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रविवार, 7 मार्च 2010

कुछ नई रेलों की नई पटरियां (ब्लोग लिंक्स , दो लाईना , और क्या )




आज बहुत दिनों बाद फ़िर पटरियां बिछाने का मन हुआ , मगर जब स्टेशन पर पहुंचा तो सोचा कि , सभी सुपर फ़ास्ट, शताब्दी , राजधानी, गरीब रथ , दोरांतो तो धडाधड दौडी जा रही हैं , कुछ छोटी छोटी सुंदर सी रेलें इंतजार करती रह जाती हैं कब पटरी बिछें और उन्हें भी दौडने का मौका मिले तो सोचा आज क्यों उन्हीं , अनछुई , अनपढी , रेल पोस्टों को आपसे मिलवाया जाए........तो मिलिए न



पढने बैठा तो पहली पोस्ट यही पढी है आज,
इस पोस्ट को देखिए कौन सा खोल रहे हैं राज ॥




इतनी सुंदर बात भला कौन कहां कह पाता ,
पढिए और बताईये इसको क्या कहा है जाता ॥



कुछ सोच कर ही हमने इनको भी चुना है ,
आप भी सुनिए कि इन्होंने क्या सुना है ॥




बस देखता हूं पोस्टें नहीं देखता नाम ,
देखिए इन्होंने कब से नहीं देखी ऐसा शाम ॥




इस पोस्ट को भी देखिए सुन हमारी फ़रियाद,
पढिए और जानिए ये कर रहे हैं किसको याद ॥




इहां पूछ रहे सचिन जी कईसे भरेंगे जखम ,
आप ही कुछ बतलाईये, का बतलाएं हम ॥



इहां पर बुकनु के तमाशे का मजा लीजीए ,

रूटीन से हट कर भी तो पढा कीजीए ॥



बीमार पडो तो कभी न लो पंगे ,
क्रोसिन खाओ और हो जाओ चंगे ॥



प्रेम का पाठ,इहां पढाया जा रहा है,
पोस्ट पर पहुंचिए देखिए कौन पढा रहा है ॥



गर्भ में कविता एक पल रही है ,
देखिए यहां लव की कलम खूब चल रही है ॥



सचिन यहां करा रहे पास फ़ेल की पढाई,
अरे नहीं यार ये तो है कुछ तैंतीस प्रतिशत की लडाई



पढते पढते ये पोस्ट भी मुझे मिली थी आज ,
इस पोस्ट के अलग हैं अंदाज और मिज़ाज़ ॥





यहां अमित जी किसकी जवाबदेही तय कर रहे हैं ,
ब्लोग्गिंग को एक दिशा देने का काम यह कर रहे हैं ॥



इन्होंने सोचा कि ये उनके बिन जी न पाएगा ,
सारी बात उसे पता चलेगी , जो यहां पर जाएगा ॥




अनकही बातों में आज बिखरा है प्रीत का रंग ,
हमने पढ ली आप भी पढिए मन को करिए चंग ॥



पूनम जी ने इस पोस्ट में संदेश दिया बेजोड,
देखिए कौन कहां पर हिंदी को चला है छोड ॥



यहां पर देखिए क्या होता है ज्यादा पैसे का नतीजा ,
किस्सा बताया गया है , एक था चाचा , एक भतीजा ॥

10 टिप्‍पणियां:

  1. कविताएँ पढ़ीं लेख छोड़ दिया
    आपको धन्यवाद कि आपने हमें
    अच्छे ब्लागरों से जोड़ दिया.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर लगी आप की यह "दो लाईना"

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन है..पटरियाँ बिछाते रहिये नियमित...

    जवाब देंहटाएं
  4. सचमुच बहुत दिनों बाद पटरियां बिछी है .. अच्‍छा लगा !!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया लगी आपकी चर्चा ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बढ़िया

    किन्ही कारणों से पिछले दो दिन की पोस्ट्स नहीं देख पाया था, कुछ लिंक्स यहाँ मिल गए

    जवाब देंहटाएं

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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