आज यकायक ही लगा कि भई कटौती का जमाना है तो फ़िर हम सबका फ़र्ज़ है कि इस जमाने के साथ चलने का कुछ न कुछ यत्न तो करें ही । तो फ़िर आज एक लाईना ही पेश किए देते हैं आपके लिए , अब दो लाईना में से इससे ज्यादा क्या कटौती करें भाई ....
तुम्हारा नाम लिखूं ..........हां अब कौन सा नाम देख कर माईनस प्लस का टंटा बचा है ।
तख्ता पलट दो ससुरों का .....और ऐसा सारे दामाद मिल कर करें ..
अब क्या करोगे राज भाई .....वेलेंटाईन डे भी चला गया जो प्रेमी प्रेमिका पीटते ..
क्या इंडली में भी फ़र्जीवाडे की झलक दिख रही है ? .. क्या कहा नहीं ....फ़ौरन ही थ्रीडी चश्मा खरीद डालिए ..सब दिखता है ।
दिन हरज़ाई ........आज भी बारिश न आई ।
प्राईम टाईम ...जरा हंस लें मुस्कुरा लें ....... रोने के लिए टीवी प्राईम टाईम ही लगा लें ।
ब्लागवाणी को लेकर हम ... तब तक लिखते रहेंगे जब तक वो वापस न आ जाए ।
जीवन के स्टेशन पे ..कभी भी एडवांस रिजर्वेशन नहीं मिलता
गड्ढा ..बस गिरते ही ठहाके शुरू ।
ये पैरेंटिंग नहीं आसान ..खासकर जब उसके साथ साथ ब्लोग्गिंग भी करनी हो तो ।
उदास होके भी मैं क्या पाऊंगा ....कुछ नहीं , इसलिए ऐसे ही हंसते खेलते रहिए ..पोस्ट ठेलते रहिए ।
सर , आप तो बडे ही क्यूट हैं .. कोई ऐसा कहे तो फ़ौरन समझ जाईये कि ...आपके साथ वो गे आंदोलन शुरू करने वाला है ।
याद आते हैं दूरदर्शन के वे दिन ....ओह ये पढ कर तो हमें भी अपना पेजर याद आ गया ....देखता हूं कहां गया ??
पाप और पुण्य .. प से पाप , प से पुण्य , प से पोस्ट , प से पाठक ......
ब्लागवाणी छुट्टी पर , अंगना में आई हमारवाणी ...बस फ़टाक से इस नए अंगना में उछल कूद शुरू करो
एसएमएस से मिलेगी सीट : फ़िलहाल तो पोस्ट ही नदारद मिली है
महंगाई मार गई ..बस ब्लोग लिखना ही सस्ता रह गया है अब तो
विरोध करने का तरीका कैसा होना चाहिए ....सिर्फ़ लिख कर बताएं ..यहां हडताल, जाम , बंदी वगैरह करने की गुंजाईश नहीं है
आज के लिए इतना ही ...डोज़ पसंद आया तो ..कहिएगा ...यही प्रेस्क्रिपशन जारी रहेगा अभी कुछ दिनों तक ।
मज़ेदार!
जवाब देंहटाएं(आपके नुस्खे पर अमल करते हुए आज टिप्पणी के शब्दों में कटौती किए दे रहे हैं)
बहुत पसंद आई जी आप की एक लाईन की कंजुसी भी
जवाब देंहटाएंयह भी एक प्रयोग ही है, जो हमारी दृष्टि में सफल है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया एकलाइना !!
जवाब देंहटाएंonly one word - nice
जवाब देंहटाएंअजय भाई, बहुत मस्त लगी चर्चा ..........मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंएक लेना भी खूब रही ...आनंद आ गया ... बस आप की एक लाइना को पढ़कर जल्दी लिख रहा हूँ ....."" ब्लागिंग में रोने के लिए प्राईम टाइम कब होता है और प्राईम टाइम में ब्लागर कब रोता है"" हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंमज़ेदार............:)
जवाब देंहटाएंजय हो महाराज
जवाब देंहटाएंएक लाईन गजब की हैं।
क्या ब्लोगिंग में भी डीकंट्रोल हो रहा है ?
जवाब देंहटाएंअच्छा है ५० % कटौती ।
चिट्ठा चर्चा का यह रूप लीक से हट कर और रोचक है.
जवाब देंहटाएंअच्छी रही एक लाईना चर्चा...
जवाब देंहटाएंye andaaz bhi bhaa gaya.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह! एक ही लाइन में बात ख़त्म, कमाल है. लोगो पर समय कम है, इसी लिए मैंने भी अपना ब्लॉग "छोटी बात" बनाया है.
जवाब देंहटाएंक्या करें जबसे ब्लॉगवाणी गई है पाठक गण बड़ी मुश्किल से मिलते हैं. :-(
एक लाइन ही हमेशा अच्छी होती है!
जवाब देंहटाएंझा जी के अंदाज़ निराले मेरे भईया...!!
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