जयेसे ही हमरे पता चल कि सबसे बडका हस्पताल के डोक्टोरनी सब पेपर टी वी में कहिस है कि " हम लोग रामदास को शादी का प्रस्ताव भेजे हैं मगर शर्त है कि शादी के बाद उनको गाओं में हमारे साथ रहना होगा"।
आप लोगन मानिए चाहे ना मानिए मुदा हम समझ गयी कि बस ईहे ऊ क्षण है ,ऊ मौउका है जिसका बरसों से इंतज़ार था। बचपने में जब एक बार हम हस्पताल में भर्ती हुए थे त एगो स्किर्ट वाला नर्स से मोने मोन उनसे प्रेम कर बैठे , मुदा जैसे ही इजहार किये ऊ नर्स हमरे इतना तगडा सूईआ थोकिस कि राम-राम। आ आब अचानक खुदे डोक्टोरनी सब प्रस्ताव भेज दियी हैं।
देखिए हम समझाते हैं। पहली बात कि चारों पहर रामायण-रामचरितमानस का पाठ करते हैं, राम नवमी का व्रत रखते हैं आउउर ता आउउर अभियू दसो दिन रामलीला देखने जाते हैं। त हमही ना हुए असली राम दास।
आ रही शर्त के बात त ई त सोने पे सुहागा हो जाएगा भाई। शादी के बाद डोक्टोरनी को लेके अपना गाम भैन्स्लोतान्पुर चले जायेंगे । होएजे रहेंगे हस्पताल खोलेंगे आ ई अपना बीलाग भी लिखेंगे ।
कहिये कइसन पीरोग्राम लगा हमारा.
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पढ़ लिए न..अब टीपीए....मुदा एगो बात का ध्यान रखियेगा..किसी के प्रति गुस्सा मत निकालिएगा..अरे हमरे लिए नहीं..हमपे हैं .....तो निकालिए न...और दूसरों के लिए.....मगर जानते हैं ..जो काम मीठे बोल और भाषा करते हैं ...कोई और भाषा नहीं कर पाती..आजमा के देखिये..