तो लीजीए इस सफ़र के पहली पटरी है तैयार ,फ़ुर्सत के क्षणों में अच्छी बातें भी पढ लिया करो ॥राम जी नाम केवल सच्चा लगता है ,एक राम के बाद मिलिए एक और राम से ,तुम बजाओ अपनी ढपली , हम अपनी हरमुनिया ,शनिवार को गूगल का होवे है बुरा हालगिरिश भाई नित नए करते हैं प्रयोग ,ब्लॉगजगत में अमन चैन का फ़ैल रहा पैगाम ,यूं तो रोहतक मिलन का पढ पढ के आप हो गए बोर ,फ़ुलमतिया के प्रश्न से , खदेरन हुआ परेशान ,पढिए देखिए , झकझोर गया तन मन ॥नशामुक्त बन सके , समाज , ग्राम और देश ॥कह रही हैं वंदना , अब भी तुम्हारी बहुत याद आती है ,प्रवीण जी को पढना ,एक अनुभव है , बात हमारी मानिए ॥कह रही है अंजना हल्की होती बात जो कही जाए बार बार ,श्याम जी देखिए बिना किए अब देर ,विवेक भाई के साथ करिए मुंबई का एक सफ़र ,देखिए कि पोस्ट पर आज क्या पढा रहे हैंप्रतिभा जी डायरीनुमा ले के आईं कुछ अगडम बगडम ,ये दिल मेरा मेरे खुदा ,न दर्द की खिताब हो ,तो आज के लिए इतना ही इजाजत दीजीए ....मैं पुराने रंग मैं लौट रहा हूं आहिस्ता आहिस्ता ...
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शनिवार, 27 नवंबर 2010
लीजीए हमने बिछा दी फ़िर से दो लाईनों की पटरियां ....jha ji on track
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अजय जी,
जवाब देंहटाएंभई, आभार स्वीकारें, हमारी चार बोगी की रेल के लिये पटरी बिछा दी।
आपकी इस खुबसूरत चर्चा के कारण हमारी चाल भी पटरी पर रहेगी। आभार
लिंक ढेर सारे...बस कुछ ही पढ़ पाए...
जवाब देंहटाएंहाँ आप मुझे अच्छे पारखी नज़र आए।
good blogs u've selected.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सुज्ञ जी ..आभार स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंदेवेन्द्र भाई ,
जवाब देंहटाएंहम तो एक पाठक भर है ..बस एक ब्लॉग पाठक
शुक्रिया भारतीय नागरिक जी ..जो मन को भाया , सब ले के आया
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट प्रेजंटेशन बिल्कुल अदभुत होता है, बिल्कुल निराला. बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बहुत शुक्रिया ताऊ जी आभार आपका सराहने के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत खूब्! बधाई।
जवाब देंहटाएंयात्रीगण कृपया ध्यान दे..........
जवाब देंहटाएंझा जी के ब्लॉग से होकर सम्पूर्ण ब्लॉग की ओर जाने वाली 16451273945870935357 झा जी की झक झक झक्कास एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर झा जी कहिन प्लेटफोर्म पर आ चुकी है...........:)
हा हा हा हा जे बात आशीष भाई जे बात ....
जवाब देंहटाएंअब आई न कोई टक्कर की सवारी ..आपको झा जी कहिन ..एक्सप्रैस में सफ़र का आजीवन पास दिया जा रहा है ..शुक्रिया ..आपकी टिप्पणी अपने सहेज बक्से में रख रहा हूं
बहोत-बहोत धन्यवाद सर जी इस आजीवन पास के लिए...........:)
जवाब देंहटाएंआपने बिछा दी दो लाइना की पटरियां...लीजिए हम भी लद लिए झा लॉफ्टर एक्सप्रेस में...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
पटरियां दुरुस्त और सवारी भी चुस्त ....अच्छी एक्सप्रेस रेल दौडाई है ...बधाई
जवाब देंहटाएंझा जी ने तो बिछा दिया है, दो लाइनो का ट्रैक,
जवाब देंहटाएंदौड़ के गाड़ी जा रही, आनन्दी अतिरेक।
BAHUT SUNDAR LIKHA HAI AUR ISKE SAATH HI NAYE BLOG SE MERA PARICHAY BHI HUA.. DHANYWAD.
जवाब देंहटाएंVIJAY
मैं बंटी चोर जूठन चाटने वाला कुत्ता हूं। यह कुत्ता आप सबसे माफ़ी मंगता है कि मैने आप सबको परेशान किया। जाट पहेली बंद करवा के मुझे बहुत ग्लानि हुई है। मेरी योजना सब पहेलियों को बंद करवा कर अपनी पहेली चाल्लू करना था।
जवाब देंहटाएंमैं कुछ घंटे में ही अपना अगला पोस्ट लिख रहा हू कि मेरे कितने ब्लाग हैं? और कौन कौन से हैं? मैं अपने सब ब्लागों का नाम यू.आर.एल. सहित आप लोगों के सामने बता दूंगा कि मैं किस किस नाम से टिप्पणी करता हूं।
मैं अपने किये के लिये शर्मिंदा हूं और आईंदा के लिये कसम खाता हूं कि चोरी नही करूंगा और इस ब्लाग पर अपनी सब करतूतों का सिलसिलेवार खुद ही पर्दाफ़ास करूंगा। मुझे जो भी सजा आप देंगे वो मंजूर है।
आप सबका अपराधी
बंटी चोर (जूठन चाटने वाला कुत्ता)
या दो लाईनों की पटरियां हैं
जवाब देंहटाएंपर अब तो झलकती इसमें
दिल्ली मेट्रो की नई दुनिया है
छिपकलियां छिनाल नहीं होतीं, छिपती नहीं हैं, छिड़ती नहीं हैं छिपकलियां
झा जी
जवाब देंहटाएं..झकास
...प्रयास
...दिल को खुश करने वाला
...सच तो यह है कि मेरे पास आपकी तारीफ के लिए शब्द नहीं .. बहुत- बहुत आभार
यह रही लुका छुपी ऐस-पैस
जवाब देंहटाएंझा जी कहिन तो होगा नाइस :)
यह सफर तो हमने अंजाने में तय कर लिया. किसी और ब्लॉग से होते हुए आपके ब्लॉग पर आज पहली बार आना हुआ. आपका अंदाज इतना निराला लगा कि सारी रही-सही नींद भी अब उड़ गई. प्रशंसा करना जरूरी है, पहली बार पटरियों से आती आवाजें (कई ब्लागरों की) इतनी मधुर लग रही थी. मजा आ गया.
जवाब देंहटाएंट्रेन मैं भीड़ तो बहुत है लेकिन लोग अच्छे हैं, लीजिये हम भी इस ट्रेन मैं सवार हो गए...
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