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शनिवार, 26 जून 2010

टू लाईना इज बैक ......जस्ट पोस्ट लिंक्स ....यार !



बहुत दिन हो गए , अपनी मनपसंद दो लाईनों की पटरियां बिछाए हुए । यूं तो वैसे भी आजकल ब्लोगवाणी के डिरेल होने के कारण बहुत सी पोस्टें पता नहीं कौन कौन सी बडी लाईन छोटी लाईन और लूप लाईन से होकर निकल रही हैं , कमबख्त समझ ही नहीं आ रहा है कि कौन सा वो ट्रैक पकडें कि सबसे मुलाकात हो जाए । इसी बहाने सभी पगडंडियों तक पर चले जा रहे हैं , तो देखिए आज उनमें से किन किन को पकड के पटरियों को बिछाया गया है ।



एक बार सुबह उठो तो योगा के अलावा कुछ करने नहीं दूंगा ,
कह रहे हैं प्रवीण , करोगे तो मैं तुम्हें मरने नहीं दूंगा ॥


इस्तुतिमति का पिटारा, पंडियाईन इज हर नेम ,
देखिए भोजपुरी इज कैसे , बिल्कुल सेम टू सेम ॥


मिसर जी करके लौटे आरती भोलेनाथ की ,
आप यहां पर बांचिए , कथा इसके बाद की ।



आज पूछी वाणी ने अजब सी एक पहेली ,
बताईये कौन है उनकी जान , दोस्त या सहेली ।


बीबीसी ब्लोग्स की महिमा अपरंपार है ,
वहां आज नीति, राजनीति और बिहार है ॥


उसको लगे बडा ही पाप जो इसे पढने से रोके
,
जानिए आखिर क्या पाया हमने इंसां होके


धान के देश में मिला एक सार्थक लेख ,
इस लिकं को पकडिए और आप लीजीए देख ॥


आज देखिए अभय बाबू ने किन शब्दों की ,की धुलाई ,
हमें तो निर्मल आनंद मिल गया इसे पढ के भाई ॥


मधु चौरसिया ने डाली आज फ़ैशन पर है नज़र ,
इस पोस्ट पर पहुंचिए आपको पढना हो गर ॥


विवेक भाई के ब्लोग पर बीमे की है जानकारी ,
सबको पढनी चाहिए , जिन्हें जान हो , या न हो प्यारी ।


आशीष भाई ब्लोगर्स के लिए करते हैं कई जतन,
आज गजेट नहीं है , मगर आज है इक बटन ॥


इस पोस्ट में दिखा गजब का इक असर ,
क्यों न हो आखिर यहां चल रहा है इक सफ़र ॥



महफ़िल प्यार की मिसर जी को आ रही है याद ,
आपको भी आएगी , इस पोस्ट को पढने के बाद ॥


राम त्यागी हो गए चींटियों से परेशान ,
आप भी उनकी परेशानी में करिए कुछ योगदान ॥


अब कुछ नए ब्लोग्स से करिए मिलने की तैयारी ,
सबसे पहले देखिए क्यों अधूरी है नारी ॥


ये हैं मनीष आचार्य , लिख रहे हैं राजस्थान से ,
आज अपनी पोस्ट में कुछ कहते हैं आसमान से ॥

संजीव गौतम जी के ब्लोग से मिलिए , नाम है कभी तो ,
फ़िलहाल एक कविता आप पढिए अभी तो ॥



चलिए अब चलता हूं उम्मीद है कि ...........बहुत दिनों बाद ....प्रस्तुत आपको ये दो लाईना कुछ अलग सा फ़्लेवर दे सकेंगी ..........। अब देखिए अगली पोस्ट में कोई अगला फ़्लेवर .....

20 टिप्‍पणियां:

  1. क्या कहने, छा गये । एक हमारा भी ।

    दो लाइनों में भर डाला है, रचनाओं का सार,
    सबको झा जी सिखा गये हैं शब्दों का व्यापार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. दो लाइनों से अच्छे लिंक्स मिल गए । आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया... स्वागत इसलिये नहीं करॆंगे क्योंकि आप तो यहीं हैं आना जाना तो दुनिया है :)

    जवाब देंहटाएं
  4. इस समय तो बहुत प्रतीक्षित हैं ये दो लाईना-ब्लागवाणी के अकाल के वक्त!

    जवाब देंहटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  6. वाकई बहुत दिनों के बाद...
    आई फिर दो लाईना याद...

    जवाब देंहटाएं
  7. भाई आप की मालगडी मै तो हमे बहुत मजा आता है, छुक छुक करती जाती है ओर नये स्टॆशन दिखलाती है. धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया चर्चा...आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  9. इस्तुतिमति का पिटारा, पंडियाईन इज हर नेम

    हा हा हा हा हा हा हा ;)

    जवाब देंहटाएं

पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..

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