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शनिवार, 4 अगस्त 2012

आम आदमी को बडा करिए .....






सियासत कमज़ोर है और डरपोक भी , सीना तान के अडा करिए ,
क्यों डिग जाता है विश्वास जरा से झटके से , विश्वास को खडा करिए ,
हर बार कोई क्यों लडे आपके लिए , आपकी लडाई है खुद लडा करिए,
लोकतंत्र में सबसे बडा है आम आदमी , तो आम आदमी को बडा करिए,

इतना बडा कि वो सब कुछ लील जाए , और सियासत की हर कुर्सी छील जाए


"अब जो होना है हो जाने दो , एक आध को भी खो जाने दो ,
जो जगे हैं उन्हें झिंझोडे रखो , जो उंघ रहें हैं उन्हें सो जाने दो,
नहीं होगा , नहीं होगा कब तक होगा ,अबकि तो ये हो जाने दो,
होती है कयामत तो हो जाए , अब क्रांति बीज़ को बो जाने दो ,"

9 अगस्त को ही क्यों 10 , 11 ,12 और तमाम तारीखों में नई नई क्रांतियों को जन्म लेने दो , जनलोकपाल ही क्यों , कालेधन का मुद्दा ही क्यों , भ्रष्टाचार , न्यायिक कदाचार , जमाखोरी , टैक्स चोरी ..सबको मुद्दा बनाओ और इतनी लडाइयां शुरू करो कि सियासत की रुह कांप उठे । निराशा से बाहर निकलो पागलों कि ये महज़ कुछ कुर्सियां हैं ,तोड डालो इनके पाए और धरती पर ले आओ इन्हें । उठो आगे बढो ,एक दूसरे का साथ दो और बढते चलो



ये क्यूं नहीं देखते आप कि इस उथल पुथल ने ,
आम आदमी को इक आम आदमी के साथ जोड दिया,
ये जो उठे हैं आज हाथ मुट्ठी बन के एक साथ , देखिएगा
कल बनके मुक्का इन्हीं मुट्ठियों ने , जो न सियासत का मुंह तोड दिया ।

और यकीन जानिए कि ऐसा होगा और जरूर होगा



जो ये हमारा ही कसूर है ,कि आज सियासत होके बैठी है मगरूर ,
तो तोडेगी अवाम ही इक दिन , और टूटेगा कुर्सी का ये गरूर ,
बेशक नए चेहरे होंगे और नई लडाई भी हो सकती है ,
बेशक हम रहें न रहें , लेकिन ये तय है ये सत्ता नहीं रहेगी जरूर ..

और उस दिन का इंतज़ार रहेगा

खडे रहो बुत बने हुए इसी तरह अगर तुम अपने साथ खुद चल नहीं सकते ,
खुद नहीं बदलना चाहते , कहते फ़िर रहे, वो ,व्यवस्था को बदल नहीं सकते
जो घुटने टेक दिए तुमने आज यहीं तो फ़िर लड तुम , कल नहीं सकते ,
जो सोना हो तो तप के कुंदन बनो , चंद चिंगारियों से यूं जल नहीं सकते
,



सवाल उठाया/पूछा जा रहा है कि क्या अन्ना टीम को राजनीति में आना चाहिए ..जवाब सिर्फ़ एक ..क्यों नहीं ..मेरे ख्याल से तो हर ईमानदार , काबिल और क्षमतावान को राजनीति में आना चाहिए ....नहीं आ रहे हैं तभी तो ये हाल है ..लेकिन सवाल का उत्तर हां या ना में देने से इतर मैं सोच रहा हूं कि ..जनलोकपाल विधेयक ...ये मुद्दा और इस मुद्दे की लडाई आज कहां है ..अब बाबा रामदेव का .विदेशों से काला धन वापस लाने का मुद्दा लडा जाना प्रस्तावित है ..उसे भी हो जाने दिया जाए , इस सरकार को सांस लेने की फ़ुर्सत नहीं दी जानी चाहिए । व्यवस्था परिवर्तन ....ये बहुत बडा सवाल है ..हल करने में बरसों लगेंगे और लगें भी तो हल किया ही जाना चाहिए ..अभी तो सिर्फ़ एक बात घूम रही है दिमाग में ,

आज के सबक को आप कुछ यूं पढिए ,
अपनी अपनी लडाई अब खुद लडिए ,.....

कैसे ये तय करना होगा ..प्रश्न बहुत सारे हैं ..विस्तार से लिखने का प्रयास करता हूं जल्दी ही.........

रविवार, 3 जून 2012

वो साढे सात साल की उम्र के " भाई साहब "







"भाई साहब मुझे भी "

मंदिर की कतार में खडे उस शख्स ने, जो यूं तो एकटक मंदिर के प्रवेश द्वार के पीछे भगवान की मूरत और वहां साथ ही दीवार पर लगी पर अपना ध्यान लगाए हुए थे , अचानक ही मुड कर उस आवाज़ की ओर देखा । हमेशा की तरह ,मंगलवार और शनिवार को एक निश्चित समय पर कुछ गरीब लोगों नुमा जीवों (उन्हें वो जिस तरह से हाथ पसार कर दूसरे के सामने खाने के लिए कुछ , प्रसाद के रूप में मिल जाने के लिए कुछ , और अन्य सभी तरह के कुछ की खातिर हाथ फ़ैलाए बैठे देखता उससे उसे अंदाज़ा हो गया था कि ये मानव शरीर प्राप्त वो जीव हैं जिन्हें अब भी दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती बिना किसी की दया के , इसलिए वे गरीब नुमा लोग जीव ही हैं )का एक झुंड मंदिर के बाहर बैठ जाता । 


मंदिर में आने वाले भक्त , मंदिर के अंदर जाते , प्रभु के दर्शन करते और फ़िर जब बाहर निकलते तो कभी प्रसाद , कभी फ़ल , कभी कुछ और जिसको जितना देना होता उस झुंड में बांट कर चले जाते । कुछ लोग अपनी मनौती के पूरे होने के बाद तो कुछ अपनी या अपने किसी प्रिय हेतु , घर से कुछ खाद्य पदार्थ , कभी पूरी सब्जी , कभी केले , कभी बिस्कुट , कभी कुछ और , बना कर लाते और उन झुंडों के जीवों को बांट कर चले जाते । ये क्रम कब से और कहां से चलता हुआ यहां तक पहुंचा ये शोध का विषय हो सकता है , अलबत्ता सरकार या प्रशासन के लिए ये कोई मुद्दा , मौका , समस्या , जैसा कुछ भी नहीं है सो इस पर उनसे कैसी भी अपेक्षा रखना बेमानी है । खैर तो उस दिन भी वो भक्त , मंदिर के बाहर अपनी बारी के आने का इंतज़ार कर रहा था

"भाई साहब मुझे भी ", उसने चौंक कर उधर देखा , क्योंकि ये आवाज़ एक बच्चे की थी , अमूमन तौर पर बच्चों के मुंह से अंकल मुझे भी या बाबू जी मुझे भी जैसा ही कुछ सुनने को मिलता है , सो चौंक उठना लाजिमी था । उसने देखा कि पांच उससे भी कम बरस का एक छोटा सा बच्चा जो उस जीवों के झुंड का एक हिस्सा था , ये आवाज़ उसकी थी । हैरान कर देने वाली बात ये थी कि वो जिसे भाई साहब कह रहा था , वो भाई साहब , एक साढे सात आठ साल का बच्चा था जो अपने माता पिता के साथ मंदिर आया हुआ था , दोनों हाथों में छोले पूरी के दोने लिए हुए एक एक करके उस झुंड के सभी लोगों में बांट रहा था ॥

बच्चा जो पांच साल का था उसके मुंह से ये स्वाभाविक तौर पर निकला था शायद , वजह ये थी शायद कि उसे लगा कि कहीं वो बच्चा , अपने किसी बचपने में कहीं उसे छोड न जाए । मंदिर की कतार में प्रभु के दर्शन पाने के लिए खडे उस व्यक्ति की दिमाग में यही बात गूंज रही थी और वो ईश्वर से पूछ रहा था कि बताओ प्रभु ,

"आखिर ये तुम्हारी दुनिया में एक पांच साल का बच्चा , कुछ खाने के लिए पाने की आस में एक साढे सात साल के बच्चे को भाई साहब  कहने को क्यों मजबूर है ????"

गुरुवार, 31 मई 2012

आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ..........











जब पिटरोल प्राईस बढाने का डिसीजन लिए थे बैड ,
उससे पहिले मंतरी जी लोग यही साईत देख रहे थे ऐड,
(आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ....आज कुछ तूफ़ानी करते हैं )




सुबह अखबार में एक ठो जाने कैसी तो खबर छपी थी सैड ,
तेज़ रफ़्तार बाईक ने मारी टक्कर ,दो घायल एक डैड ,
(ऊ भी साईत घर से देख के निकले थे इहे ऐड , आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ...आज कुछ तूफ़ानी करते हैं)




रिज्लट का सुन के , पूछे पापा , हाऊ मच नंबर यू गॉट माई लैड ,
बचवा खुश , हुलस के बोलिस , टोटल नाइटीएट परसेंट डैड ,
(परीक्षा देवे जाए से पहिले ऊहो साईत देख के निकला था ई ऐड , ...आज कुछ तूफ़ानी करते हैं , आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ....)




जीता केकेआर त पगलेटवा शाहरूख , झूम के हो गया एकदम मैड ,
पूछा राज़ जीत का , त गंभीरवा धीरे से कान में बोला , ई था हमरा लकी पैड ,
(बकिया टीम को हम मैच से पहले दिखा दिए थे ई ऐड .......आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ...आज कुछ तूफ़ानी करते हैं)




रिज्लट का सुन के , पूछे पापा , हाऊ मच नंबर यू गॉट माई लैड ,
बचवा खुश , हुलस के बोलिस , टोटल नाइटीएट परसेंट डैड ,
(परीक्षा देवे जाए से पहिले ऊहो साईत देख के निकला था ई ऐड , ...आज कुछ तूफ़ानी करते हैं , आज कुछ तूफ़ानी करते हैं ..)

गुरुवार, 24 मई 2012

आओ ब्लॉगिंग की हम वाट लगाएं ...........












आओ ब्लॉगिंग की हम वाट लगाएं ,
सुलग रही चिंगारी पर घी डाल कर आग लगाएं ,

जब संपादक मैग्जीनों अखबारों के खूब गरियाते ,
तो फ़िर ब्लॉगर ही खुद ब्लॉगिंग को काहे नहीं गरियाएं ,

दाम लगे न फ़िटकरी , रंग भी चोखा आए ,
अपमान करे ये किसकी हिम्मत , सम्मान भी काहे करवाएं ,

बवाल हो ,बेमिसाल हो, फ़ौरन ही सब दौडे  आएं ,
अपना ब्लॉग है फ़िर काहे नहीं मौज की अपनी खाट बिछाएं ,

रसातल में ले चलें लो इसको, चलो इतनी फ़िर भद्द पिटाएं ,
छोड शब्द विचार तर्क , आओ मित्रों, अब लट्ठ उठाएं ,

कोई नया सोचे न कभी भी , उसके मन को इतना कल्पाएं ,
धधक धधक के जले रे ब्लॉगिंग , ब्लॉगर से पेट्रोल बन जाएं ,

माहौल मिज़ाज़ है गर्म यहां अभी , चल रही है देखो गर्म हवाएं ,
लाल बुझक्कड के सब नाना , फ़िर काहे किसी को समझाएं ,

छोडिए अब ये गदहा पचीसी , क्यों न ऐसा नियम बनाएं ,
लेखन पर ही हो बात हमेशा , ब्लॉगर का क्यों नाम ही लाएं ??

या फ़िर ब्लॉगिंग तो , नासपीटी , कब की होली ,
चलिए अपन भी अब , भाड में जाएं , भाड में जाएं ॥ 

शनिवार, 19 मई 2012

समाचार नहीं - सम अचार हैं ये ..अहा खट्टा मीठा






संसद में पेश होगा मनरेगा का लेखा-झोखा ,
अबे छोडो , डायरेक्ट बताओ , जनता को दिया है कितना धोखा
(बस रकमवा बता के छोड दीजिए जी , बकिया चलित्तर तो आपका जानबे करती है जनता)


राज्यसभा में 21 को पेश हो सकता है विधेयक लोकपाल ,
अरे छोडिए ई बेकार है मुद्दा , आप तो करिए कार्टूनवा आ आईपीएल पे बवाल ,
(ई कईसन हुआ रे हाल , हाकिम खुदे हैं चंडाल)


मंजूर हुई जमानत , तिहाड जेल से रिहा हो गए राज़ा ,
खूब कटा है केक , फ़ूटे पटाखे घर पे , और बजा बैंड बाजा
(हां हां आखिरकार शूरवीर ..कारगिल फ़तह करके न आए हैं , सरबे शर्म होती त डूब मरते)


माया के भ्रष्टाचार जांच को , अखिलेश जल्दी ही गठित करेंगे इक आयोग ,
अबे भक्क , ई साला जांच और आयोग का , पूरे देश को लगा हुआ है रोग ,
(एक बात बताओ बे , अबे लूट का पैसा तो असूले नय पाते हो किसी से ...कद्दू का जांच आ सुथनी का आयोग)


पिछला कै दिन तक जोर जोर से सब ढोल था पीटा ,संसद का उमर हो गया साठ ,
आ एतना दिन से रोज़ है बैठता , गिन के साला ,काम नहीं किया कुल आठ
(आ ई लोग को दरमाहा फ़ुल्ल चाहिए ...फ़ुल्लम फ़ुल्ल)


सौर उर्जा से संचालित होंगे , शहर के सारे बिजली घर ,
इसी भरपूर रोशनी में , मैच होगा , चीयर गर्ल्स मटकाएंगी कमर ,
(अबे ससुरों , जिन गावों में बसा अंधेरा , रुख करो न कभी उधर ...हट्ट बे बकवासे समाचार है ई सब)


अवैध वसूली को लेकर , इलाहाबाद में, जमकर हुआ बवाल ,
आयं , अभी तो इत्ता कांफ़िडेंटली बाबू अखिलेश आदेश दिए कमाल
(ई साला पोलटिकल आदेश के उलटा ही हो जाता है , आउर दीजीए पंद्रह दिन का टैम हो अखिलेस बाबू)


एमबीबीएस डॉक्टरों को देनी होगी गांवों में एक वर्ष की सेवा ,
एक साल में मरीज़ खतम सब , फ़िर शहरन में खूब उडावें मेवा ,
(केतना फ़रक किए शहर गांव में , सरकार , हे देवा रे देवा)


बोले राम गोपाल वर्मा , जो मुझे पसंद है वही पिक्चर बनाता हूं ,
पब्लिक का घंटा समझेगी , कई बार तो खुद भी समझ नहीं मैं पाता हूं
(डरना जरूरी है कि डरना मना है ..आज तकले साला संस्पेसवे बना है)


आईपीएल के खिलाग कीर्ति आजाद करेंगे आमरण अनशन ,
का बात करते हैं सर जी , आप भी लगावें सट्टा और जीतें भरपूर धन
(चलता रहेगा ई खेलवा टनाटन , कोई लगावे मन , आ कोई दिखावे तन)


15 दिन में सुधारो कानून व्यवस्था ,अईसन अफ़सरों को मिला है आदेश ,
एक पखवाडे में ठीक हो जाए सब , चाहते हैं नयका सीएम अखिलेश
(जे बात ...ऊपी में है दम , लेकिन टाईम दिए हैं कम ..का सर सोलवहां दिन से मरजेंसी लागू करने बाले हैं क्या हो)


उडी बाबा , बोली हैं ममता दीदी , शाहरूख पर लगे बैन पर फ़िर से हो विचार
फ़िर से माने , हां हां एकदम्मे जी , इनको परमानेंट ही बाहर करो न यार ,
(ई पी पा के फ़िर से करें डिरामा , फ़िलाप पिक्चर दे कर हिट करे हंगामा)


ब्लॉगजगत में गर्मागर्मी ,आजकल ,मची है पुरस्कारों की मारामारी जी ,
हर कोई कहता यही है सबसे ,अईसे नहीं चलेगा , पहिले सुनो राय हमारी जी
(तभी तो मैं कहता हू ," ब्लॉगिंग में उठा बवाल , ब्लॉगिंग को मिला उछाल ".....)


राहुल बाबा बोलिस हैं :कांग्रेस को हरा रहे हैं खुद पार्टी के नेता ,
तो का करें बेचारे , अब हर कोइयो थोडे न बन जाएगा गांधी फ़ैमिली का बेटा
(ए बेट्टा राहुल ....तनिक सरनेमवा हटाओ , आ तब ई जरा बोल के दिखाओ ..रगड देगा तुमहीको तुम्हरा पज़ा पालटी रे )..


फ़िज़ूलखर्ची पर सरकार हुई सख्त , उठाने जा रही है सख्त कदम ,
अच्छा , कौन सी सरकार बे , जिसके मंतरी कर रहे घोटाले धमाधम
(साले चुटकुल्ला सुना रहे हो भोरे भोरे)


105 अरब डॉलर की हुई कंपनी , आईपीओ से फ़ेसबुक हो गया मालामाल ,
आयं , चलो रे पेंसन चालू करो अब , नय तो हमारा भी हिस्सा दो निकाल
(रे जुकरबर्गवा ..ई साला पूरा दिन खटते रहें हम लोग , आ शेयर माल पीटो तुम ...बहुत नाइंसाफ़ी है गब्बर)


झारखंड में 14 विधायकों व मंत्रियों के ठिकानों पर पडा है सीबीआई का छापा ,
ल्यो अबे थक गए सुन सुन कर , ई बताओ आज तक तुमने कितनों को नापा
(न पैसा पाते हो वसूल , न कानून का शूल , सब जाते धीरे धीरे भूल ...बंद करो बे ई डिरामा छापा छापा का)


महिला से दुर्व्यवहार के आरोप में रॉयल टीम का एक खिलाडी हुआ गिरफ़्तार ,
काहे का रॉयल बे टुच्चों , साले जेंटलमेन खेल का बेडा गर्क कर दिए यार
(तनिक और करो बंटाधार ...ताकि ससुरा परमांनेन्टली बंद हुई जावे)


मंगलवार, 15 मई 2012

मेरा तो यही अंदाज़े बयां है .......















कार्टून पर प्रतिबंध लगाओ , फ़ेसबुक और गूगल को कर दो चाहे बैन ,
मैं उठा के कोयले का टुकडा, लिखूंगा सडकों पे ,छीनूंगा तुम्हारा चैन
(लगाओ न लगाम मेरी सोच पे , बोलो है , हिम्मत)


लखनऊ में निर्मल बाबा के खिलाफ़ मुकदमा हो गया दर्ज़ ,
लेकिन बाबा टीभी पर अब भी कर रहे किरपा , सुन रहे हैं सबका मर्ज़
(दसबंदी का करो इंतज़ाम ले ले करके कर्ज़ ...ई देस में बाबा एंड ढाबा ,दुन्नो फ़ुल इस्पीड में चलते हैं)


ये मत भूलना सियासत , हम ही लोकतंत्र हैं ,हम इस देश की अवाम हैं ,
हमसे ही वज़ूद है तुम्हारा , हम ही आगाज़ हैं और हम ही तुम्हारा अंज़ाम हैं
(जो हम मिट्टी तो तुम मिट्टी , जो हम पानी तो तुम पानी ....).


अनु आगा ने शपथ ले ली , सचिन और रेखा का अब हो रहा इंतज़ार ,
टी एन शेषण , किरन बेदी , जैसों को बुलाने की कभी हिम्मत दिखाओ यार
(बोलो है हिम्मत , अबे ओ मजबूत जोड के लोकतंत्र वालों)


सेना में अनुशासनहीनता पर हुआ रक्षा मंत्रालय सख्त ,
संसद की अनुशानहीनता के लिए मगर आपको कितन चाहिए वक्त
(जीर्ण शीर्ण सी काया तेरी ..और श्वेत तुम्हारा रक्त)


बोले हैं चाचा गडकरी ,अगिले चुनाव में राजग फ़िर सत्ता में आएगा ,
भिम बार से मांज मांज के फ़िर से , इंडिया शाईन कराएगा ..
(निरमान से लेकर साइनिंग तक ,भाई लोग इंडिया को चमका के ही मानेंगे)


साठ साल की हो गई संसद , लोकतंत्र का जरूर मनाओ जश्न ,
कितने साल और चाहिए होने को परिपक्व , उठ रहा मन में प्रश्न


राजधानी एक्सप्रेस में घटिया खाना , खाके सांसद समेत कई हुए बीमार ,
अच्छा बेट्टा तभी खबर है आई , टरेन में तो अईसने खाना रोज़े मिलता है यार ॥
(दीदी ..आपनी देखते होबि कि ना ..ई कि गंडोगोल होईचे रे बाबा)


साठ साल की हुई रे संसद , पीएम विशेष सत्र में बोले हैं ,
चलो शुक्र है आखिरकार , रिटायरमेंट की उम्र में मुंह तो अपना खोले हैं


राष्ट्रहित सर्वोपरि है , बोलीं अध्यक्षा , सीरीमती मीरा कुमार ,
पब्लिक तो समझबे करती है , तनिक नेताजी को भी तो समझाओ कोई यार



बोले हैं पिरधान जी , लोकतंत्र हुआ और भी मजबूत ,
ल्यो और सुनो ,अबे ई लोकतंतर है कि है लोकतंतर का भूत
(लोकतंतर तो कब्बे का भईया जी शुशाईईईईईड कर लिया हो पिरधान जी)


बोले चचा अडवाणी कल , पार्टियां करें एक दूसरे की विचारधारा का सम्मान ,
घनघोर घोटाला करके साइन करें इंडिया , आ घपला से करें भारत निरमान
(गनवा आता है न जी कि गा के सुनाएं , हो रहा भारत निरमान)



गिलानी ने कहा , हाफ़िज़ के खिलाफ़ सबूत नहीं हमरे पास ,
भेज दो इंडिया ,बिरयानी खिलाएंगे ,उहां तो साला खाता होगा घास
(अबे कसाब बना नवाब , आप देखे नहीं जनाब ???)



राष्ट्रपति ओबामा पर क्लिंटन हैं नाराज़ , दिया पद छोडने का सुझाव ,
अबे अईसा का करे दिहिस ओबमवा हिलेरी को , अचानक काहे इत्ता ताव
(कौनो भित्तर का है घाव , कुछो समझे नहीं रे भाव ..)


बोले बाबू जेटली ,सुधार की जरूरत है , भारतीय राजनीति की तस्वीर में ,
कद्दू सुधरेगी तस्वीर पोलटिक्स की , जब अईसन नेता हैं, देश के तकदीर में
(अबे फ़ेंको उठा के सबको गंगा जी के तीर में)


एयरसेल में अधिक विदेशी निवेश है , आया जांच के घेरे में ,
ल्यो एक बढी और मुसीबत , फ़िर से फ़ंस गए लुंगी बाबू फ़ेरे में
(लुंगी बाबू ...बोले तो ..???)


भाजपा से भली है कांग्रेस , अभी अभी फ़रमाए हैं , येदुरप्पा ,
हा हा हा मेडम्म का गुणगान किए हैं , मान के अपना पप्पा
(पोलटिस जो न कराए , बप्पा रे बप्पा)



साख को लेकर चिंतित संसद , गरिमा बनाए रखने का पास हुआ प्रस्ताव ,
अबे शाख की चिंता जाने दो , जड काट के ,दे चुके ,पहिले ही गहरा घाव ,
(काम धाम कुछ करते नहीं , बस खाओ फ़ैला के पांव)



झूठी निष्ठा , झूठी चिंता , झूठी है संवेदना , तुम्हारा जब सफ़ेद हुआ है खून ,
भूख ,अपराध , भ्रष्टाचार कुछ भी नहीं दिखता , तुम्हारा मुद्दा है बस इक कार्टून



साठ साल का हुआ लोकतंत्र कल से तुम पीटे जा रहे हो ढोल ,
काले धन , जन लोकपाल , भ्रष्टाचार पर मुंह से एक भी फ़ूटे नहीं रे बोल
(अबे कोई एक तो बोलता - भक्क साला , दु पईसा का औकात नहीं है)


बोले हैं बाबू लुंगी , मार डालो , पर ईमान पर , मत उठाओ सवाल ,
अच्छा बेटा लुंगी , हम क्वेश्चन भी न करें , तुम उडाते जाओ माल ,
(काहे हो गए पीले लाल , नोट पीट रहा है तुम्हरा लाल)



टेलिविजन चैनल एक घंटे में 12 मिनट से ज्यादा विज्ञापन नहीं दिखाएंगे ,
आयं ! ई का , लेकिन एक घंटे में दिखाने लायक , कार्यक्रम कहां से लाएंगे ,
(देखिए हो मर्दे , विज्ञापन दिखाइए कि कार्यक्रम , दुन्नो कूडा ही है आजकल)



पोंटी चड्ढा की मुश्किलें बढीं , पकडी गई 175 करोड की अघोषित आय ,
हाथी के संग थी दोस्ती , तो इतना तो खाना बनता ही था , हाय हाय ,
(ई बहिन जी के रिलेटिव भाई जी हैं ..)


अबे तुमसे कार्टून तक तो संभाले नहीं जाते , क्या खाक तुम हो बडे हुए ,
साठ साल साठ साल गा रहे हो कल , हो बैसाखी पर अब तक खडे हुए ..
(लूलों लगडों की सरकार , दुहाई तोरी बुद्धि रे)


जिन बच्चों का हवाला देकर ,माननीय भकभका के ,किताबों से कार्टून रहे हैं हटा,
तुम क्या समझे इसका मतलब , और वो क्या समझे , उनसे ही पूछ के देखो ज़रा
(मुझे यकीन है कि वो तुमसे ज्यादा समझदार हैं , न मानो , तो पूछ लो)


पूछी सीरीमती जी , कैसा हल्ला मचा है आजकल , खबरों में क्यूं है इतना है लोड ,
हमने समझाया, साठ साल का हुआ लोकतंत्र , संसद का चल रहा है महाएपिसोड ,
(ऊ फ़ौरन अंडरइश्टैंड कर गईं , महाएपिसोड एकदम्मे लपक के बूझ गईं)

शनिवार, 12 मई 2012

जश्ट ...झा जी इश्टाईल

















जरूरी ये नहीं कि आपने उठाई है आवाज़ , लेकिन उसे उठाया है क्या आज ,
शुरू तो होगी लडाई जरूर , आप नहीं करेंगे तो अगली नस्ल करेगी आगाज़




अल जवाहिरी के अपने यहां होने से पाकिस्तान ने किया इनकार ,
हा हा हा अईसे नय मानेगा , अबे एक अमेरिकी हेलिकाप्टर भेजो यार


राजमा-चावल पिरधान जी , पिरधानी मिली हैं पिज़्ज़ा ,
भभोड के खाए देस को , दुन्नो ले रहे मज्जा , जरूर मिलेगी सज़्ज़ा




सुने हैं कि , इस देश में बढता जा रहा है उर्ज़ा का संकट ,
बढबे करेगा जब इत्ता हेलोजन जलेगा , आ बेचोगे आईपीएल का टिकट


(अबे इश्टेडियमवा सबमें का सौर उर्ज़ा फ़िट किए महाराज)


राष्ट्रपति पद की दावेदारी पर कांग्रेस हो गई है मौन ,
जब सबके नाम पर है इत्ती दुविधा तो महामहिम फ़िर बनेगा कौन


(बाबा को ही अपाइंट किया जाए ..बा देस पर फ़ुल्ल किरपा बना देंगे)




इंडिया में भर रहे चोर लुटेरे दिन रात , फ़िर भी भरती नहीं उनकी तिज़ोरी रे ,
भारत में रोज़ मर रहे हैं भूखे , सरकार सडा रही है अन्न , रखने को नहीं बोरी रे




सब्जियों की कीमत पर नहीं गल रही है सरकार की दाल
अबे ये सरकार की इनायत है , सब्जी सब्जी नहीं लगती , दाल लगे न दाल


ल्यों और सुनो : कैंसर के ईलाज में मददगार होगी हल्दी ,
तुम खबरवे छापो , हल्दिया का पेटेंट करा लेगा अमरीका तुमसे जल्दी


(सुस्तियास्टिक गोरमेंट ....सुस्त एंड स्लीपी सरकार)




मिसेज़ हिलेरी : सईद मामले में अमेरिका पाक पर दबाव बनाएगा ,
अभे भक्क साला , भगाओ इसको , बदले में अमेरिकवा डील कोई खराब बनाएगा


(अबे फ़िर बेचने आई होगी मेडम्म ,कोई नया मशीन)




बोल दिए हैं फ़िर से बबा रामदेव , हाय दिल्ली पहुंच गए हैं डाकू ,
हाय हाय बाबा कपालभारती : जब तब चलावें सरकार करेजा चाकू


(सरकरवा कलेजा चाक चाक हुई जाए रहे)




हिलेरी आर्डर दिहिस है , भारत , ईरान से दूरी बनाए रखे ,
ई है असलियत , अबे इत्ते दिन , महाशक्ति बनने का तुम बस सपना दिखाए रखे


(माने अब ई अमेरिका से पूंछें कि स्कूटर में केतना तेल भराना है बे )




सिकूरटी मुनिस्टर माने रक्षा मंत्री : सेना हर चुनौती का मुकाबला करने को तैयार,
जे बात , तैयारी में , घटिया टिरक तो हईए है , बस खरीद लो घटिया से हथियार


राष्ट्रपति चुनाव पर पलट रहे हैं खूब सारे दांव ,
कट्टल हैं जी , कभी पांव पे कुल्हाडी , कभी कुल्हाडी पे पांव


(हाय लुट गया सारा गांव)


आज चांद होगा पृथ्वी के सबसे पास ,
दाल रोटी पे आफ़त है , खाने को मिलेगी घास


(चांदवा एतना महंगाई अफ़ोर्ड नय कर सकेगा पक्का)




विश्व खेल जगत में भारत के खिलाडियों का हो गया बोलबाला ,
किंतु पईसा बस किरकेट में , बांकी सब झिंगालाला झिंगालाला


(ऊ लाला ऊलाला ..)


गठबंधन सरकार चलाना एक कला है : बोले हैं शरद पवार ,
आ घोटाले कर कर के चलाना विज्ञान , जियोह्ह मेरे सरकार


(केतना बेलेंस गोरमिंट मिला है आपको देखिए)




सिंघवी की जगह नाईक बने संसदीय समिति के अध्यक्ष ,
चलो ठीक है , ओईसे पुरनका वाले भी थे कई काम में दक्ष


(उनका तो चलचित्र तक फ़िल्माया गया था जी)




अबे ई जो माननीय, मिनट मिनट पे , अपने मान अपमान का रोना गा रहे हैं ,
इन्हें समझाओ यार , सेवक हैं ,बस , पांच साल का प्रोबेशनरी ड्यूटी बजा रहे हैं


(अबे परमानेंट भी नहीं हो यार , तब एतना हल्ला मचाते हो)




पिरधान जी की बैठक में असहमति , एनसीटीसी को किया सबने खारिज़ ,
दुर अपने तो बौक हैं , मुरुतिया जैसे , सरकार को खुदे मार गया है फ़ालिज़


(बौक माने गूंगा , बोले तो MUTE , बूझे न)




दादा मुखर्जी बोले हैं , गठबंधन सरकारें बाधक है सुधारों ,
तो का हुआ , अबे बटोर लो , घोटाले तो हो रहे न हज़ारों में


(अरे हज़ारों मतलब , हज़ार लाख करोड जी)




उत्तर पिरदेस में परमोसन में आरक्षण का सिस्टम हुआ खतम ,
अबे देखना , पाल्लामेंट में गर्मी होगा , उबल जाएंगे बलम


(संसोधन होगा फ़ौरन ही , आ फ़िर वही सिस्टम ..हो बोलो तारारा)




यूपीएससी के परिणाम में में लडकियों ने फ़िर से बजाया डंका ,
इसके बावजूद भी हम रोज़ जलाते रावण , मगर देस हो गया लंका


(कमाल तो तब हो जब , ये सब दुर्गा रूप निकलें , शत्रु संहार को तत्पर)






ई देस का अजबे ट्रेजडी , एक तरफ़ तो दावा कि पहुंचेंगे अपना राकेट लेके MOON
आ दूसरी तरफ़ है मचा बवेला , साठ साल में भी समझ ना आए इन्हें कार्टून




बोफ़ोर्स के बाद पहली बार मिलने जा रही है सेना को नई तोप ,
चलो भई , सेना को हो न हो फ़ायदा , घोटाले का मिला नया स्कोप

गुरुवार, 3 मई 2012

झा जी रिपोर्टिंग बैक सर जी





पिछले दिनों अनियमित रहने के बाद अब फ़िर से गाडी को पटरी पर लाने की फ़ुल्लम फ़ुल्ल तैयारी चल रही है । इन दिनों जो कुछ पढते देखते रहे , और उस पढ देख कर जो भी ये मन बेसाख्ता सा कुछ कह गया .,..लीजीए आपके सामने है
.





संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण होगा हंगामेदार ,
अबे बाहर भी कोई कम हंगामा , नहीं करते हो यार
.

अक्षय तृतीया पर आज 15 टन सोना बिकने की है उम्मीद ,
दस परसेंट को लेने दो बे , नब्बे प्रतिशत, तो सब्जी रहे खरीद ..
.

ल्यो डूब गया एक और टाइटेनिक और उसका भेलन्टाईन ,
हाय अबकि तो सुने हैं , आसिक को करना पडा रिजाईन
.

ल्यो भईया हुई जाओ तैय्यार , साइड इफ़्फ़ेक्ट ऑफ़ ...टू जी घोटाला ,
कॉल रेट , बढेगा इत्ता कि बस , गाते रहोगे पुतरा ...ऊ लाला , ऊ लाला
.

चार साल के बच्चे ने खिलौना न लाने पर पिता को गोली दी मार ,
ओह यानि कि महाप्रलय न भी आए तो , दुनिया अब खतम ही समझें यार
.

लोकपाल पर कम हुए मदभेद : ई अब कह रही है सरकार ,
आयं , अबे अईसा का देख लिया , फ़ट्ट बदल लिए बिचार
.

केंद्र सरकार में फ़ेरबदल के संकेत , पद छोडने को चार मंत्री भी तैयार ,
आयं, अबे ई का , अबे अब तो फ़ुल्ल शर्म कर लो , अब तो गिर जाए सरकार
.

वित्त राज्यमंत्री बोले , नियंत्रण मुक्त होंगी कीमतें , यानि डीज़ल में लगेगी आग ,
उठाओ रे लाठी प्रजाजनों , थकूच डालो , बहुत फ़न बढा रहा है महंगाई का नाग
.

इंडिया में पोलटिस्स की रे कैसी बजी है बैंड ,
खुदे सरकार अपने एम पी सब को कर रही सस्पैंड
.

ल्यो जी ताजा ताजा सुन रहे हैं अभी ई घनघोर समाचार ,
सालों पहले एक ठो महाअभिनेता , नेता होते ही , हुए एक नेता के शिकार
.

अबे बंद करो ई चैनल सौ ठो , फ़ोड के फ़ेंकों इस रिमोट को यार ,
दिन रात करें हैं ओवर टाईम , मगर दिखा नहीं सकते "चित्रहार "
.

जो गद्दियों पर बिठाना जानते हैं ठाकुर , उन्हें सियासत फ़ूंक देना भी आता है ,
हम हैं जो समझाया ,मिटा देते है सब , मिटाने से पहले भला कौन समझाता है
.

पोलटिस खराब ,पोलटिसियन भी खराब , का अब मत मचाइए हल्ला ,
लो चली सियासत चाल रे ऐसी , संसद में बैठे आइला , ले कर अपना बल्ला
.

सरकार के हैं सारे घोटाले और घोटाले की सरकार है ,
भूख से होती हर मौत की , सरकार ही जिम्मेदार है
.

सुस्त है रफ़्तार यूं , जाने इस देश में तभी क्या क्या न हो रहा है ,
रोज़ होते घपले घोटालों के धमाकें में , कैसे मज़े से सो रहा है ..
.

अन्ना हज़ारे ने रखी भ्रष्टाचार के खिलाफ़ यूएन संधि लागू करने की मांग ,
हो गया लागू , जब एक ठो बिल अपना पास करने में सरकार की कांप रही रे टांग
.

बोफ़ोर्स घोटाले में अमिताभ को फ़ंसाने का दबाव था ,
अबे ई तो सबको पता था कि , तुम्हरा इंटेसन पहिले भी खराब था
.

सियासी पिच पर अब मास्टर बिलास्टर अपना बल्ला भाजेंगे ,
आ इसी को अपना महान काम बता के हाकिम नाचेंगे
.

अईसन अचूक टाईम पे बोफ़ोर्स से दगा , अमिताभ जी का बयान ,
आइला को एमपी बनाया , समझ नय रहा है कोई ,खुश हो कि हैरान
.

ऊ पी के बाद महाराष्ट्र में भी करेंगे दौरा , अईसा किए है राहुल बबा डिसाईड ,
हा हा हा हा तैयार रहो बे महाराष्ट्र कांग्रेस , बोलो भईया जी शुशाईईईईईईईड



हा हा हा माननीय सबका इन दिनों हाय घनघोर चल रहा अपमान,
बार बार लुटने का दे रहे दोहाई , अबे का अब घंटा बचा सम्मान


रामदेव बाबा पर बिफ़र गई , सारी सियासी जमात ,
अबे गनीमत है जो बोल रहे हैं , जनता तो लगाएगी लात ..


बताइए हो ई खबर है , ममता दीदी ने गाना गाया ,ममता दीदी ने खाना खाया
नौटंकी , दाती बाबा ,कपिलवा चुटकुला, न्यूज़ है, हाय कैसा ये जमाना आया



बजट के बाद कई मंत्रियों पे गिरेगी गाज , बदली नज़र आएगी दिल्ली सरकार
अबे ई का खबर है बे , दुन्नो लुटेरा है , काहे का बजट और काहे की सरकार..



यूपी में एक और घोटला, एफआईआर हुई दर्ज.
हाय हाय डाक्टर बदल गया , मगर बदला नहीं रे मर्ज़


अबे सुनो , ई महामहिम के नाम पे , इतना जादे करो नहीं बिचार ,
फ़ुल्ल देस पे हो जाएगी किरपा , ई बाबा को ही बना दो यार ..




तो दोस्तों , आपसे पहले ही कह चुके हैं कि ब्लॉगिंग को अभी घनघोर ब्लॉगिंग की जरूरत है , सो हे मित्रों , लिक्खाडों , और पढाकुओं , सब तैयार हो जाएं , अपनी उंगली की मालिश करा लें , उसे पेचकस से कस लें और फ़ौरन ही रिपोर्ट करें 

गुरुवार, 8 मार्च 2012

चिन्हिए तो ...हम भी हैं क्या






ई प्रागैतिहासिक काल में जब हम होली मनाया करते थे ..तबका एक ठो छवि चित्र संग्रहालय में से छांट के जब तब हम अईसे अवसर पर इहां साट देते हैं ..चिन्हिए तो ..हम भी हैं क्या

सोमवार, 30 जनवरी 2012

महाशतक से पहिले महाप्रलय आ गया किरकेट टीम पर




भारतीय क्रिकेट टीम आखिरकार कंगारूओं के देश में कूद कूद के चलना तो दूर चारो खाने चित्त हो गई वो भी इत्ती चित्त कि देश की सेंटी जनता सेंटीमेंटल होकर अपनी उस टीम का जलूस निकालने में लग गई जिस टीम के विश्व कप जीतने पर जनता ने खुद जलूस निकाला था ।

भारतीय टीम कंगारूओं के साथ रेस में फ़िसड्डी आई , कोई बात नहीं अब दौडेंगे तो जीतेंगे भी और फ़िसड्डी भी आएंगे , लेकिन जुलम पे महाजुलम ये हुआ कि शतक तो शतक ससुरा एक महाशतक नहीं बन पाया । तेंदुलकर जेतना टेंसन में अपना इंडिया टीवी से बिंदिया टीवी तक हलकान हैं । तमाम विश्लेषक , कमेंटेटर सब आलोचना से लेकर नोचना तक चालू रखे हुए हैं । हो भी काहे नय ,पायदान से लेकर पोजीसन तक सब्बे डाऊन हो गिया । ऊपर से कोहलिया जम के उंगलबाजी भी कर दिए ओन्ने  ।कौनो खिलडिया सबका रिटायरमेंटी का बात कर रहा है तो कह रहा है कि हटाओ बुढबा सबको । माने कुल मिला के जईसे किरकेट हाकी हुई गई ,हाकी का प्रेस्टीज़ नय , हाकी का मारकेट भैल्यू के हिसाब से बोले हैं । 



अरे जगिए जनार्दन , आईपीएल आ रहा है बस समझिए कि झिंगालाला नर्तकियों के करेजा मार परफ़ारमेंस के बीच कलरफ़ुल ट्वेंटी-ट्वेंटी का लुत्फ़ उठाते हुए आप अपने इन्वैस्टमेंट का डायरेक्ट मल्टीप्लीकेशन होता देख सकते हैं अरे माने सट्टा इन्वैस्टमेंट फ़ेस्टीवल सेलिब्रेट करते हैं न ।

एक से एक लंगडा लूलहा ,कनहा कोतडा टाईप का भी तमाम खेलाडी जम के बल्ला भाजेंगे आ चौआ छग्गा पर बडी जोर से लोग नाचेंगे त समझ जाइएगा कि कंगारूआ सब के साथ ए लंगडी टांग का त किरकेट को कुछ समय के लिए बिंटर भकेसन पर भेज देना चाहिए , आ कुछ समय बाद । हा ..हा ....हा....हा...हा.. दुर मरदे कुछ समय बाद तो महाप्रलय आइए जाएगा , ससुरा महासतक बने कि न बने ।



रविवार, 29 जनवरी 2012

सतियानासी मोबाइलवा










उस दिन एक ठो सहकर्मी दोस कहे कि चलिए एक ठो नयका मॉडल का मोबाइल दिलवाइए , हम कहे कि तो ई में हमको काहे ले जा रहे हैं महाराज , हम तो टेक्नीकली एतना स्ट्रॉंग हैं कि कै मर्तबे तो अपना मोबाइल का मॉडल का नाम ही भूल जाते हैं । खैर उनके साथ हम भी लद के दुकान तक चल दिए । उहां मित्र जी मोबाइल दिखाने वाली बालिका से मित्र ने फ़ोन खरीदने से पहिले टोटल जानकारी मांग लिया ,कैमरा , एफ़एम ,इंटरनेट , जीपीएस , जीपीआरएस , और जाने कौन कौन आईएएस आईपीएस तक सब कुछ , बालिका भी हुलस के सब को एकदम डिटेल में समझा बुझा दी । मित्र से हम धीरे से बोले , अमां ई तो पूछो बे कि फ़ोन से फ़ोन तो किया सुना जा सकेगा न बढियां से , दोस हमको ई निगाह से देखे मानो कह रहे हों ...इह्ह्ह्ह! रहिएगा झा जी के झा जी न । अरे ई कौनो पूछने वाला बात है जी । आगे हम चिंतन मोड में चले गए 


हम सोच रहे थे कि अब ई ससुरा मोबाइल खाली दूरभाष नय रहा । बल्कि ई कहें कि दूरभाष के अलावे ही सब कुछ हो गया तो साईत ठीक रहेगा । माथा को थोडा डोलाके जब विसराम पोजीसन में लाकर हिसाब किताब लगाए तो देखे कि अरिस्स सरबा ई मोबाईलवा तो बहुत कुछ को लील गया जी । एक समय हुआ करता था , चिट्ठी पत्री वाला जमाना ऊ में भी हमारे जैसा चिट्ठकडा । एक लंबर के चिट्ठी लिखडुआ बन गए थे । हालत ई कि नौ ठो पत्र मित्र के अलावे रेडियो, समाचारपत्र , पत्रिका आदि में घनघोर रूप से चिट्ठई चलता था । गाम में मां को लिखी चिट्ठी अब भी उनका बक्सा में धरल है ।जानते हैं कि मां एक एक चिट्ठी को पचास पचास बार बढ जाती थी । पहिले फ़ोन फ़िर ई मोबाईल पूरे रामखटोला को बंद कर दिया । फ़ोनवे पर परनामपाती हाल समाचार डायरेक्ट फ़ेस टू फ़ेस ,बस हो गिया बंटाधार लेकिन कभी मोबाइल पर मां से ऊ बात सब नय कह सके जो चिट्ठी में तफ़सील से कहते थे । 

अरे चिट्ठी आ पेजर को मारिए गोली ई मोबाइलवा तो ट्रिन ट्रिन वाला फ़ोनवो को डुबा दिहिस । घनन घनन वाला गोलका डायल वाला मोटका फ़ोन त अब खाली इश्टार गोल्ड का पुरना सिनेमा में ही दिखाई देता है । आ फ़ोनवा के साथ एक टैम में खूबे चला फ़ोन घर अरे पीसीओ महाराज , एक एक रुपैय्या डाल के बतियाने वाला भी आ फ़ोटो स्टेट के साथ एक दू फ़ोन रखके बतियाए वाला निजि पीसीओ । अरे मानिएगा , कै मर्तबा तो लाईन लगाना पडता था । त ई मोबाइल पीसीओ , जेसीओ आऊर जेतना भी ओ था सबको गीर गया , आप लोग के इंग्लिश में बोले तो दे वर डंप्ड । लेकिन आह ,क्या मजा आता था एक रुपये का सिक्का डाल के तीन मिनट का कॉल करने में आ फ़िर आखिर का आधा मिनट में टूं .टूं ..टूं  , माने कि जो ई गपियाना चालू रखना है तो दक्षिणा बढाओ तात । और जब कौनो आसिक अपनी मसूका , रूठी हुई मासूका , सोचिए कि सुपरलेटिव डिग्री का इंतहा है ई पोजीसन मासूका का , उसको फ़ोन अप्र दुनिया के तमाम परपोगेंडा करके मनाने के लिए एक दर्ज़न सिका मुट्ठी में धर के आपसे अगिला नंबर पे टकर जाए तो तीन सिक्का के बाद आप दुनिया के तमाम लैला मजनूं को भरपेट गरियाए बिना नहीं रह सकते थे । आज ई मोबाईलवापे तो परेम संदेस को भी फ़ारवर्ड टू ऑल करके पूरे परेम का फ़ेम बजा डाला है रे बबा । 

गाम में होते थे तो कनपट्टी से रेडियो सटले रहता था हर हमेसा ही । पूरा दिन आ रात एवररेडी मनोरंजन समाचार सबे कुछ । दिल्ली आए तो पता चला कि एन्ने शर्ट वेव कौनो बनमानुस आउर एम एम घरेलू बुझाता है ।खैर बहुत समय तक कीन कीन कर रेडियो सुनते रहे । अब ई मोबाईल पांडे का भीतर एक दर्ज़न से जादे एफ़एम चैनल धर लेता है , आ कमाल ई है कि चौबीसों घंटा बौखता रहता है । कान में कनट्ठुस्सी लगाए गर्दन टेढा किए मोटरगाडी को चलाते बतियाते दिख जाएं तो समझ जाइए कि मोबाइलीटाईटिस से पीडित हैं कौनो । कैमरा का हाल तो पूछिए मत ,ओईसे तो डिजिटल कैमरा आ मूवी कैम जैईसन इनका अपना वसंज सब ही पुरना कैमरा का बेडा गर्क किया है अब त सुने हैं कोडक वाला सब दिवालिया घोषित हो गिया बेचारे सब , लेकिन मोबाइल के हाथ में आने से कुकर्म से सुकर्म टाईम का तमाम चित्रकारी आ भित्तिकला से ससिकला तक का पिरदरसन कर रहा है भाई लोग । मोबाइलवा का कैमरा देख के ही पहली बार जाने बूझे कि मेगा पिक्सल भी कोई चीज़ होता है आऊर ऊ गाडी के एक्सल से अलग होता है । 

चलिए एतना सब तो झेला जाता है फ़िर भी लेकिन ई मोबाइलवा जौन ची सबसे जादे खतम हो गया ऊ है अपना आज़ादी , अपना एकांत , अपना सुकून ..जब देखो तब टूं टूं टूंटूटूटू ..कन्ने हैं का कर रहे हैं , का करने जा रहे हैं , का कर के आ रे हैं , बिल्लैय्या रे बिल्लैय्या ..अबे ई मोबाईल हौ कि जसूस रे । कै बार तो मन किया  कि उठा के फ़ेंक दें टेंटुआ दबा के इसका लेकिन अब तो कंपलसरी सबजेक्ट हो गया ही सतियानासी मोबाइलवा । जादे लिखेंगे न तो सोनी का किराईम पेट्रोल वाला सब आ जाएगा लडने ,काहे से कि उ सबका टोटले केस मोबाईले से सुलझा लेता है । 

रविवार, 15 जनवरी 2012

पिछले दिनों प्रकाशित कुछ आलेख


पिछले दिनों ,डाक से प्राप्त हुए कुछ प्रकाशित आलेख ।आलेखों को पढने के लिए छवि के ऊपर चटका भर लगा दें । आलेख अलग खिडकी में बडे होकर खुल जाएंगे जिन्हें सुविधानुसार पढा जा सकता है ।


वीर प्रताप ,जालंधर

रांची एक्सप्रेस , रांची

सीमा संदेश ,श्रीगंगानगर , राजस्थान

व्यापार गणेश ,भोपाल, मध्यप्रदेश
 

अभी तक क्राइम टाइम्स , साप्ताहिक ,दिल्ली


बुधवार, 4 जनवरी 2012

अबे कितना सोओगे , का पत्थर हो जाओगे





ल्यो , अबे उत्तम पिरदेस में अफ़वाह उठी, कि, सोए तो पत्थर हो जाओगे ,
जियोह्ह क्या उडाए हो , अबे हो ही जाओ , मानुस रहे तो , हथिनी तले पिचाओगे

अबे जागो बे , ई अफ़वाह का माने है कि , अबे और कित्ता सोते रहोगे , पत्थर बन जाओगे क्या , जागो ..और अभी जागो , और इस बार कुछ अईसा जागो कि सियासत हनहनाते रह जाए । ई पिछला बरस साठ साल में पहली मर्तबा आपका कुंभकरनी नींद से डोला हिला तंद्रा तोडने का जो पिरयास चला , उसीका परिणाम है कि आज सब राजनीतिक दल कम से कम एक बात में तो किलियर हो ही गया । एको गो पलटिया आ एक्को गो नेताजी मंत्रीजी लोग बिल्कुल नय चाहता है कि कोई भी भ्रष्टाचार हटाने के लिए कुछ भी सोचने करने का सोचे , ई हक टोटल में टोटल ,गोल घर को ही प्राप्त है । साड्डा हक एत्थे रख ...चिचियाने के लिए ..आ खास करके ..ई कि उ चिचियाना लोग सुने भी तो आपको रिसि कपूर ,का बेटा होना नेसेसरी हो जाता है । त आपको का लगा , गिटार ले के आपहु कन्नो साड्डा हक करेंगे आ ..जनार्दन से जार्डन बन जाएंगे ..अरे , जार्डन ,फ़िलीपींस छोडिए , बनरपट्टी दास बनके रह जाएंगे , सिलेमा के उलट होता है जी रियलटी में ।






एक तो साला इहां , हवाई जहाज उडे न उडे , आ ई कोहरा में का खाक उडेगा , देखा जाए हालते तस्स्वुर कि ,

आठ विमान रद्द , कई लेट , टरनों के भी थमे पहिए ,
अबे हटो , हुर्रर्र , हर साल का इहे रोना है ,कुछ तो, नया कहिए ...

साले हर साल ..वाय दिन कोहरा वेरी , कोहरा बेरी गाते रहते हो भर ठंडा


तो जहाज उडे न उडे , अफ़वाह तो गज्जबे उडता है , अभी कुछ दिन पहिले का काला बंदरवा याद है कि भूल गए हो । अबे दिन दहाडे गोरा बंदर ,भूरा बंदर ,काना बंदर ,सब कुछ लुट्टम लुट्ट मचाए है , आ लोग बताह काला बंदर  के लिए , सोच रहे हैं कि अगर इंडिया टीवी वाला सब तब होता त बेचारा काला बंदर पे कै ठो एक्सकिलुसिव रपट दिखा डालता । लेकिन खैर , काला बंदरवा का बैड लक , आ मानिए तो इंडिया टीवी का भी एतना ब्राइट एपिसोड भी हुश गया  आप की अदालत  में साक्षात्कार होता काला बंदर का । चलिए छोडिए बंदरवा को , काहे और कितना उंगली किया जाए ।


तो कुल मिला के हुआ ये कि , कल परसों की रात बात ये फ़ैली कि , जो सोएगा वो पत्थर का हो जाएगा । अबे सोएगा से मतलब ,आलरेडी सोया ही तो है , न त एक बात बताओ सवा सौ अरब को सवा पांच सौ लोग मुगली घुट्टी पिलाते जा रहा है , दो बूंद जिंदगी के ,बांकी टोटल बूंद देसी के । लेकिन इसका एक लाभकारी ज्ञान ये हुआ कि यदि आप अभी निसाचर कटेगरी का नेटियास्टिक बंदा से पूरा रात उल्लू के जईसे बईठ कर घंटापचीसी बांचते रहते हैं तो ई फ़ैदा है कि ,आप ललटेन बन जाएं ,कुर्सी पर एक्के पोज में बैठल बैठल केकडा दास बन जाएं ,पत्थर तो नहिएं बनेंगे । तो हे , पार्थ , पहिचानो सबका स्वार्थ , आ टोटल समझो भावार्थ कि

अबे जागो हे जनता , आ जनार्दन बनके दिखाओ अब ,
अबे या तो सो ही जाओ ,या पत्थर ही हो जाओ अब ॥


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