पिछले कुछ समय से ,ब्लॉग्गिंग में मच रहा ये शोर है,
कोई पढ़ नहीं रहा किसी को,बस लिखने पर जोर है....
यदि सचमुच है ऐसा तो समस्या घनघोर है ...
औरों का पता नहीं, पर आपका एक पाठक श्योर है ..
कमाल है विश्वास नहीं होता आपको...अजी लीजिये सर्टिफिकेट पेशे खिदमत है.....
अनिल जी ने मुख्यमंत्री के चमचे से मिलवाया.
एक पोस्ट में , दो थे , दोनों ने रुलाया...
आज उन्होंने जख्मों का सब राज खोल दिया,
अभिव्यक्ति ने अनोखी भाषा में बोल दिया ..
उड़नतश्तरी भी कह रही आज , बाप रे,
क्या कहा नहीं पढ़ा, ब्लॉगर अब तो जाग रे ..
इस व्यक्ति से अच्छा , बन्दर से रिश्ता बेहतर है ,
वाह अपने भी दोस्तों में, कोई लंगूर तो कोई बन्दर है
दोस्ती की देन-लेन,का इक तल्ख़ अनुभव सुनाया है,
नेकी कर और गाली सुन , नया मुहावरा बनाया है ..
नेहा जी ने, इस मुद्दे को इक अलग नज़र से देखा,
क्या हमने खींच रखी है, सचमुच ऐसी रेखा
वो कहते हैं की काश अब होश में आने ना पाएं,
अजी ब्लॉगर हैं, जाएँ तो कहाँ जाएँ..
मिश्र जी पूछ रहे हैं, का पुरुषवादी मानसिकता की परिभाषा है,
जाए आप भी बताइये, जो भी आपको ....आता है...
कॉलेज में उनका पहला दिन, नहीं हुई रैगिंग ,
आप भी पढिये , और करिए लाफिंग...
चमत्कार को आज फिर नमस्कार हो गया,
नुक्कड़ का ४२० का स्कोर , पार हो गया .
मेहेंगाई की मार बृहस्पति जी भी झेल रहे हैं.
इसे विषय पर शांतनु ये पोस्ट ठेल रहे हैं...
न्यूज़ चौबीस ने , मायावती को आईना दिखाया,
मीडिया मार्ग ने आज की पोस्ट में यही है बताया...
आप भी पहुँचिये, ताऊ के दीवाने ख़ास में,
देखिये क्या हो रहा है, रामप्यारी की अंगरेजी क्लास में
कह रही हैं रंजना, बेटी , लक्ष्मी स्वरूपा है,
सच है, इससे अनमोल रत्न नहीं कोई दूजा है ..
नोटिस बोर्ड लग गया ,तैयारी कर आइये,
या तो जाके पढ़ आइये, नहीं तो .....कर आइये ....
आप भी देखिये कौन कैसे कर रहा है सच का सामना,
सुरेश भाई ने उडेल कर रख दी हैं सबकी भावना...
आपका चिट्ठा चर्चा करने का अंदाज हमको भाया
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंवाह, हमारे ठेकेदार!!! पढ़ने का ठेका लिये हो यह जानकर खुशी हुई... :)
जवाब देंहटाएंअगर एकदम ऊपर की लाईनों में 'है ' अंत में न आकर पहले हो जाये तो
जवाब देंहटाएंमतलब इस तरह
पिछले कुछ समय से ,ब्लॉग्गिंग में मच रहा है शोर ,
और ऐसे आगे भी .....
नहीं नहीं मैं कोई पिंगल शास्त्री नहीं हूँ बस ऐसे ही कह रहा हूँ !
बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंबड़ी रोचक चर्चा है
जवाब देंहटाएं---
पढ़िए: सबसे दूर स्थित सुपरनोवा खोजा गया
खूबसूरती है आपके इस अंदाज में । अच्छा लगता है ।
जवाब देंहटाएंसमां आपने बांधा हुया है
जवाब देंहटाएंवाह वाह... मस्त अंदाज है.
जवाब देंहटाएंझा जी कहिन में सभी को ठेल दिया
जवाब देंहटाएंबैठे बैठे कच्चा चिट्ठा खोल दिया॥
वाह झा जी वाह !!!!बड बढ़िया....
जवाब देंहटाएंआप तो बस नियमित कवितायेँ लिखा कीजिये....आपमें जबरदस्त हुनर है......
लाजवाब कवितामयी चर्चा की है आपने....आभार.
वाह बडा खूबसूरत अंदाज है. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अच्छा अंदाजें-बयां...
जवाब देंहटाएंअरे झा जी हम तो लिख भी रहे हैं और पढ़ भी रहे है
जवाब देंहटाएंक्योंकि हमरी टिपण्णी हमरे होने की कहानी कह रहे हैं
fir se mazedaar charcha...
जवाब देंहटाएंबढ़िया. अजय जी आप चिट्ठा चर्चा के सदस्य बनकर वहाँ चर्चा क्यों नहीं लिखते? यदि आप चाहें तो निमंत्रण भेजें?
जवाब देंहटाएंआदरणीय रतलामी..काहे को हमें इत्ते बड़े बड़े लोगों की मंडली में बिठाने के चक्कर में लगे हैं आप..हम तो इतना कीर्तन भजन ही कर सकते हैं..आप लोगन का गंभीर गंभीर चर्चा हमरे बस की ...अरे बस की का..ट्रक, टेम्पो किसी का बात नहीं है सर जी..हाँ निमंत्रण दावत का दीजिये..हम तो युगों युगों के पेटू हैं...वो झट से स्वीकार कर लेंगे.
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