अब तो मुझे यकीन हो गया है कि अभी भी हमारे बीच कुछ मित्र /शत्रु हैं जिनका मकसद यहां लिखने/पढने .......हिंदी की सेवा से इतर भी की उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हैं । और न हो तो बस कुछ भी कह सुन कर , अपनी वजह बेवजह की आपत्तियां दर्ज़ करा के माहौल को अशांत करने का प्रयास करते हैं । मैं ये तो नहीं कहूंगा कि आप अपना ये काम छोड दें ......क्योंकि चाहे अनचाहे आप उसे नहीं छोड पाएंगे........आखिरकार वो आपका चरित्र जो ठहरा । मगर ......हां , मगर .......गौर से सुन लें कि ......कहीं ऐसा न हो कि शराफ़त आखिरकार अपनी शराफ़त का आवरण हटा दे .......तो वो दिन , वो पल आपके लिए आखिर होगा ...कम से कम ब्लोग्गिंग के लिए तो अवश्य ही ...।उम्मीद है कि ईशारा काफ़ी होगा ....और विश्वास है कि पहले की तरह आप मानेंगे नहीं ॥
सारी टिप्पणियों की बाजी ये बिल्लन गई है मार,
अब तक के सारे रिकार्ड दिए एक झटके में फ़ाड ॥
कहती हैं अदा, जाने कब से जारी है ये सफ़र ,
अजी आपके जादू का कुछ अलग ही है असर ॥
एक अनूठी शैली, भाषा और अनूठा अंदाज,
आज अजदक दिखा रहे , दिसंबर की सांझ ॥
दूबे जी से जानिए क्यों हुए शर्मा जी परेशान,
इसी बहाने चल रहा हिंदी -इंग्लिश में घमासान ॥
अच्छी पत्नियां कहां मिलती हैं ,पूछ रहे खुशदीप,
मिले तो भी , न मिले तो भी, आप दीजिए टीप ॥
गब्बर ने सांभा को गज़ल सुनाने के लिए दबा दिया है घोडा,
शोले की महफ़िल जमी हुई है, आप भी मजा लिजीये थोडा ॥
राजीव भाई की हास्य की दाल यहां भी गलने लगी है,
अजी दाल तो दाल, रोटियां भी वहां जलने लगी हैं ॥
पान की दुकान पे देखिए आज आई किसकी साली,
अवधिया जी ने चबाते हुए पढवाई कविता एक मतवाली ॥
महेन्द्र भाई ने खास अंदाज में व्यंग्य से किया है वार,
पटक पटक के धोने को ये पोस्ट हुई तैयार ॥
ग्राम प्रवास से पहले किया था यादों के मेले का वादा,
अपने यात्रा संस्मरण पढवाने का पूरा है इरादा ॥
आइडिया बता रहे हैं राहुल कैसे नए लेखक/पाठक लाएं,
आप भी पहुंचें -पढें, और कुछ नए विचार बताएं ॥
प्राची के उस पार से जब भी चलती है कलम,
हर बार पढके देखके, अचंभित होते हैं हम ॥
शास्त्री जी के मार्फ़त फ़िर सागर से मोती मिला है,
क्या खूब कहा उन्होंने, आशा पर संसार टिका है ॥
सब्र की सारी सीमा जब हद से हो गई पार,
डा साहब ने रख दिया सब सामने, खुद देखिए सरकार ॥
आज ज्ञान जी ने अपनी छोडी ऐसी रेल,
हलचल ही हलचल में गाडी जा पहुंची जेल ॥
आईये ब्लोग्गिंग से संबंधित कुछ पढवाते हैं ,
ब्लोग्गर हैं , लिख कर भूल जाते हैं ॥
वर्ष दो हज़ार नौ का निर्मला जी कह रही हैं धन्यवाद,
इसी बहाने कर लिया जाने कितनों को याद ॥
देखिए जब कोई शिल्पकार शिल्प गढता है,
हम जैसा पाठक उसे जरूर पढता है ॥
राज भाई ने इस साल ही बना लिया अनोखा एक रिकार्ड,
बधाई डबल किजीये , दे दीजिएगा बाद में बधाई कार्ड ॥
गोदियाल जी ने आज ऐसा संस्मरण है लिख डाला,
सभी पूछते फ़िर रहे, बांकी का कल तक के लिए क्यों टाला ॥
अवधिया जी ने एक ऐसी कह दी आज कहानी,
जो समझ गया इसको सफ़ल हुई जिंदगानी ॥
हिंदी साहित्य मंच में फ़िर से कविता प्रतियोगिता की तैयारी,
देरी किस बात की है फ़िर, भेजिए न आप भी कोई रचना प्यारी ॥
मन को पंख लगता है तो जाने ऐसे पोस्ट कब बन जाते हैं,
कहती हैं रश्मि, वे जीने का सबब बन जाते हैं ॥
सुरेश जी कर रहे हैं अपने स्टाईल में नए साल को वैलकम,
जाईए लगाईए, ठहाका, पहले थोडा मार लीजिए दम ॥
पढते पढते इस सुंदर पोस्ट पर मेरी पडी नज़र ,
आप भी देखिए, आज की एक्सक्लुसिव खबर ॥
बिल्कुल अलग अंदाज़ की ये कविता भी पढें,
और हां इन्हें अपनी टीप में कहें , कि आगे बढें ॥
खोखले इस समाज की किसी ने फ़िर लिख दी दास्तान,
जा पढ के देख और बोल, चुप क्यों है नादान ॥
अलबेला भाई इस पोस्ट से फ़ैला रहे आलोक,
आप भी प्रकाशमान होईये , कौन रहा है रोक ॥
कौन कहता है वो पोस्ट है , जिसमें शब्द हो भरे,
देखिए कितने कम में कितना कुछ कह जाती हैं खरे ॥
साल के जाते जाते एक और पुण्यात्मा स्वर्ग की ओर चली,
साहित्य के शिल्पी दे रहे हैं, यहां उनको श्रद्धांजलि ॥
तो आज के लिए इतना ही ......बकिया अगली चर्चा में ..............
बिना खर्चा किए पढने को मिल जाती है बढिया चिट्ठाचर्चा...
जवाब देंहटाएंभय्यी...वाह
सुंदर चिट्ठा चर्चा के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंye chiththa charcha padhkar to maja aa jata hai
जवाब देंहटाएंएक बार फीर लाजवाब रही आपकी चर्चा ।
जवाब देंहटाएंसुंदर चिट्ठा चर्चा
जवाब देंहटाएंसुंदर चिट्ठा चर्चा के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंअजय जी पहले की तरह से ही फिर एक बार शानदार प्रस्तुति..बढ़िया चिट्ठा चर्चा..धन्यवाद!!!
जवाब देंहटाएंक्या ये चिठ्ठा चर्चा है ?
जवाब देंहटाएंअगर हाँ ..!
तो क्या कहूँ ..............
बढ़िया!
जवाब देंहटाएंरोचक शैली
जो पढ़ने से छूट गए, वह लिंक मिल गए
बी एस पाबला
अपने चिर परिचित अंदाज़ में बढ़िया चर्चा की है...कई अच्छे लिंक्स मिले यहाँ से...(आजकल,आपका बस एक यही ब्लॉग खुल रहा है...आपके ग्राम प्रवास के चित्र और विवरण तो रह ही गए,पढने से)
जवाब देंहटाएंकहीं ऐसा न हो कि शराफ़त आखिरकार अपनी शराफ़त का आवरण हटा दे .......तो वो दिन , वो पल आपके लिए आखिर होगा ...कम से कम ब्लोग्गिंग के लिए तो अवश्य ही ...
जवाब देंहटाएंयही चीज़ मैं भी कहता हूँ.... और पूर्ण समर्थन करता हूँ इस वक्तव्य का....
अपने चिर परिचित अंदाज़ में बढ़िया चर्चा की है...कई अच्छे लिंक्स मिले यहाँ से.....बहुत सुंदर चर्चा...
@प्रकाश गोविंद जी ,
जवाब देंहटाएंआपने पूछा क्या ये चिट्ठा चर्चा है ...
नहीं चिट्ठी चर्चा है
आपने पूछा ...यदि हां
नहीं है
आपने कहा तो क्या कहूं ....
अरे हुजूर कुछ तो कह ही देते ..मुझे और सस्पेंस में डाल गए ...
आ गई बढ़िया दू लाईना वाली गाड़ी. बधाई.
जवाब देंहटाएंमुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर जी आज की चर्चा
जवाब देंहटाएंदो-लाइन में बहुत कुछ समा जाता है । बेहतर परिचय प्रविष्टियों का ! आभार ।
जवाब देंहटाएंसुगठित दो लाईना
जवाब देंहटाएंगांव की ताज़ी हवा और खालिस खुराक का असर चर्चा में साफ़ देखने को मिल रहा है...
जवाब देंहटाएंनया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां लेकर आए...
जय हिंद...
दो पंक्तियों में इतनी विशाल चर्चा ....
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें ...!!
सुंदर चिट्ठा चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत चर्चा!
जवाब देंहटाएंबीच बीच में ग़ायब क्यों हो जाते हैं सरकार ?
जवाब देंहटाएंपढ़ाकुओं का ध्यान रखा जाय हुजूर ।
बहुत ही बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंझा जी,
जवाब देंहटाएंकल आपसे बतियाने का मन था, फोन लगाया, पर नहीं लगा। लगता है कल दिल नहीं मिल पाए थे। चलो फिर से कोशिश करेंगे तो शायद आज दिल के साथ फोन भी मिल जाए।
बहुत बढिया झाजी. नये साल की रामराम.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंअब तो मुझे यकीन हो गया है कि अभी भी हमारे बीच कुछ मित्र /शत्रु हैं जिनका मकसद यहां लिखने/पढने .......हिंदी की सेवा से इतर भी की उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हैं ।
जवाब देंहटाएं---------------
यह क्या है जी? हिन्दी सेवा का भ्रम तो हम नहीं पाले हैं, पर शत्रुता का क्या अर्थ?
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंझा जी पढ़कर मज़ा आ गया.....
जवाब देंहटाएंसुंदर चिट्ठा चर्चा के लिए आभार ...
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाएं...!!!
दो लाइनों का जादू ब्लॉग पर चढ़कर बोल रहा है।
जवाब देंहटाएंBahut khubsurati se ap blogs ki charcha kar rahe hain...shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएं