मुझ से किसी ने पूछा ....कि आपको हमेशा ही ब्लोग्स पढ के सिर्फ़ दो ही लाईनें ही क्यों सूझती हैं....आगे पीछे ..
कुछ नहीं....मैनें छूटते ही कहा....भैया अपनी काबिलियत सिर्फ़ दो लाईन तक ही है...दो लाईन को जोड जोड के चाहे जितनी लंबी ट्रेन बनवा लो....हम बना देंगे.....तो लिजीये...चढ जाईये आप भी इस रेल पर ......
हिंदी ब्लोग्गिंग की दुनिया नित हो रही आबाद,
शुकल जी के बाद इन्होंने भी कर दिया कमाल..
फ़ौरन जा कर देख ले जिसने अब तक नही है देखा..
आज नहीं चलेगा जी ये सब, आज मनेगा जश्न..
सबकी रोज़ सुनते हैं न , आज हमारी भी सुनते जाइये,
आप खुद ही झांकिये, उसने किसको डराया..
राज भाई का ये लेख , बता जाता है..
हिंदी में लिखना है, चिंता क्यों करते हो यार,
सार्थक है मुद्दा, भाग लिजीये आप भी, दे कर अपनी टीप
विनोद जी कहते हैं, अजी जो होते, तो मर जाते
अल्पना जी की पोस्ट ये, है बहुत ही खास
देखिये किन किन अंको को सता रहा है रोग
रावण और लाउडस्पीकर, क्या है ये माजरा,
आप खुद ही देखिये कमाल इस कलम का...
आपको पता चला कि नहीं, पप्पू हो गया पास...
जो भी जैसा भी हो , चेली को जरूर बताना..
साथ में, बजते हैं गाने, गुनगुना लिजीये..
अदा की हर अदा निराली, कभी पानी, कभी आग.
आईये अब कुछ नये लोगों से आपको मिलवाते हैं,
कौन कौन आया इस कुनबे में, चलिये देख के आते हैं.........
बहुत चख ली तीखी अब इस मीठी मिर्ची का बताईये स्वाद,
अरे इतनी जल्दी नहीं है, बताना , पोस्ट पढने के बाद..
देखते हैं अभी इसमें, कैसे खुलते हैं राज़
अच्छा जी अब आज के लिये राम राम....
बढ़िया रेल दौड़ाये जी..छुक छुक...नहीं बोले. :)
जवाब देंहटाएंमस्त चर्चा.
बहुत सुंदर चर्चा की .. मेरे पोस्टों को नियमित रूप से शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंye apne achha kiya...kaam ki sari post yahi pe dekh li...time bacha diya apne...
जवाब देंहटाएंShukriya Ajay ji,'simple & compact chittha charcha aur blogs ke link ke liye.
जवाब देंहटाएंbahut maza aaya
जवाब देंहटाएंbadhaai
दो लाईन को जोड जोड के चाहे जितनी लंबी ट्रेन बनवा लो....
जवाब देंहटाएंहम बना देंगे...
हमें तो यही दो लाईनें भाईं :-)
अरे आप की रेल तो बहुत सुंदर है भाई, किराया भी नही लगता ओर दिल भी खुब बहलता है , ओर कई स्टेशनो पर रुक रुक कर चलती है, समचार सुनाती है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आज के सफ़र का
अरे आप की रेल तो बहुत सुंदर है भाई, किराया भी नही लगता ओर दिल भी खुब बहलता है , ओर कई स्टेशनो पर रुक रुक कर चलती है, समचार सुनाती है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आज के सफ़र का
आप की रेल का सफर मजेदार है और इस के सवारों का तो क्या कहना!
जवाब देंहटाएंऐसी ही करते रहे दो लाइना
जवाब देंहटाएंतो क्या हो सुकुलजी की एक लाइना???:)
वाह ये तो चली रेलमपेल...ये थी दो लाइन की रेल। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंबेहतर चिट्ठा चर्चा । आभार ।
जवाब देंहटाएंझा जी का ये देखो कमाल,
जवाब देंहटाएंहम ब्लॉगर्स को कर रखा निहाल
झा जी दो लाइनों में ही है बड़ा दम
जवाब देंहटाएंफेल हो जाते-जाते हैं बड़े-बड़े बम
नया लेआउट ज्यादा सुंदर है, बधाई
वाह बहुत लाजवाब रेल है आपकी. ईश्वर करे ये राजधानी एक्सप्रेस की तरह दौडे.
जवाब देंहटाएंरामराम.
bahoot khhob dost lage raho
जवाब देंहटाएंLAJAWAAB RAIL AI AJAY JI ..... BLOGERS KI RAIL .... MADEDAAR HAI...
जवाब देंहटाएंआप की रेल का सफर मजेदार है
जवाब देंहटाएंबङी सुन्दर रेल गाङी है।
जवाब देंहटाएंsuper express
जवाब देंहटाएंबढ़िया सफ़र ....मजेदार रेल ...
जवाब देंहटाएंये लेल गाड़ी तो सवारी वाली है - मालगाड़ी के डब्बे नहीं इसमें?! :)
जवाब देंहटाएंआप ने एकदम दुरुस्त फ़रमाया है,आप ने रचना के साथ-साथ महत्वपूर्ण ,मजेदार रेल गाङी चलाई....अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंज़रा यहाँ भी निगाह डाले :- "बुरा भला" ने जागरण की ख़बर में अपनी जगह बनाई है |
जवाब देंहटाएंhttp://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/5_2_5767315.html