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मंगलवार, 13 अक्तूबर 2009

कई देखे कई पढ डाले, आज की चर्चा आपके हवाले (चिट्ठी चर्चा )


आज सीधे सीधे चर्चा का मजा लिजीये...........

बकलमखुद की डायरी में अद्भुत फ़साना,



ये कहते हुए कि हाय हम तो नहीं थे ऐसे ।



नेताओं की गंदी राजनीति का करने को हिसाब किताब,


इक छोटे से दीप से दिवाली मनाये सारा देश।



आप खुद ही देखिये कितना क्या निकल कर आता है।


चंद शब्दों में कितना कुछ कह गई मीनू खरे,



देखिये तो सही ,पाने को बंदूक इतना क्यों है बेकरार।



आप भी किजीये उनको अपना स्नेह अर्पित



वकील चढे पानी की टंकी पर करने को बगावत,



कूची के रंग से लिखी गयी कुछ क्षणिकायें,



अब क्या कहें इससे ज्यादा , जो भी है, कमाल है।



इस दुनिया में , इन बातों का क्यों अब तक कोई ठौर नहीं।



घूम के देखा, पढ के देखा, शहर बडा अनमोल है।



जाईये पढिये आप भी हो जाईये इनके संग।


व्यंजना में व्यंग्य पढ्के हो जाईये, हंसने को तैयार।


रेत, वैतरणी नाला और बंदर पांडे ने मचा दी हलचल,



इस पोस्ट पर उठाईये, एक अलग ही स्वाद।


प्रशांत बाबू ने उसे पोस्ट बना के ठेल दिया।


आप खुद ही देखिये न जाकर के सरकार।


तभी तो श्रीश कह रहे यहां , चल रहा लाठी और बल्लम।


जैसी प्रजा होती , वैसा ही होता है जी राजा,



पवन जी की पहेली का है अंदाज़ बडा ये खास,



कह रहे हैं मेरा शहर तो गंदगी से हो गया बेजार।



चलिये तैयार हो जाईये फ़िर से आप सबको हंसाना है,


ओहो मैं क्या कहूं, आप खुद ही क्यों नहीं लेते देख ।


सोज ए दिल , दिल की बात, और सुंदर सी है भाषा,


सोच में पड जायेंगे आप जरूर ये पढकर ।



आप क्यों पीछे रहो, जाओ आप भी तो कल्लो जी।



वो बम जिसने किया था ये, वो खुशदीप ने ही धरा था ।


इसी के साथ आज की चर्चा हो गयी खतम......आप तब तक खूब लिखिये पढिये अब कल मिलते हैं हम।

30 टिप्‍पणियां:

  1. अजय भाई मस्त है आपकी चर्चा
    आभार आपका छोटे भाई पर भी दया बनाये रखिये, यही वीनती है

    जवाब देंहटाएं
  2. फिलहाल ब्लोग्वानी शायद डाउन है... ऐसे में आपके चिट्ठे का ही सहारा है :)

    अच्छा संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  3. वाकई सुंदर चर्चा। कुछ चिट्ठों पर तो इसी से पहुँचा गया।

    जवाब देंहटाएं
  4. बढिया चिट्ठा चर्चा...एक साथ कई चिट्ठों के लिंक मिल जाते हैँ तो पढने का आनन्द बढ जाता है

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत मस्त चर्चा..अजब अंदाज है!! मजेदार!

    जवाब देंहटाएं
  6. मस्त भाई बहुत सुंदर, मजा आ गया
    धन्यवाद

    आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनायें

    जवाब देंहटाएं
  7. ब्लॉग वाणी ने आज फिर धोखा दई डारा है
    आपके चिटठा चर्चा का बहुत बहुत सहारा है
    चर्चा भी देखिये केतना तो न्यारा है
    थैंक यू बोलने का मूड भी हमारा है

    जवाब देंहटाएं
  8. झा जी की चर्चा से ही नज़र नहीं हटती
    और सारी पोस्ट हम क्या देखें...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  9. अजय जी,

    आपकी चर्चा का अंदाज बहुत पसंद आया।

    इस चर्चा में हमहु शामिल भये बहुतौ नीक लागा।

    त्यौहारों की अग्रिम शुभकामनायें।

    सादर,


    मुकेश कुमार तिवारी

    जवाब देंहटाएं
  10. चर्चा करने में रहें झा जी अपने व्यस्त।
    पढ़ कर उनकी चर्चा को ब्लोगर होते मस्त॥

    जवाब देंहटाएं
  11. अरे वाह....!
    आपकी ब्लागवाणी का यह मिनी रूप अच्छा लगा।
    धनतेरस, दीपावली और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  12. आपकी कलम का यह कमाल है
    कि सारे ब्लॉग हमारे आस-पास हैं

    जवाब देंहटाएं
  13. चर्चा अभिनव रहती है आपकी । इस चर्चा का आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  14. अच्छी चर्चा!
    मेरी पोस्ट की चर्चा करने के लिए धन्यवाद।

    शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  15. आप की ऊर्जा से अभिभूत हूँ। ..रोटी के लिए कौन सा गेहूँ पिसवाते हैं ?

    जवाब देंहटाएं
  16. सुंदर चर्चा!!!
    अजय भाई बहुत बहुत धन्यवाद!!!

    जवाब देंहटाएं
  17. झा जी नमस्कार
    कइयों का तो आपने कर दिया बेरा पार
    और अभी तक कुछ के लटक रही तलवार
    वे सब भी हैं देख रहे झा जी क्या कहिन
    सोते-जगते उनका भी कर दीजै उद्धार।
    झा जी नमस्कार, बारम्बार।।

    जवाब देंहटाएं
  18. मदमस्त होती चर्चा, लंबा होते जा रहा है पर्चा

    जवाब देंहटाएं
  19. चिटठा चर्चा का आपका यह अंदाज सबसे निराला है।
    धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    ----------
    डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ

    जवाब देंहटाएं
  20. सुंदर चर्चा!!!
    अजय भाई बहुत बहुत धन्यवाद!!!

    आप को दीपावली की शुभ कामनायें

    जवाब देंहटाएं
  21. वाह, मेरा लिंक। शिवकुमार मिश्र के शब्द लूं तो आपको धन्यवाद और मुझे बधाई!

    जवाब देंहटाएं

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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