सोमवार, ५ अप्रैल २०१०
फिर सावन रुत की पवन चली ……………….महेन
आज हम एक और कलाकार का आगाज़ यहाँ करना चाहते हैं जोकि कम मशहूर हैं मगर उनकी चंद गज़लें हम दो दोस्तों को बेहद पसंद आयीं थीं और हमनें उनकी कैसेट मिलकर लम्बे अरसे तक तलाश की थीं। दरअसल मुन्नी बेगम मेरे दोस्त ने पहली बार मुझे सुनाई और खुद सुनी थी और एक दिन वह एकमात्र कैसेट टूट गई। जब दूसरी कैसेट ढूँढने निकले तो पता लगा कि Western कैसेट जिसने ये कैसेट भारत में लॉन्च की थी, बंद हो गई थी।
Monday 12 April 2010
मां रोती है
बेटा जब
रोटी नहीं खाता
तब
रोती है मां,
बाद में जब
बेटा रोटी
नहीं देता
तब रोती है मां ।
यह एक दोस्त के मोबाइल फोन में पढ़े गए एक सन्देश से प्रेरित है।
Wednesday, April 14, 2010
दरकने लगीं आस्था की दीवारें
डॉ. महेश परिमल
एक लम्बे विवाद के आद अंतत: सानिया मिर्जा शोएब मलिक की हो गईं। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि एक भारतीय युवती पाकिस्तानी बन गईं। पिछले एक पखवाड़े में इस शादी के पहले कई बवंडर आए। जिसका दोनों ने मिलकर सामना किया। पर अब हालात बदल गए हैं। इस बीच कई ऐसी खबरें आईं, जिसमें सानिया की सफलता से प्रभावित होकर जिन्होंने अपनी बेटियों का नाम सानिया रखा था, वे अब स्कूलों में यह आवेदन कर रहे हैं कि उनकी बेटी का नाम बदल दिया जाए। इसी तरह जिन्होंने अपनी संस्था का नाम सानिया के नाम पर रखा था, उन्होंने भी अपनी उसका नाम बदलकर साइना नेहवाल रख दिया है।
आज वह सॉरी बोलना चाहता है...
नमिता जोशी Wednesday April 14, 2010"उसकी आंखों के नीचे इतने काले घेरे... वह तब तो कितनी सुंदर दिखती थी। बिल्कुल मनीषा कोइराला जैसी," उसने मुझसे कहा तो मैंने भी लाइट मूड में कह दिया कि कम ऑन यार, तुम 15 साल पहले की बात कर रहे हो। अब तो उसकी बेटी मनीषा कोइराला जैसी दिखती होगी।
"हां, पर यार मैं तो उसका दीवाना था... मैं ही क्या, क्लास के सारे लडके उसे अपना दिल दे बैठे थे और वह एक दिन अचानक हम सबका दिल तोडकर किसी आर्मी वाले से शादी कर गायब हो गई। अब दिखी है फेसबुक पर। जाने कहां-कहां नहीं ढूंढा उसे। माफी मांगना चाहता था..."
Wednesday 14 April 2010
विलियम बेंटिंक के उपरांत 1861 तक की न्याय व्यवस्था : भारत में विधि का इतिहास-63
विलियम बेंटिंक के बाद के गवर्नर जनरलों ने बेंटिंक की नीति का ही अनुसरण करते हुए न्याय व्यवस्था के मूल ढाँचे को यथावत बनाए रखा। 1836 में जातिगत भेदभाव पर अंकुश लगाते हुए स्पष्ट किया गया था कि कोई भी व्यक्ति जन्म और वंश के आधार पर कंपनी के न्यायालयों से मुक्त नहीं रह सकेगा। जन्म और वंश के आधार पर कोई भी व्यक्ति मुंसिफ, अमीन और सदर अमीन के पदों पर नियुक्ति के लिए योग्य या अयोग्य नहीं माना जाएगा। इस के साथ ही ब्रिटिश प्रजाजनों के मामलों में कंपनी न्यायालयों द्वारा किए गए निर्णयों की अपील केवल सुप्रीम कोर्ट में किए जाने का नियम भी समाप्त कर दिया गया। इस तरह कंपनी न्यायालयों का स्तर उन्नत ही नहीं किया गया उन्हें स्वायत्तता भी प्राप्त हो गई।
सिर्फ एक बार !
Posted by Pratik Maheshwari at १२:५० AM
काफी दिन हो गए कुछ लिखे हुए.. आपसे गुफ्तगू किये हुए.. काफी व्यस्त था नौकरी की खोज में और आखिर में मैं भी बाबू बन ही गया.. आप सभी की दुआ के लिए शुक्रिया..
मैं कभी भी सोच कर नहीं लिखता हूँ.. कभी मेरे आस-पास कुछ होता है तो लिखता हूँ.. यूँ कहें कि लिखते-लिखते सोचता हूँ और सोचते-सोचते लिखता हूँ..
पहली नौकरी लगी है और यह ख़ुशी शायद ही किसी दूसरी ख़ुशी से बढ़कर हो.. घरवाले भी खुश और हम तो ५० गुना ज्यादा खुश उनको देख कर.. मेरे काफी दोस्तों को भी नौकरी मिल चुकी है और अब बस महिना भर और रहता है जब सब अपने-अपने रास्ते इस ज़िन्दगी की दौड़ में शामिल हो जाएँगे जहाँ कोई किसी का भाई, दोस्त, यार नहीं होता है.. यह कातिल ज़माना है.. आप कमज़ोर पड़े, आप मारे गए..
मंगलवार, १३ अप्रैल २०१० प्रियंका भारद्वाज
जय झूठ बाबा की .......
गोली देना , कैप्सूल देना ,झूठ बोलना न जाने क्या क्या नाम है , पर ये सब है बड़े कमाल की चीज़......पर दोस्तों गोली देते देते परेशान हो गए है, पर क्या करे झूठ बोलना मज़बूरी हो गयी है .... सच कोई सुनना ही नहीं चाहता... चाहे दोस्तों को वक़्त पे पहुचने की गोली दे या ऑफिस में बॉस को काम पूरा करने की गोली ..... हालत ये हो गए है की एक दोस्त ने तो महान गोलीबाज का अवार्ड भी दे दिया है .... ये भाई साहब ऐसे थे जो आठ बजे पहुचने का वादा कर पहुचते थे दस बजे .... आज काम पूरा हो जाएगा बोल ...गायब हो जाते थे
सोमवार, १२ अप्रैल २०१०
सरकार को कौन बर्खास्त करे
- नरेश सोनी -
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार से राज्य की डॉ. रमन सिंह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इससे पहले उसने अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार से मांग की थी कि इस सरकार को बर्खास्त कर दिया जाए। हालांकि केन्द्र सरकार ने इस मांग को सिरे से इस आधार पर खारिज कर दिया था कि नक्सल विरोधी अभियान केन्द्र की अगुवाई में ही चल रहा है। बावजूद इसके यदि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने और जनमत तैयार करने के उद्देश्य से अभियान शुरू कर दिया है तो इसे सीधे-सीधे पार्टी हाईकमान के खिलाफ खोला गया मोर्चा कहना अतिशंयोक्तिपूर्ण नहीं होगा।
आईपीएल और ट्विटर !
April 13, 2010
दीपिका राय की कलाकृतियाँ
दीपिका राय की कलाकृतियाँ -
14 April 2010
वैसाखी का मेला
नमस्कार बच्चो ,
आपको पता है आज कौन सा दिन है ?....आज है बैसाखी पर्व पंजाब का एक सुप्रसिद्ध त्योहार । आज हम आपको बताएंगे कि यह त्योहार मनाने के पीछे क्या मान्याताएं हैं और यह त्योहार कैसे मनाया जाता है ।
वैसाखी का लगा है मेला
खुश सारे क्या गुरु क्या चेला
आओ सुनाऊँ पुरानी बात
वैसाखी का है इतिहास
सिख धर्म के दश गुरु थे
दैनिक जागरण में 'प्रेम रस'
Wednesday, April 14, 2010
कितने तो उन मयखानों में रात गुजारा करते हैं....
पशे चिलमन में वो बैठे हैं हम यहाँ से नज़ारा करते हैं
गुस्ताख हमारी आँखें हैं आँखों से पुकारा करते हैं
कोताही हो तो कैसे हो, इक ठोकर मुश्किल काम नहीं
मेरी राह के पत्थर तक मेरी ठोकर को पुकारा करते हैं
Tuesday, April 13, 2010
मेरे रात के साथी
रात तारों से बतियाने का मौका मिल आया,
हर एक के हालात जानने का समाँ आया ।
मेरी तन्हाई में जो इकट्ठे शरीक हो आये थे,
उन्हें हाल-ऐ-दिल अपना दिखाना रास आया।
Tuesday, March 23, 2010
आतंकवाद की समस्या का समाधान
आतंकवाद से सारी दुनिया जुझ रही है| आतंकवाद एक विश्व व्यापी समस्या बन गयी है और इसकी जड़े सारे ससार में फैलती जा रही हैं| दरअसल आतंकवाद प्राचीन काल से ही इस संसार में एक बड़ी समस्या के रूप में विद्यमान रहा है| इस समस्या के निदान के लिए भगवान राम का चरित्र याद आता है| भगवान राम को उनके सुख-समृद्धि पूर्ण व सदाचार युक्त शासन के लिए याद किया जाता है। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है| जो पृथ्वी पर मनुष्य रूप में असुर राजा, आसुरी आतंकवादी रावण से युद्ध लड़ने के लिए आए। उनका राम राज्य अर्थात राम का शासन शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है।
मथुरा से लौटकर.....
कहानी रामदास से शुरू नहीं होती है फिर भी कर रहा हूं।रामदास..ये जनाब बिल्कुल नहीं चाहते थे कि महुआ न्यूज की ओबी वैन वृंदावन की संकरी गलियों में कहीं फिट हो जाए और हम लाइव देने के अपने मंसूबे में कामयाब हो जाएं। बिल्कुल भी नहीं। दरअसल होली वाले दिन हमें वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से ही लाइव करनी थी और उसके ठीक एक दिन पहले हम होली गेट पर होलिकादहन कवर कर रहे थे।लिहाजा ओबी को रात 12 के करीब होली गेट से हमने मूव कराया।पहले ही लगा था कि ओबी को जगह नहीं मिलेगी।जी न्यूज की दो ओबी के पीछे महुआ न्यूज की ओबी लगी तो लेकिन ट्रैक करने में दिक्कत आ गई।सो हमने पास ही एकमात्र बड़े मकान के दरबान रामदास से बिनती की
Tuesday, 13 April 2010
चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रहित में जारी(एक व्यंग्य आवेदन पत्र)----->>>दीपक 'मशाल'
एक मित्र द्वारा भेजे गए भविष्य के चुनावों के लिए लोकसभा प्रत्याशी के लिए आवेदन पत्र-
लोकसभा के चुनाव में प्रत्याशी के लिए आवेदन पत्र
१- आवेदनकर्ता का नाम- ___________________________________________________________
२-वर्तमान पता-
जेल का नाम- ___________________________________________________________
कोठरी क्रमांक- ___________________________________________________________
३- राजनीतिक दल का नाम-
(कृपया अपनी पिछली पांच पार्टियों के नाम समय के साथ क्रमानुसार लिखें)
उसने भिखारी से आठ आने का आटा खरीदा था
मेरा बचपन महाराष्ट्र के भंडारा नामक कस्बे में बीता है । यह किस्सा उन दिनों का है जब मेरी उम्र 15 -16 साल रही होगी । मेरे पड़ोस में मेरा मित्र भगवान रहाटे रहा करता था । भगवान से छोटी एक बहन थी और एक छोटा भाई । भगवान के पिता उसके बचपन में ही दुनिया छोड़ गये थे और माँ बीड़ी बनाकर पूरे परिवार का गुज़ारा करती थी । मेरी और भगवान की बहुत गहरी दोस्ती थी । वह रोज़ शाम मेरे घर आ जाता था । फिर हम दोनो अपने एक और मित्र नईम खान के यहाँ जाते । फिर हम तीनों भंडारा की सड़कें नापने निकल जाया करते । रास्ते भर हम लोगों की बातचीत चलती रहती . डॉ.आम्बेडकर का जीवन उनके जीवन की प्रमुख घटनायें ,महाड़ सत्याग्रह , नाशिक सत्याग्रह , पूना पैक्ट , यह सब पहले पहल उसीसे जाना था मैने
आज के लिए इतना ही , उम्मीद है कि आपको ये झलकियां और उससे अधिक पोस्टें भी पसंद आएंगी…………
बेहद प्रभाव शाली लिन्क दिये हैं
जवाब देंहटाएंआभार जी
झलकियाँ अच्छी हैं...एक झलकी हम जोड़े ई देत हैं...
जवाब देंहटाएंशशि थरूर और पब्लिसिटी ट्रिक
ek alag chhap chhodti ye charcha pasand aati hai har baar
जवाब देंहटाएंclass apart ! very heart-warming style , full of genuine concern !
जवाब देंहटाएंयह अच्छी स्टाइल है।
जवाब देंहटाएंचिट्ठा खुद बोले!
बहुत बढिया रहा यह स्टाइल भी !!
जवाब देंहटाएंझलकियों का यह प्रयोग भी बढ़िया है । बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंप्रयोग सराहनीय है
जवाब देंहटाएंजारी रखें
बेहतरीन कवरेज!! आभार!
जवाब देंहटाएंबहुते लाजवाब,
जवाब देंहटाएंरामराम.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह झा जी! आपने इतने अच्छे अच्छे लिंक्स दिये हैं कि उन्हें पढ़ने में खो गया और किसी और ब्लोग में करने वाली टिप्पणी को यहाँ दे डाला। अब उसे मिटा कर यह टिप्पणी कर रहा हूँ।
जवाब देंहटाएंचर्चा तो हइये हैं धूम धडाक लेकिन आज कल आपका ब्लॉग का रंग संयोजन बहुत कमाल है.....माने सच कह रहे हैं...
जवाब देंहटाएंहाँ नाहीत तो...!!
different style mein sundar aur badhiya charcha.
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDAR
जवाब देंहटाएंACHA COLLECTION HE
SHEKHAR KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत बढ़िया चर्चा...शुक्रिया अच्छे लिंक्स के लिए
जवाब देंहटाएं