ये जानकर , देखकर, और पढकर ....बहुत ही अच्छा लगा कि हिंदी दिवस को इस बार कम से कम हिंदी ब्लोग जगत ने तो खूब जम कर मनाया....हर दूसरी पोस्ट ..हिंदी पर ही थी...और मेरा मानना है कि ..हिंदी न तो कभी कमज़ोर थी....न है...और न ही होगी....इसलिये ..पूरे मनोयोग से इसकी सेवा करते रहें ..सब अपने स्तर से ..अपने तरीके से ...मंज़िल मिल ही जायेगी..फ़िलहाल तो आप चर्चा देखिये....
कभी दाल तो कभी मुर्गी है पिछडती......
जिसने छुआ ये आसमान , उसके दिल के निकट रहा..
उसे मिलेंगी, पुस्तकें अनमोल, जो लायेगा, ज्यादा नंबर....
फ़िर चाहे बांकी उम्र, पतियों को पडे रोना..
पढ जाईये, जो तैयार हैं पोस्ट में, डूबने को, बहने को....
जो भी निकला परिणाम, ब्लोगवाणी से किया अनुरोध..
फ़टाफ़ट पहुंचे वे, जो हंसने को तैयार है,
मेरे इस अनोखे ब्लोग पर आप भी नज़र मारिये भाई..
मौज लेने वालों को गाली सुनने को रहना चाहिये तैयार..
ब्लोग्गिंग में हमेशा, ब्लोग टिप्स के साथ चलिये,
इस वीर बहुटी के जादू से कौन है बच पाया...
नहीं समझे तो खुद ही पढिये, आप ये निबंध..
आज बस इस छुटकी मोटकी चर्चा से काम चलाईये.....कल सारी कसर पूरी करेंगे...
पूरे दिन का सार मिल जाता है आपकी इस रपट से
जवाब देंहटाएंहम थे मुन्तज़िर
जवाब देंहटाएंहो गई चर्चा हाज़िर
लेकर सुकल-मिसर:)
चिटठा चर्चा बांच ली .....
जवाब देंहटाएंछुटकी चर्चा भी मजेदार है।
जवाब देंहटाएंवकील साब सही कह रहे है,आज तो पाकेट बुक साईज़ की है चर्चा।
जवाब देंहटाएंछोटी मगर बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंaapka i mini chittha charcha badhiyan raha...
जवाब देंहटाएंआज भी बढिया !!
जवाब देंहटाएंनी मामा से काणा मामा अच्छा.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
इस छोटकी चर्चा के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंहम आप से भी करते हैं अनुरोध
जवाब देंहटाएंचिट्ठों का हमेशा ऐसे ही कराया करें बोध
देखन में छोटी लगे
जवाब देंहटाएंलिंक चटकायें सभी तो
पढ़ने में समय पूरा लगे।
अच्छा कहा आपने आज भी .
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा भी बढिया रही!!!
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा !!!
जवाब देंहटाएंबधाई!
महत्वपूर्ण प्रविष्टियों का एक जगह प्रस्तुतिकरण हो जाता है । आभार चर्चा के लिये ।
जवाब देंहटाएंये छुटकी थी!?
जवाब देंहटाएंबड़ी नटखट थी!
बी एस पाबला
badhiya rhyming !!
जवाब देंहटाएंbadhiya charcha...
aabhar !