कुछ दिनों पूर्व
समय करीब शाम के आठ बजे
स्थान : पूर्व दिल्ली की कोई गली
स्थान : पूर्व दिल्ली की कोई गली
पुत्र आयुष को जुडो कराटे की प्रशिक्षण कक्षा से वापस लेकर लौट रहा हूँ | तीन दिनों से लगातार हो रही बूंदाबांदी ने सड़क को घिचपिच सा कर दिया है | अचानक ही स्कूटी की तेज़ लाईट में सड़क के बीचों बीच कोई औंधा पड़ा है ,रौशनी सड़क पर सिर्फ आती जाती गाड़ियों से बीच बीच में पड़ती छुपती है | लोग आ जा रहे हैं , कोई देखने की ज़हमत नहीं कर रहा |
मैं अचानक ही ब्रेक लगाता हूँ पुत्र आयुष अकचका कर मुझे देखता है | दो मिनट में ही समझ जाता हूँ कि इस बारिश के मौसम में कोई युवक दिन से खूब सारी शराब उड़ेल उड़ेल के खुद को ऐसा कीड़ा/केंचुआ बना चुका है की अब उसे कोई फ़िक्र नहीं नाली में हो या सड़क पर और उसे कोई फर्क भी नहीं पड़ रहा | मैं आदतन तुरंत ही दिल्ली पुलिस को फोन करके पूरी स्थिति बताता हूँ साथ ही ये ताकीद की फ़ौरन ही इसे उठा कर अस्पताल पहुँचायें || मुझे बताया जाता है की पीसीआर की एक गाड़ी उसे देखने निकल चुकी है |
थोड़ी ही देर बाद मेरे फोन पर एक आरक्षी का फोन ,वो मुझसे जगह की बाबत पूछता है और अंदाज़ ये मानो सारी झल्लाहट इस बात की जैसे कोई गुनाह कर दिया गया हो | मेरा स्वर तल्ख़ और अंदाज़ खुरदुरा हो जाता है और फिर मजबूरन "कचहरीनामा खोल"(अपना परिचय देकर ) कर उसे डांटना पड़ता है | वो सॉरी सॉरी कह कर फोन रख देता है |
1 . शहरों में समाज मर चुका है |
२. पुलिस जो इसी समाज से है ,वर्दी पहनते ही उसकी आत्मा भी मर जाती है (अपवाद के लिए पूरी गुंजाईश है ) |
३. शराब आज देश की रगों में तेज़ाब बन के बह रहा है |
सोच रहा हूँ की शायद अदालत में कार्यरत होने के कारण स्वाभाविक रूप से निर्भय होकर पुलिस क़ानून मीडिया को बुला कर बात कर लेता हूँ ............
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (15-08-2018) को "स्वतन्त्रता का मन्त्र" (चर्चा अंक-3064) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वसंध्या पर
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
पोस्ट को मान व स्थान देने के लिए आभार
हटाएंहर कोई ऐसा नही कर पाता
जवाब देंहटाएंकोई भी आदमी पुलीस के घेरे में नहीं आना चाहता।
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है
जी आपने सच कहा मित्र | ऐसा ही है | मैं जरूर आपका ब्लॉग देखना चाहूंगा
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