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शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

चर्चा दो लाईना ,chitt

पिछले कुछ दिनों से अलग अलग कारणों से इतना व्यस्त रहा कि चर्चा से थोडा दूर सा हो गया था ॥मगर जैसे ही फ़ुर्सत मिली तो सोचा ...अजी सोचा क्या ॥आदत से मजबूर होकर लगा पोस्टें पढने और सहेजने ...बस चर्चा तैयार हो गई ...क्योंकि दो लाईनें तो मन में पोस्टें पढते पढते ही बन जाती हैं ॥तो लिजीये हाजिर है आज की चर्चा ॥


दिल की बात और इक छोटा सा ख्याल,
सिर्फ़ चंद पंक्तियों की पोस्ट ये कमाल


कह रहे उन्मुक्त टाईम पत्रिका नहीं पढा किजीये,
उनकी इस पोस्ट पे मालिश का मजा लिजीये ॥


बिल्लन की पहेली देखिये लोग कैसे हैं बूझ रहे,
जो बूझा करते थे, आज वही पहेली पूछ रहे ॥



ये अलबेला सी चर्चा है देखने में छुटकी,

ले रहे पोस्टों पे अलबेला जी चुटकी ॥


शास्त्री जी चर्चा रहे , करके इंदिरा जी को याद,
आप खुद देखिए, कौन सी पोस्टें हुई आबाद ॥



जब खुशियों के दीप जलें तो क्यों रहें गुमसुम,
आज तो भैय्या मक्खन की मां हो गई गुम ॥



चंद्र जी कह रहे कानूनदां ब्लोगर दें ध्यान,
आप भी पहुंचे ढूंढें, इसका समाधान ॥



आज देखिये किसकी खबर ले रहे इरफ़ान,
तूलिका ने घेर लिया देसी तालिबान ॥



कह रहे मा साब, बिन गुरु ज्ञान कहां से लाऊं,
आप खुदे पढिये न हम का बताऊं ॥



एलियन जी ने बीडी छोड के उठा लिया है जाम,
हाय पोस्ट ठेलने के लिये कैसे कैसे करने पडते हैं काम॥



कह रहे हैं अजदक दुनिया रही है बदल ,
अजदक जी को पढना, भैय्या संभल संभल ॥



जाने किस किस बहाने पीडी ढूंढ रहे गुमे दिन ,
कुल मिला के ई का मतबल , चैन कहां बिलागे बिन ॥


गोदियाल जी की जिंदगी कितनी चल रही मस्त,
आपको देखना पढना हो तो , यहां जाईये मस्ट ॥




पांडे जी के मन में आज हलचल मचाए है गाय और अरहर की दाल,
ई हलचलवा हमेशा की तरह मचा रहा कमाल....॥




महफ़ूज भाई ने कर दी कुछ ऐसी शुरुआत,
अनिल जी को भी आ गई पुराने दिनों की याद॥



एक कवि को जब पुरानी यादें आती हैं ,
पढिये उससे कैसे कविता कहाती हैं ॥



पूजा की लहरों में सुबह खोई खोई,
जब सुबह खो गवा तो दिन का का होई॥




तो आज के लिये इतना ही .....देख रहे हैं न आप चर्चा मंचों का किस तरह से विस्तार हो रहा है ...और मुझे और भी खुशी होगी जब इसमें भी विविधताओं का समावेश होगा , प्रयोग किये जाएंगे.....और यकीन मानिये ये भी होगा ॥॥
रामराम...

21 टिप्‍पणियां:

  1. यह बात सच है कि चर्चा मंचों का विस्तार हो रहा, किन्तु आपका अंदाज़ ज़ुदा ही है।

    शानदार

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत लाजवाब. मजा आ गया भाई.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया चर्चा किये है झा जी आज !
    बस एसन ही लगे रहिये !

    जवाब देंहटाएं
  4. हम ने देख लिया आप का काम
    चिट्ठी-चर्चा पढ़ वसूल हुए पूरे दाम:)

    कानूनदां को ध्यान दिलाने के लिए आभार:)

    जवाब देंहटाएं
  5. सचमुच कई दिनों बाद आए .. पर हमारे लिए इतना समय निकाला .. इतनी अच्‍छी चर्चा की .. बहुत बहुत धन्‍यवाद !!

    जवाब देंहटाएं
  6. तुम इतनी देर लगाया न करो आने में
    कि भूल जाये कोई इन्तिज़ार करना भी

    जवाब देंहटाएं
  7. झा जी आज फ़िर से मस्त कर दिया जी, बहुत सुंदर
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  8. हा हा!! बहुत बढ़िया दुई दुई लाईना...

    -एलियन जी!! :)

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुते बढिया चर्चा...किन्तु थोडी छोटी !

    जवाब देंहटाएं
  10. यह दो लाइना चर्चा हमेशा ही मस्त होती है । आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  11. थोड़े से में ही बहुत कुछ अजय जी , आभार !

    जवाब देंहटाएं
  12. भाई जी जब आप इतनी अच्छी चर्चा करते हैं तो इतना इंतज़ार क्यूँ करवाते हैं...?

    जवाब देंहटाएं
  13. हम पढ़ते हैं झा जी कि चर्चा
    क्या लगना है इसमें खर्चा?

    बेहतरीन चर्चा!

    जवाब देंहटाएं
  14. आपसे तो अभी हमें बहुत कुछ सीखना है!
    बढ़िया रही चर्चा!
    बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  15. जमाये रहिये जी अपनी चर्चा-चौपाइयां!

    जवाब देंहटाएं

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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