मुझे नहीं पता कि मैं..चर्चा में क्या करता हूं...कोई कहता है..तुकबंदी है..तो कोई कहता है छंदमयी है चर्चा..बस अपना तो एक ही फ़ंडा है...आपको पढ के जो भी मेरे मन में आता है....उसे दो पंक्तियों में समेट कर रख देता हूं...मुझे खुशी होती है..कि इसी बहाने इतने सारे ब्लोग्स को एक दम घुस कर पढ लेता हूं...वैसे पढ्ने के लिये मुझे बहाने की जरूरत नही है..मगर ये तो है ही.....और खुशी दोगुनी तब हो जाती है जब अविनाश भाई द्वारा दिये गये जादू के चिराग ...अजी लिंक बनाने का नुस्खा ...को पकड कर मैं आपको उन सब तक ले जाता हूं..आज एक और खास बात कहनी है आपसे...बहुत जल्दी ही मैं इस चर्चा में ......एक ही चर्चा में .. सौ पोस्ट को समेट कर सबसे लम्बी चर्चा आपके सामने रखने की कोशिश करुंगा...
आज ब्लोगजगत की सबसे प्यारी ये खबर ..
एलियन जी की सालगिरह , पर सबकी नज़र..
अरे आप खुद ही देखिये मैं क्या बता दूं..
सबने प्यार और फ़ूलों का गुलदस्ता भिजवाया...
अपना नुकसान करेगा , जो रहेगा इससे अकेला रह कर..
छुट्टी हो गयी है, किसकी कहां पर,
बेचैन हुआ ब्लोग्गर, पोस्ट लिखी फ़टाफ़ट...
फ़ार्मूला यदि रहे कारगर तो इनको जरूर बताना..
यहां रोटी के लाले, पट्ठा पिज़्ज़ा खा रहा है..
दसवीं सालगिरह पर ब्लोगस्पोट ने दिये क्या क्या उपहार,
तारीखों की कहानी की पोस्ट बडी ये मस्त..
क्या था सारा गोलमाल, आज समझ में आया..
आज मोरा मन कहता है, छूं लूं इनके पांव.
अरे आपने नहीं पढा, तो आप पढेंगे कब
ब्लोगजगत की अपनी पत्रिका है जनाब
बस ये नहीं पता चला कि , क्या मिली थी रामप्यारी.
फ़ुर्सत से पढने का, फ़ुर्सत से सोने का..
आज बहुते गंभीर होके कहते हैं फ़ुर्सतिया,
तो फ़िर आप घूमिये..इस दुनिया में..अजी आपकी ही है..
सर दर्द ने शाम से किया हुआ है परेशान,
आज इतने से ही काम चलाइये श्रीमान..