बजट जब से पेश हुआ ,हमने कम कर दिया है खर्चा ,
चस्का लग गया ऐसा, रोज करें चिटठा चर्चा,
लो जी पेश किया है,,फिर से जांच लो पर्चा,
बतलाना स्वाद इसका , जो कम लगे नमक और मर्चा...
तो लीजिये ..झेलिये..
कबाड़खाने मैं कुछ और कबाड़ी आये हैं,
इस ब्लॉग पर हाथ आजमाने , कुछ और खिलाड़ी आये हैं.
हिंदी ब्लॉग टिप्स, फिर से इक कमाल का विजेट लाया है.
मीटर लगाओ देख लो, कौन पोस्ट कित्ती बार पढ़ पाया है
राज भाई की छोटी पोस्ट पढें. नहीं है वेरी laang ,
टांग तोड़ दी तुकबंदी की, ऐसी पोस्ट दी टांग
गाली- गलौज की विडीयो वाली पोस्ट का ज्ञान जी ने जिक्र किया,
अफ़सोस जताया , नहीं क्यूँ ब्लोग्वानी ने फिक्र किया.
मुर्गी ने दिया आदमी का बच्चा ,.उफ़ जाने क्या है होने वाला,
सुना है थोड़े दिन पहले उसको शायनी ने था पाला
मुबारक हो जी,खत्री जी , अपनी छतरी लेकर आ गए हैं..
अभी अभी समीर जी, बीयर बार में घुसा गए हैं..
मीडिया मार्ग में , बापू मीडिया के बीच वाकयुद्ध जारी है,
पोस्ट देखिये, तय कीजिये, कौन किस पर भारी है .
चिट्ठाचर्चा में आज विवेक भाई ,गुरु की महिमा समझाए हैं.
जैसा गजब का करते हैं,,आज भी वैसा ही चर्चियियाये हैं.
अनिल भाई ने कहा की , लाल किले में तो ऐसी तलवारें रखी हैं
उठा उठा कर देख लें , जिनकी सेहत पक्की हैं.....
बारिश में भुट्टे का यूँ मजा लीजिये...
भुट्टा तो है, पर बारिश नहीं , अब क्या कीजिये .
आई टी सेक्टर के साईड इफेक्ट , प्रशांत जी बतलाते हैं..
हम नहीं हैं उस सेक्टर से,,सो नहीं ghabraate हैं..
इस पोस्ट में बड़े काम की इक सही बात बतलाई है ,
हिंदी टिप्प्न्नी करने की , सुन्दर तरकीब सुझाई है
राज भाई को उनके पुत्तर ने फिर से कुछ समझाया ,
बिन देरी के झटपट उन्होंने , सबको है सिखलाया
दुःख पर दुःख , साहित्य जगत में यही सिलसिला जारी है ,
एक पंक्ति का ये एस ऍम एस, दिल पर बड़ा ही भारी है....
कुत्ते -बिल्ली , हो जाएँ , यदि गे, तो कौन सा कानून चाहिए,
अदा की इस पोस्ट में खुद ही पढ़ आइये ...
ताऊ की अक्ल बड़ी या भैंस, जोरों की मारा मारी है,
सबसे तेज है, बिल्लन ,वा की , जे का नाम रामप्यारी है .
कौन इनमें है बेवकूफ, तय आपको करना है ,
फटाफट पंहुंच जाओ , जिसे फ्री में भविष्यफल पढ़ना है
प्रमोशन के चक्कर में , जब फर्जी एन्काउंतर किया जाता है,
कमंडल से निकला कार्टून उसका रिजल्ट बताता है....
जैसा अद्भुत शीर्षक है इसका, अवधिया जी वैसा ही फरमाते हैं,
ना जाने की किन जंगल, पेड़ पधादों की सैर कराते हैं..
चलते चलते एक अनोखा ये भेद लीजिये,
इस ब्लॉग पर ,छ से ज्यादा पसंद नहीं बढ़ती , चाहे खुद ही देख लीजिये..
अरे वाह, मजेदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंलो जी फिर विजय
जवाब देंहटाएं।
विजेता अजय कुमार झा।
अच्छा लगा ब्लॉग और
पोस्टों का तफसरा या तफशिरा
(विद्वत्जन जो सही शब्द हो या अन्य कोई तो उसे ही पढ़ लें और मुझे भी बतला दें)।
मैं भी इंतजार कर रहा।
झा सहाब बहुत सुंदर लगा आप का यह चर्चा बांचना.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
झा जी का ब्लाग निराला, ब्लॉग जगत का खाता है
जवाब देंहटाएंकौन कहाँ क्या लिखता है सब कुछ यह बताता है
जबरदस्त, शानदार...
बढ़िया मसालेदार।
जवाब देंहटाएंनमक मिर्च भी बराबर।
अब किसी को ज़्यादा लगे तो?
:-)
वाह वाह झा जी.. मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंइस बार भी अच्छी चर्चा, आपका अंदाज इसे विशिष्ट बनाता है।
जवाब देंहटाएंबढिया है...लगे रहें...जमें रहें
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार, और अविलंब असर कारक भी?
जवाब देंहटाएंबहुत खूब- मजेदार!
जवाब देंहटाएंमुबारक हो जी,खत्री जी , अपनी छतरी लेकर आ गए हैं..
जवाब देंहटाएंअभी अभी समीर जी, बीयर बार में घुसा गए हैं..
--वाकई , आपसे मालूम चला!
बहुत शानदार लिख रहे हैं, और जानदार भी । हमारी पोस्ट तो आप पढ़ते ही नहीं कोई शायद ! आभार ।
जवाब देंहटाएंआप के चर्चे को क्या कहना
जवाब देंहटाएंबहुत खूब जी.. आपकी चर्चा बहुत पसंद आई... आभार
जवाब देंहटाएंजिसमें न लगे खर्चा-ऐसी होनी चाहिए रोज चर्चा
जवाब देंहटाएंअहा...ये तो बड़ा ही रोचक ब्लौग है अजय भाई..
जवाब देंहटाएंकैसे कर लेते हो आप इतना कुछ?
झा जी मेरी शुभकामनाऐं आप ये शुभकार्य नियमित करते रहे..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
vah.. majedar dohe ke sath chittha charcha.. :)
जवाब देंहटाएंbadhiya hai..
जवाब देंहटाएंअरे वाह अजय बाबू... बढ़िऽऽया है !