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गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

अरे कोई लिंक बनाना सिखा दो भाई....

मैंने अक्सर लिखते समय महसूस किया है की यदि उसी विषय पर मैं पहले से कही हुई बात उन चिट्ठाकारों के ब्लॉग एड्रेस के साथ लिंक बना कर लिख सकता तो क्या खूब होता, जैसे आप लोग चिटठा चर्चा में करते हैं मगर अफ़सोस की मुझे लिंक बनाना नहीं आता, क्या आप में से कोई मेरी मदद कर सकता है , थोड़ा आसान रास्ता बताइयेगा, आपका आभार .....

सोमवार, 27 अप्रैल 2009

लादेनवा मर गया पकिस्तान में भोज होगा......

आअज का सबसे बड़ा ख़बर यही था की मंत्री संतरी लोग बोले हैं की ऊ लादेंवा अजी वही पचास बीवी आ पता नहीं कितना बच्चा वाला ससुरा मर लेकिन ई लादेंवा तो आप लोगों का दोस्त न , था गया ,ऊ ससुर मारा कैसे है ई ता ठीक ठीक पता नहीं है लेकिन इतना पका है किसी अमरीका टैंक अथवा बम से नहीं मारा है जी, हमको तो लगता है की ससुर को पका चिकन गुनिया से ही मारा होगा नहीं तो ऐड्स हो जी असली बात तो ये नहीं है की ऊ मारा कैसे, असली ख़बर ता ई है की पाकिस्तान में बडका भोज होने वाला है, भोज माने दावत जी,.एही सिलसिला में हमारा बात भी हुआ ....

काहे सर सुने हैं की आजकल खूब भोज भात का तैयारी कर रहे हैं, मुदा लादेंवा ता आप लोगों का दोस्त था न जी, तो फ़िर ई दावत, और कौन कौन आ रहा है बाहर से दावत खाने ...?

अरे का झा जी, आप तो एक दम से पूछते ही जा रहे हैं, अजी काहे का दोस्त उ ससुर तो एके काम हटा खाली जनसंख्या बाधाओं आ बम मार मार के जनसंख्या कम कर दो, ऊ ससुरा के कारण जानते हैं काटना नुक्सान हो रहा था हम लोग को, अपना अमरीकवा एकदम से पैसा कौडीदेना बंद न कर दिया था, अब देखिये न ई लादेन के मरने पर भोज वही पैसा से न होगा जो अमरीका हम लोग के इनाम में देगा। आ जानते हैं खुशी का बात ई है की बुश साहब भी आ रहे हैं॥

अरी ई का कह रहे हैं जी, ऊ कैसे आ सकते हैं ?

काहे ई में इतना चौकने वाली कौन बात है, देखिये जब ऊ जूता खा सकते हैं ता हम लोग ता खाली उनको दावत खाने के लिए बुला रहे हैं। ऊ जरूर आयेंगे और साप्रिवार आयेंगे, दरअसल सपरिवार इसलिए की का पता कल को ओंकी पत्नी अमरीका की राष्ट्रपति न ता कौनो मंत्री बन जाए ता रीलेशन बना के न रखना चाहिए।
अच्छा ता भारत से भी कौनो को दावत भेजें हैं का,?

अरे आप ता सारा पोल खोलवा लीजियेगा, नहीं नहीं भारत से कौनो नहीं आ रहा है, एगो कह रहे हैं की अब ही हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, जब आपके पाकिस्तान आयेंगे न एक बार जिन्ना साहब को प्रणाम करने के बाद ही दावत खाएँगे। दुसरका कह रहसी है की हमको तो छोड़ ही दीजिये हम ता खाली फोटो देख कर ही खुश हो जाते हैं । अरे झाजी असली बतवा ता ई है की सब के सब बाहर नहीं khaanaa चाहते हैं आप लोग घर में पता नहीं आज कल ऊ ईराक वाला घटना के बाद से का का खिला रहे हैं सबको सबका पेट उसी से भर रहा है ।
खाली एक चीज का दुःख रह गया की ई अपना छोटका बच्चा कसाब को आप लोग नाबालिग़ मान कर छोड़ देते ता हम लोग यहाँ पर उसका मुंडन करा कर एगो और भोज देते, बताइए कितना ज्यादती कर रहे हैं आप लोग, अरे आप नहीं सुने हैं इसी तरह अमरीका में भी बचवा सब बन्दूक उठा कर कितना बार मरा मारी किया है, ऐसे ही कसब्वो से हो गया होगा, बांकी तसल्ली है की अफजल जैसे इसको भी अपना bachchaa समझ कर पाल लीजियेगा , आप ता आ रहे हैं न भोज खाने...

अरे का कह रहे हो भाई, जानबे करते हो कितना कमजोर है हमारा पाचन शक्ति, चलो अबकी कौनो और मारा ता आयेंगे....

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

लीजिये पेश है झाऊ पहेली...., बूझो तो जानें..

आज कल पहेलियों का मौसम चल रहा है और ताऊ से प्रेरीत होकर मैंने भी सोचा की एक प्रश्न आपके लिए मैं भी छोड़ता जाऊं,
बताइये अगला जूता किसे पड़ने वाला है?,.........


और हाँ प्रश्न का सही उत्तर मिलने पर हमारी और से नकद धनराशी इनाम देने की भी व्यवस्था है, मगर जवाब बिल्कुल ठीक होना चाहिए तो लगाइए अंदाजा और कीजिये एस ऍम एस कहाँ किस नंबर पर, ये भी बता देंगे जल्दी क्या भाई.....

रविवार, 12 अप्रैल 2009

रोड रोलर से काहे जी, गरीब रथ से काहे नहीं कहे ?

चुनाव प्रचार के बाद शाम को मंत्री जे निवास पर जब रोजाना के कार्यक्रमों की समीक्षा चल रही थे और भविष्य कीयोज्नायें बन रही थी, तब न जाने कहाँ से देहाती बाबु को ये एक्सक्लूसिव बातचीत सुनने को मिल गयी, लीजिये ख़ास आपके लिए हाजिर है उस उन्सेंसेर्द वार्तालाप के मुख्या अंश. ध्यान रहे की ये बात ब्लॉगजगत के बाहर न जाए क्यूंकि आजकल सुना है की मीडिया वाले इसी फिराक में लगे रहते हैं की कौन सी एक्सक्लूसिव ख़बर ब्लॉगजगत से उठा कर अपने यहाँ चला दी जाए, खैर तो पेश है वो बातचीत:-

“ई जी, देख रहे हम काटना बढिया प्रचार कर रहे हैं, हमरा कोंफीदेंस तो अब एकदम बढ़ गया है , का कमाल का स्पीच दे रहे हैं, है की नहीं.” मंत्रानी बोली.

“अरे ई का कह रही हो, हमको नहीं पता है का , ऊ तो हमको ताभीये तुम्हरा पी ई टेलीफोन से बता दिया था की मालिकिन खूबे गरिया दी हैं सबको, हम समाजः गए की जाऊँ पोलोतिक्स हम तुमको इतना दिन से समझाने का कोशिश कर रहे थे ऊ तुमका अब समझ में आया है . हमको लग गया था की तुम भी हमरे वाला रास्ता पकड़ ली हो और देर सवेर तुम्हरो पर ई बात के लिए मुकदमा हो जायेगा.” मंत्री जे ने समझाया “

मंत्रनी अपनी तारीफ सुन कर जोश में आकर बोले, “मुदा ई आपको का हो गया है ई बरुन्मा के लिए कहे ऐसा कह रहे थे की हम यदि ई होते ता ऊ कर देते, हमरा मतलब कौनो बड़ा मंत्री होते ता ससुरा के रोड रोलर के नीचे दबा देते अरे इससे बढ़िया ता ई रहता की कहते की गरीब रथ के नीचे कटवा देते, अरे प्रचार ता होता, और फ़िर कहे बरुन्मा कहे हो, का पता कल ओकरे सरकार आ जाए आ हम लोग के उसके साथ ही मंत्री बनना पड़े, ता ई ठीक न न लगेगा. अरे और कुछों नहीं ता ओकरी मैया यदि मंत्री बन गयी ता ई अपना गाया बहिन्सिया सब पले के कारण जेल में डलवा दे देगी. आपहु साथिया गए हैं “

“अरे धुत बुद्बद्क ,तुमको अभी पोल्तिस पुरा सीखना न पडेगा, ई सब कुछ नहीं होअगा, और ई का कह रही हो की उससे हाथ मिलाना पडेगा, सरकार बने के बाद. धीरे बोलो कौनो सुन लिए ता पहले ता ऊ पार्टी ऍफ़ आई आर दर्ज करा दिहिस है , अ भी करवा देगी. फ़िर ऐसन थोद्बे होता है आरे पार्टी का भी कौनो उसूल होता है, ऐसे कैसे किसी से भी मिल जायेंगे “ मंत्री जी तुन्ना कर समझाया.

“अरे जाइए जाइए, उसूल होता है , हम ता देख लिए की खाली मंत्री बनना ही मकसद होता है, कौन उसूल और कौन सिद्धांत, ई हमरा मत बतैयी” मंत्रानी हैं हैं
करके हंसती हुई चल दी .

ई हमका एक न एक दिन जरूर मरवाएगी. मंत्री जी सोच रहे थे.
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