भाई पिछले कई दिनों से देख रहा था की कोई न कोई पोस्ट इस गर्मी में ऐसी आ ही रही थी जो आँखों और मन को सुकून पहुंचा रही थी..कोई बर्फ के पहाड़ दिखा रहा था तो कोई हरियाली ...यार कब तक बर्दाश्त करते....मन पिनक गया...और हमने भी बना लिए प्रोग्राम..वैसे भी श्रीमाती जी जब भी ..कोई सुन्दर दृश्य सिनेमा में देखती , और मेरे ये कहने की देर नहीं हुई...बड़ी ही सुन्दर जगह है..बिक्लुल अद्भुत और मनोरम...पत्नी जी बिदक कर तुरत मनोरमा बन जाती ..और शुरू हो जाती ..हमें कहीं घुमाते-फिरते भी हो.(दरअसल , जोश जोश में हमन श्रीमती जी को बता दिया था की अपने कुंवारे समय में हमने देश के सत्तर शहरों में घुमाई फिराई कर राखी है...)बस लगे रहते हो अपने इस कम्यूटर के साथ...किसी दिन सारा गुस्सा इसी पर निकलेगा ..इसे तो वाशिंग मशीन में धो दूंगी...
मैंने सोचा की सचमुच ही ऐसा हो..इससे पहले ही कार्यकम बना लिया..सो अब चलते हैं...डलहौजी..चम्बा .खजियार..पंचदिवसीय दौरा है..वापसी आने पर दो तीन पोस्टों का जुगाड़ भी हो जाएगा..उन्ही फोटुओं में अपनी श्रीमती जी..अपने पुत्तर लाल श्री गोलू जी और बिटिया रानी बुलबुल से आपको मिलवायेंगे...
आप जो मन करे लिखिए टिपियाइये..हम मोबाईल पर पढेंगे...अरे नहीं लैपटॉप नहीं जा रहा हम नहीं चाहते की कल को खबर मिले की एक लैपटॉप की लाश डलहौजी की घाटियों में पायी गयी..
सफर के लिए बहुत शुभकामनाएं...वहीं मंडी के नजदीक एक छोटी सी जगह है जोगिंदर नगर...बहुत सुंदर जगह है....वहां तक नैरोगेज है पठानकोट से...और सफर, सुना है...बेहद खूबसूरत है...अगर वक्त मिले तो होकर आइएगा और हमें भी बताइएगा कि कैसा रहा...happy journey
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जगह जा रहे हैं आप....डलहौजी में आठा है याने अंग्रेजी के आठ अक्षर की तरह सड़क है जिसपर घूमना अविस्मरनीय अनुभव है...यात्रा की शुभ कामनाएं और हाँ फोटो खींचे तो हमें भी दिखाएँ...
जवाब देंहटाएंनीरज
क्या बात है मियां ..आजकल हर कोई .पोस्ट के जुगाड़ ढूंढ रहा है ....
जवाब देंहटाएंbahut hi manohari pics.......us par se kafi sundar prastuti ......bahut sundar ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, जाईये ओर दिल खोल कर घुमे, बच्चो को ओर आप दोनो को बहुत मजा आयेगा, हमारी शुभकामनाये, लेकिन वापसी पर फ़ोटो से हमे भी उन सब जगह पर घुमाये जहां जहां आप घुम रहे है.....
जवाब देंहटाएंआप की छिट्टियां मजे से गुजरे
Lajwab...Apki yatra mangalmay ho.Kuchh yaden ham bloggers ke liye bhi sahej kar laiyega.
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अपने प्रिय "समोसा" के 1000 साल पूरे होने पर मेरी पोस्ट का भी आनंद "शब्द सृजन की ओर " पर उठायें.
Ajay Ji, Khushnaseeb hain jo in garmiyon men bhi Fursat ke pal nikal paye. Ek hum hain jisne pichhle 3 salon men Delhi ka Laal Quila bhi sirf BAAHAR se hi dekha hai.
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