दिन एक जुलाई समय साढ़े नौ बजे सुबह
दफ्तर के लिए निकलते हुए : " अरे हेलमेट क्यों नहीं लिया आपने ?
नहीं मास्क के साथ उसे लगाने से ये घुटन और बढ़ जाएगी | आज ऐसे ही चलते हैं |
लेकिन मास्क तो जरुरी है और हेलमेट भी , फिर अब तो आदत डालनी ही पड़ेगी | मुझे पड़ गई है न |
नहीं फिर मैं मास्क हटा कर हेलमेट पहन लेती हूँ |
मैं थोड़ा सा ठिठक जाता हूँ | दफ्तर के लिए निकलने का समय हो रहा है |
ठीक है , मास्क पहने रहो आप , हेलमेट नहीं पहनना है तो रहने दो |
दो सवारियां स्कूटी पर बैठ कर दफ्तर के निकल पड़ती हैं |
अरे ये आज इधर किधर से मोड़ लिया ?
उधर सड़क तोड़ रखी है , काम चल रहा है न इसलिए इधर से लिया है |
थोड़ी देर आगे जाते ही सामने ट्रैफिक पुलिस की पूरी टीम हाथ देती है | मैं स्कूटी आहिस्ता कर देता हूँ |
श्रीमती जी ,थोड़ा सा सकपका जाती हैं |
कांस्टेबल नजदीक आते हुए गले में लटका पहचान पत्र और नाम पट्टिका देख कर थोड़ा झिझकते हुए
अरे सर , मैडम को बिना हेलमेट क्यों लिए जा रहे हो आप ?
मैं कुछ कहूं इससे पहले ही श्रीमती जी , :
सर मास्क की वजह से और मुझे थोड़ी घुटन ज्यादा होती है |
जल्दी में निकलना था इसलिए रह गया | आगे से ध्यान रखेंगे पक्का |
पुलिस वाला थोड़ा आश्वस्त सा होता लगता है
मैं : लेकिन अब तो कैमरे में आ ही चुकी है गाड़ी सवारी और अब तो चालान करना ही पडेगा , क्यों हैं न सर ??
जी मैडम जी सर ठीक ही कह रहे हैं ,चालान मैसेज आ जाएगा अपने आप आपके फोन में |
श्रीमती जी भुनभुनाते हुए ट्रैफिक वाले को मन ही मन कोसती हैं | दफ्तर पहुँचते ही " अब बिना हेलमेट नहीं निकलेंगे कभी , बेकार में चालान हो गया |
काम ख़त्म | 24 घंटे में चालान का सन्देश आ जाता है ,1000 रूपए का जुर्माना भरना है |
न तो वो सड़क टूटी हुई थी और न ही रास्ता खराब था , उस नए रास्ते पर ट्रैफिक वाले रहते ही हैं ये सिर्फ मुझे पता था |
कहा न , मैं किसी को नहीं बख्शता , खुद को भी नहीं |
शशशशशश। .......किसी से कहियेगा मत ये बात , मुझे पता है आप नहीं बताएँगे | है न
प्रेरक कथा
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सर | आपबीती है सर
हटाएंदिलचस्प !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया और आभार मैम आपका
हटाएंउपयोगी और सार्थक
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शास्त्री जी
हटाएंजानबूझ कर चालान....😱
जवाब देंहटाएंअकेले हैं आप इस धरती पर.....किस ग्रह से पदार्पण किया है प्रभु
हा हा हा बहुत सारा स्नेह अनुज | क्या करूँ ऐसा ही हूँ मैं
हटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमहत्त्वपूर्ण बात को बड़े मजेदार ढंग से शब्दों में पिरोया है आप ने सर
जवाब देंहटाएंबधाई
बहुत बहुत शुक्रिया और आभार सरिता जी
हटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआभार आपका कीर्ति जी
हटाएंसही है ख़ुद ही चालान कटवाने उस राह पर चल दिए। मैडम को बढ़िया सबक़। अब हेल्मेट और मास्क दोनों पहनना लाज़िमी है।
जवाब देंहटाएंमजबूरी में यही करना पड़ा , गृह मंत्रालय से सीधे कौन पंगा ले
हटाएंकिसी बात को समझाने का बेहतर तरीका, खुद पर आजमाने के साथ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
सर खुद से बढ़िया और कौन होगा ऐसे प्रयोग के लिए |
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