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रविवार, 12 अप्रैल 2009

रोड रोलर से काहे जी, गरीब रथ से काहे नहीं कहे ?

चुनाव प्रचार के बाद शाम को मंत्री जे निवास पर जब रोजाना के कार्यक्रमों की समीक्षा चल रही थे और भविष्य कीयोज्नायें बन रही थी, तब न जाने कहाँ से देहाती बाबु को ये एक्सक्लूसिव बातचीत सुनने को मिल गयी, लीजिये ख़ास आपके लिए हाजिर है उस उन्सेंसेर्द वार्तालाप के मुख्या अंश. ध्यान रहे की ये बात ब्लॉगजगत के बाहर न जाए क्यूंकि आजकल सुना है की मीडिया वाले इसी फिराक में लगे रहते हैं की कौन सी एक्सक्लूसिव ख़बर ब्लॉगजगत से उठा कर अपने यहाँ चला दी जाए, खैर तो पेश है वो बातचीत:-

“ई जी, देख रहे हम काटना बढिया प्रचार कर रहे हैं, हमरा कोंफीदेंस तो अब एकदम बढ़ गया है , का कमाल का स्पीच दे रहे हैं, है की नहीं.” मंत्रानी बोली.

“अरे ई का कह रही हो, हमको नहीं पता है का , ऊ तो हमको ताभीये तुम्हरा पी ई टेलीफोन से बता दिया था की मालिकिन खूबे गरिया दी हैं सबको, हम समाजः गए की जाऊँ पोलोतिक्स हम तुमको इतना दिन से समझाने का कोशिश कर रहे थे ऊ तुमका अब समझ में आया है . हमको लग गया था की तुम भी हमरे वाला रास्ता पकड़ ली हो और देर सवेर तुम्हरो पर ई बात के लिए मुकदमा हो जायेगा.” मंत्री जे ने समझाया “

मंत्रनी अपनी तारीफ सुन कर जोश में आकर बोले, “मुदा ई आपको का हो गया है ई बरुन्मा के लिए कहे ऐसा कह रहे थे की हम यदि ई होते ता ऊ कर देते, हमरा मतलब कौनो बड़ा मंत्री होते ता ससुरा के रोड रोलर के नीचे दबा देते अरे इससे बढ़िया ता ई रहता की कहते की गरीब रथ के नीचे कटवा देते, अरे प्रचार ता होता, और फ़िर कहे बरुन्मा कहे हो, का पता कल ओकरे सरकार आ जाए आ हम लोग के उसके साथ ही मंत्री बनना पड़े, ता ई ठीक न न लगेगा. अरे और कुछों नहीं ता ओकरी मैया यदि मंत्री बन गयी ता ई अपना गाया बहिन्सिया सब पले के कारण जेल में डलवा दे देगी. आपहु साथिया गए हैं “

“अरे धुत बुद्बद्क ,तुमको अभी पोल्तिस पुरा सीखना न पडेगा, ई सब कुछ नहीं होअगा, और ई का कह रही हो की उससे हाथ मिलाना पडेगा, सरकार बने के बाद. धीरे बोलो कौनो सुन लिए ता पहले ता ऊ पार्टी ऍफ़ आई आर दर्ज करा दिहिस है , अ भी करवा देगी. फ़िर ऐसन थोद्बे होता है आरे पार्टी का भी कौनो उसूल होता है, ऐसे कैसे किसी से भी मिल जायेंगे “ मंत्री जी तुन्ना कर समझाया.

“अरे जाइए जाइए, उसूल होता है , हम ता देख लिए की खाली मंत्री बनना ही मकसद होता है, कौन उसूल और कौन सिद्धांत, ई हमरा मत बतैयी” मंत्रानी हैं हैं
करके हंसती हुई चल दी .

ई हमका एक न एक दिन जरूर मरवाएगी. मंत्री जी सोच रहे थे.

1 टिप्पणी:

  1. मियां जी गलती कर गए, बात जो नहीं कहनी थी कह गए। अब आयोग से रार, और घर में तकरार।

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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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