देखिए जी....ये तो पहले ही बता चुके हैं कि अब कल से गांव की तैयारी है तो जाते जाते ई दु लाईना ठेले जा रहे हैं ....बस ई हफ़्ता का कोटा समझिए ...उहां से समय मिला तो ठीक नहीं तो आने के बाद हईये हैं । .....
इंसानों बीच बैठा एलियन, उडनतशतरी कहलाए,
एक पोस्ट में देखो कैसे दुनिया घूम के आए ॥
ललित जी बता रहे हुई एक बीमारी खास,
बहुते बीमार इसके लोग , नाम है छपास ॥
महफ़ूज़ भाई ने समेट लिया पूरा ब्लोग्गिंग परिवार,
इस नायाब पोस्ट में, जता रहे हैं वो सबका आभार ॥
कुछ दिनों के मौन के बाद फ़ौर्म में आ गए भाई सुरेश,
क्या कर रही हैं सोनिया मैडम, जल रहा है देश ॥
पूछ रही हैं वाणी ,क्या आप कभी झगडते नहीं,
प्यार नहीं करते,वे ,जो कभी लडते नहीं ॥
टिप्पणी के साथ नकदी भी आने वाली है,
लक्ष्मी जी खुद, द्वार खटखटाने वाली हैं॥
ज्ञान जी की देखिए ,बैटरी वाली लालटेन,
भारत विकास को कोसने वालों,थिंक अगैन ॥
बच्चन जी ने बदला गैटअप और बन गए हैं पा,
ये फ़ेरबदल क्यों किया , पूछ रहे हैं श्री तनेजा ॥
कहां ऊंघता फ़िर रहा, चल ओ मुसाफ़िर जाग,
लंठ महाचर्चा का पढ ले दूसरा भाग ॥
अक्सर कुछ भी, कभी भी , हम यहां हैं लिख के धरते,
आप भी देखिये, हम हैं पोस्ट कैसे पढते ॥
नीरज जाट जी की हो गई अगले सफ़र की तैयारी,
वापस आते ही मिलेगी, एक पोस्ट और प्यारी ॥
यहां चल रहा है बिल्लन का खुल्लम खुल्ला खेल,
जवाब देने की कोई टेंशन नहीं, कोई भी टिप्पणी ठेल ॥
जाने किसका श्यामल जी को है इंतजार,
अब इससे ज्यादा क्या कहूं, आप खुद देखो यार ॥
क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं कलेजा मुंह को आना,
आज अपनी फ़ोटो में आदि यही चाहे है बताना ॥
अदा जब अपनी अदा में होती हैं तो उस अदा के क्या कहने,
गज़लों और शेरों की रवानी में लगते सभी हैं बहने ॥
कुछ गजब की क्षणिकाएं ले के आई हैं हरकीर,
चंद पंक्तियों में दिख जाए समाज की तस्वीर ॥
देखिए क्या ले के आया आज शब्दों का खबरी,
लिफ़ाफ़े बाजी और उधार की रिकवरी ॥
आज फ़िर लाए शुक्ल जी एक सुंदर सी चर्चा,
पूरी पोस्ट देख के लगता है समय बहुत है खर्चा ॥
अपना एक अलग है दीपक का स्टाईल,
पोस्ट का नाम है जब बुद्धा स्माईल ॥
द्विवेदी जी ने पूछा है क्या है गालियों का मनोविज्ञान ,
आखिर कब पडी ये आदत जिसे छोड ना पाया इंसान ॥
राज भाई बना रहे भारत आने का प्रोग्राम,
स्वागत में तैयार हैं सारे ब्लोग्गर तमाम॥
आकांक्षा ने जिस घटना का जिक्र किया है आज,
पढिए और देखिए, अपना कैसा हुआ समाज ॥
गगन जी दे रहे हैं एक अलग सा आज सुझाव,
आप पढे और फ़टाफ़ट बताएं अपने मन के भाव ।
नारी पुरूष मुद्दे पर फ़िर एक और आई है पोस्ट,
जाने कब तक ये बहस ऐसे चलेगी दोस्त ॥
कहने को तो ये कह रही हैं है छोटी सी बात,
निर्मला जी की कविता की आप देखिए करामात
कार्टून कमंडल ले के क्या कह रहे हरिओम तिवारी,
कोई तो ले लो भईया , ये जिम्मेदारी ॥
यहां जला हुआ है अलाव, तनी हुई है रजाई,
आखिर क्यों न हो , कितनी ठंड है भाई ।
का हुआ बहुत पढ लिए, अब थोडा सा पढ लिजीये और,
ब्लोग जोर आजमाईये रह के अपने ठौर ॥
अच्छा जी राम राम तो चलें अब गाम की ओर .......
Chalte chalte bhi badhiya do lina de gaye..
जवाब देंहटाएंYatra sukhad ho..sabko parnam de.
(Roman me likhne ke liye mafi, computer ne virus hamle me dum thod diya hai, do boond aansu usi ke naam)
ऐसा कैसा आप जी चल देंगे अपने रस्ते में..
जवाब देंहटाएंथैंक्यू तो बोलबे करेंगे नहीं छोड़ेंगे सस्ते में....
हमेशा की तरह झकास चर्चा
जवाब देंहटाएंघूम कर आएँगे फिर वही रस्ते
जवाब देंहटाएंपकड़े रहिए अपने ब्लॉग बस्ते
बी एस पाबला
जाते जाते भी इतनी सुंदर चर्चा!
जवाब देंहटाएंbahut badhiya prastuti.
जवाब देंहटाएंशानदार दू लायना...कुछ लिंक जो छूट गए थे ...मिल गए ...आभार ...!!
जवाब देंहटाएंदू लाइना ने तो मस्त कर दिया है ब्लॉग-जगत को । चर्चा का आभार ।
जवाब देंहटाएंझा जी-दु लाईन चर्चा बढिया रहा - आभार
जवाब देंहटाएंचतुर अजय सब कुछ कहा दो पंक्ति को जोड़।
जवाब देंहटाएंसार्थक मेहनत भी हुई चर्चा रही बेजोड़।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman. blogspot. com
जोरदार
जवाब देंहटाएंदू लाईना, इंतजार है अगले सप्ताह का..
जवाब देंहटाएंजाइए आप कहां जाएंगे
जवाब देंहटाएंये नज़र लौट कर आएगी...
जय हिंद...
@गुरुदेव समीर जी
जवाब देंहटाएंआंख से टपका आंसू
और जा पहुंचा (.....) में...
रिक्त स्थान को भरने का सामर्थ्य सिर्फ "टीचर" में है...
जय हिंद...
आ लौट के आ जा मेरे मीत रे...
जवाब देंहटाएंतुझे हमारा ब्लॉगजगत पुकारे रे...
बढिया रही आपकी दु लाईना चर्चा..
नहीं है इसमें ज़्यादा शब्दों का खर्चा
चर्चा जोर गरम
जवाब देंहटाएंये लाया ब्लॉगर मजेदार
चर्चा जोर गरम
अजय बाबू कहिन
झा जी की दू लाईना
जवाब देंहटाएंब्लोग जगत का है आईना
बहुत अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका प्रवास मंगलमय हो.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बढ़िया चर्चा रही...आपकी यात्रा शुभ हो
जवाब देंहटाएंचर्चा तो बहुत अच्छी लगएए मगर आपका बार बार जाना अच्छा नहीं लगता। फिर भी शुभकामनायें यात्रा मंगलमय हो। धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
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मानवता के नाम सलीम खान का पत्र।
इतनी आसान पहेली है, इसे तो आप बूझ ही लेंगे।
भैया, भरम न रहियो, आजकल गांव शहर से आगे निकल गए हैं :)
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