ई प्रागैतिहासिक काल में जब हम होली मनाया करते थे ..तबका एक ठो छवि चित्र
संग्रहालय में से छांट के जब तब हम अईसे अवसर पर इहां साट देते हैं
..चिन्हिए तो ..हम भी हैं क्या
पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..
सबसे आगे वाले को कौन नहीं पहचानेगा.
जवाब देंहटाएंजी हाँ ,आप तो सामने ही बैठे हैं ...
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सबसे आगे तो बैठे हैं ... कौन नहीं पहचानेगा ??????? होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआप दिख गये, दायें बिराजे हैं, रंगे पूरा..
जवाब देंहटाएंबहुत जोर लग रहे हो बिटवा । :)
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें ।
पता नहीं कौन से भय्या... पर यह दाई ओर खूब सारा पाउडर मल कर जो बैठा है, वोह कुछ जाना पहचाना लग रहा है.. खैर....
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक हो!
दांयी और तो आप ही अल्युमोनियम पैंट लगा कर बैठे दिख रहे हैं ... होली की शुभकामनाएं
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