ब्लॉग्गिंग करते हैं, तो खुल कर कहा कीजिये ,
झा जी, इस्टाईल, चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये...
बस एक है, अर्ज, खूब जम के लिखा कीजिये,
जितना लिखते हैं, उतना ही सबको पढा कीजिये..
यकीन मानिए बड़ा ही आनंद आता है ,तो लीजिये पेश - ए- नोश , फ़रमाएँ...
एलियन भी पीते हैं सिगरेट , ये मान लीजिये,
उनके डब्बों का अद्भुत उपयोग भी जान लीजिये ....
कुश भाई ने बारिश के बहाने खूब लिखी कहानी ,
हाय हमें कब दिखलाओगी,जलवे बरखा रानी...
इस पोस्ट पर धीरज जी ने साईं बाबा की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
हमने तो शीश नवा लिए ,,आप भी देख लो भाई ....
हफ्ते में इक ब्लॉगर से मिलवाने का ताऊ ने ठेखा उठाया है ,
इस हफ्ते देखिये, सबसे किसको मिलाया है ..
अनामी के नाम , फिर इक नयी पोस्ट है आयी,
नए एंगल से , कुछ नयी बात है बतलाई
इनायत हुई या हुई है आफत, नीरज जी फरमाते हैं,
अक्सर हंसते हंसते, सबकी बैंड बजाते हैं.....
अविनाश भाई ने अमरीकन को अजब ये सैर कराई,
हमारा घोड़ा है कार पे भारी , कमाल की तुलना भाई ..
बाजपेयी भी पढ़ते हैं ब्लॉग , आप भी ये जान लें ,
टिपियाते तो हो नहीं, हम कैसे मान लें ,
इन्टरनेट युग में पोस्टकार्ड के नाम ने भावुक कर दिया,
रचना बजाज ने , इस पोस्ट पर, अपना अनुभव धर दिया..
माँ साब ने अब तक की ब्लॉग रिटर्न फाईल की है,
आप देखिये कौन सी पढ़ी , कौन सी देख ली है ...?
अभी अभी हमको ई बताया गया है ,
ब्लॉग्गिंग में आदि का , पहला बर्थ दे मनाया गया है
ब्लॉग, ब्लॉग है या साहित्य , प्रश्न उछाला गया है,
मुद्दे पर शिव जी द्वारा भी बहुत कुछ डाला गया है .
मुर्दों के शहर की खूब , सैर है करवाई,
एक कविता पढ़ ली , दूसरी नजर नहीं आयी......
शास्त्री जी ने कहा सारा देश ही संडास है ,
कभी बदलेगी सूरत ये, होता नहीं विश्वास है
यदि आप भी समझते हैं , ये अधिकार है निगौडा,
पढ़ के देखिये, जबरदस्त है हथौडा ...
वो कहती हैं की ख्वाब रोज सजाया करो ,
हम तैयार हैं, गर यूँ ही लोरी आप सुनाया करो ...
किताबों के इस कोने में , जरूर जाइए,
पढने का सुख, आप भी उठाइये ......
इस पोस्ट में चीज ये खतरनाक सी है ..
आज ब्लॉगजगत को घूरती ये आँख सी है
महिलाओं ने जिन्दगी का अच्छा हल निकाला है ,
उम्र भर जुते रहने को , सबने एक बैल पाला है
वो ही तेवर वो ही अंदाज..
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा झा जी..
बधाई..
झा जी, छा गए तुसी !
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जवाब देंहटाएंअरे वाह अजय बाबू... बढ़िऽऽया है !
गजब अंदाज .. बहुत बढिया !!
जवाब देंहटाएंबढिया है।
जवाब देंहटाएंachchi tukbandi ke sath posts ka marm bataya aapne
जवाब देंहटाएंझा जी,
जवाब देंहटाएं'मुर्दों के शहर' के आस पास ही मेरा 'वीराना' था
थोड़ा सा और इधर-उधर आपको मंडराना था
जबरदस्त...
लाजवाब...
हमारे यहाँ न दिखे तो हम समझे छुट्टी पर हो, मगर आप तो हो!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा.
बढ़िया
जवाब देंहटाएं…और क्या कहूँ?
निरुत्तर कर दिया!
जवाब देंहटाएंadbhut charcha.....aage bhi intzaar rahega
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया स्टाइल है अजय जी. चिट्ठों की चर्चा में नया रंग भर दिया आपने.
जवाब देंहटाएंवाह !!! लाजवाब कवितामयी चर्चा की है आपने....
जवाब देंहटाएंआपकी मेहनत मुक्त कंठ से प्रशंशनीय है....
बहुत बढिया अंदाज है.
जवाब देंहटाएंयदा कदा इस तरह की चर्चा जरूर छापें.
"शास्त्री जी ने कहा सारा देश ही संडास है ,"
मैं ने नहीं एक विदेशी ने कहा था. मैं ने उसका विरोध किया है.
सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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