फ़ॉलोअर

मंगलवार, 11 मार्च 2025

बिहार की शराबबंदी या शराब में बिहारबंदी

 



सोच कर देखिये कितनी मजेदार बात है न जिस प्रदेश में शराब की बंदी हो और वो भी पिछले कई सालों से और सरकार ,प्रशासन पुलिस सब इस बात की ख़ुशी भी जाहिर करते हों वहां असलियत ये है कि पूरा प्रदेश ही शराब की लत में ऐसा फंसा हुआ है जिसे आप शराब में बिहार बंदी कह सकते हैं।  

कुछ वर्ष पहले दीपावली और कालीपूजा के अवसर पर गृह प्रदेश बिहार जाना हुआ तब ये सारा खेल अपनी आँखों से देख कर आया कि असल में जिस शराब के क्रय विक्रय को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का दावा किया जा रहा है और जताया बताया दिखाया जा रहा है उससे उलट अब तो घर बैठे ही कच्ची , पक्की देसी , अंग्रेजी शराब , ठर्रा , सब उपलब्ध कराया जा रहा है।  

मुझे ये भी समझाया गया कि शराब वितरण के इस तंत्र के भी कुछ अपने कायदे और कोडिंग है , मसलन फोन पर व्हाट्सअप पर जब शराब मंगवाने के लिए ऑर्डर दिया लिया जाता है वो वो होता है चवन्नी , अठन्नी और रुपया यानी क्वार्टर , अद्धा और पूरी बोतल ,वाह कितनी नायाब तरकीब है।  इसके अलावा देसी और नकली शराब की तो पहले से ही पौ बारह है इसलिए गाहे बेगाहे नकली शराब पीकर परलोक सिधारने वाले मद्य वीरों की ख़बरें अक्सर पढ़ने देखने सुनंने को मिल ही जाती है।  

इसके अलावा जो खबर नियमित रूप से देखने पढ़ने को मिलती है वो होती है पुलिस की छापेमारी में शराब और शराब तस्करों की पकड़ा पकड़ी और गिरफ़्तारी की खबर और इसके साथ ही कहीं को कोई बड़ा अधिकारी , चिकित्सक , व्यापारी और उनके साथी जो शराब की पार्टी जलसा करते पकडे जाते हैं।  



सब के सब शामिल हैं इस कारोबार में
हर आदमी पड़ा हुआ है शराब के प्यार में 


शराब पीकर अपनी दयनीय स्थिति को और अधिक नारकीय और भयानक करता बिहार का समाज कभी अपने आप को रोग मुक्त कर पाएगा इस बात की उम्मीद दूर दूर तक नहीं दिखाई देती।  

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...