चलिए भाई , माना कि अपना कोई ब्रांड नहीं है , माना कि अपना दर्ज़ा भी शायद दोयम-तीयम या पता नहीं कौन कौन सा यम है , मगर अब जो है सो तो है ही , उसे जैसे का तैसा आपके सामने धर रहे हैं । झेलिए ......और हां ये हमने अपने आनंद के लिए नहीं समेटी, आपको भी आनंद आए तो श्रम सफ़ल हो ........
हैं तो कई मगर, कौन हैं ये अनाम,
इस पोस्ट में गैसियाईये आप किसी का नाम
चलिए नाम कर लिया गैस , अब फ़ोटू पहचानिए,
कोई ब्लोग्गरजी है, बस इतना ही जानिए
फ़िर अपनी लेखनी का कमाल दिखा रहें है श्री गोदियाल,
इस पोस्ट में पढिए कि क्या गुल खिला गया पिछला साल
बद्री केदार की यात्रा यहां पर है जारी,
आप भी देखिए , पोस्ट बडी है प्यारी
हां ऐसी पोस्टें तो मैं भी पढना चाहता हूं ,
बेशक वो कहें कि, मैं बिखरना चाहता हूं ॥
सोनी जी ने रख दिया सबके लिए एक केमिकल लोचा ,
हमने पढा , फ़िर पढा और पढके फ़िर सोचा ॥
अच्छा जी राम राम
वकील साहब ने रख दिया एक सच और एक दर्द,
हाय न्याय मिलेगा कैसे जब व्यवस्था हुई बेदर्द ॥
एक बच्चे के जन्मदिन में क्या हुआ ये जानिए ,
इस पोस्ट को पढिए जरूर , मेरी बात मानिए ॥
शिल्पकार जब करते हैं चैट, तो कुछ निकलता है नायाब,
ललित जी गिरिजेश जी की बात का मजा लीजीए जनाब ॥
अद्भुत शैली, अद्भुत अंदाज, अद्भुत है ये पोस्ट,
हिमांशु जी को पढने का आनंद अलग है दोस्त ॥
शब्द ही इनकी संपत्ति , शब्द ही इनकी औलाद,
आज जानिए अजित भाई से किसे कहते हैं फ़ौलाद
महेन्द्र भाई की चर्चा का यहां मजा लीजीए,
लोग जिसे कहने लगे हैं अलानी फ़लानी उसे भी पढा कीजीए
खुशदीप भाई ने आज देखिए किसका बुत है बनाया,
मक्खन ने स्लौग ओवर में , जाने किसे हंसाया ॥
एक पहेली ऐसी जिसका जवाब है आपके सामने,
इस पोस्ट को देखिए ,पहेली को बूझने और जानने
विनोद भाई का ताजा व्यंग्य हरिभूमि में है छपा ,
यहां पर है समाचार, क्या आपने नहीं है पढा ॥
वीरबहुटी पर पढिए ,निर्मला जी की गज़ल,
निर्मला जी बनी गज़लकार , चर्चा है आजकल ॥
नाम नहीं तो क्या बेनामी लेखन में चमत्कार ,
ब्लोग्गिंग का विश्लेशण यहां हो रहा तैयार ॥
यहां बता रहे हैं कुछ भाई शरद कोकास,
बहुत ही सराहनीय है इनका ये प्रयास ॥
इस पोस्ट में अवधिया जी ने उठाया एक सवाल,
पढिए और इस मुद्दे पर रखिए अपना ख्याल ॥
कभी कभी मुसकुराने का भी मजा उठाईये,
यदि पसंद आए तो खुल के ठहाका लगाईये॥
संगीता जी ने पूछा है मितव्ययिता का अर्थ,
आज नहीं पढी ये पोस्ट , तो बांकी पढना व्यर्थ ॥
तारकेशवर जी भी एक सामयिक प्रश्न किया है खडा ,
आप उन्हें बतलाईये कि इंसान ,धर्म में कौन है बडा
विनीत भाई को सनिया का प्रकरण लगा खराप,
अपनी इस पोस्ट में , उको जमके दिए सराप॥
दूबे जी अक्सर अपना मनपसंद विषय चुनते हैं,
और इसके बाद जम के कलम को धुनते हैं ॥
यहां देखिए किसको मिला है ब्लोग्गर औफ़ मंथ का पुरस्कार,
अरे जाईये पढिए और उन्हें बधाई दीजीए सरकार ।
ऐसी चर्चा लिखना भी है खुद में एक कला,
जवाब देंहटाएंजाने कैसे गढ़ लेते झा जी बरबस ही कविता....
जय हिंद...
अंग्रेजों ने एक कहावत गढ़ी थी short and sweet आज इन दो लाइनो मे चर्चा देख कर वह याद आ गई । बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंचर्चा एक लम्बर किये हो भाई
जवाब देंहटाएंलिजिए हमरी तरफ़ से बधाई
बिना ब्रांड के बहुत बढ़िया चर्चा...कोई ब्राण्ड लेते क्यूँ नहीं?? .नेट आदि टाईप!! :)
जवाब देंहटाएंभाई और सब तो बढ़िया है स्टाइल भी और चर्चा भी पर अगर भोजपूरिया स्टाइल में होते तो और मज़ा आता....
जवाब देंहटाएंसब खजाने एक जगह....सुंदर चिट्ठा चर्चा...बधाई अजय भैया
मैं तो हर ब्रॉन्ड और बिन ब्रॉन्ड की चर्चा पढ़ती हूँ।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
हमे टिपण्णी देने के लिये शव्द नही सुझते ओर आप इतनी जल्दी जल्दी पोस्टो पर भी कविता बना लेते है, बहुत सुंदर जी आज की चर्चा
जवाब देंहटाएंबढिया अलानी फलानी चर्चा.......
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जवाब देंहटाएंबढ़िया.. जब अनब्राँडेड ही है इतना चोखा
तो ज़रूरत है ब्राँड की, जो है इक धोखा
फॉलो-अप टिप्पणियों को dramar21071@gmail.com पर ई-मेल करें
जवाब देंहटाएंबिना ब्रांड का झा जी आप सही झलक दिखाते हैं..
जवाब देंहटाएंब्रांड वाला का लोग त बहुत बाजा बजाते हैं....
बहुत ही अच्छी चर्चा ...बहुत ही निराले अंदाज़ में
जवाब देंहटाएंआभार !!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
चर्चा में चमत्कार!
जवाब देंहटाएंअजय जी नमस्कार!
बिल्कुल सही है जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छी चर्चा!
जवाब देंहटाएंन कोई दाम, न खर्चा,
जवाब देंहटाएंझा जी, बढ़िया रही चर्चा।
झा जी ने मेहनत करके ये चर्चा दिया
जवाब देंहटाएंपढ़कर इसे हमने भी पूरा मजा लिया
रोचक चर्चा के लिये धन्यवाद!
ताजा तरीन झकास चर्चा
जवाब देंहटाएंगिरिजेश कि 'गिरीश' ?
जवाब देंहटाएंझा साहब , आप कुछ कहे और उसमे मजा न आये, नामुमकिन !
जवाब देंहटाएंएक और रोचक चर्चा एपिसोड के लिये धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबढ़िया है स्टाइल भी और चर्चा भी...
जवाब देंहटाएंअकेली और विशिष्ट चर्चा है यह ! दो लाइन में बहुत कुछ ! आभार ।
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar charcha.
जवाब देंहटाएंbadhiya hai jee....
जवाब देंहटाएंलो जी हम भी तालियाँ बजा देते हैं अखिर अपना भी तो नाम है इसमे धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंआपके कोट के बगले में हिन्दी विभाग है कभी आइए न आप। तुकबंदी का वर्कशॉप आयोजित कराएंगे हम। बहुत सुंदर..
जवाब देंहटाएंचर्चा का यह अंदाज दिलचस्प है. यह वाकई में एक कलाकृति है. इसे जारी रखें.
जवाब देंहटाएंसस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.IndianCoins.Org