आज सीधे सीधे चर्चा का मजा लिजीये...........
बकलमखुद की डायरी में अद्भुत फ़साना,
ये कहते हुए कि हाय हम तो नहीं थे ऐसे ।
नेताओं की गंदी राजनीति का करने को हिसाब किताब,
इक छोटे से दीप से दिवाली मनाये सारा देश।
आप खुद ही देखिये कितना क्या निकल कर आता है।
चंद शब्दों में कितना कुछ कह गई मीनू खरे,
देखिये तो सही ,पाने को बंदूक इतना क्यों है बेकरार।
आप भी किजीये उनको अपना स्नेह अर्पित
वकील चढे पानी की टंकी पर करने को बगावत,
कूची के रंग से लिखी गयी कुछ क्षणिकायें,
अब क्या कहें इससे ज्यादा , जो भी है, कमाल है।
इस दुनिया में , इन बातों का क्यों अब तक कोई ठौर नहीं।
घूम के देखा, पढ के देखा, शहर बडा अनमोल है।
जाईये पढिये आप भी हो जाईये इनके संग।
व्यंजना में व्यंग्य पढ्के हो जाईये, हंसने को तैयार।
रेत, वैतरणी नाला और बंदर पांडे ने मचा दी हलचल,
इस पोस्ट पर उठाईये, एक अलग ही स्वाद।
प्रशांत बाबू ने उसे पोस्ट बना के ठेल दिया।
आप खुद ही देखिये न जाकर के सरकार।
तभी तो श्रीश कह रहे यहां , चल रहा लाठी और बल्लम।
जैसी प्रजा होती , वैसा ही होता है जी राजा,
पवन जी की पहेली का है अंदाज़ बडा ये खास,
कह रहे हैं मेरा शहर तो गंदगी से हो गया बेजार।
चलिये तैयार हो जाईये फ़िर से आप सबको हंसाना है,
ओहो मैं क्या कहूं, आप खुद ही क्यों नहीं लेते देख ।
सोज ए दिल , दिल की बात, और सुंदर सी है भाषा,
सोच में पड जायेंगे आप जरूर ये पढकर ।
आप क्यों पीछे रहो, जाओ आप भी तो कल्लो जी।
वो बम जिसने किया था ये, वो खुशदीप ने ही धरा था ।
इसी के साथ आज की चर्चा हो गयी खतम......आप तब तक खूब लिखिये पढिये अब कल मिलते हैं हम।
अजय भाई मस्त है आपकी चर्चा
जवाब देंहटाएंआभार आपका छोटे भाई पर भी दया बनाये रखिये, यही वीनती है
फिलहाल ब्लोग्वानी शायद डाउन है... ऐसे में आपके चिट्ठे का ही सहारा है :)
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन...
वाकई सुंदर चर्चा। कुछ चिट्ठों पर तो इसी से पहुँचा गया।
जवाब देंहटाएंबढिया चिट्ठा चर्चा...एक साथ कई चिट्ठों के लिंक मिल जाते हैँ तो पढने का आनन्द बढ जाता है
जवाब देंहटाएंबहुत मस्त चर्चा..अजब अंदाज है!! मजेदार!
जवाब देंहटाएंमस्त भाई बहुत सुंदर, मजा आ गया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनायें
सरे लिंक्स चकाचक थे ।
जवाब देंहटाएंब्लॉग वाणी ने आज फिर धोखा दई डारा है
जवाब देंहटाएंआपके चिटठा चर्चा का बहुत बहुत सहारा है
चर्चा भी देखिये केतना तो न्यारा है
थैंक यू बोलने का मूड भी हमारा है
झा जी की चर्चा से ही नज़र नहीं हटती
जवाब देंहटाएंऔर सारी पोस्ट हम क्या देखें...
जय हिंद...
बहुत ही लाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम.
इतनी अच्छी चर्चा के लिए बधाई !!
जवाब देंहटाएंमस्त चर्चा।
जवाब देंहटाएंअजय जी,
जवाब देंहटाएंआपकी चर्चा का अंदाज बहुत पसंद आया।
इस चर्चा में हमहु शामिल भये बहुतौ नीक लागा।
त्यौहारों की अग्रिम शुभकामनायें।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
आपके अंदाज में जादू है.....
जवाब देंहटाएंचर्चा करने में रहें झा जी अपने व्यस्त।
जवाब देंहटाएंपढ़ कर उनकी चर्चा को ब्लोगर होते मस्त॥
अरे वाह....!
जवाब देंहटाएंआपकी ब्लागवाणी का यह मिनी रूप अच्छा लगा।
धनतेरस, दीपावली और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
आपकी कलम का यह कमाल है
जवाब देंहटाएंकि सारे ब्लॉग हमारे आस-पास हैं
चर्चा अभिनव रहती है आपकी । इस चर्चा का आभार ।
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा!
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट की चर्चा करने के लिए धन्यवाद।
शुभकामनाएँ!
मस्त रही यह चर्चा भी
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
is charcha ne blogvani ki kami nahi khalne di....
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा बधाई ....
जवाब देंहटाएंआप की ऊर्जा से अभिभूत हूँ। ..रोटी के लिए कौन सा गेहूँ पिसवाते हैं ?
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा!!!
जवाब देंहटाएंअजय भाई बहुत बहुत धन्यवाद!!!
झा जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंकइयों का तो आपने कर दिया बेरा पार
और अभी तक कुछ के लटक रही तलवार
वे सब भी हैं देख रहे झा जी क्या कहिन
सोते-जगते उनका भी कर दीजै उद्धार।
झा जी नमस्कार, बारम्बार।।
मदमस्त होती चर्चा, लंबा होते जा रहा है पर्चा
जवाब देंहटाएंWah adabhut hai
जवाब देंहटाएंshailee aapakee
चिटठा चर्चा का आपका यह अंदाज सबसे निराला है।
जवाब देंहटाएंधनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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सुंदर चर्चा!!!
जवाब देंहटाएंअजय भाई बहुत बहुत धन्यवाद!!!
आप को दीपावली की शुभ कामनायें
वाह, मेरा लिंक। शिवकुमार मिश्र के शब्द लूं तो आपको धन्यवाद और मुझे बधाई!
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