खैर ...

आज की चर्चा का लुत्फ़ लीजिये .....


न पढिये , न पसंद कीजिये , और न ही टिपियाइये ,
जन्माष्टमी पर प्रभु के दर्शन कर के आइये

रुकने को किसने कहा , आगे बढ़ते जाइए,
दर्शन तो हो गए, अब कृष्ण लीला , नोश फरमाइए

सबने अपना समय आज इसी में खर्चा है,
चहुँ और नंदलाल की ही तो चर्चा है..

या तो कृष्ण हैं छाये आज , या छाई हुई तकरार ,
आप निकाले खुद ही, रही सार्थक , या हुई बेकार


तिरंगे के कोड को लेकर कुछ ऐसे उठा विवाद,
आप खुद ही देखिये , क्या हुआ इसके बाद

इधर चल रहा वाद विवाद , उधर पकड़ में आया चोर,
पकडो ,पकडो ,माफी मंगवाओ , सब और यही था शोर.

कुछ यादें, कुछ लहरें, उनकी गिनती , मैं और तुम ,
आप भी पढिये मन से , अपने होश कीजिये गुम

ताऊ की पिक्चर का रिलीज हुआ पहला एपिसोड
गब्बर ने ठाकुर से मांग कर गन कर लिया लोड

इक रोमांटिक सी जर्नी , जिसे कहते हैं सफ़र
अनिल भाई की कलम में देखिये कितना है असर

क्यूँ इधर उधर इतना रहे हैं भटक ,
देखिये इस पोस्ट में माँ की रोटियों की महक

ब्लॉगजगत का नन्हा ब्लॉगर , कभी बैठता नहीं बेकार,
आज कर दिया एक बार फिर से टेलीफोन का आविष्कार

वो कह रहे हैं , उसे इल्म नहीं मेरे फोन काल का,
आप खुद ही पढिये , क्या लिखा है , कमाल का ,

इस ब्लॉग के लेखक हैं शब्दों के खिलाडी ,
आज जानिए क्या होता है जोड़तोड़ ,किसे कहते हैं जुगाड़ी

शुकल जी अभी अभी ,अपने इश्टाईल में चर्चियाये हैं,
आप भी देखिये, किस किस को लटकाए हैं ...

एक साबुन से हुई इन्हें अटैचमेंट कितनी इमोशनल ,
एकदम निजी अनुभव हैं, नहीं है प्रोफेशनल

आजादी की संध्या पर स्वतन्त्रता संघर्ष में महिलाओं की भूमिका जानिए,
इनके लिखे का माना है लोहा , पढिये , और आप भी मानिए

पोस्ट ये समर्पित है, वतन के रखवालों को,
शत शत नमन , आजादी के मतवालों को

का का तो कह दिए ,पांडे जी, बुजुर्गियत के बहाने से ,
कौन नहीं दीवाना हुआ , उनके इस फ़साने से

वो कुछ भी कह दें , उसमें होती है कुछ बात ,
आज फिर पहुँची है वो, उसी अदा के साथ

इस देश में न जाने कैसी बन रही परिपाटी ,
निर्दोष पर ही पुलिस भी भांज रही है लाठी


मिसर जी ने भी स्वाईन फ्लू को समर्पित की एक पोस्ट ,
कह रहे ई ससुरे मेहमान का,मौसमवा है जी होस्ट


चलिए आज के लिए इतना ही ..आजादी की सालगिरह पर आप सबको बधाई ...

बुधवार, 12 अगस्त 2009

चिट्ठी चर्चा वाली , हमने फिरसे डाली

देश में स्वाइन फ्लू का कहर फैलता जा रहा है....स्कूल , कॉलेज ,सिनेमा, दफ्तर ..सब बंद किये जा रहे हैं...बस एक बात समझ में नहीं आती की ...जब कुछ समय पहले से ही इसकी प्रसार और आक्रमण की खबरें थी तो ..सरकार , स्वास्थ्याजागत ,,,क्यूँ नहीं ...पहले से एहतियात बरत कर ..इसके लिए खुद और जनमानस को तैयार कर सकी....जो भी हो अब तो इश्वर से एक ही प्रार्थना है की ..जल्दी ही ये हालत काबू में आ जाएँ ....

आज की चर्चा आपके लिए पेश है ....


निंदा की जाए चीन की , या दिया जाए धन्वाद ,
इसका फैसला कीजिये , ये पोस्ट पढने के बाद

इन तरही गज़लों को पढिये , आँखें तर कीजिये,
पसंद आयें तो टिप्प्न्नी से पोस्ट को भर दीजिये

शब्दावली में आज अर्थ जानिए अभिवादन का,
दोगुना हो जाएगा , भाषा के रसास्वादन का

तोफा बन गया सोफा , किसको हुआ कबूल ,
पढिये -हंसिये, जो हँसना गए हैं भूल

ब्लॉगजगत की पहली पिक्चर हो रही है रिलीज
ताऊ जी की शोले का टिकट अभी से ले लीजिये प्लीज

वंडरफुल लाईफ है , दुनिया हुई निगोड़ी ,
डाक्टर साहब अपने अंदाज में जो न कह जाएं थोडी

बिना पढ़े ही कैसे पसंद मिली, मनीषा ने किया सवाल
अलबेला जी की साफगोई ने , फिर से किया कमाल

छोटे विवेक जी आज है जनम दिन, आशीष दीजिये,
स्वप्नलोक के नौनिहालों से आप भी मिलिए

इनकी नींद को कौन उड़ा के ले गए ,
सुंदर सी पोस्ट में वे , सबको, बहा के ले गए

थोडा सा ज्ञान पाइए , थोडा सा मनोरंजन ,
आ रहा गूगल का नया सर्च इंजन ..

राष्ट्रकवि और हिंदी के ठाठ देखिये ,
अमर बाबु ने लगाई कैसी वाट देखिये..

शब्दशिखर में वन्देमातरम और मुस्लिम समाज है,
रोज की तरह , फिर से इक सार्थक पोस्ट आज है

क्या है लड़की , मीनू जी बता रही हैं,
समाज को सच का आईना दिखा रही हैं

फटाफट पहुँचिये , आप भी लीजिये इनको पहचान ,
अरे नकदी की भी व्यवस्था है ,इनाम में श्रीमान

कंप्यूटर शब्दावली को बतलाता ब्लॉग ये अनोखा ,
क्यूँ नहीं पहुंचे अब तक , किसने है रोका

कुश भाई ने चर्चा करके नाम रख दिया चर्चु,
बधाई हो कुश मिया, सुना आप बन गए चाचू

हमने पूछा आदि से , और क्या कर रहे हो भाई,
अले अंकल आप भी देखो , खिलोने की कैसी बैंड बजाई

स्वाइन फ्लू की खबर से मनोज जी बोले बाप रे बाप,
इसके अलावा क्या क्या कहा , खुद पढ़ लीजिये आप..

दो बातें एहसास की तन्हाई में कीजिये
मैं ज्यादा क्या कहूँ , आप ही पढ़ लीजिये

अच्छा जी ...राम राम...अपना और अपनों का इस फ्लू के कहर में ध्यान रखिये ....

मंगलवार, 11 अगस्त 2009

चिट्ठाचर्चा में जो हुआ ये अन्तराल, नेट कनेक्शन ने किया था बेहाल

जी हाँ ,...इरादा तो यही था ..की जब वापसी करेंगे....इस चिट्ठे पर चर्चा की तो कोशिश करेंगे की ..जल्दी से अन्तराल ना आये...और होता भी ऐसा ..मगर हमारे इस इरादे की खबर ..कमबख्त हमारे नेट कनेक्शन वाले को नहीं थी शायद..मुआ लगा नखरे दिखाने ..जब देखो ..डिस्कनेक्टेड...एक दिन दो दिन...एक ब्लॉगर को दो दिनों तक ..ब्लोगों को लिखने-पढने, टीपने जैसे मौलिक अरे नहीं नैटिक अधिकार ..अरे नेट से जुड़े अधिकार भाई .....से वंचित रहे तो काहे का पंद्रह अगस्त जी..हमने भी ..आखिरकार ..उसे फाईनल अल्टीमेटम दे ही दिया..साथ ही ताकीद कर दी की बेटा आज के आज यदि ..हमारा समबन्ध ब्लॉगजगत से स्थापित नहीं हुआ ..तो .उनसे तो कल को हो ही जाएगा ..मगर तुमसे न होगा..जान लो...खैर जैसे तैसे ...गाडी पटरी पर आ गयी....तो लीजिये हाजिर है ..हमारे अंदाज वाली चिट्ठी चर्चा ...

अभी हाल ही में पी डी बाबु गए घूमने पटना,
कैसे बना दोस्त पत्रकार , पढिये अद्भुत घटना

यदि ब्लॉग्गिंग की किसी भी समस्या से आप हैं परेशान,
इस क्लीनिक में हर रोग का होता है निदान

इस पोस्ट को पढ़ के आप हो जायेंगे हैरान,
अरहर की जीवनी का अद्भुत किया बखान

एक साल पूरे हुए इनके ...कैसे आये मन में भाव ...
किलो भर बधाई दें , ..टिप्प्न्नी एक पाव

अखबारों में हिंदी का मालिक भगवान् है...
नीचे वालों की हरकत से पाठक परेशान है ..

भाटिया जी को मातृशोक हुआ , दुःख बड़ा है भारी,
मुझे भी याद आ गयी ,अपनी माता प्यारी

सोसायटी को नहीं है दिक्कत ,,हाशमी को मिला मकान ,
बात से कैसे बनती है बतंगड़ ..आप लीजिये जान

आलसी के चिट्ठे पर बाऊ कथा है जारी ..
गिरिजेश जी की शैली , साहित्य जगत पर भारी

शुकल जी ने चर्चा कर दी, कहते हैं जैसी तैसी .
हमसे पूछिए तो हमें चाहिए रोज चर्चा ऐसी

नीतिश कुमार भी कट्टा निकले , नहीं तोप का गोला ,
ये तो उसका सच है भाई, मैंने कुछ नहीं बोला ...

राखी सावंत की पंचवर्षीय योजना का यहाँ पढिये संवाद ,
हाय राखी तूने कर दिया , किस किस को बर्बाद

पूछ रहे हैं मोहन जी मन से , अंधा प्यार है या इंसान,
हम तो दोनों श्रेणी में आ गए, क्या उत्तर दें श्रीमान

मुन्ना भाई, पिक्चर नहीं जी. इस पोस्ट का मजा लीजिये..
अरे हुजूर कभी कभी तो आप भी हँसा कीजिये

इसको पढिये , ये मत सोचिये , सिर्फ दो हजार का किस्सा है ,
आज न जाने कितने लोगों के यही जीवन का हिस्सा है

आज अदा ने लिखा कैसी सौलिड पोस्ट रे बाप,
क्या भाषा , क्या शैली , खुद देखिये आप....

सुना है किसान भी ब्लॉग लिखने लगे हैं,
अजी लिखने क्या , वे तो छपने लगे हैं

पंद्रह अगस्त के मौके पर बेरोजगार ने एक अनोखी पोस्ट कर दी पेश,
गुस्से में कहते हैं ..ये हाल रहा तो , इक दिन भाड़ में जाएगा देश




अच्छा जी अब ख़त्म करें बहुत हुई अब रात ....
इतना वादा करते हैं , अब रोज रहेंगे साथ ......

शनिवार, 8 अगस्त 2009

चलो जी ,ये हफ्ता भी हो गया ख़तम ,,चिट्ठी चर्चा लेकर फिर से आ गए हम.

मेरा हमेशा ही मानना है कि..किसी भी बात को देखने के दो नजरिये होते हैं..एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक...ऐसा हो सकता है कि हमेशा ही ऐसा न होता हो..मगर अधिकांशतः तो होता ही है..और कुछ लोगों को न जाने क्यूँ ..सिर्फ नकारात्मक नज़रिया ही पसंद है..जब देखो तब एक ही रवैय्या..हो सकता है कि इस बार सामने वाला कुछ और ही कहना चाहता हो..या कि आप पहले से ही मान के चलते हैं कि ..नहीं जी ये तो वही बात है ..जैसा हम सोच रहे हैं..और एक पल को यदि मान भी लिया जाए कि सचमुच ही गलत है...तो उसके विरोध के भी कई रास्ते हैं...हर वक्त हाथों में पत्थर लेकर बैठे रहना..कहाँ की इंसानियत है...मुझे लगता है कभी कभी ..मेरे लिए तो अक्सर ही फूलों से भी बात बन जाया करती है...और पत्थर भी फेंकना हो तो रेशम में लपेट लें ...देखिये कितना गहरा असर होता है...न जाने किस बात से प्रेरित होकर ये सब कह गया.

आप तो चिट्ठीचार्चा का मजा लीजिये

ब्लॉग बुखार नापने को इक नया थर्मामीटर आया,
इस अद्भुत ब्लॉग से,पाबला जी ने , फिर से लोहा मनवाया ...

सायकल चलानी की प्रथा बेशक कम हो रही आज,
बाल संसार में खुल गया सायकल का सब राज

स्त्री विमर्श में आज की बागी लड़कियों की दास्तान..
नहीं पढ़ा , तो क्या पढा....आपने श्रीमान...

ना नेकी बची , न बचा है कुँआ, दोनों हुए ख़तम,
विवेक भाई की पोस्ट से सम्मझ गए जी हम..

पंद्रह अगस्त नजदीक है, मुर्गियों का गणतंत्र देखिये,
आप भी ऐसे ही साईन बोर्ड लगा कर अपना माल बेचिए

बुलडोज़र पहुंचा घर गिराने महिला पत्रकार का,
नया तमाशा देखिये बहन जी की सरकार का

ताऊ की पहेली ने फिर सबको है घुमाया,
और उनकी रामप्यारी ने बस में है बैठाया,
दो दो बार हिंट दिए कोई काम न आया,
मैंने खुद कई बार गूगल बाबा को दौडाया

अदा की अदाकारी का फिर देखिये चमत्कार,
मुहावरों के प्रयोग से कर दी अद्भुत पोस्ट तैयार

भागिए जल्दी जल्दी , स्वाइन फ्लू है आया...
बचने-फंसने पर क्या खूब कार्टून है बनाया

आप भी अपने बीच के इन ब्लॉगर को पहचानिये,
अजी कैश इनाम की घोषणा है ,ये भी तो जानिए,,

तीसरा खम्भा पर छपा आज एक अनोखा ही विवाद है
दहेज़ लेना ही नहीं , दहेज़ देना भी अपराध है ..

वर्मा जी ने फिर लेखनी से किये हैं तीखे वार ..
कहते हैं ,उम्मीद से भी आधे हुए हैं बलात्कार ,

शुकल जी ने आज इक टुईयाँ सी चर्चा दी है बांच
झूम झूम के चर्चा में शकीरा रही है नाच

खेलगढ़ ने पोस्टों की तीसरी सेंचुरी है जमाई.
देर किस बात की दे दीजिये बधाई

आप खुद ही जानिए असली अर्थ हाथ मिलाने,
ये अच्छा मौका है, पढने और टिपियाने का

राम जी ने इस पोस्ट में पंक्तियाँ उकेरी ख़ास हैं..
जितनी बार पढिये , मिटती नहीं ये प्यास है

इन्होने अपनी डायरी के पन्नो से इक पोस्ट निकाली प्यारी,
वो तब कहते थे , हम अब , आ गयी देखो बरसात की बारी

सफ़र ठीक कटेगा पक्का , यदि साथी हो सवारी,
पत्नी के भरोसे ही , चलती रहे ये गाडी

कह रही हैं डाक्टर पूजा जी, ढल गयी इक और शाम,
आप भी पढ़ लीजिये ,दिल को मिले आराम


ये साजिश है कुछ और है ,,आप खुद कीजिये तय ,
जाइए जल्दी दूर कीजिये , इनके मन का भय ...

पोस्ट को पढिये , चिंतन -मनन को आँखें कीजिये बंद,
निर्मल जी की लेखनी का खूब लीजिये आनंद

डंके की चोट पर गूगल का इन्होने कर दिया है त्याग .
चिंगारी है सुलग उठी, अभी और फैलेगी आग..

अच्छा जी राम राम..सन्डे की सनसनाती चर्चा के साथ कल मिलते हैं...

मंगलवार, 4 अगस्त 2009

मंगल भवन अमंगल हारी , हे ब्लॉगर चर्चा हुई तिहारी

कुछ मौसम हमारे यहाँ कभी नहीं बदले ..मसलन बरसात ..मेरी स्मृति में आज तक कोई ऐसी बरसात नहीं गयी जब देश के किसी कोने में..... कहीं न कहीं बाढ़ ना आयी हो....अब ये मौसम की दृढ़ता है ..या हम मनुष्यों की धृष्ट ता ...ये तो स्वयं इश्वर ही जाने..बरसात का जिक्र नहीं बदलने वाले मौसमों में इसलिए किया है क्यूंकि सर्दी और गर्मी को तो अब बहुत बदलते हुए देख रहा हूँ..खासकर जब से दिवाली में गर्मी के कारण शर्ट भी भारी लग रही थी..खैर..जिस तरह कुछ मौसम कभी नहीं बदले ..उसी तरह ..अपने देश में कुछ त्य्हारों का स्वरुप भी कभी नहीं बदला ..और मुझे यकीन है की ...ये बदलेगा भी नहीं..जैसे की रक्षाबंधन ..आप सबको ..इस पवित्र दिवस पर ..इस अटूट बंधन की बहुत बहुत शुभकामना...मुझे इस दिन अपनी स्वर्गवासी दीदी की बहुत याद आती है ..और अब भी इस दिन ..पूरे दिन में कभी न कभी ..रो तो पड़ता ही हूँ...कल मेरी बिटिया भी अपने भैया को राखी बांधेगी जो उसकी पहली राखी होगी ..एक बार फिर आप सबको बधाई और शुभकामना ..अब चर्चा करते हैं ..


चिट्ठाचर्चा आज विवेक जी के रंगी हुई रंग ,
क्या कीजिये यदि विवाह के दिन टूट जाए पलंग

स्वयंवर के तुंरत बाद , ब्लॉगजगत में राखी का पहला साक्षात्कार
शेफाली जी ने लिया है ,,ख़ास आपके लिए ही सरकार...

जाने कौन कौन से दर्द समेटे फुर्सत से इत्ता लिखा होगा,
आप भी देख लीजिये , जिसने छेड़ा होगा, वो पिटा होगा

पांडे जी आज खुलमखुल्ला , अपना एड्रेस कर दिए पोस्ट ,
आप में है हिम्मत , तो जरा उनके घर पहुँच दिखाओ दोस्त


हंसते हंसते एक हॉकर ने सच्ची बात है बतलाई,
अविनाश भाई के शब्दों की देख ली गहराई

पिता हुए अवकाशप्राप्त , पुत्र ने दिया सम्मान ,
पिता पुत्र प्रेम से सजी ये पोस्ट पढिये श्रीमान

किशोर दा को याद करती अनोखी ये पोस्ट है आयी
उनको समर्पित करके राजीव जी ने है लगाई

अलबेला जी की अलबेला अंदाज सब होते हैं हैरान ,
इस पोस्ट में देखिये , कैसे खुदा , बन सकता इंसान

शास्त्री जी ने हायकू लिखा ,क्या सुर है क्या लय,
हायकू है , क्षणिकाएं, या त्रिवेणी , सब कर रहे हैं तय

राखी के स्वयंवर का अगला एपिसोड है दिखाया,
इसी बहाने इस मुद्दे का तगडा बैंड बजाया


ये नन्ही सी गुडिया देखिये कहाँ घूम कर आयी,
अपनी यात्रा की , लाविज़ा ने सुन्दर पोस्ट लगाई.

शादी के लिए जरूरी नहीं है कुण्डली को मिलाना ,
बस आपको आता हो , सबके लिए खाना पकाना

उनकी ये लेखनी दिल को लुभाने लगी है ,
वो कहते हैं गजलें थपकी दे सुलाने लगी हैं

संजय जी पूछ रहे ..टैक्स काहे हो भरते ,
पढ़ कर यही लगा ,,सब हैं गलती करते

ये कह रहे हैं ब्लॉग्गिंग से लाखों -करोडों कमाइए ,
जो कमा रहे हैं , हमारा हिस्सा भी दिलवाइये

दस पंक्तियों में अद्भुत रिश्तों की परिभाषा ,
पसंद ये पोस्ट आयेगी , हमको है ये आशा


जानिए श्यामल जी क्या है आकांक्षा ,
पढिये-टिपिये , आपसे यही है अपेक्षा


इनकी गुजारिश है इनकी पीठ को दिवार ना बनाया जाए
इसलिए जो भी लिखना है, पोस्ट पर ही टिपियाया जाये


इरफान जी आज फिर ये गजब का कार्टून बनाया,
छोडा बैंड जनरल ने , तबला है बजाया ..

जो इस पोस्ट की चर्चा दोबारा न की तो ये चर्चा रहेगी अधूरी ,
विवेक भाई ने सुबह वाली चर्चा अब कर दी है पूरी

चलिए आज के लिए इतना ही ..कल अपनी बहनो और अपने भाइयों के साथ प्यार/स्नेह/ बांटिये ......

रविवार, 19 जुलाई 2009

रविवार की छुट्टी, चर्चा खट्टी-मिट्ठी

नए अंदाज का वादा था ,,पूरा भी इरादा था,
मगर आज नहीं हो पाया, काम बहुत ही ज्यादा था,

आशा है आप माफ़ करेंगे, मेरे साथ इन्साफ करेंगे,
जिस खुशी से पढ़ते थे , उसे मजे फिर आप पढेंगे ...

तो लीजिये न देर किस बात की है

ब्लॉग्गिंग जितना आसान दिखती है, उतनी होती नहीं आसान,
एक साल पूरा होने पर समझ में आया श्रीमान..

ब्लॉग साहित्य है , साहित्य ब्लॉग है, मुद्दा नहीं पीछे छूटा,
आज देखिये इस मुद्दे पर इन्होने कितना कंप्यूटर कूटा ..

रायपुर ब्लॉगर सम्मलेन में इत्ता सब कुछ सीखा ,
इस बार ताऊ की पहेली को अनिल भाई ने जीता .

दिल्ली की ब्लू लाइन में दो लडकियां चढी ,
इमानदारी और बेवकूफी की दास्ताँ है पढ़ी

सुना है रात को चाँद इनके घर आता है,
जो भी हो , हमें उनका ये अंदाज लुभाता है

आज विवेक भाई ने इक पैरोडी है बनायी ,हमें तो उसमें दिख गयी जमाने की सच्चाई

दिल से उनकी याद न जाए तो क्या करें,
कभी कभी ऐसी ही रोमांटिक पोस्ट लिखा करें

ब्लॉगर सम्मलेन राजधानी में सूचना है लगवाई,
अपनी सहमति..फटाफट , हमको दे दें भाई ...

टी वी पर पहली तारीख की कथा देखिये,
मगर असलीयत में होता है क्या देखिये

बिना किसी कारण के ,उन्होंने कितना कुछ कह दिया ,
आप भी देखिये किस किस ने पढ़ लिया

एक घरघुसना ऐसा जो बीवी का मुंह ताके,
बिल्कुल ताजा पोस्ट है, अभी पढ़ लो जाके,


गुल्लक में आज किस्सा है आलू, मिर्ची चाय का ,
पढ़ते पढ़ते मुंह का अच्छा बन गया जायका

खोया हुआ उनका मिल गया वापस ये मोबाईल ,
सैमसंग का था ये , या था मुंबई का इश्टाईल

देखिये टूटता हुआ तारा कैसा दिखता है,
ऐसा नजारा देखने को बड़ी मुश्किल से मिलता है

लीजिये आज फिर,कुछ अलग सा , कुछ ख़ास मिला है,
पाबला जी के ब्लॉग को भी कंगारू उनिवर्सिति में दाखिला मिला है

कल से नया हफ्ता शुरू है होने वाला ,
इस सप्ताह चर्चा का अंदाज होगा निराला


इसी वाडे के साथ ..राम राम

शनिवार, 18 जुलाई 2009

जय हो शनि महाराज की, चर्चा हो गयी आज की.(चिट्ठी चर्चा )

आज सेटरडे , यानि कल की छुट्टी,लो जी ये हफ्ता हुआ ख़तम,
बारिश में डूबी है मुंबई, राजधानी गरम गरम,

जबसे लगे हैं चिट्ठी बाचने, लिखना हो गया कम,
लेकिन दोनों में तालमेल , जल्दी कर लेंगे हम...

तो लीजिये जी पेशे खिदमत है ,,प्रेम से हाथ जोड़ के कहिये..जय हो शनि महाराज की..

ब्लॉग-साहित्य के पीरियड में, हिमांशु जी ने अपनी हाजरी है लगाई,
इस पोस्ट में देखिये, कितनो की बात बतायी........?

विवेक भाई ने आखिरकार इन्द्र देवता को चिट्ठी ही लिख डाली,
कब खोलोगे ,शावर अपना, धरती की सारी टंकियां हो गयी खाली


गलाने और चलाने पर वर्मा जी ने क्या पोस्ट है चलायी,
आप भी देखिये , क्या कविता निकल कर आयी...

राज भाई ने ट्रेन नहीं चलने का राज लिया पूछ ,
लालू ममता बता सकते हैं, हमतो हैं कन्फूज

आप भी बच्चों को क्यूट होने की ये दवा दीजिये ,
तब तक पाबला जी के विडियो का मजा लीजिये ..

पत्नी सताए तो इन्हें ही बताएं,
उससे पहले ये पोस्ट पढ़ आयें..

शाहिद कपूर को काहे ई अवार्ड मिला है ,
तबही से पांडे जी का दिल कतना जला है

तुम आओगे दोस्त , तो ये पोस्ट भी पढोगे,
और पढ़ जो लिया तो , कमेन्ट भी करोगे..

थोडा मुस्कुराइए, टेंशन को भूलिए,
नत्तु पांडे के साथ , झूले पर झूलिए

कमाल है की नींद में जगे हुए हैं,
पोस्टें लिखने में , लगे हुए हैं...

खूबसूरत ,रिवाज है , छेड़ना लड़कियों को
आप भी देखिये अदा की इन चुटकियों को .

हाय उन्होंने कहा की ब्लॉग्गिंग की दूकान सबके बस की बात नहीं है,
हम तो पटरी पर ही .iलगा सकते हैं, भैया अपनी शौपिंग मॉल वाली औकात नहीं है.

इस गली में शोर है, प्रधानमंत्री कमजोर है,
भैया गौर से समझो, इसका राज कुछ और है

क़यामत से क़यामत तक, अरे रे रे, पिक्चर नहीं है भाई,
शब्दों के सफ़र में , इन शब्दों की बारी आयी...


लगता है फुर्सत नहीं थी शुकल रहे बहुत बिजी,
एक लाएना में चिटठा चर्चा, काम नहीं ये इजी....

ज्योतिष का खेल है, हेड है या टेल है,
भागम भाग मची है, बहुते रेलमपेल है ..

चलिए रोज रोज ऐसे पढेंगे तो बोर हो जायेंगे,
कल आपको इन नया ,अपना अंदाज दिखाएँगे..

शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

ब्लोगों को पढने का ठेका उठाया है, चिट्ठों की चर्चा का , कुरियर फिर आया है..

पिछले कुछ समय से ,ब्लॉग्गिंग में मच रहा ये शोर है,
कोई पढ़ नहीं रहा किसी को,बस लिखने पर जोर है....
यदि सचमुच है ऐसा तो समस्या घनघोर है ...
औरों का पता नहीं, पर आपका एक पाठक श्योर है ..

कमाल है विश्वास नहीं होता आपको...अजी लीजिये सर्टिफिकेट पेशे खिदमत है.....


अनिल जी ने मुख्यमंत्री के चमचे से मिलवाया.
एक पोस्ट में , दो थे , दोनों ने रुलाया...

आज उन्होंने जख्मों का सब राज खोल दिया,
अभिव्यक्ति ने अनोखी भाषा में बोल दिया ..

उड़नतश्तरी भी कह रही आज , बाप रे,
क्या कहा नहीं पढ़ा, ब्लॉगर अब तो जाग रे ..

इस व्यक्ति से अच्छा , बन्दर से रिश्ता बेहतर है ,
वाह अपने भी दोस्तों में, कोई लंगूर तो कोई बन्दर है

दोस्ती की देन-लेन,का इक तल्ख़ अनुभव सुनाया है,
नेकी कर और गाली सुन , नया मुहावरा बनाया है ..

नेहा जी ने, इस मुद्दे को इक अलग नज़र से देखा,
क्या हमने खींच रखी है, सचमुच ऐसी रेखा

वो कहते हैं की काश अब होश में आने ना पाएं,
अजी ब्लॉगर हैं, जाएँ तो कहाँ जाएँ..

मिश्र जी पूछ रहे हैं, का पुरुषवादी मानसिकता की परिभाषा है,
जाए आप भी बताइये, जो भी आपको ....आता है...

कॉलेज में उनका पहला दिन, नहीं हुई रैगिंग ,
आप भी पढिये , और करिए लाफिंग...

चमत्कार को आज फिर नमस्कार हो गया,
नुक्कड़ का ४२० का स्कोर , पार हो गया .

मेहेंगाई की मार बृहस्पति जी भी झेल रहे हैं.
इसे विषय पर शांतनु ये पोस्ट ठेल रहे हैं...

न्यूज़ चौबीस ने , मायावती को आईना दिखाया,
मीडिया मार्ग ने आज की पोस्ट में यही है बताया...

आप भी पहुँचिये, ताऊ के दीवाने ख़ास में,
देखिये क्या हो रहा है, रामप्यारी की अंगरेजी क्लास में

कह रही हैं रंजना, बेटी , लक्ष्मी स्वरूपा है,
सच है, इससे अनमोल रत्न नहीं कोई दूजा है ..

नोटिस बोर्ड लग गया ,तैयारी कर आइये,
या तो जाके पढ़ आइये, नहीं तो .....कर आइये ....

आप भी देखिये कौन कैसे कर रहा है सच का सामना,
सुरेश भाई ने उडेल कर रख दी हैं सबकी भावना...

बुधवार, 15 जुलाई 2009

ये चिट्ठी चर्चे वाली है, आपने आदत डाली है...




जाने किस घड़ी , था शौक ये पाला,
चिट्ठे की चर्चा को मन रहे मतवाला ,
लो फिर से कईयों का ऑपरेशन कर डाला,
बहुत मजा आ रहा है , तो फेर झेलो लाला...

लीजिये ..पढिये या ठेलिए, पर हमको झेलिये

इन्होने अपने मन का रख दिया सारा घुटन,
आज की पोस्टों में , इसका ज्यादा रहा वजन

स्वामी जी ने बतलाया, वे किसको , क्यूँ नहीं पढ़ते हैं,
आप भी देखिये, आप क्या करते, क्या नहीं करते हैं....

इस चेली ने आज पोस्टों की सेंचुरी मारी है,
इसी खुशी में , कैसी राखी सावंत की.......उतारी है ..

ब्लोग्गरों को सुधारने के लिए, कोई विजेट नहीं बनाया जाएगा,
आशीष भाई ने बताया है , कौन तरीका अपनाया जाएगा..

जब लोग हिंदी ब्लॉग्गिंग पर प्रश्न उठा रहे हैं,
इस पोस्ट में जगदीश जी , उन्हें आईना दिखा रहे हैं..

ताऊ के धंधे में, कौन कौन भागीदार हुआ है,
किसने क्या बेचा, कौन खरीददार हुआ है ..

पांच हजार में कौन सा मोबाईल आयेगा,
एक एस ऍम एस फ्री बताने वाला पायेगा..

एक अंग्रेज लेखक की टांग टूट गयी सपने में,
उसका क्या हुआ पता नहीं, मजा आ गया पढने में

इन्होने बताया , कल तीस के हो जायेंगे,
आज पोस्ट पढ़ ली, कल बधाई दे आयेंगे..

सुना है तरकी पसंद युवा, कपडे की तरह नौकरी बदल रहे हैं,
अमा हमें तो नहीं लगता, हम मंदी के दौर में चल रहे हैं..

गरीब की औकात विनय जी ने यूँ हैं दिखाई ..
समाज की नीतियों की धज्जियाँ है उडाई.

ब्लॉग में साहित्य की संभावना जतायी है,
इस विषय पर आज फिर पोस्ट आयी है .

मीनू दी को यकीन है , कल इक नयी उम्मीद ले के आयेगी,
चिट्ठाचर्चा की अनोखी शैली आपके मन को भायेगी..

टिप्पियाँ पाने को तपस्या में लोग लगे हुए हैं
दिन तो छोडो , रात रात जगे हुए हैं....

ब्लॉग्गिंग में ताल ठोंक कर आपना हक़ जतलाया,
अभी जाकर पढ़ ले वो, जो पढ़ के नहीं है आया..

ब्लॉग्गिंग क्यूँ की जाए, आशा जी ने बतलाया,
प्रश्न बड़ा ही विकट है,अब तक कोई समझ न पाया.

ब्लॉगर की सच्ची तस्वीर , इरफान भाई ने चिपकाई ,
कहीं इक दिन , अपनी भी ऐसी हालत होगी भाई ..

अद्भुत हिंदी की शब्दावली से अपना दिमाग खोलिए,
पढिये मजे ले के,और हिंदी की जय बोलिए

मंगलवार, 14 जुलाई 2009

आज मंगलवार है , चिट्ठी भी तैयार है (चिट्ठी चर्चा )

देखिये जी, रुकावट के लिए खेद नहीं है,
इसमें कोई ख़ास भेद नहीं है,
हमें पता है की चिट्ठी ये जरूरी है,
मगर क्या करें जी, नौकरी , मजबूरी है ....

तो लीजिये ज्यादा रुकावट नहीं डालते हुए पेश है.....

नटखट इक बच्चे ने , इक पोस्ट है लगाई,
बच्चे ऐसा नहीं कहते, हो गयी कान खिंचाई ..

विवेक भैया को रीत ये अच्छी नहीं लगती है,
करते हैं जब भी चिट्ठाचर्चा फब्ती है ...

जब दो नैना कहते हैं, तो कैसी बनती है कहानी,
आप भी सुनिए, अनिल भाई की ज़ुबानी ..

मिसर जी नी घुन्नन मिलन की रोचक कथा है सुनाई,
जा कर पढ़ लो अभी के अभी, कहीं छूट ना जाए भाई....

लो जी आदि ने भी बैट थाम लिया है ,,
आप भी देखिये , आज क्या नया काम किया है ..

हिंदी चिट्ठों पर लेखों की संख्या हो गयी तीन लाख,
अरे नहीं भाई सच है ये, नहीं है कोई मजाक ..

न्यायिक इक फैसले पे, उंगली गयी है उठायी,
राजीव भाई ने मुद्दे पर इक बढिया पोस्ट चिपकाई..


आज फिर से खत्री जी अलबेली बात बतायी,
कुत्ते से भी गयी गुजरी, पति की हालत बनायी..

फिर पेपर में हुई कुछ ब्लोगों की चर्चा,
क्या आपने देख लिया छपास का ये पर्चा .

महिलाओं को अपमानित करने का नया शिगूफा गया छोडा,
उफ़ , क्या क्या नो होगा अब, जो न हो जाए थोडा ..

विनीता जी ने गाँव की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
आपकी हमारी हो गयी कुट्टा ,क्यूँ अकेले घूम के आईं.

मानसून को किसने किडनैप किया था, ये राज समझ अब आया,
कमडल से निकले नेताजी ने, सबकुछ है बतलाया..

प्रियदर्शन ने इक सोते परिवार का किस्सा यूँ बयान किया है,
लेखनी है ऐसी, सभी का ही, उधर , ध्यान गया है..

राज भाई की पहेली को इत्तों ने पहचाना,
हाय हमें तो , पहेलियों के लिए ट्यूशन पडेगा लगवाना ...

किस अदा से देखिये, विश्वास को लटका दिया है,
बहुत पढ़ रहे हैं अभी, बहुतों ने चटका दिया है ...

शरद भाई ने बहुतों का आभार किया है व्यक्त ,
जमीन से ऊपर चलता है, भूत ये कमबख्त ...

भोले और भले की जंग देखिये ,
अविनाश भाई का ये रंग देखिये ...

रश्मि जी की कविता की मिसाल देखिये,
लिखती हैं कैसा, कमाल देखिये ....

इस पोस्ट में देखिये , किसने दुनिया को छूने का प्रयास किया है,
कुछ बहुत ख़ास लोगों के लिए, काम ये ख़ास किया है ...

रूठी रूठी बरखा रानी, पाबला जी के यहाँ आ गयी है,
पोस्ट पर लगी,अद्भुत तसवीरें, सबके मन को भा गयी हैं.

ताऊ की मैगजीन, है कमाल का खजाना ,
जो पढ़े एक बार, हो जाए दीवाना ...

आप भी नदियों की रवानी देखिये,
वंदना के कलम की ज़ुबानी देखिये

अछा जी राम राम., कथा यहीं पर रुकती है,
चर्चा जो ना कर पाएं तो, ये बात हमें भी चुभती है.....

इसलिए कोशिश रहती है कि......रुकावट के लिए खेद है....न कहना पड़े...मगर यदि.......तो आप माफ़ कर देंगे..मुझे पता है ...

शनिवार, 11 जुलाई 2009

सन्डे की चिट्ठी, चिट्ठी में चर्चा

शिकायत हो रही की ,
अब हम टिपियाते नहीं हैं,
सत्यानाश हो नौकरी को ,
अब तो ठीक से लिख पाते नहीं.....

उम्मीद है की मुझे थोड़ी रियायत मिल सकेगी...

बिना शीर्षक के विवेक भाई , कितना कुछ बोल गए हैं...
बहुत से मुद्दों पर, राज कई खोल गए हैं.......

ताऊ ने खंभों पर सबको है लटकाया ,
बिल्लन ने तिप्प्न्नियों के चक्कर में है फंसाया,
हुआ अफ़सोस इस बार भाग नहीं ले पाया ,
इब तो चुग गयी चिडिया खेत, के करें इब भाया

सपनो का मनोविज्ञान , खुद समय ने बताया है
इस अनोखे विषय पर एक उम्दा लेख पढ़वाया है .

संगीता जी के ब्लॉग के पाठकों की संख्या पचास हजार से बढ़ गयी है..
ज्योतिष की बातें, नए कीर्तिमान , गढ़ गयी है ....

रायगढ़ में ब्लोग्गर्स ने महफिल थी सजायी.
महफ़िल चित्रों की एल्बम, यहाँ है लगाई ..

विनीत जी कहते हैं , फसबुक में क्या है रखा ..?
क्या आपने इस पोस्ट का स्वाद है चखा ........?

हिंदी साहित्य में नया इक डॉन है आया,
कबाड़खाने में आज गया है ये फरमाया

गे के बहाने ,युवा पर चन्दन जी ने पोस्ट है लिख मारी,
आराम से पढ़ लेना, बात अभी है जारी (क्रमश है यार )


किसका नाम क्या था , दिलचस्प रहा ये किस्सा,
हमने तो पढ़ लिया, अब आप भी ले लो हिस्सा ..

उफ़, क्या आ गयी महंगाई की मस्ती ,
दाल हो गयी महंगी, और मुर्गी हुई है सस्ती .

जनसँख्या दिवस पर खत्री जी ने इक अलबेला पोस्ट लगाया,
नब्बे साल की बुजुर्ग के , कुनबे से मिलवाया ....

उन्हें मालूम था सबकुछ, फिर भी प्रेम ही चुना ,
थोड़े से शब्दों में, क्या ताना बाना बुना

ये व्यंग्य का समय है , व्यंग्य पढा कीजिये,
अरे हुजूर, कभी कभी तो , हंसा कीजिये ..

छोटी छोटी बातों पर हंसने के लिए यहाँ पर जाइए,
लतीफे पढिये और खूब मुस्कुराइए ....

नए जमाने में नए शब्द के मायने जानिए ..
कौन हैं कमीने, जरा तो पहचानिये....

आज कोई टिप्स नहीं है, इक क्वेश्चन गया है उठाया ,
टीपने का मनोविज्ञान, कौन समझ है पाया...?

रूपचंद जी हमेशा , ऐसी पोस्ट लगाते हैं,
बिन डोर ,सब खींचे चले आते हैं

शाम को देहलीज पर, कौन है ये आया,
आवाज दो हमको, उसने है कहलाया ..

इस सुन्दर पोस्ट को , चित्रों से सजाया गया है,
बच्चों का एक खूबसूरत रूप दिखाया गया है .


चलिए अब बस,,,आज कुछ और भी लिखना है ....
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