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बुधवार, 30 दिसंबर 2009

सिर्फ़ दो पंक्तियां ,,,हमेशा की तरह (चिट्ठी चर्चा )

अब तो मुझे यकीन हो गया है कि अभी भी हमारे बीच कुछ मित्र /शत्रु हैं जिनका मकसद यहां लिखने/पढने .......हिंदी की सेवा से इतर भी की उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हैं । और न हो तो बस कुछ भी कह सुन कर , अपनी वजह बेवजह की आपत्तियां दर्ज़ करा के माहौल को अशांत करने का प्रयास करते हैं । मैं ये तो नहीं कहूंगा कि आप अपना ये काम छोड दें ......क्योंकि चाहे अनचाहे आप उसे नहीं छोड पाएंगे........आखिरकार वो आपका चरित्र जो ठहरा । मगर ......हां , मगर .......गौर से सुन लें कि ......कहीं ऐसा न हो कि शराफ़त आखिरकार अपनी शराफ़त का आवरण हटा दे .......तो वो दिन , वो पल आपके लिए आखिर होगा ...कम से कम ब्लोग्गिंग के लिए तो अवश्य ही ...।उम्मीद है कि ईशारा काफ़ी होगा ....और विश्वास है कि पहले की तरह आप मानेंगे नहीं ॥


सारी टिप्पणियों की बाजी ये बिल्लन गई है मार,
अब तक के सारे रिकार्ड दिए एक झटके में फ़ाड ॥


कहती हैं अदा, जाने कब से जारी है ये सफ़र ,
अजी आपके जादू का कुछ अलग ही है असर ॥


एक अनूठी शैली, भाषा और अनूठा अंदाज,
आज अजदक दिखा रहे , दिसंबर की सांझ ॥


दूबे जी से जानिए क्यों हुए शर्मा जी परेशान,
इसी बहाने चल रहा हिंदी -इंग्लिश में घमासान ॥


अच्छी पत्नियां कहां मिलती हैं ,पूछ रहे खुशदीप,
मिले तो भी , न मिले तो भी, आप दीजिए टीप ॥


गब्बर ने सांभा को गज़ल सुनाने के लिए दबा दिया है घोडा,
शोले की महफ़िल जमी हुई है, आप भी मजा लिजीये थोडा ॥



राजीव भाई की हास्य की दाल यहां भी गलने लगी है,
अजी दाल तो दाल, रोटियां भी वहां जलने लगी हैं ॥


पान की दुकान पे देखिए आज आई किसकी साली,
अवधिया जी ने चबाते हुए पढवाई कविता एक मतवाली ॥


महेन्द्र भाई ने खास अंदाज में व्यंग्य से किया है वार,
पटक पटक के धोने को ये पोस्ट हुई तैयार ॥



ग्राम प्रवास से पहले किया था यादों के मेले का वादा,
अपने यात्रा संस्मरण पढवाने का पूरा है इरादा ॥


आइडिया बता रहे हैं राहुल कैसे नए लेखक/पाठक लाएं,

आप भी पहुंचें -पढें, और कुछ नए विचार बताएं ॥


प्राची के उस पार से जब भी चलती है कलम,
हर बार पढके देखके, अचंभित होते हैं हम ॥


शास्त्री जी के मार्फ़त फ़िर सागर से मोती मिला है,
क्या खूब कहा उन्होंने, आशा पर संसार टिका है ॥




सब्र की सारी सीमा जब हद से हो गई पार,
डा साहब ने रख दिया सब सामने, खुद देखिए सरकार ॥



आज ज्ञान जी ने अपनी छोडी ऐसी रेल,
हलचल ही हलचल में गाडी जा पहुंची जेल ॥



आईये ब्लोग्गिंग से संबंधित कुछ पढवाते हैं ,

ब्लोग्गर हैं , लिख कर भूल जाते हैं ॥



वर्ष दो हज़ार नौ का निर्मला जी कह रही हैं धन्यवाद,
इसी बहाने कर लिया जाने कितनों को याद ॥



देखिए जब कोई शिल्पकार शिल्प गढता है,
हम जैसा पाठक उसे जरूर पढता है ॥


राज भाई ने इस साल ही बना लिया अनोखा एक रिकार्ड,

बधाई डबल किजीये , दे दीजिएगा बाद में बधाई कार्ड ॥


गोदियाल जी ने आज ऐसा संस्मरण है लिख डाला,
सभी पूछते फ़िर रहे, बांकी का कल तक के लिए क्यों टाला ॥


अवधिया जी ने एक ऐसी कह दी आज कहानी,
जो समझ गया इसको सफ़ल हुई जिंदगानी ॥


हिंदी साहित्य मंच में फ़िर से कविता प्रतियोगिता की तैयारी,
देरी किस बात की है फ़िर, भेजिए न आप भी कोई रचना प्यारी ॥



मन को पंख लगता है तो जाने ऐसे पोस्ट कब बन जाते हैं,
कहती हैं रश्मि, वे जीने का सबब बन जाते हैं ॥



सुरेश जी कर रहे हैं अपने स्टाईल में नए साल को वैलकम,
जाईए लगाईए, ठहाका, पहले थोडा मार लीजिए दम ॥



पढते पढते इस सुंदर पोस्ट पर मेरी पडी नज़र ,
आप भी देखिए, आज की एक्सक्लुसिव खबर ॥



बिल्कुल अलग अंदाज़ की ये कविता भी पढें,
और हां इन्हें अपनी टीप में कहें , कि आगे बढें ॥


खोखले इस समाज की किसी ने फ़िर लिख दी दास्तान,
जा पढ के देख और बोल, चुप क्यों है नादान ॥



अलबेला भाई इस पोस्ट से फ़ैला रहे आलोक,
आप भी प्रकाशमान होईये , कौन रहा है रोक ॥



कौन कहता है वो पोस्ट है , जिसमें शब्द हो भरे,
देखिए कितने कम में कितना कुछ कह जाती हैं खरे ॥





साल के जाते जाते एक और पुण्यात्मा स्वर्ग की ओर चली,
साहित्य के शिल्पी दे रहे हैं, यहां उनको श्रद्धांजलि ॥


तो आज के लिए इतना ही ......बकिया अगली चर्चा में ..............

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

आख़िरी दू लाईना इस हफ्ते, हम चले अपने रस्ते (चिट्ठी चर्चा )

देखिए जी....ये तो पहले ही बता चुके हैं कि अब कल से गांव की तैयारी है तो जाते जाते ई दु लाईना ठेले जा रहे हैं ....बस ई हफ़्ता का कोटा समझिए ...उहां से समय मिला तो ठीक नहीं तो आने के बाद हईये हैं । .....



इंसानों बीच बैठा एलियन, उडनतशतरी कहलाए,
एक पोस्ट में देखो कैसे दुनिया घूम के आए ॥


ललित जी बता रहे हुई एक बीमारी खास,
बहुते बीमार इसके लोग , नाम है छपास ॥



महफ़ूज़ भाई ने समेट लिया पूरा ब्लोग्गिंग परिवार,
इस नायाब पोस्ट में, जता रहे हैं वो सबका आभार ॥


लिंककुछ दिनों के मौन के बाद फ़ौर्म में आ गए भाई सुरेश,
क्या कर रही हैं सोनिया मैडम, जल रहा है देश ॥


पूछ रही हैं वाणी ,क्या आप कभी झगडते नहीं,
प्यार नहीं करते,वे ,जो कभी लडते नहीं ॥


टिप्पणी के साथ नकदी भी आने वाली है,
लक्ष्मी जी खुद, द्वार खटखटाने वाली हैं॥


ज्ञान जी की देखिए ,बैटरी वाली लालटेन,
भारत विकास को कोसने वालों,थिंक अगैन ॥


बच्चन जी ने बदला गैटअप और बन गए हैं पा,
ये फ़ेरबदल क्यों किया , पूछ रहे हैं श्री तनेजा ॥


कहां ऊंघता फ़िर रहा, चल ओ मुसाफ़िर जाग,
लंठ महाचर्चा का पढ ले दूसरा भाग ॥


अक्सर कुछ भी, कभी भी , हम यहां हैं लिख के धरते,
आप भी देखिये, हम हैं पोस्ट कैसे पढते ॥


नीरज जाट जी की हो गई अगले सफ़र की तैयारी
,
वापस आते ही मिलेगी, एक पोस्ट और प्यारी ॥


यहां चल रहा है बिल्लन का खुल्लम खुल्ला खेल,
जवाब देने की कोई टेंशन नहीं, कोई भी टिप्पणी ठेल ॥


जाने किसका श्यामल जी को है इंतजार,
अब इससे ज्यादा क्या कहूं, आप खुद देखो यार ॥


क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं कलेजा मुंह को आना,
आज अपनी फ़ोटो में आदि यही चाहे है बताना ॥



अदा जब अपनी अदा में होती हैं तो उस अदा के क्या कहने,
गज़लों और शेरों की रवानी में लगते सभी हैं बहने ॥


कुछ गजब की क्षणिकाएं ले के आई हैं हरकीर,
चंद पंक्तियों में दिख जाए समाज की तस्वीर ॥


देखिए क्या ले के आया आज शब्दों का खबरी,

लिफ़ाफ़े बाजी और उधार की रिकवरी ॥


आज फ़िर लाए शुक्ल जी एक सुंदर सी चर्चा,
पूरी पोस्ट देख के लगता है समय बहुत है खर्चा ॥


अपना एक अलग है दीपक का स्टाईल,
पोस्ट का नाम है जब बुद्धा स्माईल ॥



द्विवेदी जी ने पूछा है क्या है गालियों का मनोविज्ञान ,
आखिर कब पडी ये आदत जिसे छोड ना पाया इंसान ॥


राज भाई बना रहे भारत आने का प्रोग्राम,
स्वागत में तैयार हैं सारे ब्लोग्गर तमाम॥


आकांक्षा ने जिस घटना का जिक्र किया है आज,
पढिए और देखिए, अपना कैसा हुआ समाज ॥


गगन जी दे रहे हैं एक अलग सा आज सुझाव,
आप पढे और फ़टाफ़ट बताएं अपने मन के भाव ।


नारी पुरूष मुद्दे पर फ़िर एक और आई है पोस्ट,

जाने कब तक ये बहस ऐसे चलेगी दोस्त ॥


कहने को तो ये कह रही हैं है छोटी सी बात,
निर्मला जी की कविता की आप देखिए करामात


कार्टून कमंडल ले के क्या कह रहे हरिओम तिवारी,
कोई तो ले लो भईया , ये जिम्मेदारी ॥


यहां जला हुआ है अलाव, तनी हुई है रजाई,
आखिर क्यों न हो , कितनी ठंड है भाई ।




का हुआ बहुत पढ लिए, अब थोडा सा पढ लिजीये और,
ब्लोग जोर आजमाईये रह के अपने ठौर ॥


अच्छा जी राम राम तो चलें अब गाम की ओर .......

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

दो पंक्तियों में सारा सार : चिट्ठी चर्चा हुई तैयार ,,

आज एक और चर्चा मंच की शुरूआत हो गई ......देखा आपने अलख जगाने की देर होती है फ़िर तो चारों ओर रोशनी ही रोशनी बिखर जाती है .....स्वागत है हर नई कोशिश का .....हर नए कदम का ।चाहे वो चर्चा मंच का हो या और कोई नया विचार । अभी तो बहुत कुछ करना है हमें आपको ....बस साथ बना रहे आपसी स्नेह बना रहे तो कुछ भी नामुमकिन नहीं .....और न ही ये कि किसी का योगदान बहुत अधिक और किसी का बहुत कम है । जरूरी तो वो पाठक भी है जो सर्च इंजनों में , हमारे ब्लोग या पोस्ट के शीर्षक पढ के कौतूहलवश चला आता है ॥.....तो आप सब हैं न साथ मेरे .....एक दूसरे के ..........उम्मीद है कि जवाब हां ही है ..........॥ और मेरी उम्मीद कभी नहीं टूटती ...॥



जाने क्या क्या लिखते पढते हम वक्त करते बर्बाद,
देखिए आज सबसे जरूरी करना था किसको याद ॥


अब तो चर्चा मिलेगी हर वक्त , डिनर हो या लंच,
शास्त्री जी भी ले कर आ गए एक और चर्चा मंच ॥


साल भर की ब्लोग्गिंग का विश्लेषण कर रहे रविंद्र प्रभात,
आप भी कीजिए भ्रमण ब्लोगजगत का उनके ब्लोग के साथ ॥


यहां पहुंचिये और देखिए कल की बात ,

इस पोस्ट की अनोखी बार है हजरात ॥


खुशदीप मियां के फ़ील गुड का अनोखा है अंदाज,
बता रहे हैं ब्लोग्गिंग में जल्दी ही होगा कमाई का आगाज ॥



आजकल एक विषय पर पोस्टों की लगी हुई है झडी,
आज गोदियाल जी ने सबको सुनाई खरी खरी ॥



पढते पढते आज ये लेखन भी खूब मिला ,
शीर्षक ही ऐसा है , बुरा क्यों देखन मैं चला ॥



आज फ़िर एक दिलचस्प प्रश्न उठा रही है नारी ,
आप भी उत्तर देने की कर लिजीए तैयारी ॥


हमें थी चाहत कुछ अच्छा पढने की ,
इन्हें थी , मील का पत्थर बनने की ॥


कह रही अदा , हाय हुई ऊंचाईयों का शिकार,
आज पुराने अंदाज में उन्हें पढने को हो जाईये तैयार ॥


स्वप्निल दिखा रही देखो कितना कोहरा है छाया,
आप जा के देखिए मैं तो पहले ही देख आया ॥


शनिवार का दिन है आज आए ताऊ की पहेली,
अजी क्या खाक करते हो आप यदि आपने नहीं है खेली ॥


दीपक की गहरी बात है, आस्तीन का सांप,
यकीन न हो तो , खुद ही पढिए आप ॥


ब्लोगजगत में कौन है दूजा पांडे जी जैसा लिखाडी,
राजधानी की स्पीड में दौडा रहे हैं मालगाडी



सुंदर है कार्टून और सुंदर शब्दों के भाव,
आप भी देख ही आईये , अविश्वास प्रस्ताव ॥


ललित जी ने आज अजब ये पोस्ट ये लगाई,
यहां मिल रहे हैं दो बिछडे हुए भाई ॥


चिट्ठाचर्चा में आज कार्टूनिस्ट हैं छाए,
बडी मेहनत से चर्चाकार ढूंढ के हैं लाए ॥



सिर्फ़ पांच पंक्तियों में सच निकला अलबेला,
समाज ने अपनी बेटियों को देखें कहां धकेला ॥


वाणी ने अपनी कलम से ऐसी कहानी बुनी,
नाम उसको दिया है दिल और दिमाग की कहासुनी ॥


भेड चाल से भेडिया धसान तक शब्दों का सफ़र है जारी ,
नए नए शब्दों से परिचय कराती पोस्ट बडी है प्यारी ॥


जरा देखिए तो आपको भी क्या ये गज़ल रही है कचोट,
सुलभ भाई की कलम कर रही है सही जगह पे चोट ॥



ब्लोग्गर्स की चिंता पर दिला रहे आज मनोज ध्यान,
आज इस पोस्ट को आप जरूर पढें श्रीमान ॥


मेरा मैं, शीर्षक है कविता का, आप पढ के आईये,
कविता का स्वाद लीजिए, फ़िर टीपियाईये ॥


चर्चा कर रेले हैं मुन्ना भाई और सर्किट,
नए स्टाईल की चर्चा सुपर हिट ॥


लंठ करे आलस , बनिए संग कविता के राही,
आज की रचना है , बस स्याही स्याही


पिछले जनम का छोडिए , जानिए अगले जन्म का राज,

ब्लोग नाम मुझे शिकायत है, खोलने वाले भी हैं राज ॥


उन्मुक्त जी बता रहे हैं सफ़ल वकील क्या करते हैं,
काबिल होते हैं जो वे पहले दिमाग में ही लडते हैं


इस पोस्ट में बता रहे ध्वज का क्या है मान,
मिथिलेश जी की पोस्ट पर आप डालिए ध्यान ॥


यहां लिखा जा रहा है विधि का इतिहास,
द्विवेदी जी की ये श्रंखला, सबके लिए खास ॥


तो आज की चर्चा बस इतनी ......

गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

पढ़ डाली पोस्टें तमाम : चर्चा सरे शाम (चिट्ठी चर्चा )


देखते देखते ये साल भी बीतने के कगार पर है । और समय कब किसी के लिए रुका है ...रुकना भी नहीं चाहिए ,न ही हमारा ये काफ़िला रुकना चाहिए । हो सकता है कि हमारे विचारों मे समानता न हो , समानता क्या हो सकता है कि हम अपने विचारों के कारण एक दूसरे के धुर विरोधी हो जाएं ॥मगर किसी भी परिस्थिति में हमें ये तो याद रखना ही होगा कि इस साझे मंच पे हमारे होने का मकस्द क्या है ...इसलिए हमारी मंशा साफ़ होनी चाहिए और उद्देश्य स्पष्ट .....हिंदी की सेवा । अपने लेखनी से ....न सिर्फ़ लिख कर बल्कि खूब पढ के भी ....हिंदी की और अपने इस हिंदी ब्लोग्गिंग का जो भी जितना भी भला कर सकते हैं ...उसे करने में पीछे नहीं हटना चाहिए । बांकी बातें तो क्षणिक हैं .....॥




हिंदी ब्लोग विश्लेषण श्रंखला की आ गई अगली कडी,
सब पछता रहे हैं वो जिन्होंने अब तक नहीं पढी ॥


आज पूछ रहे खुशदीप मियां हम क्यों नहीं मरते,
अरे यार सारा मामला आप यहां खुद क्यों नहीं पढते ॥


राज भाई के घर पे आया एलियन जी का फ़ोन,
बतियाए वे उनसे और हमरा भी खुस हो गया मोन ॥


प्यार घोषित हो रहा एक भयावह मानसिक रोग,
यदि ऐसा है तो भैय्या , हमें भी पागल घोषित कर दें लोग ॥


मिसर जी ने महिलाओं से संबंधित एक पूछ लिया सवाल,
टीपम टीप के बीच में मचा हुआ है बवाल ॥


शशि कपूर के सवाल का अब मिला है जवाब ,
अनिल भाई की ये पोस्ट गजब है लाजवाब ॥


प्यार मिले और प्यार ही बांटो इस संसार में,
पूछ रही हैं गार्गी रखा क्या है अहंकार में ॥


अपना आदि पहलवान देखें आज कर रहा क्या खास,
अरे चम्मच भर भर के देखो चाटे च्यवनप्राश ॥


ब्लोगजगत पे ऐसे लेख रोज कहां कोई पढवाता है,
आप खुद पढिए कि शीबा को गुस्सा क्यों आता है ॥



थोडे दिन मित्र हुए गायब तो हो गए परेशान,
दराल साहब की चिंता से हम भी अभिभूत हुए श्रीमान ॥



मनुष्य की इश्वर बनने की अभिलषा का कब होगा अंत,
यदि आपको हो पता तो यहां पहुंच के बताएं आप तुरंत ॥



चर्चा छिडी पान दुकान पे कि भैंस बडी या दिमाग,
पान का बीडा चबाय के खूबे पढो ई खटराग ॥



कंप्यूटर में बसते हैं वायरस और खाकी में इंसान,
पूरी कथा बांचने को यहां पहुंचे श्रीमान ॥


एक छोटी सी कविता हमने तो पढी है बारंबार ,
कह रहे हैं बुद्ध, धरती के दुशमन हुए हजार ॥




आज है जिनका जन्मदिन नाम है पवन चंदन,
यहां पहुंच के बधईये आप उनको टनाटन ॥




आज फ़िर कोई गा रहा प्राची के उस पार,

हमने देखा ,और कहा कितना सुंदर यार ॥


शिखा जी की पोस्ट पे सागर का स्पंदन,

कविता पढ के अपना भी आनंदित हो गया मन ॥


एक ब्लोग कविता,बाजार कविता और जाम,
पोस्ट पढ के देखिए, बन जाएगी शाम ॥


आज आपके ब्लोग के लिए यहां मछलियां हैं आईं,
अरे बहुतों ने लगा भी लीं, क्या आपने नहीं लगाईं॥


इस पोस्ट को पढिए सोचिए समाज जा रहा किस ओर,
अरुणा की कहानी कहती दिप्ति,मन को गई झकझोर ॥


कह रहे हैं अवधिया जी , हमें तो पाठक चाहिए,
हम कहे जब तक आते हैं पाठक, झा जी से काम चलाईये ॥


समय की अदालत में फ़िर उनकी हुई गवाही,
आज मुकदमा ऐसा रखा , लूट ले गए वाहवाही ॥


यहां पढिए अविनाश भाई का सफ़रनामा,
वाह जी कितनों से मिल लिए,खूब हुआ हंगामा ॥


स्पेशल चर्चा का स्पेशल थैंक्स कर रही है नारी,
भई इस अनोखी चर्चा के लिए तो हम भी हैं आभारी ॥


डा पूजा बता रही हैं अपने गिटार का इतिहास,
लहरों से सजी उनकी यादों की पोस्ट बडी है खास ॥


आज मिली इक लाईब्रेरी , जब देखा मैंने कस्बा,
दराजों में जब झांका तो मन बोला हाय रब्बा ॥


रेवा के साथ सुनिए आज काफ़िलों का शोर ,
क्या खूबसूरत पंक्तियां नाचे मन का मोर ॥

तो आज की चर्चा बस इतनी ......कल करेंगे बची जो बात जितनी ......॥

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

आज की छुटकी चर्चा (चिट्ठी चर्चा )

जितनी खुशी मुझे नए चिट्ठों के आने से होती है ....उतना ही दुख किसी चिट्ठे के चले जाने से होता है ....खासकर जब उनका जाना असहज सा होता है । पिछले दिनों जब मैं यहां नहीं था .....आया तो देखा कि कुछ अच्छे ब्लोग्गर्स सिर्फ़ एक छोटे से कंफ़्यूजन के कारण ब्लोग्गिंग को अलविदा कहने का निर्णय ले गए। जबकि देखा तो पाया कि जाने से पहले ही वो आपसी कन्फ़्यूजन भी लगभग दूर हो गई थी .....मगर फ़िर भी उनके चले जाने का निर्णय दुखद और अफ़सोसजनक लगा । मैं अपने तमाम ब्लोग्गर्स मित्रों की तरफ़ से उन सबसे ये आग्रह करना चाहता हूं कि जब मतभेद समाप्त हो गया है तो एक दूजे के लिए न सही , हमारे लिए भी न सही ॥चलिए खुद के लिए भी न सही .......मगर हिंदी के लिए ......उसकी सेवा के लिए तो आ ही जाईए । आज इस छुटकी चर्चा का लुत्फ़ उठाईये ......कल से चर्चा का डबल डोज मिलेगा कुछ दिनों तक तो जरूर ही





भिलाई ब्लोगर्स कर रहे हैं उज्जवल ब्लोग्गिंग की तैयारी,
इस पोस्ट पर उसकी एक झलक गई है उतारी ॥



एक पैकेट में तीन प्रोडक्ट का मजा लिजीये,
कभी कभी सांप की हंसी भी सुना किजीये ॥

सफ़ल दांप्तय जीवन हेतु यहां लें परामर्श ,

पहेली के बहाने , स्त्री पुरुष विमर्श ॥


मेजर की कलम का दीवानापन कहां सर से उतरे,

कभी लिखे गजल गीत, कभी कहे फ़िकर करें फ़ुकरे॥


छत्तीस गढ में एलियन जी का राज भाई कर रहे वैलकम ॥
कनेडा छत्तीसगढ के बीच है दिल्ली, बता देते हैं हम ॥


विज्ञापन देखिये और खूब पैसे कमाईये,
अरे,टीवी पर नहीं हुजूर , इस पोस्ट पर जाईये



इरफ़ान भाई की तूलिका ने आज किया किसका काम तमाम,
एक ब्रश से देखिए कितने कह उठे , त्राहि माम -त्राहि माम ॥


और अब पंकज भाई की चर्चा का मजा लिजीये ,
एक साथ ढेर सारा , बहुत कुछ पढा किजीये ॥


योगेन्द्र भाई के जादू से कौन है जो बचा ,
आज देखिये उन्होंने क्या कहां है लिखा ॥




वर्ष २००९ में हिंदी ब्लोग्गिंग का यहां है जोखा-लेखा,
जिसकी नहीं पडी नजर इसपे , उसने कुछ नहीं देखा ॥




शरद भाई के अलग अलग क्या कहने अंदाज ,
आप खुद ही देखिये , क्या कहते-करते आज ॥




आज अविनाश भाई का है जन्मदिन दुआ दीजिए,
मोबाईल पे , मेल पे या यहां पे जहां मन हो विश कीजिए ॥





प्रभात जी याद कर रहे अपने स्कूटर का जाना,
इसके आगे की बातें तो आप यहां पढ के आना ॥



अरे इहां ताक ब्लागर, कहां नजर रहा है फ़ेर,
इर्दगिर्द में चर्चा है भगवान के घर अंधेर ॥



खंडहर की ईंट क्या क्या कह गई अफ़साना,
दीपक की गज़लों का यहां है ठिकाना ॥




देखिए आज क्या कह रही हैं मन की पाखी,
आज उसकी आखें किसके दर्द में झांकी ॥


मेरे आखों में बसे सारे ख्वाब तुम ले जाओ,
पढो मुझे और अपनी स्नेह भरी टीप दे जाओ ॥

रविवार, 6 दिसंबर 2009

चर्चा दो लाईना , देखो फ़िर से आई ना ( झा जी के साथ )

हम जान रहे हैं कि आप चाहे हमें मिस किये हों न हों ...ई अपने दु लाईना को जरूर मिस किए होंगे ....॥ लीजिये क्यों न कहूं आपकी दु लाईना .....अजी मेरा कहां रहता है इसमें कुछ भी आप ही बताईये न ........जो भी आपका लिखा यहां रहता है ....उसे दोबारा .......गुनगुनाते हुए ......आपके सामने रख देता हूं ........॥हां इस बात का पूरा ध्यान रखता हूं कि .....जाने अनजाने.....किसी पक्षपात/किसी विशेष की तरफ़ ही झुके रहने का आरोप लगाने जैसा ........आभास किसी को न हो .......और सबसे जरूरी........ इस बात का ध्यान रखता हूं कि मेरी इस चर्चा.........और चर्चा ही क्यों ....मेरे लिखे-अनलिखे से किसी को दुख न पहुंचे ........चाहे वो मौज के नाम पर ही क्यों न हो ......आखिर मौजों के भी एक किनारे होते हैं ......वर्ना दरिया में डूबते देर कहां लगती है ....अरे खुशदीप भाई
सुना दूं न वही गाना ....

इक प्यार का दरिया है ,मौजों की रवानी है ॥
ब्लोग्गिंग और कुछ नहीं ,तेरी मेरी कहानी है ॥..............क्यों है न .......?

चलिए अब आज की चर्चा देखिए ........


आज छ दिसंबर को खुशदीप भाई कर रहे कुछ इस तरह से याद,
इस पोस्ट के साथ हुई सेंचुरी पूरी, आप दीजिये मुबारकबाद ॥



अदा बता रही हैं , हम हिंदुस्तानियों की खासियत,
धांसू पोस्ट लिख मारी , अपनी हरी हो गई तबियत ॥



घूमते घामते हो गई अपने हमनाम से मुलाकात ,
पहुंचे, देखा तो हो रही थी वहां इश्क की बात ॥



लो जी हो गई चिंतन बैठक आ गई है रपट,
राज भाई के ब्लोग पर पहुंच कर पढिये झटपट ॥


बिल्लन गई छुट्टी पे उडन जी को सौंप दिया ये काम,
बाबा समीरानंद , अब पूछ पहेली , कर रहे आराम ॥



हम लोगों की चर्चा और भी कहीं हो रही है दोस्त ,
आप खुद ही देखिए न क्या कह रही संडे पोस्ट ॥



आज इरफ़ान भाई तूलिका से किसे रहे हैं पटक,
जाईये और पाईये, कौन कहां गया है लटक ॥



भिलाई बिलागर के बाद मिलिए , जबलपुर की ब्रिगेड से ,
कभी लिजीये मैच से मजा तो कमांडर साहब की परेड से ॥



तरूण जी सुना रहे कविता, नाम है घोंचू भैय्या,
बाल कविता प्यारी प्यारी, मन नाचे ताता थैय्या ॥


यूं तो सुना रहे अनिल जी खामोश सा अफ़साना ,
मगर आप खुद भी पढना, और दूसरों को भी बताना ॥



अपने ब्लोग को सजाने को लगाएं ये विजेट,
कैसे कहां लगाना हैं , यहां से सीखें फ़टाफ़ट ॥


अदा जी की आज है वैवाहिक वर्षगांठ,बधाई दिजीये,
अरे भी कनाडा थोडे जाना है, बस ये लिंक लिजीये ॥




मानसिक हलचल के लिए और होने को स्तब्ध ,
पहुंचे यहां , मिलेगा फ़िर एक नया शब्द ॥



आज फ़िर चढा दिया चेहरों पे राजीव भाई ने नकाब,
हंसते हंसते बूझिये , इस पहेली का जवाब ॥


ललित जी जाने कौन सा जादू दिखा रहे हैं ,
आप खुद ही पढिये , वे क्या फ़रमा रहे हैं ॥



हर बार यही उहापोह, हर बार यही बस उलझन एक,
हम कैदी हैं इस अदा के या खुद अदा हमारे कैद में है



वकील साहब बता रहे कानूनी दस्तावेजों का एक रोचक अंतर ,
मुझे मालूम है ये प्रश्न तो पूछा जाता है अक्सर ॥


एक से एक चर्चा पढने को मिले दुआ किजीये,
आज महाशक्ति जी की चर्चा का भी मजा लीजीये॥




शास्त्री जी अपनी वैवाहिक वर्षगांठ मना रहे हैं ,
जाईये आप भी पूछिये दावत कब खिला रहे हैं \\



मुंबई के सभी ब्लागर्स थे मिलने को बेकरार,
मीट तो संपन्न हुई है रपट का इंतजार ॥



गोदियाल साहब सुना रहे हैं , दास्तां मुसाफ़िर की ,
पढने सुनने वालों ने अपनी खुशी जाहिर की ॥


तो आज के लिये इतना ही .......आने वाला समय हिंदी ब्लोग्गिग के लिए बहुत ही परिवर्तन कारी साबित होने वाले हैं .....और यकीन मानिये ये बदलाव बहुत ही सकारात्मक होंगे ....शुभ रात्रि
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