अरे का बतायें भैया हमरे नहीं मालूम था कि इहाँ इतना मारामारी मचल है कि हम ढंग से बिहारी भी नहीं बन सकते हैं। ओइसे त जन्मजात बिहारी हैं आ रहबे करेंगे मुदा हाल फिलहाल में हमरे पता चला कि एगो बडका भैया हमसे पहले से ही इहाँ बिहारी बाबू बन के बैठे हैं।
आ ऊ त हमका बता भी दिए कि रे बुर्बक्वा हमका तो बहुत पहले से ही बडका बिहारी का कौउनो पुरूस्कार भी मिला हुआ है । हम कहे कि अछा कमाल है भैया हमरे त आज तक ई बिहारी का लोग तोंत्वे मरा है आज तक कौउनो ईनाम फीनाम नहीं मिला है हो।
भैया कहे कि रे इहाँ तो एक बिहारी से ओइसन सब परेशान है आ तू आउउर आ के कंफुजन कर राहा है त ऐसन कर कुछ और सोच ले ।
हम कहे कि ठीक है भैया चलिए आज से ई बिहारी बाबू आब देहाती बाबू बन जायेंगे।
मुदा एगो बात जान लीजिए कि लिखेंगे वही अपना बिहारी पन में । कहिये काऊउनो गलत बात ता न न कहे ?
सहीं कहा भाई, लिखें अपने ही पन में । जो हैं वो रहेंगें चाहें कितनो किरीम लगा लें पउडर चुपरि लैं ।
जवाब देंहटाएंक्या है छ.ग.के पुलिस प्रमुख का पत्र
sanjeev bhaae,
जवाब देंहटाएंsaadar abhivaadan aap theek kahe aadmi kahion chalaa jaaye apnaa pehchaan nahin naa badal saktaa hai . aa oise bhee uu ta hum ego bdkaa bhiyaa ke khaatir khali blog kaa namwa badal diye hain.