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रविवार, 29 नवंबर 2009

पिछले दिनों बहुत सी अच्छी अच्छी बातें पता चली अपनी हिंदी ब्लोग्गिंग के बारे में । रवि रतलामी जी ने बताया कि अब हिंदी ब्लोग्गिंग का इतिहास लिखा जा रहा है ...यानि कोई है ...या कहा जाए कि बहुत से हैं जो हिंदी ब्लोग्गिंग और हिंदी ब्लोग्गर्स को देख परख रहे हैं ...पोस्टों और लेखन के अनुसार ...हिंदी ब्लोग्गिंग की एक छवि गढी जा रही है उसके बारे में अवधारणाएं बनाई जा रही हैं ...तो इसलिए ये हम सबकी जिम्मेदारी बन जाती है कि ....इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही ...अपने पोस्ट / अपने ब्लोग / अपने टिप्पणी / आदि को शिल्पकार की तरह तराश कर प्रस्तुत करें । इसी आशा और विश्वास के साथ आज की चर्चा ...........


धर्म मजहब पर देख के आज के हालात ,
अनिल भाई ने यूं रख दिये आज अपने जज्बात ॥


सफ़ेद घर खुद चल के पहुंचे , लंठ जी के घर ,
जब बात ही होगी ऐसी, तो क्यों न बने खबर ॥


मदहोश होने से पहले थोडा सा संभलें,
यहां पहुंचे , और पढें दो उम्दा गज़लें ॥


कह रहे गगन जी पढिये आपको आनंद आएगा ,
हम तो कहते हैं आनंद के साथ ज्ञान भी पाएगा ॥


कह रहे राज भाई वे अब भी एतबार करते हैं,
अरे रे , चलिये न उनकी पूरी पोस्ट पढते हैं ॥



यहां भी उसी बात की बात है जो बनी हुई है खबर ,
आप खुद ही देखिये इन्होंने किसपे डाली तीखी नज़र ॥



कुछ दिन पहले ही तो आपस में हुआ था सबका मिलन ,
अब उस सफ़र की यादों से सजा पढिये संस्मरण ॥



आलोचना का उत्तर आज खुद दे रहा इक आलोचक ,
शरद भाई की पोस्ट का शीर्षक भी है रोचक ॥



बहुत गहरे हैं उन आखों के समंदर ,
जाकिर जी की पोस्ट ये है बहुत ही सुंदर ॥




जाते थे जापान पहुंच गए चीन समझ गए न,
अरे आप निकले नहीं अभी , हम तो कबके पहुंच गए न ॥



पूछ रहे राज भाई , कहिये जी क्या हाल है ,
इसको तो अभी पढिये, पोस्ट बडी कमाल है ॥



खुशदीप जी की कौन सी बात है जो हमने नहीं है मानी,
आज सुना रहे हैं सनकी राजकुमार की कहानी, ॥



इस ब्लोग पर होगी ब्लोग्जगत की हलचलों की अपडेट,
अभी कर लिजीये बुकमार्क इसे, बाद में हो जाएंगे लेट ॥



यहां कह रही दीपिका किसी को वापस लौट के आओ,
आप पढ के पोस्ट को उन्हें अपनी बात बतलाओ ॥


कह रहा एक शिल्पकार कि कुछ ऐसा करके जाऊंगा ,
युद्ध करूंगा ऐसा , दुश्मन को छठी के दूध की याद दिलाऊंगा ॥



भारतीय न्याय शास्त्र का वकील साहब बता रहे इतिहास,
हिंदी ब्लोग जगत की ये श्रंखला बनेगी खास ॥



आज मिश्र जी ने ले लिया नौकरी से स्वैच्छिक अवकाश ,
भविष्य के लिए शुभकामनाएं , भेजिए उनके पास ॥



इस राजनीतिक विस्फ़ोट को सुनिये संभल संभल,

दुश्मनी को दोस्ती में बदलने की हो रही है पहल ॥



चोट पहुंचाने वाले ये पत्थर आखिर उछाले क्यों हैं,
इनके हाथों में आखिर तलवार, भाले क्यों है ॥



भर दो हामी जरा , हम भी हो जाएं मशहूर,
शायराना मिजाज वाले यहां पहुंचें हुजूर ॥



इस नाजुकी लव की क्या कहिये
,
आप भी बस रौ में बहिये ,....॥


पन्ने दर पन्ने , पोस्ट दर पोस्ट,
ममता को पढना जरूरी है दोस्त ॥



तो आज के लिए इतना ही .....राम राम॥

गुरुवार, 26 नवंबर 2009

आज बुलबुल की चहक देखिये ,कल से चर्चा

पिछली चर्चा में आप सबने बुलबुल को उसके ठीक होने का आशीष दिया ...और आज वो बहुत खुश है ....धीरे धीरे पुरानी रफ़्तार में आ रही है ॥सबने कहा कि जब तक बुलबुल चहकने न लगे ....चर्चा नहीं ॥तो लिजीये आज आपको बता दें कि ॥आपकी बुलबुल बिटिया अब ठीक है ...सो कल से चर्चा शुरू करेंगे ...


बुलबुल बिटिया....अपने भाई गोलू जी (आयुष ) यानि मतलब छोटे झाजी के साथ उधम मचाते हुए ..


रविवार, 22 नवंबर 2009

रविवारी चर्चा , दो लाइन का खर्चा ..

सोचा तो ये था कि आज रविवार होने के कारण पूरा फ़ायदा उठाते हुए ,खूब ब्लोग पढाई और टिपाई हो जाएगी ...बीच बीच में समय बचा तो पोस्ट भी ठेल लेंगे ...मगर सुबह से ही बिटिया बुलबुल बुखार में तप रही थी ॥बस सुबह से ही उसे गोद में लिये बैठे रहे ...डाक्टर साहब से दवाई दिलवाने के बाद भी मासूम ....हमारी गोद में ही निढाल पडी रही ...और सच कहें तो हमने ही उसे गोद में रखे रखा ...। लैपटौप सामने रखा था ॥पढ भी रहे थे और एक हाथ से जितना टीप सकते थे टीप भी रहे थे ....मगर वादे के अनुसार चर्चा को सुबह नहीं पोस्ट नहीं कर सके ॥अब जाकर बिटिया थोडी चहचहाई है तो सोचा कि आपको आज की चर्चा तो पढवा ही दें .....लिजीये ॥


ब्लोग्गिंग के बडे भैय्या, अपना धर्म हैं निभा रहे,
आप खुद ही देखिये, किसे कहां फ़ंसा रहे ॥


राजनेता ढीठ, और राजनीति हुई बेशर्म,
वर्ना कौन नहीं कहेगा, वंदे मातरम ॥


इन्हें जगी है नित नूतनता की प्यास,
क्यों न हो , जब कवि हैं अशोक व्यास ॥


वो दिन भी क्या थे, कितने थे खुशनसीब,
आसमान भी लगता था कितना करीब ॥



लिजीये इस पोस्ट में धीरू जी बता रहे हैं आज,
बाबा रामदेव जी करने जा रहे हैं अब किसका इलाज ॥


इरफ़ान भाई की तूलिका अरे बाप रे बाप,
बिग बी के घर में निकल आया सांप ॥


तुझे क्या पता तेरी हर अदा है ,वो अदा क्या है ,
तेरी गज़लों तेरी आवाज के बिना यहां धरा क्या है ॥


ममता जी की डायरी के मिले आज कुछ पन्ने,
बहुत भावुक हो गये, लगे जो उसको पढने ॥


मानसिक हलचल बढ गयी कैसे ,देखिए आप,
आज पांडे जी बता रहे खुद ब्राउनी साहब का प्रलाप॥


इस चर्चा को पढते पढते चेहरे पर आ जाएगी स्माईल,
अनोखी है भाषा और अद्भुत है मुन्ना भाई का स्टाईल ॥


आभासी होने का इस दुनिया के टूट रही है अवधारणा,
ये मिलन तो शुरूआत है , अभी बहुत प्यार है बांटना ॥


इस पोस्ट पर सेमलानी जी दे रहे सूचना एक जरूरी,
ताऊ जी की पहेली की हो रही है हाफ़ सेंचुरी ॥


इक नन्हें ब्लागर, बने चालक चला रहे खुद कार,
देखिये अपने आदि मियां का कैसे बीता ये शनिवार ॥



यूं तो यहां जारी रहता है शब्दों का सफ़र ,
आज पुस्तक समीक्षा, कर रहे अजित बडनेरकर ॥



शरद भाई को पढ के अक्सर हो जाते हैं मदहोश ,
आज बता रहे हैं वे खुद को खानाबदोश ॥


हिंदी ब्लोग्गिंग पहुंच गई २००९ का है स्टेशन,
रवि जी की चर्चा में चर्चा, वर्ष भर का विश्लेषण ॥



देखिये तनेजा जी ने फ़िर किसे पहना दिया है नकाब,
किसी की कर डेंटिंग पेंटिंग, किसी को लगा दिया खिजाब ॥



राज भाई के ब्लोग पर सबपे गीतों की मस्ती चढी,
बूढे बच्चे सब मजे से खेल रहे अंताक्षरी ॥



चलिये तो फ़िर आज इतना ही ...बकिया कल के लिये ...

शनिवार, 21 नवंबर 2009

जस्ट टू लाइन, चर्चा हुई फाइन (चिट्ठी चर्चा )

चलिये जी जब आपको हमरे दुई लईना में मजा आ ही रहा है तो हम भी वादा करते हैं कि इसको जल्दी से अनियमित नहीं होने देंगे और कोशिश ...करेंगे कि रोजे ठेला जाए...तो आज ठेल रहे हैं ...देखा जाए॥॥



ब्लोग्गिंग के लिये इस पोस्ट पर चल रहा गहन विचार
,
ब्लोग्गिंग के लिये एक राष्ट्रीय कानून बनाए सरकार ॥


आज राज भाई ने एक ठो अईसन पोस्ट दिहिन है ठेल,
देखिये उनकी कैसी छुक छुक चली जा रही है रेल ॥


चंद खूबसूरत पंक्तियां लिख रही हैं प्रतिभा कटियार,
आप भी पढिये, नहीं नहीं चढिये चुप का पहाड ॥




मोबाईल नंबर बदलिये कीमत सौ रुपए से भी कम,
अरे भई इहां पढिये , ई नहीं कह रहे हैं हम ॥


खुद भी पढें, औरों को भी पढाएं,
अच्छी सेहत को कैसे पाएं ॥



बहुत खूब अंदाज में क्या क्या कह डाला हाय,



क्या कहा कानून की जानकारी कर रही स्तब्ध ,



नेता गिरगिट की तरह रंग बदलता है,




अब नहीं दम रहा कलम में हो गई फ़टीचर ,



विचारों वेदनाओं की टोकरी और कुछ एहसास,




आज घूमते घूमते भाई अनिल पुसदकर,




हर मर्ज की दवा है काहे न आजमाएं,




मानवता के दुशमन, ब्लोग्गिंग से रहें दूर ॥


कभी कभी सुंदर ग़ज़लें भी पढा किजीये ॥



आप खुद देखिये ताजा समाचार ॥



मैं क्या बताऊं जी आप खुद देखिये आज ॥


चलिये अभी इतना ही इस वादे के साथ कि चर्चा पार्ट टू सुबह सुबह ठेली जाएगी ......

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

चर्चा दो लाईना ,chitt

पिछले कुछ दिनों से अलग अलग कारणों से इतना व्यस्त रहा कि चर्चा से थोडा दूर सा हो गया था ॥मगर जैसे ही फ़ुर्सत मिली तो सोचा ...अजी सोचा क्या ॥आदत से मजबूर होकर लगा पोस्टें पढने और सहेजने ...बस चर्चा तैयार हो गई ...क्योंकि दो लाईनें तो मन में पोस्टें पढते पढते ही बन जाती हैं ॥तो लिजीये हाजिर है आज की चर्चा ॥


दिल की बात और इक छोटा सा ख्याल,
सिर्फ़ चंद पंक्तियों की पोस्ट ये कमाल


कह रहे उन्मुक्त टाईम पत्रिका नहीं पढा किजीये,
उनकी इस पोस्ट पे मालिश का मजा लिजीये ॥


बिल्लन की पहेली देखिये लोग कैसे हैं बूझ रहे,
जो बूझा करते थे, आज वही पहेली पूछ रहे ॥



ये अलबेला सी चर्चा है देखने में छुटकी,

ले रहे पोस्टों पे अलबेला जी चुटकी ॥


शास्त्री जी चर्चा रहे , करके इंदिरा जी को याद,
आप खुद देखिए, कौन सी पोस्टें हुई आबाद ॥



जब खुशियों के दीप जलें तो क्यों रहें गुमसुम,
आज तो भैय्या मक्खन की मां हो गई गुम ॥



चंद्र जी कह रहे कानूनदां ब्लोगर दें ध्यान,
आप भी पहुंचे ढूंढें, इसका समाधान ॥



आज देखिये किसकी खबर ले रहे इरफ़ान,
तूलिका ने घेर लिया देसी तालिबान ॥



कह रहे मा साब, बिन गुरु ज्ञान कहां से लाऊं,
आप खुदे पढिये न हम का बताऊं ॥



एलियन जी ने बीडी छोड के उठा लिया है जाम,
हाय पोस्ट ठेलने के लिये कैसे कैसे करने पडते हैं काम॥



कह रहे हैं अजदक दुनिया रही है बदल ,
अजदक जी को पढना, भैय्या संभल संभल ॥



जाने किस किस बहाने पीडी ढूंढ रहे गुमे दिन ,
कुल मिला के ई का मतबल , चैन कहां बिलागे बिन ॥


गोदियाल जी की जिंदगी कितनी चल रही मस्त,
आपको देखना पढना हो तो , यहां जाईये मस्ट ॥




पांडे जी के मन में आज हलचल मचाए है गाय और अरहर की दाल,
ई हलचलवा हमेशा की तरह मचा रहा कमाल....॥




महफ़ूज भाई ने कर दी कुछ ऐसी शुरुआत,
अनिल जी को भी आ गई पुराने दिनों की याद॥



एक कवि को जब पुरानी यादें आती हैं ,
पढिये उससे कैसे कविता कहाती हैं ॥



पूजा की लहरों में सुबह खोई खोई,
जब सुबह खो गवा तो दिन का का होई॥




तो आज के लिये इतना ही .....देख रहे हैं न आप चर्चा मंचों का किस तरह से विस्तार हो रहा है ...और मुझे और भी खुशी होगी जब इसमें भी विविधताओं का समावेश होगा , प्रयोग किये जाएंगे.....और यकीन मानिये ये भी होगा ॥॥
रामराम...

शनिवार, 7 नवंबर 2009

चिट्ठी चर्चा (झा जी की दो लाईना ) ..बस और क्या ...?

प्रभाष जी का चले जाना...बहुत ही दुखदायी रहा ..मुझे खुशी है कि बेशक हमारे समाचार जगत ने ..अपेक्षित नहीं दिया ( हालांकि अब तो उनसे अपेक्षा भी नहीं रहती अब ) . मगर हमारे ब्लोग जगत ने कलम के सिपाही को सच्चे मन से याद किया और श्रद्धांजलि दी । ...आज की चर्चा आपके हवाले ..

आज इस चर्चा की होगी इस पोस्ट से पहल,



अशोक जी कर रहे हैं यहां सत्य की खोज,



इंटरनेट पर आप भी खोजिये अपनी मुमताज॥



आप कर क्या लेंगे पूछ रही मनीषा आज सवाल,


लालू जी की भैंस ने कर दिया दूध देना बंद,



अदा ने दिखलाई जाने कितनी ,कैसी अदा ,


रुमाल की गुलाबी गांठ और पप्पू की याद,



फ़्री है जी बिल्कुल वकील साहब नहीं ले रहे फ़ीस॥


पंडित सुरेश कह रहे प्रयोग कर के दिखा दिया,



आज पहेली बूझ के तबियत हो गई टाईट॥



मिश्रा जी ने राव जी का चेहरा पहली बार दिखाया ॥



इस चर्चा में सारी रितुएं , शिशिर और बसंत,



कौन कहता है जी लौटता नहीं गुजरा हुआ जमाना ,



राज भाई ने एक पंक्ति में पूछा एक सवाल ,



अजी ऐसे खडे रहे तो आप हो जाएंगे लेट ॥



जब ज्ञान जी विविधता लाएं तो पोस्ट बने अनुपम,



विपत्ति जब आती है , कायर का दिल दहलाती है,



प्रभाष जी को हिंदी ब्लोग जगत ने दी जो श्रद्धांजलि,



पूछे है मन की पाखी, कौन जगाएगा अलख ,



अपने चिर परिचित अंदाज में फ़िर बोले श्री गोदियाल,



कितना कुछ होना बचा रह जाता है ,एक बेदखल,



आज की चिट्ठा चर्चा में इसी का हुआ जतन ॥


तो आज के लिये इतना ही ....

गुरुवार, 5 नवंबर 2009

पूरा पोस्ट को पढते हैं , दू लाईन में आपके सामने धरते हैं (चिट्ठी चर्चा )


पिछले कुछ दिनों से ब्लोग्गिंग जगत में भूचाल टाईप का आया हुआ है ..हां हां ..आप तो कहियेगा कि ..अरे धत तेरे कि ....ई सब तो ब्लोग जगत का पुराना शगल है जी मुदा हम तो एके बात में यकीन रखते हैं कि अपनी नीयत साफ़ और शुद्ध रखिए ..नेमत अपने आप मिलेगी ..खैर छोडिये ई सब ..आप तो ई देखिये कि कौन कहां का कह का लिख रहे हैं ,,,,अरे महाराज हम जादे नहीं पढवाएंगे जी ..दुईये लाईन में निपटा देंगे ..देखिये तो सही

जब लोग बाग अपने घर बार से छूट जाते हैं ,
जब भी एलियन जी ऐसे फ़रमाते हैं ,
खुदो रोते होंगे , और हम सबको रुलाते हैं ॥

आप कहियेगा कि अभी तो दू लाईन कहे थे ..तो उडन जी कौन अकेला ब्लागर हैं..हमेशा डबल रहते हैं ..साईज से भी और पोस्ट से भी तो हम भी डबल कर दिये...अब आगे ..


अवधिया जी जानते हैं कौन पोस्ट फ़्लाप कौन होगी हिट,


अरे काहे करते हैं समय जादा खर्चा ,



कैसे करेंगे नाश्ता, ब्रेड में भी जहर ॥


खुशदीप भाई ने आज फ़िर उठा दिया एक सवाल,


एक पोस्ट में तीन तीन का मजा उठाएं,



आज फ़र्क बतला रही हैं ,मीनू खरे ॥


कुल तीन हजार में कैसे पालोगे परिवार ॥



अजी कलम उठाओ और लिखा वक्त बेवक्त करो,


तू समझे न मेरे प्यार को तो मेरा क्या कसूर,



जानिये लेखन का कडुवा सच .. क्या है ,




आप भी पहुंचिये, और करवाईये अपनी एंट्री..॥




जिन जिन को खुराक कुछ खास चाहिये,



हंसते देखते सोचते दिमाग हुआ खराब,



ऐसा घसीटा अंग्रेजों को , भर गया है पेट ॥



आप भी तो जाके चुनिये एक को श्रीमान ॥



भक्तन खडे रहे द्वारे, प्रभु दर्शन नहीं दिए ॥



बहस के लिये मुद्दा वही है जो चल रहा है आज ॥



सर्दी में भी बरसाती मेंढक टर्राने लगे हैं ॥



जिन जिन को करना है कोर्ट विवाह ॥


हमारे एजेंडे पर आज है देश का भ्रष्टाचार,


मौज लिजीये या टीपीये, सबको है पूरी आजादी ॥



तो आज के लिये इतना ही ..एक आग्रह ब्लोग डायरेक्ट्री में अपना अपना योगदान दें ॥

शनिवार, 31 अक्टूबर 2009

चचा टीपों को रहे समेट, हम पोस्टों को रहे लपेट (चिट्ठी चर्चा, दो लाईना )


गजबे गजबे कमाल हो रहा है...चचा आज वापस आके धमाकेदार टीप चर्चा लगा दिये....बीच में पता नहीं कौन कहां सपना देख देख के फ़ुसफ़ुसाई दिया कि...चचा कौनो नहीं हम ही लोग हैं ..नाम ऊम बदल के लिख रहे हैं....अब का कहें ..जी..इहां हमको जानने वाले जानते हैं कि हम ..भतीजा वाला पोस्ट में ही टिक सकते हैं...काहे से जिसको एतना मेहनत के बाद ..पता नहीं कतना कतना ..ब्लोग मास्टर ट्यूशन पढा के ..खलिया ..लिंक बनाना सिखाया हो....ऊ का टेम्पलेट बदलेगा...वैसे ..और भी जानना हो तो आप टीप चर्चा का पहिला या दूसरा पोस्ट को पढिये ..सब माजरा साफ़ हो जाएगा ..अरे हम सफ़ाई नहीं दे रहे हैं जी ....बस बता रहे हैं कि चचा चचा हैं...हम भतीजा हैं...ऊ भी चचा के साथ ...एक दम फ़ेविकोल के गोंद की तरह चिपके हुए...छोडिये जी ..आप तो आज की चर्चा का मजा लिजीये..

मठाधीश बाबा प्रकट भए, हमें नाम नया मिला अपना ॥


चलो इसी बहाने सही, एक सार्थक बहस पडी है चल ॥


श्री समीरानंद महाराज का कैसे हुक्म दिया जाए टाल,



जिस जिस को पता हो, पहेली हल करो हे मित्र..॥



इससे पहले कि हम भी मिलते शास्त्री जी गये निकल ॥



मा साब ने अभी अभी बतलाया,



इहां गजब ढा रहा तनेजा जी का नकाब,




ऐसी सुंदर पोस्ट और कहीं पाई न गयी॥



सब पूछ लिया सिवा उसके जिसकी थी दरकार,



अनवरत रहे जारी ये सफ़र, हर सूरत, हर हाल में ॥



अनीता कुमार जी के सुपुत्र के विवाह की दिजीये बधाई,



विषय बहुत सामयिक है, आप किजीये चिंतन ॥



हम भतीजा डिक्लेयर कर दिये ताउम्र करेंगे नौकरी ॥


कार्टूनवा देखे जौन जौन, मुंह से निकला वाह...॥



हमें तो भैया आपकी ई पोस्ट खूब भाई ॥



नित नए नए अंदाज में, बहुतों को लपेट रहे ..॥



एक आलसी लंठ बना, फ़िर बन गया ब्लागर,



क्षमा मांगना नहीं होता है इतना भी आसान,



आज फ़िर छोटका है..कल बडका रहेगा ..अबकी पकिया है जी ..कल छुट्टी न है जी..

शनिवार, 24 अक्टूबर 2009

कुछ जाने पहचाने, कुछ अनजाने : चिट्ठों को हम लगे सजाने (चिट्ठी चर्चा )

जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि कुछ न कुछ नये प्रयोग तो होते ही रहने चाहिये...फ़िलहाल तो इलाहाबाद में हो रहे ब्लोग्गर सम्मेलन की धूम मची हुई है पूरे ब्लोगजगत में और क्यों न हो इतने सारे फ़ुरसतिये, निठल्ले, ब्लागियों का संगम हो गया है । मैं तो रपटें पढ पढ के और सबकी फ़ोटुएं देख देख ही यहां से सबको अर्घ्य दे रहा हूं। बहुत अच्छा लगता है जब चारों तरफ़ खुशी का माहौल होता है ...इश्वर करे यूं ही ये कारवां चलता रहे । आज के चर्चा देखिये.....


चर्चा की एक चर्चे से ही शुरूआत हो,
इससे अच्छी भला और क्या बात हो।


कभी कभी नई पोस्टों को भी छानिये॥


कोई हर्ज़ नहीं है जी, एक पैग लगाने में ॥



इनका दिल तो प्यार का मारा है दोस्तों,



शब्दों से सजी कविता की सुंदर तस्वीर है॥



जिंदगी में आती हैं कैसी कैसी मुसीबतें ॥


बडा कठिन है भाई , सर्वश्रेष्ठ होना ॥



देख लिये न तो अपनी टिपिया ठेलिये॥



ताऊ की पहेलियों की अनोखी है बात,



यही पता नहीं, कौन अपने , कौन बेगाने हैं॥


अविनाश भाई का पप्पू भी है बडा ही अलबेला ,



प्लीज जेल के सीन को सेंसर न करो,



यदि सबने कर ली कोशिश ऐसी, तो आ जाएगी बाढ॥



ललित जी ने ब्लोग्गिंग की एक नयी खोली है दुकान,




क्या आप जानते हैं बेनामी संपत्ति का राज,




सुंदर पंक्तियां, खूबसूरत चित्र, और इक सुंदर पोस्ट,



छठ पूजा की परंपरा , और जानिये उसका इतिहास,



सम्मेलन पर तो बहुत सारी पढ ली आपने रपटें,



आज इससे ही काम चलाईये ..कल फ़िर ठेलते हैं तनिक बडकी वाली


बुधवार, 21 अक्टूबर 2009

ब्लोगजगत का आईना : चर्चा दो लाईना (चिट्ठी चर्चा )

शुकल जी ने जब चिट्ठा चर्चा की शुरूआत की होगी ,.तो जरूर ही ये उनके बहुत से धमाकेदार आडिईया में से एक होगा..महेन्द्र भाई ने इसे साप्ताहिकी का रूप दिया...हमने भी हंसते खेलते जो बन पडा ठेल दिया..और अब तो आदत बन गयी है..अब चच्चा टिप्पू जी ने और पंकज जी ने ये कारवां और भी लंबा कर दिया ..और अब तो टीम लगातार बढती ही जा रही है । यानि कुल मिला कर मौजां ही मौजां...अब विकल्पों की कमी नहीं रहेगी और न चर्चा मंचों की। मुझे बहुत ही खुशी हो रही है..कि जो अलख जगी थी अब वो रौशन हो रही है। अब सोचता हूं कि ..जब नियमित चर्चाएं आ ही रही हैं तो एक नए प्रयोग के रूप में आपको उन चिट्ठों, पोस्टों से रूबरू कराया जाए जो अनछुए से रह जाते हैं......तो तैयार हैं न आप फ़िर एक नए प्रयोग के लिये.........


ब्लोग ऐग्रीगेटर्स की खुल गई इक नयी नगरी,


हम काहे लें इतना टेंशन, ले वो, जिसका है...॥


दि्ल्ली में शादी, किसी झमेले से नहीं होती कम,


आप भी हंसते हंसते ,पकड लेना पेट...॥



देखिये न चर्चा कितनी आ रही निखरकर॥



हे झगडा झंझट वालों , तुम तो भैया पास ना आओ ॥



इन यक्ष प्रश्नों से कब तक आखिर बचेगा ये समाज ॥



अब टेलिविजन पर भी आएगी ब्लोग्गिंग की बारी॥



आप जरूर ही पढिये इसे, हमरा है निवेदन॥



आपके तो ठाट हैं जी खूब सारी चर्चायें पढा किजीये,


और हिंदी ब्लोग्गर्स की मालगाडी को भी अपनायें॥


तुम तक पहुंचने से पहले, कहो और कहां पहुंचा जाए,



ऐसे सवाल जवाब से ही तो है ताऊ लाजवाब॥


अरे आपको सिर्फ़ पंसद है करना, पैसा नहीं है देना॥


हर रोज अपनी अदा से चौंकाने की ठानती हूं॥


दिल टूटने से बढ जाती हैं दिलों की दूरियां ॥



मिसर जी राम जी उजागिर कथा रहे हैं बांच,


एक तरफ़ मकान मालिक, एक तरफ़ किराएदार,



मटुक जूली तो पहले ही एक इतिहास रच गए,



सच कह रहे , जो खिलाए, पाले, वो भगवान है किसान ॥



उफ़्फ़ पाकिस्तान में अब कुत्तों की कैसी हालत होगी ॥


रिशते जब यूं ही रिसने लगेंगे......



आज की चर्चा एतने ..अब समेटते हैं जी..कल से देखिये फ़िर कुछ नया नया...

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009

कई देखे कई पढ डाले, आज की चर्चा आपके हवाले (चिट्ठी चर्चा )


आज सीधे सीधे चर्चा का मजा लिजीये...........

बकलमखुद की डायरी में अद्भुत फ़साना,



ये कहते हुए कि हाय हम तो नहीं थे ऐसे ।



नेताओं की गंदी राजनीति का करने को हिसाब किताब,


इक छोटे से दीप से दिवाली मनाये सारा देश।



आप खुद ही देखिये कितना क्या निकल कर आता है।


चंद शब्दों में कितना कुछ कह गई मीनू खरे,



देखिये तो सही ,पाने को बंदूक इतना क्यों है बेकरार।



आप भी किजीये उनको अपना स्नेह अर्पित



वकील चढे पानी की टंकी पर करने को बगावत,



कूची के रंग से लिखी गयी कुछ क्षणिकायें,



अब क्या कहें इससे ज्यादा , जो भी है, कमाल है।



इस दुनिया में , इन बातों का क्यों अब तक कोई ठौर नहीं।



घूम के देखा, पढ के देखा, शहर बडा अनमोल है।



जाईये पढिये आप भी हो जाईये इनके संग।


व्यंजना में व्यंग्य पढ्के हो जाईये, हंसने को तैयार।


रेत, वैतरणी नाला और बंदर पांडे ने मचा दी हलचल,



इस पोस्ट पर उठाईये, एक अलग ही स्वाद।


प्रशांत बाबू ने उसे पोस्ट बना के ठेल दिया।


आप खुद ही देखिये न जाकर के सरकार।


तभी तो श्रीश कह रहे यहां , चल रहा लाठी और बल्लम।


जैसी प्रजा होती , वैसा ही होता है जी राजा,



पवन जी की पहेली का है अंदाज़ बडा ये खास,



कह रहे हैं मेरा शहर तो गंदगी से हो गया बेजार।



चलिये तैयार हो जाईये फ़िर से आप सबको हंसाना है,


ओहो मैं क्या कहूं, आप खुद ही क्यों नहीं लेते देख ।


सोज ए दिल , दिल की बात, और सुंदर सी है भाषा,


सोच में पड जायेंगे आप जरूर ये पढकर ।



आप क्यों पीछे रहो, जाओ आप भी तो कल्लो जी।



वो बम जिसने किया था ये, वो खुशदीप ने ही धरा था ।


इसी के साथ आज की चर्चा हो गयी खतम......आप तब तक खूब लिखिये पढिये अब कल मिलते हैं हम।

शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2009

मुद्दों की कंगाली का दौर, कहिये क्या बतियायें...क्या पढें क्या छोडें जी, कैसे हम चर्चियायें (चिटठी चर्चा )


क्या कहा जी ....चाहे अनचाहे सब उसी दलदल में फ़ंसते जा रहे हैं..जिसमें फ़ंसने के लिये दलदल बनाने वाले नयी नयी तरह से कीचड डाल रहे थे....वैसे मुझे पूरी उम्मीद है कि..यदि इन विषयों पर कुछ दिनों तक चुप्पी साध ली जाय या बिल्कुल निष्क्रिय हो जाया जाये.तो ये उन्हीं पादपों की तरह दम तोड देंगे जिन्हें पोषण के लिये कुछ नहीं मिलता...खैर छोडिये ये सब आप तो चर्चा का मजा लिजीये..चलते चलते यही कह रहा है मन कि...

ये मुद्दों की कंगाली का दौर है, अपनी कलम को संभालो यारों,
दलदल बन रहा है दरिया, अब तो इसे बचालो यारों,
चाहे जिस धर्म जाति भाषा की हो, दो घडी की है जिंदगी,
फ़ैसला तुम्हारा है, रो के या हंस के बितालो यारों,

अदा की हर अदा निराली, क्या किजीये,


पढिये और कैसी लगी, उन्हें टीप कर बतायें


जल्दी ही सैकडा लग गया, नहीं हुई देर,


लहरों के साथ बह के हम भये दंग,


आप भी देखिये न, हमारी है गुजारिश,


कह रहे नेह , किजीये ऐसे धर्म को अलविदा,


आखें हो गयी स्तब्ध, सिले हुए हैं होठ,



ऐसा अद्भुत हमने तो देखा और कहीं न


यदि जानना हो कैसे दिखेंगे , बीस साल के बाद,



बर्तनों पर भी पड गया, इत्ता काला इंपेक्ट..



खुशी के दीप जलाओ, मत घबराओ बच्चा,



सच्चे इंसान का मन , कैसे रो रिया है


आप खुद ही देखिये , होता है क्या असर,



देखिये क्या क्या हो रहा है बिग बौस के घर में



कमाल कर रहे टिप्पू चच्चा, करके टिप्पणी चर्चा...


इन चार में कौन हैं ब्लागर आप जरा बतायें,

अपनी अपनी रचना भेजिये न थोडे तो बनिये चुस्त,


अरे कभी तो खुश हो ले, काहे को रोता है जी,


तो बस आज के लिये इतना ही....अब तो आप लोगन के पास चर्चा के बहुत सारे मंच हो गये हैं...सो मजा लिजीये...

रविवार, 27 सितंबर 2009

इस ब्लोग पर पोस्ट ने मार दिया शतक ..नहीं झेली होगी. इत्ती लंबी चर्चा अबतक

जब मैंने ये बात सोची थी कि..इस ब्लोग की सौंवी पोस्ट को कुछ इस तरह से मनाया जाये कि ये न सिर्फ़ इस ब्लोग के लिये यादगार बने बल्कि ..ब्लोग्गर्स के लिये भी ..तभी मेरे मन में ये विचार आया था कि क्यों न एक साथ सौ पोस्टों को चर्चा में जगह दी जाये...काम मुश्किल था....मगर..आसान हो तो मजा ही क्या..इस बीच ब्लोगवाणी प्रकरण ने भी थोडा सा ब्रेक लेने पर मजबूर कर दिया। मगर वादा था ..तो था.....तो लिजीये हाजिर है। चर्चा से पहले कुछ बात आपसे बांटना चाहूंगा...यदि आज अविनाश वाचस्पति सरीखे अग्रज , जिन्होंने मुझे लिंक बनाना सिखाया और श्री बी ऐस पाबला जैसे तकनीकी गुरू मेरे साथ न होते तो ..ये संभव न हो पाता...इस चर्चा में मैंने किन ब्लोगस को किन आधार पर कहां कहां से चुना ..मुझे भी पता नहीं..इस यात्रा के दौरान..बहुत से अनोखे ब्लोग भी मिले ..जिन्हें यहां खींच लाया ...अब सब आपके सामने है...

१.एक नये मुद्दे का ज्ञान जी ने कर दिया सूत्रपात,

किस किस को मिला इनाम, देख लो जनाब....

अनिल भाई की ये पोस्ट तो जरा पढिये हुजूर

खुल जायेगा, बस है एक रात का डिस्टेंस..

अरे अब मैं क्या कहूं, आप खुद ही देखो यार,

अनिल भाई की अभिव्यक्ति, देखिये श्रीमान..

सीधे पढिये इसको, बिना समय किये नष्ट..

अमां ऐसे कैसे, पहले फ़िज़ा से पूछ के आओ...

९.सुरेश भाई की तूलिका क्या कर रही धमाका,

काम नहीं होता , जब तक लिया न जाये झगड,

अल्पना सुना रही हैं धरा की पुकार...

अपनी इस पोस्ट में इसका कारण भी बता रहे

१३.शहीद भगत सिंह को जन्मदिन की मुबारकबाद,

इसी विषय पर पांडे जी के पढिये आप विचार,

भाई कभी कभी कविता भी पढा किजीये..

आप भी तो अपना नाम लीजिये देख..

और यही था वो क्षण जब हिंदी ब्लोग्गिंग में ज़लज़ला आया था ....और न सिर्फ़ कई ब्लोगर घायल हुए ..बल्कि ब्लोगवाणी को भी कोमा में चली गयी थी....( अमिताभ बच्चन के फ़िल्म कुली के शौट के तर्ज़ पर )

आप भी भाग लिजीये,पढिये नहीं जी बस...

१८.पोस्ट ये तो पढिये जरा, कूल हो जाये माईंड,

आप भी देखिये , कौन कौन पढ टीप के यहां हुआ है लटका..

दूबे जी से जानिये , उन्होंने लिया है पकड....

सभी बेवडों को दारू में डुबो डुबो कर मारा...

क्या कौन सी कैसी, अनिल भाई ने लिया जान..

एक नया एग्रीगेटर आया, नाम है ब्लोग-प्रहरी...

टार्च नहीं तो टीप सही, ले जाना तुम साथ में..

कह रहे हैं,अब कौन करेगा, मौत का इंतज़ार..

चंद पंक्तियों में अपने शब्दों को साध दिया....

आप खुद ही देखिये गंगा जी का हाल..

किसने कहां कब कैसे, जा खुदही देख ले भाया..

२९.खुली किताब ने पूछा है , आखिर क्या चाहे है सरकार,

३०.कौन है वो जो कार्टूनिस्ट से न डरे,

श्रद्धा से नतमस्तक हो गये, हम पढने के बाद...

सबसे खास है ये पोस्ट, दिल इतना ही कह पाया..

लाख करे पतझड कोशिश, उपवन नहीं मरा करता..

मंगलम के साथ थोडा, आप भी गुनगुनाईये..

आप बधाई दिजीये, मिला इन्हें, महाताऊश्री का सम्मान..

चुटकियों में रोहित बच्चा टेंप्लेट देता है बदल...

जा तू भी दे उत्तर अपना, हे ब्लागर अब तो जाग..

आशिर्वाद दिजीये नये कार्टूनिस्ट को , ताकि उसे मिले सुकून..

इस पोस्ट को पढ के , बिना टीपे निकला आना भी मुश्किल...

अविनाश भाई ने बता दिया, अब होता रहे हंगामा..

४२.हिंदी के सर्च इंजनों में अपना चिट्ठा शामिले करायें,

नये तेवरों का देखिये किया कितनो से स्वागत,

४४.औरतों पर ही नहीं मर्दों पर भी आते हैं भूत

मिलते ही उससे जरूर गवाना, टैण, टैणेण,

सौ रुपये मे मिलती है, सब्जी चावल,दाल,

४७.साफ़ सुथरी लिखोगे हिंदी तभी तो होगी इनकम,

स्त्रियों के उन दिनों क्या थे हालात,

४९.कह रहे हैं अर्कजेश, प्राथमिक हैं सपने,

५०.अदा ने फ़िर नयी अदा से बात उठाई करारी,

आप भी देखिये पाकिस्तान ने कैसे दिखा दी औकात,

कबीरा ने उठा दिया, करके यूं तैयारी...

संजीदा लेखन चल रहा है, कह रही हैं झाजी....

जब हो जाये, तो यहां शायरी पढ के आना,

बस इतना ही कह देते हैं, कविता का नाम है रायफ़ल...

हिमांशु जी की पोस्ट से मन हो गया शांत..

आप खुद पढिये, और टीप के बताईये अपना ख्याल.

आप खुद ही देखिये, कौन पढ के, नहीं भर के आया..

ऐसे ऐसे तर्क जो रखे, हो गये सब निरुत्तर

६०.काफ़िलों में जब भी गद्दारियां रहने लगे,

पढ ली न, तो अब टीपने को बढिये.....

जरूर पढिये सारे, जिनको श्रीमती जी प्यारी...

किस मुद्दे पर वहां उठा हुआ है बवाल..

६४.हिन्दी कुंज बढा रहा है हिंदी लिखने का जोश,

काश हमें भी आ जाते, इसी आस में हम लगे झपकने..

दो तस्वीरों के संयोजन से बनायी इक तस्वीर..

आप भी जी जाईये, हमें तो मजा आ गया पढ के,

आप खुदही पढिये, जाके ई खबर..

जाईये जाईये, पढ के देखिये, बात मेरी मानिये..

७०. वाह जी वाह का बात है तुम्हारी,

आपको पसंद आयेगी, हमें है ये आशा...

आज अजय भाई की पोस्ट यही बात है सुनती.

आप भी देखिये पोस्ट में, दादाजी की यादें,

पोस्ट पढिये या, विडीयो देख आईये..

कहते है कि आप चकरा जायेंगे..

आप पढिये , कौन क्या टीप भी दे रहे..

हमने तो पढ लिया , उन्होंने लिखा है क्या खूब

शब्दों की ताकत को आप लिजीये पहचान..

बात है ये गंभीर, कोई कथा नहीं,नहीं कोइ गल्प.

८०.यहां कविता की धार बहती रहेगी,

डा. साहब की पोस्ट बडी ये खास है..

पढिये न, यदि आप भी टीप करना चाहते हैं..

पढ लिया, अब ठोढी पे हाथ धरे बैठे हैं..

आप को भी आयेगा, जब मजा आया हम को,
हमेशा ही शिकायत रहती है कि ..चर्चा में नये ब्लोग्स और ब्लोग्गर्स को स्थान नहीं दिया जाता..मेरा प्रयास रहता है कि ..यथा संभव उन्हें भी सबके सामने लाया जाये..कम से कम परिचय तो करवाया ही जाये..सो इसी प्रयास में....ये हैं..नये साथी...


इस नये ब्लोग के स्वागत को हो जाईये तैयार.

कल इस चिट्ठे पर करेगा , ब्लोगजगत ही नाज

कलम में है धार इनकी, शब्दों में है ओज.

नया ब्लोग है आलोक का , चाहिये आपका साथ..

इस अनोखे ब्लोग जगत में स्वागत है तुम्हारा

जाईये सुनिये,पढिये, आप खुद ही हजरात.

किस्मत अपनी चमका ले , तू भी पूछ ले पुत्तर..

अपना संदेश देने को , ये ब्लोग है लाया..

प्रश्न कुछ जटिल हैं, आप बताओ उपाय,

जाईये और खुद ही पढिये, इन्होंने क्या फ़रमाया..

दांव पेंच रखेंगे सारे, ब्लोग नाम अखाडा..

पहले पढिये पोस्ट को, टीपिये इसके बाद,

आप देखिये ब्लोग को , खुद किजीये समीक्षा,

शायद इस चर्चा में इसने निन्यावे नंबर पे जगह पायी है...

और ये हुआ सैकडा....हुर्रे...


१००.वर्डप्रेस पर हमने इसी अंदाज का इक ब्लोग था बनाया,

चलिये आप थक गये होंगे....अब कल से ...यानि आगे से फ़िर से आपको नियमित रूप से ..ये दो लाईना पढवाते रहेंगे..और चर्चा लाते रहेंगे..

शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

दो लाईनों में समेटा है....देखिये कित्तों को लपेटा है...(चिट्ठी चर्चा.)


सबसे पहले तो आप सबको नवरात्रि के पर्व की बहुत बहुत शुभकामना....इश्वर करे कि ये त्योहार आपके परिवार में ढेरों खुशियां लाये.....चलिये इसी खुशी के साथ साथ एक खुशखबरी भी सुनते जाईये....अगली पोस्ट इस ब्लोग की सौवीं पोस्ट होगी ...और अपने वादे के मुताबिक ..अगली चर्चा ...शतकीय पोस्ट वाली...यानि सौ पोस्टों को समेटने वाली होगी...उम्मीद है...आपको ये प्रयास भी पसंद आयेगा...चलिये फ़िलहाल तो आज की चर्चा ..पेशे खिदमत है..


बताईये भला ,अमा तो भला फ़िर बोलेगा कौन...

पंद्रह हज़ार तो टीप गये, जाने कितने पढ गये विल्स कार्ड..


ब्लोग्गिंग की खींचतान से दूबे जी हो गये तंग,



आज ढूंढ ली आदि ने लाईट वाली आलमारी,



अजी हमरे बिहार में मिलते हैं, झाजी, मिश्रा जी, और पाठक, क्यों न वहीं से लाया जाये..?



ब्लोगजगत में हो रही कैसी कैसी खुराफ़ात,


ऐसा ही होता है जब कोई नहीं रहता अपने पास....


आप देखिये इन्होंने कितनों को हंसाया..


थोडा और हंसिये, बस और न कहेंगे शेष...


गोदियाल जी ने खींच लिये देखिये किसके कान...


घर का सारा कैरीकेचर, कविता में उतारा........


हमें तो और भी रंग दिखा है......



मैं क्या बताऊं, आप खुद देख के आना.....


देखिये कैसे पकडे हैं शतुर्मुग और चतुर्मुग.....



पोस्टें बहुत पढ ली, अब कार्टून देख के आईये..


राजतंत्र में जानिये, इसके आगे का हाल....


और जब नहीं मरेगा, तो ब्लोग्गिंग ही करेगा..


इसी बहाने से चिट्ठों की चर्चा कर गया कोई...



जरूर जा कर पढ लें, आयेगा आपके भी काम.....



आप खुद ही देखिये, इस अंतरिक्ष यात्री का हाल......


बताईये तो आप ज़रा, क्यूं पढते हैं इतिहास.....


मिलीये कुछ नये चिट्ठों से..

अरे इन्होंने भी शूरू कर दी ब्लोग्गिंग , आपको हुई नहीं खबर ...



इनकी पोस्ट भी पढिये, और स्वागत कीजिये आप....




तो आज के लिये इतना ही......जल्दी ही आपको हम एक महा चर्चा से रूबरू करवायेंगे...उम्मीद है आप सब उसमें अपना अपना लिखा पायेंगे..........

रविवार, 20 सितंबर 2009

नवरात्रि की आपको बधाई...चिट्ठों की चर्चा फ़िर से है आई..


मुझे बहुत खुशी है इस बात कि अब चर्चा को भी विस्तार मिल रहा है..नये नये मित्र नये तरीकों से ..पोस्टों को एक मंच पर सजाने का प्रयास कर रहे हैं...और ये तो शुरूआत है....फ़िर स्वाभाविक भी है कि जब पोस्टों और चिट्ठों की संख्या बढ रही है तो ....फ़िर चर्चा भी उसी के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिये...उम्मीद है कि भविष्य में और भी बहुत से नये प्रयोग देखने को मिलेंगे.....नवरात्रि के शुभआगमन पर आप सबको बहुत बहुत शुभकामना ...

बस शीर्षक में ही मिले सब, पोस्ट में रहे गुमनाम...


टाटा नहीं रहे महफ़ूज़, हुआ सच का सामना,



ब्लोग्गिंग में हैं तो ब्लोग्स का स्वास्थ्य जांच कराईये,



किया गया है मटुक जूली का वेलकम..


पंकज जी की चर्चा का भी मजा लिजीये...


जाखड जी के बहाने , सबने किया सम्मान..



ब्लोग्गिंग पर त्रिपाठी जी ने रखे कई विचार,



जरूर मजा आयेगा सबको, पढने में टिपियाने में..



एक एक शब्द यूं,जैसे निकली हो दुआ..


संगीता जी ने पूछा है अपने ब्लोग के लिये इक नाम,


केक खाने के लिये मुंह का नाप भेजिये..


टीवी से निकली सनसनी, पेट में, मच गयी,


आप खुद ही देखिये, यहां कितने पहुंचे लोग..


मटुक जी को इक चिट्ठी मिली ,उसमें क्या था आखिर,



सारे नये नये चुट्कुले, मजे से पढ आईये..


जब किसी खबर पर पडती है हमारी नज़र,



शब्द ढलते, पिघलते, बनी अदभुत कहानी..



पुरूषोत्तम यकीन जी के बाद , आज मिलिये शिवराम से,


अब मिलिये इस परिवार में आये नये चिट्ठों से..........



मगर कलम में वो तेज़ी है , ज्यों तलवार हो दुधारी..


आज तो बच्चों की दास्तां है इनकी जुबां पर...


अब कहां, यहां तो ब्लोग्गर्स का मेला है..

चलिये आज इतना ही ....फ़िर मिलते हैं कल....

बुधवार, 16 सितंबर 2009

आज साईज़ बडा है...कई चिट्ठों को पढा है, (चिट्ठी चर्चा)



मुझे लग ही रहा था कि...कल वाली चर्चा को देख कर सब कहेंगे..झाजी ने लगता है ...टीपने के साथ साथ पढना भी कम कर दिया है...मगर यकीन मानिये...दोनों में से ही कोइ बात नहीं है...आप कभी नहीं मानते न मेरा...लिजीये...आज ही बानगी पेश है...और जल्दी ही प्रमाण पत्र भी दिखाऊंगा..चलिये फ़िलहाल तो पाकेट साईज़ से बढ कर थली साईज़ चर्चा का मज़ा लिजीये...


हिंदी के भक्त अनेक , कितनों ने धरे कितने रूप,



जब भूख लगे तो बस गाना गा, हो के मन में रत,



भैया, इत्ता ही समझ आया, है कुछ न कुछ लोचा,



एक मुख्यमंत्री कुछ अलग सा है नाम है उसका रमन,



देखिये कैसे छुट्टी में क्या करते हैं हीरो लोग,



उफ़्फ़ बेवफ़ी होकर भी ख्यालों से जाती नहीं,



आप भी स्नेह स्वरूप, टीप कर आशीष दिजीये...



क्या गिला किया जाये , अपने मासूम यार का,



आप रह नहीं पायेंगे, टीपे बगैर, पोस्ट पढने के बाद..



सीढीयों वाले कमरे से पढिये पिता पुत्र कथा,




फ़ाईव स्टार होटल का इन्हें अनुभव हुआ अनोखा,




आप पढिये या ट्रेन पर चढिये, मगर बोलिये टेण-टेणेण



जिन हस्तियों को इतिहास ने अपने भीतर छुपाया,




अब क्या कहूं कि कैसे नहीं थे...




पोस्ट का शीर्षक , छोटा कमरा, बडी खिडकियां,



हौकी को मार गयी, रोल मौडल की कमी...



इस उपलब्धि पर आपको ढेरों बधाई हो सरकार....




बस इससे आगे की दास्तां, आप खुदही पढ लो यार...


अपनी बातों में , क्या क्या कह जाती...


हंसना हो तो इस पोस्ट का मजा लिजीये..




अरे इतना पढ कर खो गये किन विचारों में,




चलिये आज इतना ही......अब न कहियेगा कि हम पढते नहीं हैं.......

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

सब आपकी खातिर है, लो जी चर्चा हाज़िर है..(चिट्ठी चर्चा )


ये जानकर , देखकर, और पढकर ....बहुत ही अच्छा लगा कि हिंदी दिवस को इस बार कम से कम हिंदी ब्लोग जगत ने तो खूब जम कर मनाया....हर दूसरी पोस्ट ..हिंदी पर ही थी...और मेरा मानना है कि ..हिंदी न तो कभी कमज़ोर थी....न है...और न ही होगी....इसलिये ..पूरे मनोयोग से इसकी सेवा करते रहें ..सब अपने स्तर से ..अपने तरीके से ...मंज़िल मिल ही जायेगी..फ़िलहाल तो आप चर्चा देखिये....


कभी दाल तो कभी मुर्गी है पिछडती......


जिसने छुआ ये आसमान , उसके दिल के निकट रहा..


उसे मिलेंगी, पुस्तकें अनमोल, जो लायेगा, ज्यादा नंबर....


फ़िर चाहे बांकी उम्र, पतियों को पडे रोना..



पढ जाईये, जो तैयार हैं पोस्ट में, डूबने को, बहने को....


जो भी निकला परिणाम, ब्लोगवाणी से किया अनुरोध..


फ़टाफ़ट पहुंचे वे, जो हंसने को तैयार है,


मेरे इस अनोखे ब्लोग पर आप भी नज़र मारिये भाई..



मौज लेने वालों को गाली सुनने को रहना चाहिये तैयार..


ब्लोग्गिंग में हमेशा, ब्लोग टिप्स के साथ चलिये,



इस वीर बहुटी के जादू से कौन है बच पाया...


नहीं समझे तो खुद ही पढिये, आप ये निबंध..



आज बस इस छुटकी मोटकी चर्चा से काम चलाईये.....कल सारी कसर पूरी करेंगे...

सोमवार, 14 सितंबर 2009

नहीं जी ,अभी नहीं हुआ जोश ठंडा, पिछले की रपट, अगले का एजेंडा(सम्मेलन रपट)


जिस ब्लोग्गर सम्मेलन की घोषणा हुई बारंबार,
दिल्ली न सही, फ़रीदाबाद सही, हो गयी आखिरकार,

कुछ कवि तैयार थे, ब्लोग्गर्स भी हो गये तैयार,


जुटे कौन कौन, क्या आपने अब तक नहीं है जांचा,


फ़ोटुयें सारी देख ली न, अब मारिये यहां नज़र,


ब्लोग, ब्लोग्गर, ब्लोग्गिंग , में कैसा सबका है विश्वास,


ब्लोग्गर्स मीट के बारे में, यहां कुछ कह रहे इरशाद,


चलिये इत्ती सारी रिपोर्टें तो आपने पढ डाली झटपट,



मगर खींची थी सबने नैंनो से, जिसकी लिंक नहीं बन पाई...


ये तो थी रपट पिछले की अब अगले का जानिये एजेंडा,
जल्दी ही मिलना है फ़िर, जोश न पडे ये ठंडा..


इस बार के सम्मेलन का बस एक ही होगा फ़ंडा,
हर तरफ़ ब्लोग्गिंग की बातें,, ब्लोग्गिंग का ही झंडा,


अपना परिचय, और कैसे पहुंचे ब्लोग्गिंग में, पहले होगी बात,
फ़िर जानेंगे इस ब्लोग्गिंग से क्या पाते हैं आप....?


ब्लोग्गिंग की दशा और दिशा पर भी करेंगे फ़िर विचार,
अपनी अपनी शिकायत-सुझाव , आप रखें तैयार,


सब कहेंगे , सब सुनेंगे, हो कर समय के पाबंद,
इसके बाद पेट के चूहों की चिंता, न हों फ़िक्रमंद...


फ़ोटो-शोटो, भी ली जायेंगी, करेंगे इक डायरेक्ट्री सी तैयार,
सबका परिचय,पता, और नंबर, छपेगा, जिनको होगा स्वीकार,


मीडिया मित्रों को भेजेंगे न्योता, कहेंगे उनको आने को,
आग्रह होगा ,देखें छापें, इसे जन जन तक पहंचाने को...


अविनाश भाई के आदेश पर ये चर्चा है तैयार हुई...
जब तक आप पढेंगे इसको, तब तक करता हूं,चर्चा तैयार नई.....(नियमित वाली)....





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