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तस्वीर , गूगल से साभार |
सरकार ने आम जनता को भरपूर आश्वासन देते हुए आश्वस्त किया है कि वो सिर्फ़ लट्ठ नहीं चला रही है और काबिल मंत्री (सरकार के काबिल मंत्री वो हैं जो खूब बोलते हैं , उनका म्यूट बटन का सॉफ़्टवेयर फ़ुंक गया है ., और ज्यादा काबिल वो हैं , जो तब भी नहीं बोलते जब उन्हें बोलना होता है ) सिर्फ़ बोल बक ही नहीं रहे बल्कि ड्राफ़्ट तैयार कर रहे हैं । ओफ़्फ़ो चेक ड्राफ़्ट वाला ड्राफ़्ट नहीं जी , अब बेचारी सरकार के पास पैसे ही नहीं बचे । अब तो मजबूर होकर सरकार को अपने खाए -पीए -अघाए और अब जेल में सुस्ताए अपने सूरमाओं की जनौती संपत्ति ( जैसे बाप की बपौती होती है , जनता के जनौती होती है ) को कुर्क ज़ब्त करके अपने खर्चे के लिए सफ़ेद धन का जुगाड कर रही है , बांकी जो सारा धन था वो तो काला हो गया । अब तो वैज्ञानिक भी मन रहे हैं कि हो न हो हाल ही में जो चांद को छिपा कर रात काली हो गई थी वो भी इसके कारण ही हुई थी । तो सरकार ये कह रही है कि अब जब जनता इत्ती लाठियां खाने के बाद भी चाहती है कि सरकार कुछ और भी पेश करे तो सरकार भी अब ड्राफ़्ट तैयार करके कुछ न कुछ तो लेकर आएगी ही ।
सरकार ने थोडी तब्दीली की मंशा ज़ाहिर की है । सरकार बोले तो कुल एक जमा एक = दो मंत्री जी ने यार दी है कि चूंकि जनता ने अपने ढंग से सोचा विचारा है और इसलिए इसका नाम "जनलोकपाल " बिल रख कर सोच रही है लेकिन सरकार का सारा ध्यान इन दिनों धन पर लगा हुआ है इसलिए सरकार जल्दी ही एक "धनलोकपाल " बिल लेकर आएगी । इस बिल से सरकार धन के लिए एक ऐसा "धनलोकपाल" नियुक्त करेगी जो धन के साथ साध धनियों को एक तरह तिहाड जाने से बचने के उपाय बताए और दूसरी तरफ़ बाबा, अन्ना जैसी तेज़ नज़रों से भी उन्हें बचाने के लिए बीस सूत्री योजना बनाए । सरकार की नज़र में तो एक "धनलोकपालिका " का नाम है भी । "धनलोकपालिका जी " ठीक "नगरपालिका" की तरह ही काम करेंगीं । न "नगरपालिका" का काम दिखाई देता है और न" धनलोकपालिका" का खाता दिखाई देगा ।
धनलोकपालिका का चयन उसी योग्यता के आधार पर किया गया है जिस आधार पर बचपन में क्रिकेट टीम के कप्तान का चयन होता था , यानि जिसका बल्ला वही कप्तान और उसी हिसाब से जिसके पास सबसे ज्यादा धन वही धनलोकपाल नियुक्त हो सकेगा ..तो आइए स्वागत करिए ..देश के नए धनपालकों का .