मुझे नहीं पता था कि जब मैं इस पर लौटूंगा तो चर्चा की पटरियां "चिट्ठा चालीसा एक्स्प्रेस " बनके आपके सामने उतरेगी । और अभी तो रेल लाईनें बिछ रही हैं , यानि निर्माण कार्य जारी है जी , देखते जाईये और हां अपना अपना रिजर्वेशन करा लीजीये ............लंबी सैर को निकलना है । तो लीजीये हाजिर हैं आज के चालीस ........
कुछ इधर उधर
आज सबसे पहले हमने ये पोस्ट पढी है भैय्या,
आपही बताओ ,ई है धंधेबाजी ,मूर्खता, या शतुर्मुर्गी रवैया ॥
आज एलियन जी ने सच का सामना है करवाया ,
हंस हंस के हो गए लोटपोट, व्यंग्य बहुत ये भाया ॥
पूछ रही हैं घुघुती , क्या यही है वसंत ,
अजी ठंडे पडे हैं सब, क्या फ़कीर ,क्या संत ॥
दीपक पहुंचा वापस परदेस, वहां पड गया बीमार,
कैसी कैसी बातें है लिख रहा , आप भी डांटो यार ॥
ज़ाकिर भाई ने अपने सुपुत्र राशिम से मिलवाया ,
जन्मदिन है उसका , मैं बधाई भी दे आया ॥
गोदियाल जी पूछ रहे आज एक सवाल ,
इस पोस्ट में पढिये न उनका ये ख्याल ॥
अब हो जाईये आप हैप्पी होने को तैयार ,
दिखा रहे हैं कुलवंत जी, खिडकी के उस पार ॥
अदा एक नई अदा फ़िर से ले के आई हैं,
कहती हैं जमीं खून से नहाई है ॥
कह रहे हैं प्रतीक मुझे नौकरी चाहिए ,
आप भी जाए उनका हौसला बढाईये ।
शरद रितु जाती नहीं क्या करें मनमीत,
इसलिए अपूर्व सुना रहे हैं वसंत का गीत ॥
इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यूं है,
आज खुशदीप भाई ने भी पूछा कुछ यूं है ॥
विवेक भाई चले मुंबई टू चेन्नई वाया देवलोक,
आप पढिए पोस्ट को , दीजीये टिप्पणी ठोक ॥
आज इस पोस्ट में शर्मा जी अनाटोमी है पढाया,
अपने कुल अंगों का मैं तो वजन कर आया ॥
बबली अपनी पोस्ट में कर रही हैं मां शारदे की वंदना,
वसंत पंचमी के अवसर पे इस पोस्ट को चाहिए देखना ॥
ममता टीवी चैनल का हो गया ट्रांसफ़र ,
गोआ से प्रसारण बंद, शुरू हुआ इटानगर ॥
यहां बहस है जारी ,थ्री इडियट वर्सेस शोले,
आप देखिए और जानिए कौन क्या क्या बोले ॥
उफ़्फ़ ये अदाएं , उफ़्फ़ ये नजाकत ,
गोपाल जी कर रहे किसी बेदर्द से शिकायत ॥
रोजनामचे में दर्ज़ हुआ बोझ तले दबता बचपन,
जाने इस मुद्दे पर कब सोचेगा , प्रशासन ॥
ब्लोगजगत पे घूमता रहता था एक आवारा,
बहुत दिनों बाद फ़िर लौटा है वही अपना बंजारा ॥
कह रहे हैं अरुण साथी, समय होता है सांप,
इनकी कविता को पढ के क्या कहते हैं आप ॥
लो जी इस ब्लोग का नाम है तुम्हारा कमीना,
मगर इस पोस्ट में तो हमें दिखी कोई भी कमी ना ॥
इनके इस निर्णय का कहिए क्या किया जाए,
चलिए तो पहले इनका निर्णय पढा जाए ॥
सीमा जी का ये ब्लोग मन को भा गया है ,
कर दी उन्होंने घोषणा, वसंत आ गया है ॥
पूछ रहे हैं गिरि जी, क्या पेटू हैं हम लोग ,
जी बिल्कुल , चाहे हो रूखी सूखी या हो छ्प्पन भोग
बता रहे हैं मा साब काहे इस्कूल से बच्चे जाते हैं भाग ,
काश कि पढते गुनते सभी मंत्री लोग तो जाते शायद जाग ॥
दीक्षांत समारोह मनोज जी आज प्रश्न उठा दिया,
इस परिपाटी का एक नया ही चेहरा दिखा दिया
वर्डप्रेस पर आलसी , उतने ही मदमस्त ,
इनकी लेखनी के आगे सभी हो गए पस्त ॥
खामोशी बहुत कुछ कहती है, आप भी जा के सुनिए,
वहम , सत्य या संयोग , इनमें से एक को चुनिए ॥
साहित्य के आंगन में शब्दों की अल्पना,
अरे नहीं समझे तो देखिए न परिकल्पना ॥
चलिए अब कुछ चर्चाओं की चर्चा हो जाए
यहां पर मिलिए आज एक नए चिट्ठाकार से
किसी दिन होंगे आप भी इसमें , पढिए जरा प्यार से ॥
इस चर्चा को भी शर्मा जी ने बना दिया है टंच,
देखिए किन किन पोस्टों की चर्चा कर रहा है मंच ॥
पंकज भाई की चर्चा ने समा हुआ है बांधा ,
इसको नहीं पढा तो समझो छूटा हुआ है आधा
आज तूलिका क्या कहती है :-
क्रिकेटर नेता दोनों पटके , करके एक ही वार,
कमंडल से निकला कार्टून ,आप भी देखो यार ॥
वर्तमान हालातों की अद्बुत की है खिंचाई,
कह रहे हैं सुरेश जी कम होगी महंगाई ॥
कभी इनकी तूलिका का खाली जाता वार नहीं ,
माना कि मंत्री बेकार हैं , मगर फ़िर भी बेरोजगार नहीं ॥
काजल जी की तूलिका ने किया पुलिस को परेशान ,
पूछ लिया है डायरेक्ट कि बेटा अब कैसे काटोगे चालान ॥
बामुलाहिजा होशियार आ गए कीर्तिश भट्ट।
इनका भी कमाल देख लीजीए झटपट ॥
अब पहेलियां हो जाएं... तो तैयार हैं न
बिल्लन पूछे जब पहेली सबको है आजादी,
तभी तो इसका नाम है खेल फ़र्रूखाबादी ॥
यहां सजी हुई है ताऊ जी की चौपाल,
आप पहुंच के देखिए आज का सवाल
अब देखिए कि तनेजा जी इस पहेली में मचा रहे हैं क्या धमाल,
अच्छे अच्छे हुए परेशान , पहचानने में हुआ है बुरा हा ॥
अच्छा जी अब रेल चली आराम करने ....राम राम जी राम राम
मुझे लगता है कि अगर ब्लागपोस्ट का शीर्षक भी आपकी दो लाइनों में हो तो और बेहतर होगा.
जवाब देंहटाएंकाजल जी की बात मान ही लें । सुन्दर है ।
जवाब देंहटाएंचर्चा का आभार ।
सुन्दर जा साहब, जिस दिन आपने पोस्ट चेपी थी कि " झा जी अब कुछ नहीं कहिन " तो मेरे मुख से अनायास ही निकला था, कैसे नहीं कहिन, हा-हा-हा, लेकिन सच कह रहा हूँ डर के मारे नहीं लिखा !
जवाब देंहटाएंकाबिले तारीफ़ है चर्चा का अंदाज
जवाब देंहटाएंबिल्कुल मौलिकता से परिपुर्ण है ये चालीसा एक्सप्रेस. ईश्वर करे ये राजधानी एक्सप्रेस बनके दौडे.
जवाब देंहटाएंरामराम.
झा जी अब कैसे नहीं कहिन :-)
जवाब देंहटाएंएक ठो सीट रिजर्व कर लेना....एलियन के नाम से ही चल जायेगी. :)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!!!
बहुत सुंदर जी, मजे दार
जवाब देंहटाएंbhaiyya hamari seet bhee buk karlo .bina tikit chalegaa kyaa
जवाब देंहटाएंवाह! चिट्ठा चालीसा एक्सप्रेस के सफर में तो मजा आ गया!
जवाब देंहटाएंबनी रहे झा जी आपकी यही रफ्तार
जवाब देंहटाएंबरसता रहे सब पर आपका प्यार
सबको रहता है आपकी चर्चा का इंतजार
सब रहते हैं इसे पढऩे को बेकरार
अजय भाई,
जवाब देंहटाएंये चालीसा एक्सप्रेस में कौन सा यंत्र लगा रखा है, घने कोहरे में भी सरपट दौड़ती जा रही है...
जय हिंद...
दो लाइनों पर रेलगाड़ी बढ़िया दौड़ रही है!
जवाब देंहटाएंधुंध के कारण मामला बड़ा रिस्की है ...मौसम का हाल सही होने पर रिजर्वेशन के बारे में सोचेंगे ...
जवाब देंहटाएंशानदार दो लायना ....बढ़िया है ...!!
बहुत अच्छी लगी चर्चा धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंझा जी ,सरपट दौडने वाली चालीसा एक्सप्रेस के क्या कहने, वाह बहुत बढिया ।
जवाब देंहटाएंइस एक्सप्रेस मे हम भी सवारी कर लिये बिना टिकट धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंyatra rochak hai :)
जवाब देंहटाएं