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गुरुवार, 15 नवंबर 2007

का औज़ार है ई मोबईल्वा ?

"देखो भैया ई नायका मोबाईल लिए हैं। का कलर है, का फीचर है । " झबरू ख़ुशी से झूमते हुए हमसे कहिस।

हमरा त पहिले से ही ओकर पर नज़र पडल था सो रहा नहीं गया, " रे झाबरुआ , तनिक खोल के दिखाओ बताओ। ई त एकदम छोटकी गो टी वी लग रहा है रे"

"टी वी , अरे झोल्तानमा भैया ई त टी वी के भी बाप है। आवा हम बताते हैं एकर खुबिया । ई देखौ ई रहियो है सब ऐफाम चैनैल्वा पकड़ लेट है। ई है ऍम पी थ्री , माने भुझो त छोट-मोट गो टेप रेकर्देर हो। ई है कैमरा ;फोटो किचे खातिर। आ जानत हो इमें कोनो रील -फील डाले का जरूरत नहीं है। ई है वीदेओ रिकार्डिंग। आरे एही से त पिछला महीना में ऊ पण्डे जी के लड़कियां वाला ऍम ऍम अस कानदवा नहीं हुआ था । आ ई है एकदम लेटेस्ट कोनो पिक्चुर सिनेमा लोड कर के मज़ा ला। झोल्तान्मा भैया कोनो सिनेमा -ई टाइप चाहे ऊ टाइप"

जैसे -जैसे झाब्रुआ बताते जा रहा था हमरे चेहरा का चमक बढ़ते ही जा रहा था। मुदा फेर हमका कुछ याद आया । अरे झाबरुआ रे ई त ना बताया कि ई से बतियाया कैसे जाता है रे,रे मोबाईल त बतियावे खातिर न होता है?

झोल्तानमा भैया ऊ हमका नहीं पता । ओइसे भी आजकल मोबाईल से सुब बतियुआते कम हैं aaur dosar kaam jaade hotaa hain.हाँ सुने हैं कि mobaaeelwa में कोनो kaarad lagtaa hai batiyawe khaatir.

अच्छा झाब्रुआ je हमरे राशन kaarad से काम chaltau त ले जाओ।

अरे नहीं bhaiyaa ee baatava kaa kamaal ke auzaar hai ee mobaaeelwaa?

4 टिप्‍पणियां:

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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